फैक्ट चैक: बांग्लादेश की आजादी को मोदी का सत्याग्रह सच है कि झूठ
बांग्लादेश की आजादी के लिए नरेंद्र मोदी ने सत्याग्रह किया था, जेल गए थे? पीएम के इस दावे में कितना दम
Liberation War: पीएम नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि उन्होंने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए सत्याग्रह में हिस्सा लिया था और जेल गए थे। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने इसे कोरी गप्प करार दिया है।
हाइलाइट्स:
कोविड-19 के बाद पहली विदेश यात्रा पर गए हैं पीएम मोदी
आजादी के 50 साल पूरे होने का जश्न मना रहा बांग्लादेश
दावा- स्वतंत्रता के लिए सत्याग्रह करने पर गया था जेल
विपक्षी नेताओं ने उड़ाया मजाक, कहा- ये तो फेक न्यूज है!
बांग्लादेश की आजादी के लिए नरेंद्र मोदी ने सत्याग्रह किया था, जेल गए थे? पीएम के इस दावे में कितना दम
बांग्लादेश की आजादी के लिए नरेंद्र मोदी ने सत्याग्रह किया था, जेल गए थे? पीएम के इस दावे में कितना दम
नई दिल्ली27 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ढाका में ऐसा दावा किया कि भारतीय ट्विटर पर संग्राम सा छिड़ गया। मोदी ने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के लिए उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर आंदोलन किया था और जेल भी गए थे। पीएम के अनुसार, तब उनकी उम्र 20-22 साल रही रही होगी। शशि थरूर, जयराम रमेश, पवन खेड़ा समेत कांग्रेस के कई नेताओं व अन्य विपक्षी दलों ने मोदी के इस दावे को ‘हास्यास्पद’ और ‘फेक न्यूज’ करार दिया है।
इसे काउंटर करने के लिए मोदी की लिखी किताब ‘संघर्ष मा गुजरात’ का बैक कवर शेयर किया जा रहा है। साथ ही अखबार की कुछ कतरनें भी शेयर हुई हैं। क्या है पूरा विवाद, आइए समझते हैं।
पीएम मोदी ने क्या दावा किया?
बांग्लादेश की आजादी के लिए उस संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में तब मैंने गिरफ्तारी भी दी थी और जेल जाने का अवसर भी आया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ढाका में आयोजित एक समारोह में
विपक्षी नेताओं ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री 'बांग्लादेश को भारतीय फेक न्यूज का मजा चखा रहे हैं।' बचकानी बात है क्योंकि हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद करवाया। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने लिखा, 'मित्रों, इसमें वैक्सीन का कोई दोष नहीं है।' पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने 1971 में पाकिस्तानी सेना के ऐतिहासिक सरेंडर पर एक कार्टून साझा किया जिसमें भारतीय जनरल की जगह मोदी बैठे दिख रहे हैं।
कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के राष्ट्रीय संयोजक सरल पटेल ने कहा कि उन्होंने मोदी के इस दावे को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से और जानकारी मांगी है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया, 'बांग्लादेश की आजादी में भारत सरकार तो बांग्लादेश के साथ थी। युद्ध तो पाकिस्तान से हो रहा था फिर मोदी जी को जेल भेजा किसने? भारत ने या पाकिस्तान ने?'
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शशि थरूर के ट्वीट का स्क्रीनशॉट।अबतक क्या तथ्य सामने आए
विपक्षी नेताओं के मोदी के दावे को 'झूठा' करार देने पर कुछ लोगों ने नए तथ्य सामने रखे। पॉलिटिकल एनालिस्ट कंचन गुप्ता ने नरेंद्र मोदी की 1978 में लिखी किताब 'संघर्ष मा गुजरात' का कवर और बैक कवर शेयर किया। इसमें लेखक के परिचय में गुजराती में एक लाइन लिखी है कि 'बांग्लादेश के सत्याग्रह के समय तिहाड़ जेल होकर आए।' हालांकि नरेंद्र मोदी की वेबसाइट पर इसी किताब के रीप्रिंटेड वर्जन के बैक कवर पर यह बात मौजूद नहीं है।
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मोदी की वेबसाइट पर मौजूद 'संघर्ष मा गुजरात' का बैक कवर।गुप्ता ने न्यूज एजेंसी AP के आर्काइव्ज से एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में 25 मई 1971 को जनसंघ की एक रैली की फुटेज है। उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के अध्यक्ष थे। गुप्ता ने बांग्लादेश सरकार का एक प्रशस्ति पत्र भी साझा किया जिसमें बतौर जनसंघ अध्यक्ष वाजपेयी के बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम में योगदान की सराहना की गई है।
विपक्ष के निशाना साधने पर बीजेपी यूपी के प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि 'वे मुद्दा छेड़ते हैं, फिर कुंठित आत्माएं उन पर टूट पड़ती हैं, उनके जीवन के पन्ने उधेड़ती हैं और आखिर में सच वही निकलता है, जो मोदीजी ने कहा होता है। बांग्लादेश पर भी यही हुआ।