पठानकोट आतंकी हमले का मास्टरमाइंड लतीफ भाई समेत पाक में अज्ञात बंदूकधारियों के हाथों ढेर
Pathankot Attack Mastermind Shahid Latif Killed In Pakistan Indians Thanks To Unknown
देर है, अंधेर नहीं… पठानकोट हमले के जल्लाद को मिल गई किए की सजा, ‘अज्ञात’ की हो रही जय जय
Israel-Hamas के बीच आज भारत में शाहिद लतीफ ट्रेंड हो रहा है। यह भारत का दुश्मन पठानकोट हमले का हैंडलर था। उसे पाकिस्तान में ढेर कर दिया गया है। हालांकि यह पता नहीं चला है कि गोली किसने मारी। हमलावरों को अज्ञात कहा जा रहा है। ऐसे में भारतीय अज्ञात को ही धन्यवाद देने लगे हैं।
मुख्य बिंदु
दुनिया में छिपे भारत के दुश्मनों का खेल खत्म हो रहा
इजरायल-हमास की लड़ाई के बीच पाक से बड़ी खबर
मोस्ट वॉन्टेड आतंकी शाहिद लतीफ मारा गया
नई दिल्ली 11 अक्टूबर: ऐसे समय में जब गाजा पट्टी में इजरायल बमबारी कर रहा है, भारत की सोशल मीडिया पर आज अचानक पठानकोट हमले की चर्चा शुरू हो गई। दरअसल, पाकिस्तान में पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ को मार दिया गया है। जैसे ही यह खबर आई, सोशल मीडिया पर ‘अज्ञात लोगों की जय-जय’ होने लगी। हां, भारत के इस मोस्ट वॉन्टेड आतंकी की सियालकोट में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि तड़के एक मस्जिद में घुसकर लतीफ को गोली मारी गई। NIA ने UAPA के तहत शाहिद पर केस दर्ज किया था। इस समय भारत के खिलाफ आतंक की फसल काटने वाले गुनहगारों के बुरे दिन चल रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में वे चाहे कनाडा में हों, लंदन या पाकिस्तान में, उनका अपने आप सफाया हो रहा है। वे आपस में ही लड़ मर रहे हैं। पाकिस्तान में ढेर किया गया 41 साल का लतीफ जैश का ऐक्टिव मेंबर था। वह भारत में आतंकी वारदातों के लिए पाकिस्तानी युवाओं की भर्ती करता था। इस खबर पर खुशी जाहिर करते हुए प्रणव प्रताप ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘अनजान व्यक्तियों को बधाई, शुभकामनाएं, शुक्रिया, साधुवाद।’ अंकित अवस्थी ने लिखा, ‘कनाडा से लेकर पाकिस्तान तक अज्ञात लोग भारत मां की सेवा कर रहे हैं।’
भाजपा ने सोनिया पर बोला हमला
भाजपा के कई नेताओं ने इस खबर को शेयर करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने लिखा कि शाहिद लतीफ उन 25 पाकिस्तानी आतंकियों में से एक था जिन्हें 2010 में सोनिया गांधी ने पाकिस्तान के प्रति सद्भावना संकेत में रिहा किया था। इसके 6 साल बाद ही शाहिद ने पठानकोट हमले को अंजाम दिया। वह जम्मू की जेल में 16 साल तक रहा था। भारत में सजा पूरी करने के बाद उसे वाघा के रास्ते पाकिस्तान डिपोर्ट किया गया था।
शाहिद लतीफ की क्राइम कुंडली
1994 में उसे आतंकवाद से जुड़े एक मामले में जम्मू से पकड़ा गया था। वह जम्मू जेल में मसूद अजहर के साथ रहा।
बताते हैं कि 1999 में जब इंडियन एयरलाइंस का प्लेन आईसी 814 हाइजैक किया गया तो आतंकी चाहते थे कि लतीफ को भी छोड़ा जाए लेकिन सरकार ने मना कर दिया।
2010 में कांग्रेस सरकार में लतीफ और कुछ अन्य आतंकियों को पाकिस्तान डिपोर्ट कर दिया गया। वह पाकिस्तान में आतंकियों का हैंडलर बन गया।
जमीन विवाद में मारा गया पठानकोट अटैक का मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ ?, भारत में था मोस्ट वॉन्टेड आतंकी
पाकिस्तानी अधिकारियों की मानें तो मोटरसाइकिल पर आए तीन लोगों ने हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों से घिरे लतीफ (53 वर्ष) और उसके भाई हारिस हाशिम पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जब वे दोनों सुबह की नमाज के बाद दस्का शहर में नूर मदीना मस्जिद से निकल रहे थे. लतीफ और उसके भाई की मस्जिद परिसर में मौके पर ही मौत हो गई.
