पंगा:उदय प्रताप कालेज वाराणसी में मजार:वक्फ बोर्ड ने ठोंका दावा
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बनारस के UP कॉलेज में नमाज पढ़ने वालों की उमड़ रही भीड़, वक्फ बोर्ड का नोटिस वायरल होने का असर
वाराणसी के यूपी कॉलेज के परिसर में एक मजार है। सामान्य दिनों में यहां 15 से 20 की संख्या में लोग नमाज पढ़ने आया करते थे पर अब चार गुना ज्यादा लोग आने लगे हैं। दरअसल यूपी वक्फ बोर्ड ने यूपी कॉलेज को अपनी संपत्ति बताई है। 2018 में उसने कॉलेज प्रशासन को एक नोटिस भी भेजा था।
मुख्य बिंदु
*वाराणसी के यूपी कॉलेज में नमाज पढ़ने वाले बढ़े
*वक्फ बोर्ड का नोटिस वायरल होने बाद नमाजियों की संख्या बढ़ी
*नोटिस 2018 का है जिसका कॉलेज दे चुका जवाब
*यूपी कॉलेज में नमाजियों की भीड़
वाराणसी 01 दिसंबर 2024 : उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड ने वाराणसी के यूपी कॉलेज पर अपना दावा किया है। दरअसल छह साल पहले यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से यूपी कॉलेज प्रबंधन को नोटिस भेज गया था। यही नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल होने से मामला गरमा गया है। यूपी कॉलेज की पहचान उदय प्रताप कॉलेज से भी है। पिछले कुछ दिनों में कॉलेज के भीतर बने मजार पर नमाज पढ़ने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह देख प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस और पीएसी की तैनाती देखकर लोग नमाज करने पहुंचे और शांतिपूर्वक वापस लौट आए।
बड़ी संख्या में लोगों के यहां नमाज पढ़ने से गुस्साए छात्रों ने संयुक्त आयुक्त डॉक्टर के एजिलरसन और परगनाधिकारी नगर आलोक वर्मा को ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने ज्ञापन में कहा है कि यह कॉलेज परिसर है ना कि नमाज स्थल। इसे जाति और धर्म से ऊपर कॉलेज बना रहने दिया जाए। अगर प्रशासन नमाज पढ़ने आने वालों पर रोक नहीं लगाएगा तो छात्र आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे।
2018 में आये नोटिस का जवाब दे चुके हैं: प्राचार्य डीके सिंह
दूसरी ओर, यूपी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डीके सिंह ने बताया कि जब से वक्फ बोर्ड के नोटिस का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, तब से मजार पर नमाजियों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्राचार्य ने बताया कि वक्फ बोर्ड का नोटिस कॉलेज को 2018 में मिला था। उसका उचित जवाब दिया जा चुका है। हाल फिलहाल ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है। मजार पर नमाजियों की बढ़ती संख्या के बारे में पुलिस को जानकारी दे दी गई है। कॉलेज परिसर में ऐसी गतिविधियां स्वीकार्य नहीं होंगी।
अचानक 500 नमाजी पहुंचे:रोज 4-5 आते थे, 4 दिन पहले योगी ने कहा था- इसे यूनिवर्सिटी बनाएंगे
फोर्स ने बढ़ाई सुरक्षा
वाराणसी में उदय प्रताप कॉलेज (यूपी कॉलेज) को यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति बताई है। इससे संबंधित एक लेटर सोशल मीडिया पर लोग पोस्ट करने लगे। यह लेटर 6 साल पुराना है।
शुक्रवार को एकाएक जुमे की नमाज पढ़ने 500 से ज्यादा नमाजी कॉलेज परिसर में इकट्ठा हो गए। अमूमन यहां जुमे पर 20 से 25 लोग ही नमाज अदा करने आते थे।
4 दिन पहले इस कॉलेज के 115वें स्थापना समारोह में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की तो अचानक नमाजियों की संख्या बढ़ गई । यह शरारत देख पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस जवान तैनात कर दिए गए। अब यहां 15 जवान 24 घंटे रहेंगे।
सबसे पहले ये जानिए कि कॉलेज कैंपस में नमाज से क्या संबंध है…
कॉलेज परिसर में 3 बिस्वा जमीन पर मस्जिद 100 एकड़ में फैले यूपी कॉलेज में नवाब टोंक की मस्जिद व कचनार शाह की मजार है। यह सब करीब 3 बिस्वा में फैला है। यहां मुस्लिम नमाज पढने आते हैं। डिग्री कॉलेज में लाइब्रेरी के पास मौजूद मस्जिद में 4 से 5 नमाजी पहुंचते रहे हैं।
500 नमाजी पहुंचने के बाद यहां फोर्स तैनात कर दी गई है। अब अधिकारी यहां नियमित पुलिस की एक टुकड़ी रखने की बात कह रहे हैं।
