अयोध्या में श्री राम प्रतिमा प्राण-प्रतिष्ठा को मोदी निमंत्रित,विपक्ष में हाहाकार

Ram Mandir For Poll Gains Linked With Lok Sabha Elections Pm Modi Bjp Strategy
90 की कहानी क्या 2024 में दोहराई जाएगी? राम मंदिर को लेकर विपक्ष पूछ रहा पीएम मोदी से ये सवाल
अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन की तारीख सामने आते ही राजनीति भी तेज हो गई है। विपक्ष की ओर से सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर प्रधानमंत्री  मोदी को ही निमंत्रण क्यों। वहीं कांग्रेस की ओर से जाति जनगणना के डर वाली बात भी कही गई है। इन सबके बीच इस कार्यक्रम को लेकर संघ की ओर से भी तैयारी शुरू कर दी गई है।

नई दिल्ली 26 अक्टूबर: 1990 के दशक में भाजपा के उदय में आडवाणी के रथ यात्रा की एक महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। 90 के दशक में भी एक ओर मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने के लिए आंदोलन चल रहा था तो दूसरी ओर राम मंदिर निर्माण को लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा। 90 के दशक के बाद से राजनीति में काफी कुछ बदल गया है लेकिन राम मंदिर और जाति जनगणना दोनों की चर्चा एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले शुरू हो गई। दशहरा पर दिल्ली में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह हर किसी का सौभाग्य है कि वे सदियों की प्रतीक्षा बाद अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के साक्षी बन रहे हैं। इसके ठीक अगले दिन अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति स्थापित किए जाने की तारीख सामने आती है। राम मंदिर के उद्धाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया। अब इसे लेकर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं। एक ओर भाजपा और संघ की तैयारी तो दूसरी विपक्ष का वार… ऐसे में तय है कि लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा केंद्र में रहेगा।

निमंत्रण मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कही ये बात

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने बुधवार को नरेन्द्र मोदी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को निमंत्रित किया। अब वह दिन सामने आ गया जिस दिन अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान राम मूर्ति स्थापित होगी। 22 जनवरी को 2024 को ऐसा होगा। प्रधानमंत्री मोदी को जब इस कार्यक्रम को आमंत्रित किया गया तब उन्होंने कहा कि वह खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं और यह उनका सौभाग्य है कि वह अपने जीवनकाल में इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण मिला तो उसके बाद उन्होंने लिखा जय सियाराम! आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है। उन्होंने न्यास के पदाधिकारियों की एक तस्वीर भी पोस्ट की।
इसके ठीक एक दिन पहले दिल्ली में दशहरा कार्यक्रम में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह हर किसी का सौभाग्य है कि वे सदियों के इंतजार के बाद अब अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर के निर्माण का गवाह बन रहे हैं। वहीं तारीख सामने आते ही संघ की ओर से भी तैयारी शुरू हो गई है।

राम मंदिर को लेकर संघ की तैयारी भी शुरू

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कुछ दिन पहले ही कह दिया था कि 22 जनवरी को अयोध्या में बन रहे मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित होगी। उन्होंने लोगों से इस अवसर का उत्सव मनाने को देश भर के मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित करने को कहा था। वहीं अब 22 जनवरी की तारीख सामने आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिन की बैठक 5-7 नवम्बर तक गुजरात के भुज में होगी। संघ की इस बैठक में अयोध्या में 22 जनवरी को हो रहे श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से संबंधित कार्यक्रमों सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा होगी। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने यह जानकारी दी । बैठक में संघ की रचना के अनुसार गठित कुल 45 प्रांतों से प्रांत संघचालक,कार्यवाह एवं प्रांत प्रचारक तथा उनके सहसंघचालक,सहकार्यवाह तथा सह प्रांत प्रचारक भाग लेंगे। आंबेकर ने कहा सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले तथा सभी सह सरकार्यवाह एवं अन्य अखिल भारतीय अधिकारियों सहित कार्यकारिणी के सदस्य भी बैठक में मौजूद रहेंगे।

राहुल गांधी सुन लें… 2024 में सुनाई देगी गूंज

राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख सामने आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी समेत अधिकांश केंद्रीय मंत्रियों की ओर से इस बारे में पोस्ट किया गया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पोस्ट किया गया। वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अयोध्या का एक वीडियो शेयर किया ।

इसी साल जनवरी महीने में त्रिपुरा की एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि राहुल गांधी सुन लें, जनवरी में बन जाएगा रामलला का मंदिर। अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा था कि 2019 के चुनाव के दौरान जब मैं भाजपा अध्यक्ष था और राहुल बाबा कांग्रेस अध्यक्ष थे। वे रोज व्यंग्य करते थे – मंदिर वहीं बनाएंगे तिथि नहीं बताएंगे। अमित शाह ने कहा कि राहुल बाबा कान खोलकर सुन लो, अगले साल 1 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर आपको तैयार मिलेगा। 22 जनवरी तारीख सामने आने के बाद अब विपक्ष भाजपा पर आरोप लगा रहा है।

विपक्ष ने उठाए सवाल पूछा- प्रधानमंत्री मोदी को ही निमंत्रण क्यों

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राम मंदिर का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। भारतीय हजारों वर्षों से राम की पूजा करते आ रहे हैं। अचानक,मोदी राम भक्त बन गए हैं और देश को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। चौधरी ने कहा कि विपक्षी दलों की जाति जनगणना की मांग से भाजपा को नुकसान हुआ है। 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को केवल प्रधानमंत्री मोदी को ही निमंत्रण क्यों दिया गया है, विपक्षी दलों के नेताओं ने सवाल किया कि क्या यह लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक पार्टी कार्यक्रम बन जाएगा? कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने पूछा कि क्या सिर्फ एक ही पार्टी को निमंत्रण भेजा जा रहा है। क्या यह अब एक पार्टी कार्यक्रम बन गया है? भगवान सबके हैं। हर पार्टी को निमंत्रण मिलना चाहिए था।

