मानसून: अलकनंदा का जलस्तर बढ़ा, श्रीनगर-पौडी के निचले इलाके डूबे,ब्यासी में भूस्खलन
मानसून ट्रैकर:उत्तराखंड में अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ा, श्रीनगर-पौड़ी गढ़वाल के निचले इलाके पानी में डूबे; बिहार में बाढ़ के डर से 182 गांवों से हो रहा पलायन
नई दिल्ली19 जून।नेपाल के तराई और उत्तर बिहार की नदियों के क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर के बीच अब नेपाल डोलखा जिला प्रशासन ने बाढ़ का अलर्ट जारी किया। प्रशासन ने डोलखा में तमाकोशी नदी के किनारों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के अपील की है। भूस्खलन की वजह से रोंगक्सिया शहर के टिंगरी काउंटी के पास रिवर सिस्टम पूरी तरह तहस नहस हो गया है। यहां अचानक बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
नेपाल में बने हालात का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है। यहां गंगा समेत कई बड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। गंडक और बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ के डर से 182 गांवों से पलायन हो रहा है।
इधर, उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में ब्यासी के पास ऋषिकेश-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर शनिवार को भूस्खलन की वजह से रास्ता बंद हो गया। भारी बारिश से अलकनंदा नदी में जलस्तर बढ़ने से श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल के कई निचले इलाके पानी में डूब गए हैं।
अलकनंदा का जलस्तर बढ़ा
अलकनंदा का जलस्तर 627 मीटर के ऊपर पहुंचा जबकि मंदाकिनी का जलस्तर भी 626 मीटर पर रहा। प्रशासन द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए अलग से किया जा रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ गया जिससे फ्लड गेट खोल दिये गये हैं।
एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि नदी का जल स्तर अलर्ट लेबल से ऊपर चला गया है।
#WATCH | Uttarakhand: Several low lying areas in Srinagar, Pauri Garhwal submerged in water after the water level rose in Alaknanda river due to heavy rainfall pic.twitter.com/Kk8HLJ1MU7
— ANI (@ANI) June 19, 2021
ऋषिकेश-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर भूस्खलन से रास्ता ब्लॉक हुआ
इससे पहले शुक्रवार को IMD ने देशभर में बारिश का अलर्ट जारी किया है। अगले 3 से 4 दिन बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, पूर्वी उत्तरप्रदेश, उत्तरपूर्वी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके अलावा महाराष्ट्र से केरल तक तटीय इलाकों में तेज बारिश हो सकती है। इनमें कोंकण और गोवा, गुजरात, कर्नाटक के तटवर्ती और मध्य महाराष्ट्र में अगले 3 से 4 दिन बारिश हो सकती है। इनमें सबसे ज्यादा गुजरात और कर्नाटक के तटवर्ती इलाकों में ज्यादा असर रहेगा। IMD ने अगले दो दिन इन राज्यों में आंधी और तूफान आने की भी संभावना जताई है।
UP-गुजरात के तीन जिलों में 6 दिन फंसी रही 4 राज्यों की मानसूनी बारिश
देश के 80% हिस्से में मानसून 12 जून को ही छा चुका था। फिर कुछ ऐसा हुआ कि UP के सहारनपुर, पीलीभीत जिले और गुजरात के सूरत में मानसूनी हवाएं 6 दिन तक ठहर गईं। इस वजह से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली की मानसूनी बारिश लेट हो गई। इस रुकावट की वजह बनी पश्चिमी हवाएं, जो मानसूनी हवाओं की विपरीत दिशा में बह रही थीं।
दोनों तरफ की हवाओं में पूरे छह दिन चला टकराव
शुक्रवार को धीमा पड़ा, तो मानसून धीरे-धीरे अपने रास्ते बढ़ना शुरू हुआ। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि मानसून नहीं अटकता तो 13 या 14 दिन में देशभर में छा जाता, जो रिकॉर्ड होता।
मानसून 11 जून को सूरत, दीव पहुंच गया था। प्रतिकूल हवाओं की वजह से 6 दिन वहीं अटका रहा। शुक्रवार को मानसून के लिए अनुकूल हवाएं चलीं। फिर मानसूनी हवाएं सौराष्ट्र, दक्षिण-पूर्व राजस्थान, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से की ओर बढ़ीं।
बिहार: बाढ़ प्रभावित इलाकों में डर का माहौल, लौरिया- नरकटियागंज में संपर्क टूटा
बिहार के लौरिया और नरकटियागंज का सड़क संपर्क जिला मुख्यालय से पहले ही टूट चुका है। नरकटियागंज के 5 प्रखंडों के 42 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। वहीं बगहा के 7 प्रखंडों में लगभग 90 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। इधर, वल्मीकिनगर बराज पर गंडक का जलस्तर तो कम हो रहा है, लेकिन चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर में उसके जलस्तर का बढ़ना जारी है। कोसी, बूढ़ी गंडक, पुनपुन, घाघरा और कुछ स्थानों पर अधवारा का जलस्तर बढ़ ही रहा है।
गंडक डुमरियाघाट में खतरे के निशान से 128 सेंटीमीटर ऊपर थी और अगले 24 घंटे में उसके जलस्तर में 3cm की वृद्धि की संभावना है। कोसी नेपाल के अलावा वीरपुर के ऊपरी हिस्से और सहरसा में लाल निशान के ऊपर बह रही थी, जबकि कई स्थानों पर बूढ़ी गंडक और बागमती का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा बक्सर से कहलगांव तक पूरे प्रदेश में ऊपर बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में बक्सर में उसके जलस्तर में 98 सेंटीमीटर, पटना के दीघा में 63 सेंमी की वृद्धि हुई है।