2008 में नोटिस, जवाब न देने पर वक्फ की होगी संपत्ति वाराणसी के भोजूबीर इलाके में रहने वाले वसीम अहमद ने साल 2008 में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में लेटर लिखकर दावा किया कि कॉलेज परिसर की भूमि वक्फ की संपत्ति है, जिसे कॉलेज प्रशासन ने कब्जा रखा है। इसी परिसर में नवाब टोंक की मस्जिद है।
इस पत्र पर यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने यूपी कॉलेज को 6 दिसंबर, 2018 को नोटिस जारी किया। नोटिस सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सहायक सचिव आले अतीक ने जारी किया कि जवाब नहीं देने पर कॉलेज की जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति लिख ली जायेगी ।
नोटिस आते ही हड़कंप मचा, वक्फ बोर्ड से मांगी डीड सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस 14 दिसंबर, 2018 को कॉलेज पहुंची। नोटिस मिलते ही कॉलेज प्रशासन से लेकर यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स में भी आक्रोश फैल गया। उस वक्त यूपी कालेज शिक्षा समिति के सचिव यूएन सिन्हा ने नोटिस का जवाब दिया।
बताया कि वक्फ बोर्ड में गलत शिकायत दर्ज कराई गई है। कॉलेज का शैक्षणिक माहौल खराब करने की साजिश हुई है। किसी मानसिक विकृत शख्स ने वक्फ बोर्ड को गलत जानकारी दी है। बोर्ड के पास अगर जमीन से संबंधित कोई डीड है, तो उपलब्ध कराए, ताकि कॉलेज प्रशासन उसका जवाब दे सके।
ट्रस्ट का गठन किया, कॉलेज बनाया यूएन सिन्हा ने आगे बताया कि कॉलेज के संस्थापक राजर्षि जू देव ने 1909 में उदय प्रताप कालेज एंड हीवेट क्षत्रिय स्कूल इनडाउमेंट ट्रस्ट का गठन किया और यह कॉलेज बनाया। चैरिटेबल इनडाउमेंट एक्ट के तहत ट्रस्ट का गठन किया गया। इसके एक साल बाद अन्य किसी का मालिकाना हक खुद ब खुद खत्म हो जाता है। ऐसे में वक्फ बोर्ड का कालेज की जमीन पर अपना दावा करना कानूनी रूप से गलत है।
अब पढ़िए, अचानक 500 नमाजी कॉलेज कैंपस में क्यों पहुंचे…
जुमे पर 20 से 25 लोग नमाज पढ़ने आते थे। 29 नवंबर को 500 से ज्यादा लोग पहुंचे, तब फोर्स तैनात हुई।
अचानक 6 साल पुराना लेटर वायरल हुआ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 नवंबर, 2024 को वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज के 115वें संस्थापना समारोह में मुख्य अतिथि थे। योगी ने कहा- उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्रों के लिए शिक्षा का द्वार खोलने वाले यूपी कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। कॉलेज प्रशासन एक सादे पेपर पर आवेदन कर दे, सरकार मान्यता दे देगी।
उनके यहां से वापस जाते ही अचानक वक्फ बोर्ड का वो लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें यूपी कॉलेज की जमीन वक्फ की संपत्ति होने का दावा किया गया था।
इसके बाद जुमे की नमाज पढ़ने यहां 500 से ज्यादा लोग पहुंच गए। अमूमन जुमे पर 20 से 25 लोग ही पहुंचते थे। अब सिक्योरिटी एजेंसियों की नजर इस मामले में बनी है।
यही आले अतीक का लेटर है, जिसमें कॉलेज को वक्फ की संपत्ति बताया गया है।
100 एकड़ में फैला है कॉलेज परिसर वाराणसी के भोजूबीर इलाके में 100 एकड़ में उदय प्रताप कॉलेज का कैंपस है। इंटर तक छात्र-छात्राओं की यूपी इंटर कॉलेज और रानी मुरार बालिका इंटर कॉलेज में पढ़ाई अलग-अलग होती है। डिग्री कालेज के साथ ही पब्लिक स्कूल, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर समेत अन्य शैक्षणिक कोर्स चलते हैं। करीब 15 हजार छात्र यहां पढ़ते हैं।
कॉलेज के स्पोर्ट्स ग्राउंड ने देश को कई ओलंपियन दिए हैं। हॉकी और बास्केट बॉल के साथ ही यूपी कॉलेज का कृषि विभाग अग्रणी भूमिका निभाता है।
लेटर योगी के दौरे के बाद अचानक वायरल किया गया और लोग नमाज अदा करने पहुंचने लगे।
15 जवानों की टुकड़ी रहेगी तैनात ADCP टी. सरवन ने कहा- वक्फ बोर्ड के लेटर की जांच हो रही है। जुमे की नमाज को देखते हुए फोर्स तैनात थी। अब कॉलेज कैंपस में 15 जवानों की एक टुकड़ी तैनात रहेगी।