शिवसेना (उद्धव) नेता संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करने की कोई जरूरत नहीं है। राम मंदिर बनना ही था। हजारों कारसेवकों ने इसके लिए अपनी जान दे दी। सभी हिंदुत्ववादी संगठन और पार्टियां इसमें शामिल थीं। शिव सेना, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद वहां थे… लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली। यह इन सबका परिणाम है कि राम मंदिर बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जाएंगे और पूजा करेंगे लेकिन मुझे लगता है कि यह चुनाव की तैयारी है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा क्या राम मंदिर भाजपा का है? यह हमारे देश में हर किसी का है। यह हमारे सनातन धर्म का एक बहुत बड़ा प्रतीक है।

भगवान राम को काल्पनिक कहने वाले,
मंदिर निर्माण 70 साल तक रोकने वाले,
मोदी से घृणा करने वाले और
सनातन को समाप्त करने को आतुर
आज पूछ रहे हैं –
मोदी क्यों उद्घाटन करेगा

कांग्रेस ने 70 साल तक श्री राम मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए पूरी ताकत लगा दी, वकीलों की फ़ौज खड़ी कर दी सुप्रीम कोर्ट में, भगवान राम को अदालत में हलफनामा देकर “काल्पनिक” कहते रहे, कपिल सिब्बल कोर्ट में तड़प उठा कि 2019 चुनाव के बाद ही सुनवाई हो, मोदी द्वारा भूमि पूजन करने को भी “अशुभ” कह दिया था कांग्रेस ने और आज वह कांग्रेस परेशान है कि राम मंदिर ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंदिर के उद्घाटन के लिए क्यों निमंत्रण दिया है

प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण नहीं दिया जाएगा तो क्या इटली वाली की कांग्रेस को बुलाया जाएगा; क्या उस लालू यादव को निमंत्रण दिया जाएगा जिसने आडवाणी जी का राम रथ रोक दिया था और आज 2024 चुनाव में मोदी की “गर्दन” तोड़ने तैयार है; क्या उस उद्धव ठाकरे को निमंत्रण दिया जाएगा जो अयोध्या मंदिर का विध्वंस करने वाले बाबर के वंशज औरंगजेब को अपना “भाई” कह रहा है; क्या रामभक्तों को गोलियों से भूनने वाले मुलायम सिंह के कुपुत्र अखिलेश को निमंत्रण दिया जाएगा जो बाप की तरह केवल मुस्लिम हितों की बात करता है और क्या INDI ठगबंधन के नेताओं को निमंत्रण देना चाहिए जो सनातन धर्म को समाप्त करना चाहते हैं –

DMK leader TKS Elangovan ने फिर वही राग अलापा है कि राम का जन्म एक मिथक है यानी आज भी इसे सत्य मानने को तैयार नहीं है – सलमान खुर्शीद कह रहा है कि क्या एक ही पार्टी को निमंत्रण दिया गया है, कांग्रेस को तो निमंत्रण नहीं मिला और संजय राउत अपना अलग रोना रो रहा है कि मोदी मंदिर से अपना चुनाव प्रचार शुरू करेंगे – इनके अलावा भी अभी कई और निकलेंगे जमीन के नीचे से जो चीख पुकार मचाएंगे कि मोदी को क्यों बुलाया –

विपक्ष को आदत है मोदी के हर काम का बहिष्कार करने की – फिर निमंत्रण की आशा क्यों रखते हो – निमंत्रण मिला भी तब भी आप लोगों ने “बहिष्कार” ही करना है, जैसे नए संसद भवन के उद्घाटन का किया था और आज उस संसद भवन को ही “त्यागने” की घोषणा कर चुकी है कांग्रेस – केजरीवाल तो कभी उस मंदिर के उद्घाटन में नहीं जाएगा जिसके लिए उसकी “नानी” ने कहा था कि उसका “राम” ऐसे मंदिर में नहीं रहेगा जो मस्जिद पर बना हो –

वामपंथी तो पहले ही हिन्दू विरोधी हैं और मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड और कई मौलाना और मौलवी पहले ही मंदिर तो फिर से तोड़ने की घोषणा चुके है लेकिन कभी कांग्रेस ने उनका विरोध नहीं किया लेकिन फिर भी मंदिर के उद्घाटन के लिए निमंत्रण चाहते हैं

करीब 500 वर्ष बाद भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है जिसके उद्घाटन में “आसुरी शक्तियों” का कोई काम नहीं होना चाहिए – इन आसुरी शक्तियों की वजह से न जाने कितने निहत्थे हिन्दुओं और संतो को बलिदान देना पड़ा है, वह व्यर्थ नहीं जाना चाहिए और ऐसा तब ही संभव हो सकेगा जब ऐसे लोगों को बुलाया ही न जाए –

यदि विपक्ष को राम मंदिर में जाने की इतनी ही तड़प है तो वह पहले मथुरा और काशी मंदिरों को मुक्त कराने के लिए आगे आए क्योंकि जब वे मंदिर उनके प्रयासों के बिना ही मुक्त हो जाएंगे तब भी ये लोग तड़पेंगे कि मंदिरो के उद्घाटन के लिए हमें बुलाओ – हो सकता है वह काम भी मोदी जी ही करें क्योंकि बहुत से कामों के लिए भगवान ने मोदी जी को ही चुना है –

(सुभाष चन्द्र)
“मैं वंशज श्री राम का”
26/10/2023

 

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