उपराज्यपाल सक्सेना की मानहानि में मेधा पाटकर को पांच माह कैद,10 लाख अर्थदंड

Defamation Case: दिल्ली की अदालत ने मेधा पाटकर को सुनाई पांच महीने कैद की सजा, 10 लाख का जुर्माना भी लगाया
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने नर्मदा बचाओ आंदोन कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मानहानि मामले में पांच महीने की कैद की सजा सुनाई है। साकेत की अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले में मेधा पाटकर को मई महीने में ही दोषी करार दिया था। तत्कालीन केवीआईसी अध्यक्ष एवं वर्तमान में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि मामले में याचिका दायर की थी।

दिल्ली की अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को सुनाई पांच महीने की कैद की सजा

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मेधा पाटकर को मई महीने में ही मामले में दोषी पाया था
मेधा पाटकर ने वीके सक्सेना पर हवाला लेनदेन में संलिप्तता का लगाया था आरोप

नई दिल्ली 03 जुलाई 2024 । दिल्ली की अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मानहानि मामले में पांच महीने की कैद की सजा सुनाई है। साकेत कोर्ट ने दिल्ली के वर्तमान उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा 23 साल पहले दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में मेधा पाटकर को मई महीने में ही दोषी करार दिया था।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने अपने सामने मौजूद सबूतों और इस तथ्य पर विचार करने के बाद पाटकर को सजा सुनाई कि मामला दो दशकों से अधिक समय तक चला। हालांकि, अदालत ने सजा को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया, ताकि पाटकर आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकें।

तत्कालीन केवीआईसी अध्यक्ष एवं वर्तमान में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि मामले में याचिका दायर की गई थी। साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर को आपराधिक मानहानि का दोषी पाया था।

हवाला लेनदेन में संलिप्तता का था आरोप
24 मई को दिए गए अपने आदेश में साकेत कोर्ट ने पाया कि मेधा पाटकर ने वीके सक्सेना पर हवाला लेनदेन में संलिप्तता का आरोप लगाया गया था। यह न केवल अपने आप में अपमानजनक था, बल्कि उनके बारे में नकारात्मक धारणाओं को भड़काने के लिए भी गढ़ा गया था।

जानें क्या है मामला
साल 2003 सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ को लेकर सक्रिय थीं। उसी वक्त वीके सक्सेना नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज में एक्टिव थे। उन्होंने उस वक्त मेधा पाटकर की आंदोलन का तीखा विरोध किया था। मानहानि का पहला मामला इसी से जुड़ा हुआ है। मेधा पाटकर ने अपने और नर्मदा बचाओ आंदोलन के खिलाफ विज्ञापन को लेकर वीके सक्सेना के खिलाफ मानहानि केस किया था। वहीं सक्सेना ने अपमानजनक बयानबाजी करने को लेकर मेधा पाटकर पर मानहानि के दो केस दर्ज कराए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *