कुत्ता चोर महुआ मोइत्रा के कारोबारी दोस्त ने भी खोली पोल, गिफ्टों समेत सभी आरोपों की पुष्टि
‘महुआ मोइत्रा ने उठाया मेरा गलत फायदा, दुबई आकर मिलती थी’: जिस कारोबारी के लिए संसद में सवाल पूछने का आरोप वो आए सामने, कहा – PM मोदी की प्रतिष्ठा निष्कलंक
दर्शन हीरानंदानी, महुआ मोइत्रा
संसद में सवाल करने के बदले घूस लेने और कुत्ता चोरी के आरोपों के बाद अब तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर ब्लैकमेल करने के आरोप लगे हैं। जिस कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को फायदा पहुँचाने को उन पर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे हैं, अब वो सामने आए हैं। महुआ मोइत्रा के दोस्त रहे अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राई ने CBI को पत्र लिख कर ये आरोप लगाए थे। इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भेज कार्रवाई की माँग की थी।
स्पीकर ने इसे संसद की आचार समिति के पास भेज दिया। दर्शन हीरानंदानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि दोनों पत्र उनके संज्ञान में हैं। इन दोनों चिट्ठियों के आधार पर कई मीडिया रिपोर्ट्स बनी हैं जिनमें उनका नाम प्रमुखता से आया है, ऐसे में वो इस प्रकरण को करीब से देखते हैं। उन्होंने एक शपथपत्र में कहा है कि अपनी जानकारी के सभी तथ्य हैं वे बता रहे हैं। वो 2017 में आयोजित ‘बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट’ से महुआ मोइत्रा को जानते हैं।
‘महुआ मोइत्रा कहती थीं – सब कुछ छोड़ पहले मेरा काम करो’: दर्शन हीरानंदानी
तब महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के नदिया स्थित क़रीमनगर से विधायक थीं। समिट में उन्हें कारोबारियों से बातचीत की जिम्मेदारी दी गई थी। दर्शन हीरानंदानी के अनुसार उन्होंने उस बातचीत में महुआ मोइत्रा को जानकार, अर्थपूर्ण और मुखर पाया। दोनों ने एक-दूसरे से अपने संपर्क सूत्र साझा किए और वो जुड़े रहे। कारोबारी ने बताया कि तब से वो उनकी करीबी और व्यक्तिगत दोस्त रही। उन्होंने कहा है कि इस बातचीत में उन्होंने पाया कि महुआ मोइत्रा सुस्पष्ट बुद्धिजीवी हैं और उन जन प्रतिनिधियों में से एक हैं जो आर्थिक और कारोबारी विषय समझती हैं।
दर्शन हीरानंदानी ने लिखा कि शायद महुआ मोइत्रा को भी उनका राजनीतिक ज्ञान और उनकी विचारधारा अच्छी लगी, जिससे दोनों में गहरी दोस्ती हुई। फिर वे कोलकाता, दिल्ली और मुम्बई में सामाजिक रूप से मिले। वो विदेश में भी मिले। कभी साप्ताहिक रूप से तो कभी रोज फोन कॉल पर बात होती थी। जब महुआ दुबई जाती थीं या वो भारत आते थे तो वो हमेशा मिला करते थे। दर्शन हीरानंदानी ने बताया कि इस दौरान महुआ मोइत्रा कई छोटे-बड़े काम को भी उनसे कहने लगीं।
उन्होंने कहा है कि महुआ मोइत्रा का व्यवहार था कि अगर उन्होंने कुछ करने को कह दिया तो सब कुछ छोड़ कर पहले उनका काम ही पूरा होना चाहिए। महुआ मोइत्रा का स्वभाव हावी हो जाने वाला और मिजाज दबंग था। वो सब कुछ अर्जेन्ट और आपात बता कर उनका समय नियंत्रित करती थीं। कारोबारी ने बताया है कि महुआ मोइत्रा के सांसद बनने के बाद कई मौकों पर उन्हें उनकी मेजबानी करने का मौका मिला। इसके बाद वो राष्ट्रीय राजनीति में पहचानी जाने लगीं और कई प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आईं।
दर्शन के अनुसार, महुआ ने उन्हें बताया था कि उन्हें 2 बार राज्यसभा की सीट ऑफर हुई थी लेकिन वो जनता से चुनी सांसद बनना चाहती थीं। वो काफी महत्वाकांक्षी थीं और राष्ट्रीय स्तर पर अपने लिए नाम बनाना चाहती थीं। उनके दोस्तों और सलाहकारों ने उन्हें बताया था कि इसके शॉर्टकट है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले करना। उन्होंने माना है कि प्रधानमंत्री मोदी एक निष्कलंक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और किसी को भी सरकारी नीतियों,प्रशासन या व्यक्तिगत आचरण पर हमले करने का मौका नहीं देते।
