मनीष गुप्ता हत्याकांड: पूरे उप्र के पुलिस कर्मियों का होगा रिकार्ड रिव्यू, जबरन रिटायरमेंट से सेवा समाप्ति तक की तैयारी

UP का मनीष गुप्ता हत्याकांड:CM योगी ने कहा- पुलिसवाले दोषी मिले तो बर्खास्त होंगे; एक दिन पहले पत्नी को धमकाने का DM-SSP का वीडियो सामने आया था

आज कानपुर में CM योगी की रैली थी। प्रशासन ने इससे पहले सुबह 5 बजे मनीष के शव का अंतिम संस्कार करवा दिया।

कानपुर/ गोरखपुर 30 सितंबर।कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में हुई मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आरोप है कि पुलिस की मारपीट से मनीष की मौत हुई है। केस में तीन बड़े मोड़ आए हैं। पहला ये कि कानपुर प्रशासन ने तड़के मनीष का अंतिम संस्कार करा दिया है। प्रशासन का कहना है कि ये कदम परिवार की सहमति से उठाया गया है। दूसरा एक दिन पहले ही गोरखपुर के DM और SSP का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे मनीष की पत्नी को धमकी कर केस दर्ज न कराने की ‘सलाह’ दे रहे हैं।

मनीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आई है। इसमें मनीष की बॉडी पर चोट के निशान मिले हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पीड़ित परिवार से मिलने कानपुर पहुंचे।यादव ने दो करोड़ मुआवजे की मांग की , साथ ही 20 लाख की आर्थिक मदद दी। अखिलेश ने हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच की मांग करते हुए कहा कि पुलिस रक्षा नहीं कर पा रही है बल्कि लोगों की जान ले रही है।

दोपहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानपुर में जनसभा भी है। प्रशासन ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी को CM योगी से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया है। इससे पहले बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मनीष की पत्नी से फोन पर बात की थी।

पत्नी ने की SIT जांच की मांग

सुबह जब मनीष का शव अंतिम संस्कार को ले जाया जा रहा था तो पत्नी मीनाक्षी बेसुध हो गईं। मीनाक्षी केस की जांच SIT से कराने की मांग कर रही हैं। वे मुख्यमंत्री योगी से मिलना चाहती हैं। आरोप है कि सोमवार की रात गोरखपुर के होटल में ठहरे मनीष को पुलिसकर्मियों ने पीटा जिससे उनकी मौत हो गई। मनीष का शव बुधवार सुबह 9 बजे गोरखपुर से कानपुर उनके घर लाया गया था। नाराज परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। उनकी मांग थी कि वे CM योगी से मिलेंगेें, दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगेें और मुआवजा लेंगेें इसके बाद ही अंतिम संस्कार करेंगेें।

मनीष का कानपुर प्रशासन ने सुबह 5 बजे अंतिम संस्कार करा दिया।

पत्नी बोलीं- DM और SSP ने केस नहीं दर्ज कराने की ‘सलाह’ दी

बुधवार को ज­ वीडियो सामने आया था, उसमें गोरखपुर के DM और SSP मीनाक्षी और उसके परिवार को किसी भी हाल में केस न दर्ज कराने की सलाह देते नजर आए थे। यह बीआरडी मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी में बना वीडियो था। इसमें मीनाक्षी 4 साल के मासूम बेटे को गोद में लेकर DM विजय किरन आनंद और SSP डॉ. विपिन ताडा से पति की मौत का इंसाफ मांग रही हैं।

वीडियो की पुष्टि करते हुए मीनाक्षी ने कहा ​कि मंगलवार की रात 8 से रात 12 बजे तक अधिकारियों और परिवार की दो बार मीटिंग हुई। इसमें DM विजय किरन आनंद और SSP डॉ. विपिन ताडा ने किसी भी हाल में केस न दर्ज कराने की ‘सलाह’ दी।

मीनाक्षी का आरोप है कि इस मामले में जितने दोषी रामगढ़ताल थाने के पुलिस वाले हैं, उतने ही दोषी वहां के SSP डॉक्टर विपिन ताडा और DM विजय किरन आनंद हैं, जो एक विधवा औरत की मदद करने के बजाय, हत्यारे पुलिस वालों को बचाने में जुटे रहे।

बर्बाद हो जाएगा 6 पुलिसकर्मियों का परिवार

मृतक मनीष के बहनोई आशीष गुप्ता ने बताया कि मीनाक्षी के साथ वह भी मौजूद थे। मीनाक्षी भाभी ने सरकारी नौकरी की मांग करते हुए कहा था कि अब उनकी और बेटे की परवरिश कौन करेगा? इस पर अधिकारी समझाते रहे कि मनीष कोई सरकारी नौकरी तो करते नहीं थे, जो आपको मिलेगी?

आशीष ने बताया कि अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि उन्हें पता है कि गलती पुलिस की ही है, लेकिन आपके एक केस से 6 पुलिसकर्मियों का परिवार बर्बाद हो जाएगा। इससे हासिल कुछ भी नहीं होगा। इस पर मीनाक्षी ने अधिकारियों से पूछा कि जो मेरी जिंदगी बर्बाद हुई है, उसका क्या होगा? तो अधिकारी बात को घुमाने लगे।

DM ने कहा था- सालों लगाने पड़ेंगे कोर्ट के चक्कर

वहीं, वीडियो में DM कहते नजर आ रहे हैं कि मैं आपके भाई की तरह हूं। एक बार मुकदमा दर्ज हो जाने से आपको अंदाजा नहीं है कि सालों कोर्ट में चक्कर काटना पड़ेगा। इससे किसी को कुछ हासिल नहीं होता। सालों बीत जाएंगे चक्कर लगाते। जबकि SSP कहते नजर आ रहे हैं कि पुलिस वालों की मनीष से कोई दुश्मनी तो थी नहीं, जो वो ऐसा करेंगे। आपके कहने पर मैंने उन्हें सस्पेंड कर दिया। वे तब तक बहाल नहीं होंगे, जब तक उन्हें क्लीनचिट नहीं मिलेगी। इसके बाद CM योगी आदित्यनाथ का फोन आने के बाद इस मामले में सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पर आरोप है कि उनकी टीम ने मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पर आरोप है कि उनकी टीम ने मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

हत्याकांड में 6 पुलिसवाले सस्पेंड, केस दर्ज

गोरखपुर के रामगढ़ताल थाने के पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पर आरोप है कि उनकी पुलिस टीम ने मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी। मनीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी यही कर रही है कि उसे बुरी तरह पीटा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर, चेहरे और शरीर के दूसरे हिस्सों में गंभीर चोट के निशान मिले हैं। इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की गई है। इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह समेत 6 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है।

मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर के एक होटल में ठहरे थे। -फाइल फोटो

पत्नी का आरोप- गोरखपुर के DM और SSP भी दोषी

मीनाक्षी का आरोप है कि इस मामले में जितने दोषी रामगढ़ताल थाने के पुलिस वाले हैं, उतने ही दोषी वहां के SSP डॉक्टर विपिन ताडा और DM ए विजय किरन आनंद भी हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *