मजहबी भीड़ ने पानी डाल, जूतों से बुझाई जलती होली
महाराष्ट्र: होलिका दहन में मुस्लिम भीड़ का उत्पात, पानी डाला-लात मारी; मंदिर में ‘अल्लाहु अकबर’ के बाद दूसरी घटना
मुंबई 31 मार्च। महाराष्ट्र के अकोला जिले में एक मंदिर में मुस्लिम भीड़ द्वारा होलिका दहन में विघ्न उत्पन्न करने की खबर आई है। लगभग 200-300 की संख्या में आई मुस्लिम भीड़ ने होलिका दहन के दौरान उस पर न सिर्फ पानी उड़ेल दिया, बल्कि लात से मार-मार कर आग को बुझा दिया। सोशल मीडिया पर ये वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद हिन्दुओं ने आक्रोश जताते हुए महाराष्ट्र की उद्धव सरकार से कार्रवाई की माँग की है।
पोळा चौक, अकोला येथे एक पुरातन हनुमान मंदिर (उदासी मठ) आहे. मंदिर मुस्लिम बहुल क्षेत्रात आहे. हे मंदिर गेल्या अनेक वर्षांपासून दुर्लक्षित होते. परंतु गेल्या काही महिन्यांपासून परिसरातील हिंदू युवकांनी त्याठिकाणी दर शनिवारी हनुमान चालीसा व आरती करण्यास सुरूवात केलेली आहे. pic.twitter.com/mFQF8yIPkZ
— Swanand Kondolikar (@SwanandBJP) March 30, 2021
यह घटना अकोला के पोला चौक स्थित हनुमान मंदिर की है। यह मंदिर मुस्लिमों के प्रभाव वाले इलाके में है। आरोप है कि जब हिन्दू होलिका दहन के कार्यक्रम में लगे हुए थे, तभी मुस्लिम भीड़ वहाँ आ गई और दोनों में संघर्ष होने लगा। इसके बाद मजहबी भीड़ ने होलिका की आग को बुझा दिया। लात मार कर उसका अपमान किया और हिन्दुओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।
इस मंदिर को ‘उदासी मठ’ के रूप में भी जाना जाता है, जो काफी प्राचीन है। महाराष्ट्र भाजपा सोशल मीडिया के सदस्य स्वानंद कोंडोलिकार ने बताया कि समय के साथ मंदिर के चारों ओर मुस्लिम आबादी बढ़ती चली गई और मंदिर मुस्लिम बहुल क्षेत्र में आ गया है। उन्होंने जानकारी दी कि आसपास हिंदू आबादी न होने से मंदिर पिछले कई वर्षों से नज़रअंदाज़ हो रहा था और मुसलमानों के इस पर कब्जे की खबरें आ रही थी।। ऐसे में पिछले कुछ महीनों से कुछ हिन्दू युवकों ने यहाँ शनिवार के शनिवार नियमित रूप से हनुमान चालीसा और आरती की शुरुआत की है।
इससे पहले भी महाराष्ट्र से इस तरह की एक और घटना सामने आई थी। लगभग 50 से 60 मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मलंगगढ़ किले के ऊपर बने मच्छिंद्रनाथ के प्राचीन मंदिर में घुसकर हिंदू श्रद्धालुओं की आरती को बाधित करने के लिए ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाए। हिंदू पारंपरिक आरती कर रहे थे, तभी मुस्लिमों की भीड़ ने मच्छिंद्रनाथ मंदिर में प्रवेश किया और इसे बाधित करने का प्रयास किया।
मच्छिंद्रनाथ मंदिर में घुसकर 50-60 मुस्लिमों की भीड़ ने लगाए ‘अल्लाह-हू- अकबर’ के नारे, आरती की बाधित : वीडियो वायरल
हिंदू भक्त पारंपरिक आरती कर रहे थे, तभी मुस्लिमों की भीड़ ने मच्छिंद्रनाथ मंदिर में प्रवेश किया और कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास किया। आक्रोशित मुस्लिम भीड़ ने ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाए। इतना ही नहीं हिंदुओं को उनकी वार्षिक परंपरा को निभाने से रोकने के लिए वो उनके चारों तरफ घूम-घूम कर चिल्लाने लगे।
मच्छिंद्रनाथ मंदिर वीडियो वायरल
मुस्लिम भीड़ ने मच्छिंद्रनाथ मंदिर में आरती को किया बाधित (साभार: YouTube)
