मोरारी बापू ने दी राजकोट अग्निकांड मृतकों के परिजनों को पांच लाख की सहायता

राजकोट अग्निकांड में मारे गए लोगों को मोरारीबापू की श्रद्धांजलि और परिजनों को सहायता

राजकोट, 26 मई 2024: 25 मई का दिन राजकोटवासी और गुजरात के सभी संवेदनशील नागरिक कभी नहीं भूलेंगे। इस दिन शाम को राजकोट के टीआरपी गेम जोन में आग लग गई और प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस हादसे में 28 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि शवों की पहचान को डीएनए टेस्ट कराना पड़ेगा। पूज्य मोरारीबापू की कथा गोंडल में चल रही थी और यह दुखद समाचार मिलते ही कथा विराम के दिन, उन्होंने कथा में उपस्थित सभी श्रोताओं और साघु संतों के साथ व्यासपीठ से अग्निकांड में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कथा के मनोरथी परिवार और सभी श्रोताओं की ओर से मृतकों के परिवारों को कुल मिलाकर रुपए 5,00,000 (पांच लाख) तुलसीदल समर्पित किया हैं। यह राशि वीरपुर के पूज्य जलाराम बापा परिवार के श्री भरतभाई भेजेंगें। कथा आरंभ में पूज्य मोरारीबापू ने राम नाम की धुन का जाप कर सभी मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पूज्य मोरारीबापू ने दिवंगत जनों के निर्वाण को प्रार्थना की है।
तीन विभाग जिम्मेदार
गुजरात के राजकोट में भीषण अग्निकांड के 24 घंटे बाद प्रशासन ने 28 मृतकों के नामों की सूची जारी की है तो वहीं पुलिस ने छह लोगों पर एफआईआर दर्ज कर दो को अरेस्ट किया है। इस सब के बीच अभी भी 18 लोग लापता हैं।
टीआरपी गेम जोन के बाद फायर एनओसी नहीं थी। राजकोट गेम जोन अग्निकांड में अब तक 32 मौतें होने की बात सामने आई है, हालांकि प्रशासन की तरफ से अभी तक 28 मृतकों के नाम जारी किए गए हैं। अग्निकांड के बाद 18 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
राजकोट टीआरपी गेम जोन में अग्निकांड की घटना को तीन डिपॉर्टमेंट जिम्मेदार हैं। इनमें राजकोट नगर निगम, जीईबी और राजकोट पुलिस शामिल हैं।
एक साथ क्यों पहुंचे थे अफसर?
ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि इस गेम जोन के उद्घाटन में एक साथ ही राजकोट नगर निगम आयुक्त अमित अरोड़ा (IAS), डीडीओ देव चौधरी (IAS), एसपी बलराम मीणा (IPS), प्रवीण मीणा (डीसीपी), कलेक्टर अरुण महेश बाबू (IAS) क्यों पहुंचे थे? ये अफसर वहां पहुंचे तो उनकी नजर सुरक्षा इंतजामों पर नजर क्यों नहीं पड़ी? इन बड़े अफसरों के साथ टीआरपी गेम जोन के पार्टनर और भागीदार भी मौजूद हैं। ऐसे में सवाल है कि जब अफसर एक साथ वहां गए और गेम जोन की मेहमान नवाजी की तो उन्होंने जरूरी चीजों का संज्ञान क्यों नहीं लिया? मीडिया से बातचीत में अब यह अधिकारी जवाब नहीं दे रहा पा रहे।
छह के खिलाफ FIR, सिर्फ दो अरेस्ट
राजकोट गेम जोन हादसे में पुलिस ने आईपीसी की धारा 304, 308, 337 ,338, 114 के तहत कुछ छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें युवराज सोलंकी (इसके नाम पर लाइसेंस) और नितिन जैन अरेस्ट हुए है। बाकी चार की गिरफ्तारी होनी बाकी है। यह सामने आया है कि जब टीआरपी गेम जोन की सोशल मीडिया से लेकर तमाम प्लेटफॉर्म पर अपने ब्रांडिंग की हुई थी तो राजकोट नगर निगम (RMC) की नजर इस पर क्यों नहीं पड़ी? इसके पीछे पार्टनर्स की ऊंची पहुंच का हवाला दिया जा रहा है।

हाईकोर्ट में 27 मई को सुनवाई
राजकोट गेम जोन दुर्घटना पर गुजरात हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट के डबल बेंच 27 मई की सुबह साढ़े नौ बजे इस हादसे पर सुनवाई करेगी। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के साथ बड़े महानगरों के निगमों से पूछा है कि गेम जोन को स्वीकृति किस आधार पर दी गई है। क्यों ये सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा नहीं हैं। अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा जैसे बड़े शहरों गेम जोन हैं। राज्य में फिलहाल दुर्घटना के बाद सभी गेम जोन बंद कर दिए हैं। रविवार को दुर्घटना के दूसरे दिन विपक्ष के नेताओं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल, नेता विपक्ष अमित चावड़ा और राजकोट से लोकसभा के प्रत्याशी परेश धानाणी मौके पर पहुंच दुर्घटनास्थल देखा। सुबह मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गेम जोन दुर्घटनास्थल देखा था। उसके पहले ही शासन ने मृतकों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता घोषित की थी।

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