महुआ से लोस नैतिक समिति पूछ आज,महुआ की क्षेत्राधिकार को चुनौती
नकदी के लिए सवाल में महुआ से पूछताछ कल:तीन मंत्रालयों की रिपोर्ट के आधार पर सवाल होंगे; दुबई से 47 बार एक्सेस हुआ एकाउंट
कैश फॉर क्वेरी मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा 2 नवंबर को नैतिक समिति के सामने पेश होंगी।
नई दिल्ली 01 नवंबर। नकदी के लिए सवाल मामले में लोकसभा की नैतिक समिति 2 नवंबर को तृणमूल कांग्रेस सांसद मोहुआ मोइत्रा से पूछताछ करेगी। सूत्रों ने बताया कि समिति के पास केस से जुड़े प्रपत्र हैं। इन प्रमाणों के साथ-साथ समिति को तीन केंद्रीय मंत्रालयों से रिपोर्ट भी मिली है। इसी के आधार पर भी उनसे पूछताछ होगी।
उधर इस मामले के जानकार सूत्र ने बताया कि महुआ का संसद का एकाउंट दुबई से 47 बार लॉगिन हुआ है।
गृह, सूचना प्रौद्योगिकी और विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट नैतिक समिति के पास है। नैतिक समिति ने 26 अक्टूबर को बैठक के बाद तीनों मंत्रालयों से जानकारी मांगी थी। अन्य बातों के अलावा कमेटी ने पूछा था कि क्या लॉग-इन और उसके स्थानों के आईपी एड्रेस समान थे?
नैतिक समिति की सुनवाई को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की आत्मस्वीकृति से बल मिला। दर्शन ने महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगिन पर प्रश्न पूछने की बात स्वीकारी है।
यदि महुआ पर यह आरोप सिद्ध हो गया तो यह संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन होगा। इस पर महुआ सदन से निलंबित हो सकती है।
महुआ ने हीरानंदानी-देहाद्राई को क्रॉस एग्जामिन करने की मांग की
संसद में सवाल के बदले पैसे (कैश फॉर क्वेरी) लेने के मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को क्रॉस एग्जामिन करने की मांग की है।
महुआ ने 31 अक्टूबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी को लेटर लिखा। इसमें TMC सांसद ने कहा- हीरानंदानी और देहाद्राई ने मेरे खिलाफ लगाए आरोपों का सबूत नहीं दिया है। इसलिए मैं दोनों को क्रॉस एग्जामिन करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहती हूं।
कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के सामने पेश होंगी। 31 अक्टूबर को दिल्ली रवाना होने से पहले महुआ ने कहा- 2 नवंबर को सारे झूठ ध्वस्त कर दूंगी। अगर मैंने एक भी रुपया लिया होता, तो भाजपा तुरंत मुझे जेल में डाल देती।
भाजपा मुझे संसद से सस्पेंड कराना चाहती है। सच तो यह है कि वे मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकते। नैतिक समिति के पास आपराधिक क्षेत्राधिकार नहीं है। उनके पास इस मामले की जांच का अधिकार नहीं है। ये काम अन्वेषण विभागों का है।
नैतिक समिति निजी मामले की जांच को सही जगह नहीं
महुआ ने कहा- 2021 के बाद नैतिक समिति की कोई बैठक नहीं हुई। कमेटी ने अभी तक अपना मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तैयार नहीं किया है। अगर मुझ पर कोई आपराधिक आरोप है तो जांच एजेंसियों को जांच करनी चाहिए। नैतिक समिति किसी के निजी मामले की जांच के लिए सही जगह नहीं है।
महुआ ने सोशल मीडिया पर कमेटी को लिखा लेटर शेयर किया।
महुआ ने कहा- कमेटी ने मेरा समन मीडिया में रिलीज किया, इसलिए मैं भी लेटर रिलीज कर रही हूं।
क्या है पूरा मामला
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया।
निशिकांत ने 21 अक्टूबर को महुआ पर एक और गंभीर आरोप लगाया। निशिकांत ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा- कुछ पैसे के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया। मैंने इसे लेकर लोकपाल से शिकायत की है।
उन्होंने कहा कि दुबई से संसद की ID खोली गई, जबकि उस वक्त वो कथित सांसद भारत में ही थीं। इस नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केन्द्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी TMC व विपक्षी दलों को राजनीति करनी है। निर्णय जनता का है। NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।
नैेतिक समिति ने 27 अक्टूबर को महुआ को समन भेजा और 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। महुआ ने इसी दिन नैतिक समिति को लिखा था कि वे 5 नवंबर के बाद ही आ पाएंगी। 28 अक्टूबर को नैतिक समिति ने महुआ को 2 नवंबर को आने को कहा।
केस से जुड़े 4 चरित्र…
1. महुआ मोइत्राः अमेरिका में पढ़ीं, लंदन में नौकरी और बंगाल में राजनीति
इस केस की मुख्य पात्र महुआ मोइत्रा हैं, जिन पर सारे आरोप हैं। TMC सांसद महुआ मोइत्रा मूलत: बैंकर हैं। प्राथमिक शिक्षा के बाद मोइत्रा उच्च शिक्षा को अमेरिका गईं। बाद में उनकी नौकरी लंदन के एक प्रतिष्ठित बैंक में लगी।
कुछ सालों में उनका नौकरी से मोह भंग हुआ और वे राजनीति में कूदीं। उन्होंने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव जीतीं।
2. निशिकांत दुबेः राजनीति में आने से पहले कॉर्पोरेट वर्ल्ड में थे
कहानी में दूसरा महत्वपूर्ण चरित्र भाजपा सांसद निशिकांत दुबे है। 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और उपहार लिए थे।
गोड्डा झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे 2009 में राजनीति आये। वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोड्डा से पहला चुनाव जीता । इसके बाद 2014 और 2019 में भी जीते।
3. दर्शन हीरानंदानी: रियल एस्टेट कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO, अडाणी ग्रुप के कॉम्पिटिटर
42 वर्षीय दर्शन हीरानंदानी ने एक लेटर लिखकर महुआ पर और आरोप मढ़े। दर्शन मुंबई की रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO हैं। उनके पिता रियल एस्टेट टाइकून निरंजन हीरानंदानी हैं।
दर्शन डेटा सेंटर, क्लाउड कम्प्यूटिंग, तेल और गैस, लॉजिस्टिक, वेयरहाउस जैसी कई कंपनियों के प्रेसिडेंट हैं, जो हीरानंदानी ग्रुप की हैं। दर्शन ने न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से MBA और BSc की डिग्री ली है। हीरानंदानी ग्रुप अडाणी ग्रुप का कॉम्पिटिटर है।
4. जय अनंत देहाद्राई: महुआ पर आरोप लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील
जय अनंत देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा दोनों पहले दोस्त थे, बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। दूसरी ओर, अनंत ने CBI में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद यही सबूत BJP सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई गई है।
महुआ मोइत्रा के संसद में 62 सवाल, 9 अडाणी से जुड़े
2019 में सांसद बनने के बाद से महुआ मोइत्रा ने पार्लियामेंट में 28 केंद्रीय मंत्रालयों से जुड़े 62 सवाल पूछे हैं। इनमें पेट्रोलियम से लेकर कृषि, शिपिंग, नागरिक उड्डयन, रेलवे आदि शामिल हैं।
sansad.in की वेबसाइट के मुताबिक, 62 सवालों में से सबसे ज्यादा 9 सवाल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के लिए थे, उसके बाद वित्त के लिए आठ सवाल थे।
कुल 62 में से 9 सवाल अडाणी समूह से संबंधित थे। इनमें से छह सवाल पेट्रोलियम मंत्रालय के लिए और एक-एक सवाल वित्त, नागरिक उड्डयन और कोयला मंत्रालयों के लिए था।
आरोप सही साबित हुए तो महुआ को सजा क्या मिलेगी
जिस भी सांसद पर ऐसे आरोप लगते हैं उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। कमेटी जांच करेगी कि क्या ये किसी खास के हित में या उसके बिजनेस को लाभ पहुंचाने के लिए पूछे गए हैं। पूरी जांच कर एथिक्स कमेटी अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को देगी।
अगर इसमें किसी भी तरह की सजा की सिफारिश की जाती है तो संसद में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सहमति के आधार पर उस सांसद के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। वहीं स्पीकर को भी ये अधिकार है कि वो सेशन नहीं चल रहा हो तो कार्रवाई को लेकर फैसला ले सकते हैं।