The "unknown men" in action pic.twitter.com/924EdYVPRw
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 30, 2023
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के प्रमुख सहयोगी और पठानकोट में भारतीय वायु सेना अड्डे पर 2016 के हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता शाहिद लतीफ और उसके भाई को बुधवार को पाकिस्तान के सियालकोट जिले की एक मस्जिद में गोली मार दी गई. स्थानीय पुलिस ने बताया कि हो सकता है कि संपत्ति विवाद के कारण बुधवार को पठानकोट में भारतीय वायु सेना बेस पर 2016 के हमले के मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शाहिद लतीफ की सियालकोट में हत्या हुई हो.
घटनाक्रम से वाकिफ अधिकारियों ने बताया कि मोटरसाइकिल पर आए तीन लोगों ने हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों से घिरे शाहिद लतीफ (53 वर्ष) और उसके भाई हारिस हाशिम पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जब वे दोनों सुबह की नमाज के बाद दस्का शहर में नूर मदीना मस्जिद से निकल रहे थे. लतीफ और उसके भाई की मस्जिद परिसर में मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बंदूकधारी मस्जिद परिसर में नमाजी बनकर दाखिल हुए थे. आतंकी शाहिद लतीफ भारत में मोस्ट वॉन्टेड था.
सियालकोट के डीपीओ हसन इकबाल ने कहा कि यह व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला हो सकता है. हम इसकी आगे जांच कर रहे हैं. परिवार में जमीन विवाद चल रहा था. लतीफ के रिश्तेदारों को पकड़ लिया गया है. हालांकि, डीपीओ हसन इकबाल ने उसे आतंकी या पठानकोट का मास्टरमाइंड मानने से इनकार कर दिया. इकबाल ने उसे सामान्य आदमी बताया.
समाचार एजेंसी ‘एपी’ की खबर में कहा गया है कि हमले की किसी ने अभी जिम्मेदारी नहीं ली लेकिन स्थानीय पुलिस प्रमुख हसन इकबाल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लतीफ को जानबूझकर निशाना बनाया गया. पुलिस प्रमुख ने अधिक विवरण नहीं दिया. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित लतीफ उर्फ बिलाल उर्फ नूर अल दीन सियालकोट में जैश-ए-मोहम्मद का ‘लॉन्चिंग कमांडर’ था और भारत में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने, इसके लिए इंतजाम करने और अंजाम देने में शामिल था.
अधिकारियों ने कहा कि लतीफ 1993 में एक आतंकवादी समूह के कैडर के रूप में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से कश्मीर घाटी में दाखिल हुआ था. हालांकि, उसे एक साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत ने उसे जम्मू की कोट भलवाल जेल भेज दिया. ऐसा माना जाता है कि उसी जेल में बंद आतंकी मसूद अजहर ने लतीफ को और कट्टर बनाया था. 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 का आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था और इसे कंधार ले जाया गया था. अजहर को अपहृत विमान के यात्रियों के बदले जेल से रिहा किया गया था.
भारतीय जेल में 16 साल बिताने के बाद लतीफ को 2010 में अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से पाकिस्तान भेज दिया गया और माना जाता है कि वह फिर से अजहर के संपर्क में आ गया, जिसने उस समय तक जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह का गठन कर लिया था.एक अधिकारी ने कहा, कि‘यह पाकिस्तान की धरती पर जैश-ए-मोहम्मद के लिए सबसे बड़ा झटका है.पंजाब के गुजरांवाला के अमीनाबाद का रहने वाला लतीफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) का वांछित था.
बता दें कि 2 जनवरी 2016 को जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों के पठानकोट वायुसेना स्टेशन में घुसने के बाद हुई मुठभेड़ में भारतीय वायुसेना के सात कर्मी शहीद हो गए थे. पठानकोट हमले के बाद लतीफ को पाकिस्तानी अधिकारियों ने कुछ समय के लिए हिरासत में लिया था. अधिकारियों ने बताया कि 2013 में सांबा और हीरानगर में हुए आतंकवादी हमलों में भी लतीफ की संलिप्तता थी.
पठानकोट में क्या हुआ था
2 जनवरी 2016 को हथियारों से लैस आतंकियों ने पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर हमला बोल दिया था। इस हमले में 4 हमलावरों, 7 सुरक्षाकर्मियों और एक आम नागरिक की जान गई थी। तीन दिनों तक गोलियों की आवाज सुनाई देती रही थी। अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान की धरती पर जैश-ए-मोहम्मद को सबसे बड़ा झटका लगा है। पिछले महीने लश्कर-ए-तैयबा के मुफ्ती कैसर फारूक और जियाउर रहमान कराची में मारे गए थे। इस साल की शुरुआत में रावलपिंडी में हिजबुल कमांडर बशीर अहमद पीर मारा गया था। सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नहीं।
इस साल भारत के दुश्मन धुआं-धुआं
1. शाहिद लतीफ, जैश आतंकी, 11 अक्टूबर, पाकिस्तान
2. हरदीप निज्जर, खालिस्तानी आतंकी, 18 जून, कनाडा
3. परमजीत सिंह पंजवार, खालिस्तान कमांड फोर्स का सरगना, 6 मई, लाहौर (पाकिस्तान)
4. अवतार सिंह खांडा, खालिस्तानी आतंकी, 15 जून, लंदन