लगभग 50 से 60 मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मलंग गढ़ किले के ऊपर बने मच्छिंद्रनाथ के प्राचीन मंदिर में घुसकर हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही आरती को बाधित करने के लिए ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाए। शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, 28 मार्च को, हिंदू भक्त पारंपरिक आरती कर रहे थे, तभी मुस्लिमों की भीड़ ने मच्छिंद्रनाथ मंदिर में प्रवेश किया और कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास किया। आक्रोशित मुस्लिम भीड़ ने ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाए। इतना ही नहीं हिंदुओं को उनकी वार्षिक परंपरा को निभाने से रोकने के लिए वो उनके चारों तरफ घूम-घूम कर चिल्लाने लगे।
यह वीडियो अब इंटरनेट पर वायरल हो गया है। वीडियो में, मुसलमानों की भीड़ को ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाते हुए हिंदू भक्तों को उनके अनुष्ठान करने के खिलाफ धमकाते हुए देखा जा सकता है।
बता दें कि हर साल, मछिंद्रनाथ के भक्त मछिंद्रनाथ के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मलंग गढ़ किले तक माघ पूर्णिमा श्रीमालंग यात्रा नामक एक धार्मिक यात्रा करते हैं। हालाँकि, कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण, इस वर्ष की यात्रा रद्द कर दी गई थी। लेकिन शिवसेना के आग्रह पर, हिंदू परंपराओं के अनुसार, हिंदुओं को मछिंद्रनाथ के मंदिर में सभी धार्मिक अनुष्ठान करने की अनुमति दी गई। सरकारी नियमों के अनुसार- वार्षिक स्नान, पालकी, गण्डमाला, नैवेद्य, महा आरती- को सरकारी अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित 50 भक्तों की उपस्थिति की अनुमति दी गई।
हालाँकि, कट्टरपंथियों को यह रास नहीं आया और उन्होंने आरती को बाधित करने की योजना बनाई। जैसे ही हिंदू संगठनों को इस बारे में पता चला, उन्होंने पुलिस को इसके बारे में सूचित किया। पुलिस ने कोरोना वायरस प्रतिबंधों का हवाला देते हुए केवल सात हिंदू भक्तों को आरती के लिए मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी। आरती शुरू होने के पाँच मिनट बाद, 50-60 मुस्लिम कट्टरपंथियों की एक हिंसक भीड़ ने मंदिर में प्रवेश किया और ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाए, उन्होंने हिंदुओं से अपने धार्मिक अनुष्ठान को रोकने के लिए कहा।
हिंदू संगठनों ने मंदिर में तोड़-फोड़ करने वाले मुस्लिमों के खिलाफ हिल रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत की। हालाँकि, पुलिस ने आश्वासन दिया कि वे मामला दर्ज किए बिना ही जाँच करेंगे। हिंदू समूहों ने पुलिस को घटना की जाँच करने और अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए 4 दिनों का अल्टीमेटम दिया, इसमें विफल रहने पर उन्होंने व्यापक आंदोलन शुरू करने की बात कही।
यह घटना 28 मार्च को रात 8 बजे हुई। बताया जा रहा है कि जब पुलिस ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो मुस्लिम भीड़ ने पुलिसकर्मियों के कॉलर पकड़ लिए और उन्हें धक्का दे दिया। मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जगह के स्वामित्व को लेकर हिंदू और मुसलमानों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है
हिंदू भक्तों का मानना है कि यह स्थान नाथ संप्रदाय के बाबा मछिंद्रनाथ का विश्राम स्थल है और पेशवाओं ने पूजा करने के लिए केतकर नामक एक ब्राह्मण परिवार को सौंपा था। हर साल हिंदू रीति-रिवाजों से यहाँ पूजा की जाती है, खासकर माघ पूर्णिमा पर भव्य आरती का आयोजन किया जाता है। हालाँकि, मुसलमानों का दावा है कि यह सूफी फकीर हाजी अब्दुल रहमान शाह मलंग उर्फ मलंग बाबा का पवित्र स्थान है। उनका दावा है कि वह 13वीं शताब्दी में यमन से आए थे।