दर्शन हीरानंदानी ने लिखा, “महुआ मोइत्रा को लगा कि प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत हमला करने का रास्ता है गौतम अडानी को निशान बनाना,क्योंकि दोनों समकालीन हैं और एक ही राज्य से आते हैं। देश के बाहर और देश में भी मीडिया,कारोबार और राजनीति में कई लोग गौतम अडानी के उदय से जलने लगे थे,इससे महुआ मोइत्रा को मदद मिली। इसीलिए, प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने और उन्हें नीचा दिखाने के लिए गौतम अडानी पर हमला कर महुआ मोइत्रा को इन लोगों से समर्थन की उम्मीद थी। वो जानती थीं कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन अडानी समूह की धर्मा LNG के साथ करार कर रही है, मेरी कंपनी के साथ नहीं।”
‘महुआ मोइत्रा ने मेरा गलत फायदा उठाया’: दर्शन हीरानंदानी
दर्शन हीरानंदानी का कहना है कि इन्हीं सूचनाओं को आधार बना कर गौतम अडानी को नीचा दिखाने के लिए महुआ मोइत्रा ने कुछ सवाल तैयार किए ताकि वो संसद में पूछ सके। उन्होंने अपनी ईमेल आईडी पर कुछ सूचनाएँ उनसे माँगी। दर्शन ने बताया कि उनके भेजे गए कुछ सवालों पर आई प्रतिक्रियाओं से वो खुश हुईं। ये सवाल अडानी समूह से संबंधित थे। उन्होंने अपनी संसद की आईडी-पासवर्ड तक दर्शन हीरानंदानी को दे रखी थी,ताकि वो खुद सवाल अपलोड कर सकें पूछने को।
हीरानंदानी ने इस दौरान सुचेता दलाल,शार्दुल श्रॉफ और पल्लवी श्रॉफ का नाम लिया जो गौतम अडानी के बारे में अपुष्ट जानकारियाँ महुआ मोइत्रा को देते थे। आरोप है कि राहुल गाँधी व कई कॉन्ग्रेस नेताओं से भी वो संपर्क में थीं। फाइनेंसियल टाइम्स,न्यूयॉर्क टाइम्स और बीबीसी के अलावा कई भारतीय मीडिया संस्थान भी उनके संपर्क में थे। कइयों ने खुद को अडानी समूह का पूर्व अधिकारी बताते हुए कई जानकारियाँ भेजीं। दर्शन हीरानंदानी का कहना है कि इन्हीं अपुष्ट सूचनाओं के आधार पर वो सवाल ड्राफ्ट कर अपलोड करते रहे।
हीरानंदानी का कहना है कि इन सबके दौरान महुआ मोइत्रा से उनकी दोस्ती परवान चढ़ती रही। उन्होंने बताया कि इस दौरान विपक्ष शासित राज्यों में उन्हें फायदा मिलता रहा, क्योंकि महुआ मोइत्रा के अच्छे दोस्तों में राहुल गाँधी,शशि थरूर और पिनाकी मिश्रा शामिल थे। दर्शन का कहना है कि इसके बदले में महुआ मोइत्रा ने उनसे भी कई काम करवाए और उनके समर्थन के बदले उन्हें ये सब करना पड़ा। इसमें शामिल था – दिल्ली में उनके बँगले की मरम्मत,यात्रा के खर्च,महँगे तोहफे। यहाँ तक कि अंतरराष्ट्रीय यात्राओं की भी उन्हें व्यवस्था करनी पड़ी।
दर्शन हीरानंदानी ने कहा, “कई बार मुझे लगा कि वो मेरा गलत फायदा उठा रही हैं और मुझ पर ऐसे-ऐसे काम करने का दबाव बना रही हैं जो मैं नहीं करना चाहता था। लेकिन, मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था,ऊपर बताए गए कारणों से। चूँकि संसद और न्यायपालिका में ये मामला आ चुका है, मैंने अपनी जिम्मेदार समझी कि मैं तथ्य सबके सामने रखूँ।” दर्शन हीरानंदानी के इस बयान के बाद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
व्यापारी दर्शन हीरानंदानी ने गुरुवार को संसद की आचार समिति के सामने यह एफिडेविट दाखिल किया है जहां 26 अक्टूबर से सुनवाई है।
‘महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन को दिया लोकसभा वेबसाइट का एक्सेस’, निशिकांत दुबे ने IT मंत्री से की शिकायत
लेकिन अब गुरुवार को दर्शन हीरानंदानी ने अलग बयान दिया है. इसमें उन्होंने महुआ पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
दर्शन हीरानंदानी के एफिडेविट में क्या लिखा है-
महुआ मोइत्रा ने भी जारी किया बयान
टीएमसी सांसद मोइत्रा ने दो पेज का एक लिखित बयान जारी किया है. इसमें महुआ ने सवाल किया कि हीरानंदानी ने किसे हलफनामा दिया है, क्योंकि उन्हें ना तो सीबीआई, ना एथिक्स कमेटी या किसी अन्य जांच एजेंसी ने तलब किया है. मोइत्रा ने हलफनामे पर ही सवाल उठाए और कहा- यह सिर्फ एक सादा श्वेत पत्र है. कोई आधिकारिक लेटरहेड नहीं है और न ही नोटरीकृत है. भारत का सबसे प्रतिष्ठित/शिक्षित व्यवसायी श्वेत पत्र पर इस तरह के पत्र पर हस्ताक्षर क्यों करेगा जब तक कि ऐसा करने के लिए उसके सिर पर बंदूक नहीं रखी गई हो?
