पलायन रोकने को बनेगी अल्प,लघु व दीर्घकालिक योजनायें: धामी
*पहाड़ से पलायन रोकने को भराडीसैंण विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई पलायन निवारण आयोग की बैठक।*
*पलायन रोकथाम के लिए बनेगी अल्प, लघु और दीर्घकालिक योजनाएं।*
*उत्तराखंड के प्रवासी नागरिकों के सुझाव भी किए जाएंगे शामिल।*
भराड़ीसैंण 13 नवंबर 2024.उत्तराखंड राज्य में पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर भराडीसैंण में पलायन निवारण आयोग की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें पलायन के प्रमुख कारणों पर चर्चा के साथ ही इसके निवारण हेतु बुनियादी जरूरतों को पूरा करने पर मंथन किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार पलायन की समस्या को लेकर गंभीर है और इसे रोकने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रही है। राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आधारभूत ढांचे के विकास हेतु निरंतर कार्य कर रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से भी युवाओं स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया जा रहा है। पिछले तीन वर्षो में स्वरोजगार के क्षेत्र में विशेष फोकस किया गया है। इसको और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में निरंतर काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के लक्ष्य पर सरकार काम कर रही है। पलायन निवारण आयोग के सुझावों को व्यवहार में लाने को संबंधित विभागों के माध्यम से ठोस कार्य योजना बनाई जा रही है। जनकल्याणकारी योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करने हेतु प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है। इसके तहत गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है और रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा देश विदेश के प्रवासियों को भी इस मुहीम से जोडने का प्रयास किया जा रहा है। पलायन निवारण के लिए प्रवासियों से भी अच्छे सुझाव मिले हैं, जिन्हें धरातल में उतारा जाएगा।
बैठक में सदस्यों ने पलायन निवारण के लिए विभागीय सहयोग से अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य करने की बात रखी। पहाड़ों से हो रहे पलायन के प्रमुख कारणों पर चर्चा के दौरान बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पहाड़ों पर योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करने पर जोर दिया गया।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
*साल 2025 तक डेढ़ लाख महिलाएं बनेगी लखपति दीदी: मुख्यमंत्री*
*भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला का आयोजन*
भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आयोजित राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार ने 2025 तक, डेढ़ लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य पर काम कर रही है।
भराड़ीसैंण में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी में इस कार्यशाला का आयोजन होना अपने आप में एतिहासिक अवसर है। सरकार कार्यशाला में प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से अमल करते हुए, ग्रामीण उद्यमियों के सामने आने वाली सभी समस्याओं का समाधान निकालेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पहले ही दिन से सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र पर चल रही है, इसके सकारात्मक परिणाम अब नजर आने लगे हैं। विगत तीन साल के दौरान स्वरोजगार के क्षेत्र में कई काम हुए हैं। किसी भी काम के शुरुआत में कठिनाई तो आती ही है, लेकिन अब महिलाएं और युवा स्वरोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने लगे हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं के चलते अब तक प्रदेश में एक लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने बचपन में अपनी मां को काम करते हुए देखा है, इसलिए उन्हें पता है कि माता और बहनें किन कठिनाईयों का सामना करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज महिलाएं स्वयं सहायता समूहों या निजी प्रयासों से शानदार उत्पाद तैयार कर रही है, जिसकी मांग पूरी दुनिया में है। सरकार सरस मेला, हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के जरिए उन्हें विपणन की सुविधा प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जो भी उत्पाद तैयार कर रहे हैं, उसमें गुणवत्ता, पैकेजिंग और साफ – सफाई का पूरा ध्यान रखें, यदि इन बातों को अनुशासन में डाल दिया जाए तो सफलता मिलनी तय है। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए व्यवसाय और स्वावलंबन के अधिक अवसर पैदा करने का प्रयास कर रही है। पलायन कम करने में माता बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए विशेष तौर पर प्रयास कर रही है। महिला समूहों को बिना ब्याज के पांच लाख रुपए का लोन दिया जा रहा है, इसके साथ ही सशक्त बहना उत्सव योजना, सीएम महिला स्वंय सहायता समूह योजना भी संचालित की जा रही है। महिला स्वयं सहायता समूह योजना के तहत 84 करोड़ रुपए से अधिक का सहयोग प्रदान किया गया है, साथ ही ब्याज पर 25 करोड़ रुपए की छूट प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के तहत अब तक 4 करोड़ 20 लाख रुपए का व्यवसाय किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यात्रा मार्ग पर भी समूहों के आउटलेट खोल रही है, साथ ही दिल्ली में भी हाउस ऑफ हिमालयाज में महिला समूहों के उत्पाद मिलेंगे। सरकार 2025 तक डेढ़ लाख बहनों को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक उत्तराखंडवासी से पांच आग्रह किए हैं, उत्तराखंड को आदर्श राज्य बनाने के लिए हम सबको प्रधानमंत्री के आग्रहों पर काम करना है। इस मौके पर विभिन्न जिलों से आए ग्रामीण उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने ग्रामीण उद्यमिता को लेकर अपने अनुभव व्यक्त करते हुए, सुझाव दिए।
कार्यक्रम में कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भोपाल राम टम्टा, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी, सदस्य रामप्रकाश पैन्यूली के साथ ही आयुक्त ग्राम्य विकास धीराज गर्बयाल सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित हुए।
– *बिना सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नजर आई गहमागहमी*
*पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने बिना विधानसभा सत्र भराड़ीसैंण में किया रात्रिविश्राम*
*मुख्यमंत्री ने भू कानून के साथ ही पलायन निवारण आयोग बैठक की अध्यक्षता की*
- उत्तराखंड की घोषित ग्रीष्मकालीन राजधानी, भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में बुधवार को बिना विधानसभा सत्र के भी चहल पहल नजर आई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिन में यहां उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित भू कानून पर विचार विमर्श करने के साथ ही पलायन निवारण आयोग की बैठक की अध्यक्षता की। वहीं रात्रि विश्राम के दौरान स्थानीय लोगों की समस्याओं का सुना, इस तरह बुधवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी एक बार फिर प्रदेश के राजकाज का केंद्र बिंदू बनी रही।
- ग्रीष्मकालीन राजधानी में आमतौर पर बजट सत्र के दौरान ही चहल पहल नजर आती है। लेकिन बुधवार को भराडीसैंण विधानसभा परिसर एक बार फिर दिनभर राजकाज में डूबा रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां बुधवार को सबसे पहले उच्चाधिकारियों और सेवानिवृत अधिकारियों के साथ उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित भू कानून पर लंबा मंथन किया। इसके बाद, पहाड़ों में पलायन रोकथाम के उद्देश्य से गठित पलायन निवारण आयोग की बैठक की अध्यक्षता की, इसके तत्काल बाद उन्होंने राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला में प्रतिभाग किया, जिसमें प्रदेश के सभी हिस्सों से महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रतिनिधि और ग्रामीण उद्यमी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में सभी के अनुभव और सुझावों का सुना।
- यही नहीं, मुख्यमंत्री ने बुधवार को रात्रि विश्राम भी भराड़ीसैंण में ही किया। इस दौरान भी उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने बिना विधानसभा सत्र के भराड़ीसैंण में रात्रि विश्राम किया है। इससे अधिकारियों को ग्रीष्मकालीन राजधानी को लेकर स्पष्ट संदेश गया है।