नये संसद भवन के उद्घाटन पर माया ने केजरीवाल के उडाये धुर्रे

 

New Parliament Inauguration Mayawati Statement Makes Arvind Kejriwal Attack Cut Into Pieces
मायावती ने एक वार से केजरीवाल के हमले को कर दिए टुकड़े-टुकड़े

Mayawati and kejriwal

मायावती और अर‍व‍िंंद केजरीवाल
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर गुरुवार को मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर निशाना साधा। उन्‍होंने सवाल किया कि उद्घाटन राष्‍ट्रपति से क्‍यों नहीं कराया जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक वार से केजरीवाल के हमले को धुंआ कर दिया। उन्होंने इस मामले पर विपक्ष से अलग राय रखी।

हाइलाइट्स
अरविंद केजरीवाल ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर उठाए सवाल
पूछा- राष्‍ट्रपति से क्‍यों नहीं कराया जा रहा है नए संसद भवन का उद्घाटन
मायावती बोलीं- मामले पर उनकी राय अलग, सरकार को उद्घाटन का हक

नई दिल्‍ली 25 मई: नए संसद भवन के उद्घाटन पर रार जारी है। विपक्ष ने इसे सियासी मुद्दा बना दिया है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) सहित ज्‍यादातर विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्‍कार किया है। हालांकि, विपक्ष के सभी दलों के सुर एक जैसे नहीं हैं। बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती भी उनमें शामिल हैं। उन्‍होंने साफ कर दिया है कि उनका रुख इस मामले में अन्य विपक्षी दलों से अलग है। यूपी की पूर्व सीएम ने इस बहिष्‍कार को अनुचित करार दिया है। मायावती ने एक वार से दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के हमले के टुकड़े-टुकड़े कर दिए हैं। इस मुद्दे पर मायावती का केंद्र सरकार के पक्ष में बोलना काफी अहमियत रखता है। वह भी उसी दलित समाज का प्रतिनिधित्‍व करती हैं जिनके नाम का सहारा लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से क्यों नहीं कराया जा रहा है। मायावती ने तकरीबन हर वह बात कही है जिसे लेकर केजरीवाल और दूसरे विपक्षी नेता इस मामले को तूल देने में जुटे हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। इसे लेकर ज्‍यादातर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं। उनका मानना है कि उद्घाटन राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए। सवाल उठाने वालों की लिस्‍ट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी नाम है। केजरीवाल ने एक ट्वीट में पूछा, ‘प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से क्यों नहीं करा रहे?’ कांग्रेस, वामपंथी दलों, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आप सहित 19 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इन दलों की मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री की जगह राष्ट्रपति से कराया जाना चाहिए।

 

मायावती की अलग राय…

हालांकि, मायावती की राय इससे अलग है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना अनुचित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर उन्होंने अपनी शुभकामनाएं भी दीं। वैसे मायावती ने यह भी कहा कि पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण वह उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगी।

बसपा प्रमुख ने साफ किया कि इस मसले पर उनका रुख दूसरे विपक्षी दलों से अलग है। उन्‍होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘केंद्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में भाजपा की, बसपा ने देश और जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है। 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।

व‍िपक्ष के स्‍टैंड को बताया अनुच‍ित

मायावती ने दो-टूक शब्‍दों में विपक्षी दलों के स्‍टैंड को भी गलत बताया। उन्‍होंने कहा कि विपक्षी दलों का समारोह में न जाने का फैसला अनुचित है। उन्‍होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित है। सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है।

मायावती ने राष्‍ट्रपति की जाति को आधार बनाकर मुद्दे को तूल दे रहे विपक्ष को आईना भी दिखा दिया। बसपा प्रमुख ने कहा कि इसको जनजातीय महिला के सम्मान से जोड़ना भी अनुचित है। यह उन्हें (मुर्मू) निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था।

विपक्ष ने मुर्मू के खिलाफ यशवंत सिन्‍हा को खड़ा किया था।

अपने सिलसिलेवार ट्वीट में मायावती ने कहा कि ‘देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण उन्‍हें मिला है। इसके लिए उन्‍होंने आभार और शुभकामनाएं दीं। लेकिन, पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों संबंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण उन्‍होंने समारोह में शामिल नहीं हो पाने की मजबूरी जाहिर की।

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