‘जिसकी पीएमओ तक पहुंच, उस पर कौन दबाव डालेगा?’
मोइत्रा ने कहा, पत्र का कंटेंट एक मजाक है. इसे स्पष्ट रूप से पीएमओ में कुछ मंदबुद्धि लोगों ने तैयार किया है, जो बीजेपी के आईटी सेल में एक रचनात्मक लेखक के रूप में काम करते हैं. इतना धनी, सफल व्यवसायी, जिसकी हर मंत्री और पीएमओ तक सीधी पहुंच है, उसे पहली बार का विपक्षी सांसद गिफ्ट देने और उसकी मांगें पूरा करने के लिए क्यों मजबूर करेगा? यह पूरी तरह से अतार्किक है और सिर्फ इस सच्चाई को पुख्ता करता है कि इस पत्र का मसौदा दर्शन ने नहीं, बल्कि पीएमओ ने तैयार किया था.
महुआ ने इस मामले में सीधे तौर पर पीएमओ की भूमिका का आरोप लगाया. कहा, ‘इस पत्र का मसौदा पीएमओ ने भेजा और उनसे इस पर हस्ताक्षर करने को दबाव डाला है.
‘महुआ मोइत्रा ने मेरा कुत्ता चोरी किया’: जय अनंत देहाद्राई
अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राई ने गुरुवार (19 अक्टूबर, 2023) को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को पत्र भेज कर तृणमूल कॉन्ग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत की है। इसमें उन्होंने बताया कि महुआ मोइत्रा ने उनके कुत्ते ‘हेनरी’ को न सिर्फ चुरा लिया, बल्कि उसे अवैध तरीके से अपने पास भी रखे हुए हैं। उनका ये पालतू कुत्ता मात्र 3 साल का है। इसे उन्होंने नई दिल्ली के जनकपुरी स्थित दुकान से खरीदा था।
अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राई ने बताया कि उन्होंने जनवरी 2021 में 75,000 रुपए में यह कुत्ता खरीदा था। पैसों का भुगतान उन्होंने 2 इंस्टॉलमेंट्स में किया था। उन्होंने 10,000 रुपए और 65,000 रुपए के भुगतान की 2 रसीदें भी दिल्ली पुलिस को भेजी हैं। उन्होंने ‘केनल क्लब ऑफ इंडिया (KCI)’ से अपने कुत्ते का पंजीकरण भी करा रखा था। उन्होंने पत्र में बताया है कि हेनरी से उनका रिश्ता एक अभिभावक और बच्चे का है।
अनंत जय देहाद्राई ने इस शिकायती पत्र में लिखा, “जब हेनरी 40 दिन का था,तभी से मैं उसकी देखभाल कर रहा हूँ। मैं उसकी सभी ज़रूरतें और चिंतायें समझता हूँ। 10 अक्टूबर,2023 से ही महुआ मोइत्रा ने मेरे उस कुत्ते का अपहरण कर रखा है। उन्होंने मुझे ब्लैकमेल और प्रताड़ित करने को ऐसा किया है। मैंने उनके खिलाफ CBI में शिकायत की है,उसका बदला लेने को उन्होंने ऐसा किया है।”
और, रिपोर्टों के अनुसार, हेनरी नाम का एक रॉटवीलर पूरी गाथा में एक प्रमुख पात्र है।
महुआ मोइत्रा बनाम निशिकांत दुबे
विवाद की शुरुआत रविवार को तब हुई जब निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच समिति बनाने की मांग कर आरोप लगाया कि “नकदी और उपहारों के बदले संसद में सवाल पूछने को महुआ मोइत्रा और एक व्यवसायी में रिश्वत का आदान-प्रदान हुआ।”
मंगलवार को स्पीकर ने दुबे की याचिका को जांच के लिए लोकसभा की आचार समिति के पास भेज दिया .
