भव्य शादियों में चोरी को प्रशिक्षित होते हैं ये ‘किशोर-बच्चे’
उत्तर भारत की भव्य शादियों में चोरी करने के लिए ‘लीज’ पर लिए जाते हैं बच्चे
शादी के सीजन में उत्तर भारत आने वाले ‘बैंड बाजा बारात’ गिरोह का हिस्सा बनने के लिए 9 साल से 15 साल की उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा ‘नीलाम’ किया जाता है।
नई दिल्ली: जिस उम्र में बच्चों को स्कूल जाना चाहिए, उस उम्र में मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के गांवों के बच्चों की योजना उत्तर भारत के महानगरों में जाने की है। उनकी यात्राओं के पीछे का कारण भी ऐसा ही है, जिसे जानकर आपको झटका लग सकता है। शादी के सीजन में उत्तर भारत आने वाले ‘बैंड बाजा बारात’ गिरोह का हिस्सा बनने के लिए 9 साल से 15 साल की उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता ‘नीलाम’ करते है। ये गिरोह दिल्ली, एनसीआर, लुधियाना और चंडीगढ़ जैसे शहरों में बड़ी शादियों में नकदी और गहने चुराने को इन किशोरों का इस्तेमाल करते हैं।
एक बच्चे को लीज पर लेने की रकम सालाना 10 से 12 लाख रुपये के बीच होती है, जिसे आमतौर पर गिरोह के सदस्य बच्चों के माता-पिता को किश्तों में देते हैं। हाल ही में एक गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 2 किशोर शामिल थे। इन्होंने दिल्ली के कापसहेड़ा, मायापुरी और मोती नगर में 3 और पंजाब में 5 चोरी की थीं। डीसीपी क्राइम भीष्म सिंह बताया, “मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के मुख्य रूप से तीन गांवों – गुल्खेड़ी, कड़िया और सिलखेड़ी के बच्चे शादी के सीजन में गिरोह के साथ सक्रिय हैं। लीज की डील होने के बाद बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे नकदी, आभूषणों के बैग और अन्य कीमती सामानों को निशाना बना सकें और उन्हें उठा सकें।”
बच्चों को दिल्ली लाने के बाद उन्हें एक महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है कि शादियों में चोरी कैसे करना है और कार्यक्रम स्थल पर लोगों के साथ कैसे मिलना है। एक बच्चे को मानसिक और शारीरिक रूप से भी तैयार किया जाता है ताकि वह गिरफ्तार होने पर अपनी और अपने गिरोह के सदस्यों की पहचान न बताए। समारोह में शामिल होने के लिए उन्हें बेहतरीन कपड़े और खाने-पीने का तरीका सिखाया जाता है, ताकि किसी को संदेह न हो। गिरोह में वयस्क पुरुष और महिलाएं शामिल हैं, जो आमतौर पर किराए के घरों में रहते हैं और बच्चों को काम पर छोड़ने के बाद बाहर ऑटोरिक्शा और मोटरसाइकिलों में इंतजार करते हैं।
क्राइम ब्रांच के एसीपी शिबेश सिंह कहते हैं, “वे कभी भी जल्दी में नहीं होते हैं। शादी की पार्टी में वे रात का खाना खाते हैं और धैर्य से उस मौके का इंतजार करते हैं जब वे मेहमानों के साथ घुलने-मिलने में सफल हों। फिर वे तेजी से शगुन वाले गिफ्ट बैग, आभूषण और नकदी लेकर समारोह स्थल से गायब हो जाते है।
शादियों में चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश,शानदार कपड़े पहनकर करते थे चोरी
दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में बड़ी-बड़ी शादियों में लाखों की चोरियों को अंजाम देने वाला गैंग आखिरकार दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया. इस गैंग का ताल्लुक मध्य प्रदेश के राजगढ़ से है. इस गैंग के लीडर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि हर साल शादियों के सीजन में चोरियों के लिए ये गैंग बच्चों को बकायदा किराए पर दिल्ली लेकर आता था.
शादियों में चोरी करने वाले शातिर
पुलिस को पता चला कि ये गैंग दिल्ली के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और चंडीगढ़ समेत देश के कई राज्यों में चोरियां करने पहुंच जाता था. गैंग में अबोध दिखते बच्चों को बड़ी-बड़ी शादियों में हिस्सा लेने और बैग चोरी करने के साथ-साथ ज्वेलरी पर हाथ साफ करने की ट्रेनिंग दी जाती थी. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
सीसीटीवी फुटेज में नजर आए चोर
वहीं दो नाबालिग चोर भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं. दरअसल, दिल्ली पुलिस को लगातार शादियों में चोरियों की शिकायतें मिल रही थीं.जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने एक विशेष टीम तैयार की.जो इस केस पर काम कर रही थी.टीम ने 100 से ज्यादा शादियों की सीसीटीवी फुटेज और वीडियो खंगाली.तब फुटेज से पता चला कि कई संदिग्ध शादियों में घूमते नजर आ रहे हैं और मेहमानों से घुलमिल रहे हैं.
चोरी करते ही अंतर्ध्यान
संदिग्धों ने शानदार मंहगे कपड़े पहन रखे थे. ताकि उन पर किसी को शक न हो. ये सभी शातिर मौका देखते ही कीमती माल चुरा बच्चों समेत भाग जाते हैं. पुलिस को मामले की विवेचना के दौरान मध्य प्रदेश के राजगढ़ गैंग पर संदेह हुआ. पक्के संदेह दं के आधार पर पुलिस इस गैंग तक जा पहुंची. इससे पहले पुलिस ने राजगढ़ टीम भेजी और दिल्ली की कई बड़ी शादियों में भी ट्रेप लगाया.
कई बड़ी चोरियां
इस गैंग ने चंडीगढ़ में इसी साल अक्टूबर में 3 लाख रुपये की कीमत वाली डायमंड की अंगूठी और कीमती सामान पर हाथ साफ किया था. अक्टूबर के महीने में ही इस गैंग ने लुधियाना के हयात होटल से 22 लाख रुपये कैश और ज्वैलरी भी चुराई थी. क्राइम ब्रांच के एडीशनल सीपी शिवेश कुमार सिंह के मुताबिक ये गैंग दिल्ली में अभी तक एक दर्जन शादियों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है.
गैंग के 5 सदस्य बंदी
राजगढ़ में पुलिस ने गुलखेड़ी,सुलखेड़ी और कड़िया से इस गैंग के सदस्यों की जानकारी हासिल की.2 दिसम्बर को पुलिस को सूचना मिली और तब जाकर दबिश में 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.पकड़े गए आरोपितों में संदीप, किशन, संत कुमार, विशाल और हंसराज शामिल हैं,ये सभी मध्य प्रदेश के राजगढ़ के हैं.
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