तस्वीर बेतिया की, जहां बैुजुआ पंचायत से नाव के सहारे बथना गांव पहुंच रहे ग्रामीण।
मध्यप्रदेश: इंदौर में दो दिन पहले पहुंचा मानसून, रतलाम के अस्पतालों में घुसा पानी
प्रदेश के इंदौर शहर में आखिरकार शुक्रवार को दो दिन पहले ही मानसून पहुंच गया है। लगातार तीन से चार दिन से हवा का रुख दक्षिण-पश्चिम बना हुआ था। तापमान में भी लगातार कमी आ रही थी। रुक-रुक कर बारिश भी हो रही थी। इन सभी को देखकर मानसून सक्रिय होने की घोषणा कर दी गई। मौसम विभाग की मानें, तो 20 जून के बाद इंदौर सहित मालवा-निमाड़ में बारिश जोर पकड़ेगी।
बंगाल की खाड़ी में मजबूत सिस्टम बन रहा है। अरब सागर की ओर से भी हल्की नमी आ रही है। इस कारण अगले 24 घंटे में मानसून पूरी तरह से मप्र को कवर कर लेगा। इसकी शुरुआत पूर्वी मध्यप्रदेश से होगी। यहां अच्छी बारिश की संभावना है। यह सिस्टम मालवा-निमाड़ को भी भिगोएगा। दक्षिण-पश्चिम मानसून मप्र के बड़वानी, खरगोन, इंदौर, अलीराजपुर, झाबुआ, देवास, आगर, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, राजगढ़, गुना, अशोकनगर, टीकमगढ़, निवारी और झांसी जिलों में ज्यादा सक्रिय हो रहा है।
इधर, मानसून की शुरुआती बारिश में ही भोपाल के बड़े तालाब में पानी छलकने लगा है। तालाब में जलस्तर का लेवल 1660 फीट पहुंच गया है। रतलाम में बारिश से सड़कें पानी में डूब गईं। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड, मेल-फीमेल वार्ड और मानसिक रोगी वार्ड में अस्पताल की सीवरेज का पानी भर गया। अस्पताल के मानसिक रोगी वार्ड में मरीज सीवरेज के पानी में भीगते नजर आए।
तस्वीर रतलाम के हॉस्पिटल की है। वृद्ध महिला सीवरेज के बहते पानी के बीच ही गीले गद्दे पर लेटी हुई नजर आई।
राजस्थान: यहां 7 दिन पहले पहुंचा मानसून, बारिश का दौर शुरु
प्रदेश में शुक्रवार को 7 दिन पहले मानसून प्रदेश में पहुंच गया। दक्षिणी राजस्थान के झालावाड़ और उदयपुर के रास्ते इसकी एंट्री हुई। दोनों ही जिलों में मानसून के आने से हल्की बारिश हुई है। पिछले साल मानूसन 24 जून को राजस्थान में प्रवेश किया था। मौसम विभाग 24 जून के आसपास इसके आने की संभावना जता रहा था।
बाड़मेर शहर में हुई 40MM बारिश के बाद गलियाें में जलभराव।
आज दक्षिण राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर और चित्तौड़ जिलों में अच्छी बारिश की संभावना है। प्रतापगढ़ जिले में बारिश का दौर शुरू हो गया। चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा और डूंगला क्षेत्र में भी अच्छी बारिश हुई।
इससे पहले पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर, पाली, बीकानेर, चूरू में बारिश हुई। बाड़मेर में तेज बारिश से पूरे शहर में लबालब पानी भर गया। यहां 40 MM बारिश से जन जीवन प्रभावित रहा। बीकानेर, चूरू में शाम के समय बूंदाबांदी हुई। नागौर के परबतसर में भी बारिश हुई। कई जिलों में बादल छाए पर बारिश का इंतजार रहा। जयपुर में भी दिन भर धूप और छांव की स्थिति बनी, लेकिन देर शाम यहां भी हल्की बौछारे पड़ी।
उत्तरप्रदेश: भारी बारिश की चेतावनी, लखनऊ समेत कई इलाकों में बारिश
उत्तरप्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को मॉनसून ने लखनऊ समेत पूर्वी यूपी के अधिकतर हिस्सों में बारिश हुई। पश्चिमी UP में मानसून मेरठ तक पहुंच गया है। पश्चिमी जिलों में भी जल्द पहुंचने की संभावना है। आज 19 जून को पूर्वी UP के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पूरे प्रदेश में 21 जून तक कहीं हल्की तो कहीं सामान्य बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। बीते 24 घंटों के दौरान पूर्वी व पश्चिमी UP में कहीं हल्की तो कहीं सामान्य बारिश हुई। पूर्वी UP में कहीं-कहीं भारी बारिश होने के भी समाचार मिले हैं।
लखनऊ में बीते 24 घंटे से लगातार हो रही बरसात
उत्तराखंड: जून में 44 फीसदी अधिक बारिश
इधर, उत्तराखंड में शुक्रवार को 44% बारिश दर्ज की गई। कुमाऊं के जिलों में लगातार बारिश जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक, पूरे राज्य पर मानसून मेहरबान हो चुका है। तय समय से एक हफ्ते पहले आए मानसून से इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद की जा रही है। आज भी कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी है। आज सुबह अचानक अलकनंदा नदी में जलस्तर बढ़ने से श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल के कई निचले इलाके पानी में डूब गए हैं।
दिल्ली: मानसून के लिए करना होगा इंतजार
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में मानसून अगले सप्ताह भी आने की उम्मीद नहीं है। दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में मानसून आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अच्छी नहीं है। अनुमान है कि दिल्ली में मानसून जून के चौथे सप्ताह में शुरु होगा।