लोगों ने पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि यह पहली बार है कि महुआ मोइत्रा ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को “माननीय” और वास्तव में ऐसा संबोधित किया है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को पूर्व प्रेमी बताया जा रहा है। रॉटवीलर हेनरी की कस्टडी को लेकर उनका तृणमूल सांसद मोइत्रा से झगड़ा हो गया है।
तृणमूल सूत्रों के अनुसार मोइत्रा और देहाद्राई में पालतू कुत्ते को लेकर झगडा है और टीएमसी सांसद ने पिछले छह महीनों में उनके खिलाफ कथित आपराधिक अतिक्रमण,चोरी,अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार की कई पुलिस शिकायतें दर्ज की हैं।
सूत्रों ने बताया कि शिकायत दर्ज कराने वाला वकील मोइत्रा का पूर्व साथी है और उसने दावा किया कि यह “राजनीतिक प्रतिशोध को व्यक्तिगत प्रतिशोध” था।
निशिकांत दुबे के आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे पत्र में सदन के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच की मांग की गई,जिसमें वकील देहद्रई का भी उल्लेख है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोइत्रा ने हीरानंदानी समूह के अधिकारियों से अपना लॉगिन विवरण साझा किया था।
दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई से प्राप्त एक पत्र का हवाला दिया और कहा कि वकील ने “अकाट्य” सबूत साझा किए हैं कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद ने बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी से “नकद” और “उपहार” में रिश्वत ली थी।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी इस मुद्दे पर दो दस्तावेज़ संलग्न करते हुए एक्स पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। यह महुआ मोइत्रा के पूछे गए डेटा सुरक्षा और स्थानीयकरण के संसदीय प्रश्न और उसके उत्तर पर था।
राजीव चन्द्रशेखर ने पोस्ट किया, “मुझे समाचार रिपोर्टों से पता चला है कि यह संसदीय प्रश्न संभवतः एक डेटा सेंटर कंपनी के इशारे पर एक सांसद ने पूछा था। अगर यह सच है तो यह वास्तव में चौंकाने वाला और शर्मनाक है।”
“यह सच है कि यह कंपनी डेटा स्थानीयकरण के लिए सक्रिय रूप से और आक्रामक रूप से पैरवी कर रही थी। पीक्यू [संसदीय प्रश्न] में इस्तेमाल भाषा बहुत समान है (डेटा स्थानीयकरण की आवश्यकता को डेटा उल्लंघनों से जोड़ना) उस भाषा के समान है जब इस कंपनी के प्रमुख ने मुझसे मुलाकात की थी,” राजीव चन्द्रशेखर ने एक्स पर पोस्ट किया।
महुआ मोइत्रा ने 16 अक्टूबर को निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्राई को कानूनी नोटिस दिया । नोटिस में मोइत्रा का कहना है कि दुबे ने उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाए। नोटिस के अनुसार,आरोप देहाद्राई के दुबे को संबोधित एक पत्र पर आधारित है।
कानूनी नोटिस में कहा गया है कि मोइत्रा की देहादराय के साथ “एक करीबी, व्यक्तिगत मित्रता” थी। हालाँकि, मोइत्रा और देहाद्राई के बीच “कई व्यक्तिगत कारणों से अनबन हो गई और मामले कटु होने लगे”। मोइत्रा के नोटिस में आरोप लगाया गया है कि देहाद्राई ने “उनके आधिकारिक सरकारी आवास में अतिक्रमण किया और उनके पालतू कुत्ते (जिसे उन्होंने बाद में वापस कर दिया) सहित कुछ निजी संपत्ति चुरा ली”।
ओह हेनरी और लंबी कहानी
रोटवीलर हेनरी मोइत्रा और उनके पूर्व साथी देहाद्राई के बीच विवाद में एक प्रमुख किरदार के रूप में उभरे हैं, जो अब एक राजनीतिक विवाद में बदल गया है।
दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में मोइत्रा पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, “द्रौपदी के लिए महाभारत के युद्ध के बारे में सुना था, लेकिन (एक कुत्ते) को लेकर राजनीतिक भूकंप का अनुभव देश में पहली बार हो रहा है।”
कानूनी नोटिस के अनुसार, देहाद्राई हेनरी को ले गया था लेकिन बाद में उसे मोइत्रा को लौटा दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हेनरी के साथ देहाद्राई की उनके द्वारा पोस्ट की गई तस्वीरें हैं।
मोहुआ मोइत्रा ने हेनरी के लिए एक इंस्टाग्राम पेज बनाया था और उसे अप्रैल 2022 में एक्स पर पोस्ट किया था। “मेरे बच्चे के पास उसका इंस्टा पेज है…!
रॉटवीलरहेनरी आईडी और पेज है। अब तक एक आम खाने की पोस्ट की गई है,” उसने कहा।