छह पद्म विभूषण पुरस्कारों में मुलायम सिंह यादव भी,26 अज्ञात जनों को भी पद्म पुरस्कार
गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले हुआ पद्म पुरस्कारों का ऐलान, 26 गुमनाम नायकों का नाम भी सम्मिलित
गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले आज शाम पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई। इनमें 26 गुमनाम नायकों को भी यह प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है। राज्यवर बात करें तो महाराष्ट्र से 12, कर्नाटक और गुजरात से 8-8 व्यक्ति शामिल हैं। इनमें ओआरएस घोल को बढ़ावा देने वाले महालनाबिस को पद्म विभूषण के लिए चुना गया है।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए कई हस्तियों को पद्म विभूषण पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार मिला है। पद्मविभूषण एवं पद्मभूषण पाने वाले विजेताओं का संक्षिप्त परिचय।
नई दिल्ली, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए कई हस्तियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार मिला है। सरकार ने इस वर्ष कुल छह हस्तियों को पद्म विभूषण से सम्मानित करने की घोषणा की है। वहीं, नौ लोगों को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। साथ ही 91 हस्तियों को पद्म श्री से नवाजा गया है। इनमें विभिन्न जगत के लोग शामिल हैं।
पद्म विभूषण पाने वाले विजेताओं का संक्षिप्त परिचय
पद्मविभूषण बालकृष्ण दोशी (मरणोपरांत): वास्तुकला के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माना जाने वाला प्रित्जकर पुरस्कार से सम्मानित होने वाले देश के पहले वास्तुकार हैं बालकृष्ण दोशी। लगभग सात दशकों के करियर में दोशी ने 100 से अधिक परियोजनाओं को पूरा किया, जिनमें से कई सार्वजनिक संस्थाएं थीं। दोशी पूरे भारत में किफायती आवास प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं।
जाकिर हुसैन: जाकिर हुसैन भारत के प्रसिद्ध तबला वादक हैं। संगीत की दुनिया में बड़े पैमाने पर उनके योगदान की काफी सराहना की जाती है। जाकिर हुसैन को व्यापक रूप से समकालीन विश्व संगीत आंदोलन का मुख्य वास्तुकार माना जाता है।
सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा: सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा कर्नाटक के अब तक के उच्च शिक्षित मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। वह 1989 में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष बने। 1992 में कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री बने। वह अक्टूबर 1999 से मई 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। छह दिसंबर, 2004 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी।
दिलीप महालनाबीस (मरणोपरांत): बाल रोग विशेषज्ञ दिलीप महालनाबीस ने ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन साल्यूशन) के व्यापक उपयोग का बीड़ा उठाया था, जिसके बारे में अनुमान है कि इसने विश्व स्तर पर पांच करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाई है। 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान शरणार्थी शिविरों में सेवा करने के दौरान महालनाबिस ने ओआरएस की प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया था।
श्रीनिवास वर्धन: श्रीनिवास वर्धन एक भारतीय गणितज्ञ हैं जो अमेरिका में काम करते हैं। वह संभाव्यता सिद्धांत में अपने मौलिक योगदान के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2007 में एबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मुलायम सिंह यादव (मरणोपरांत): समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वे 1989 से 1991, 1993 से 1995 और 2003 से 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। उन्होंने 1996-1998 में भारत के रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था।
पद्म भूषण पाने वाले विजेताओं का संक्षिप्त परिचय
पद्म भूषण डा. एस एल भैरप्पा: डा. एस एल भैरप्पा एक उत्कृष्ट साहित्यकार हैं। वह दक्षिण भारतीय भाषा, कन्नड़ में लिखते हैं। उनके उपन्यासों का व्यापक रूप से भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाता है।
कुमार मंगलम बिड़ला: कुमार मंगलम बिड़ला भारतीय बहुराष्ट्रीय आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष हैं, जो छह महाद्वीपों के 36 देशों में काम करता है।
दीपक धर: दीपक धर भारतीय भौतिक विज्ञानी हैं। भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान पूणे के भौतिकी विभाग मे एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर है। सांख्यिकिय भौतिकी और स्टोकेस्टिक प्रक्रियाओं पर अपने शेाध के लिए जाने जाते हैं।
वाणी जयराम: वाणी जयराम दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक पार्श्व गायिका के रूप में जानी जाती हैं।
स्वामी चिन्ना जीयर: स्वामी चिन्ना जीयर एक भारतीय धार्मिक गुरु और योगी तपस्वी हैं जो श्री वैष्णववाद पर अपने आध्यात्मिक प्रवचनों के लिए जाने जाते हैं।
सुमन कल्याणपुर: भारत में सम्मानित पार्श्व गायिकाओं में से एक हैं सुमन कल्याणपुर।
कपिल कपूर: कपिल कपूर भाषा विज्ञानि, साहित्य के विद्वान और भारतीय बौद्धिक परंपराओं के विशेषज्ञ हैं। वह जेएनयू के पूर्व प्रो वाइस चांसलर रह चुके हैं।
सुधा मूर्ति: सुधा मूर्ति एक भारतीय शिक्षिका और लेखिका हैं। इसके अलावा यह इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं।
कमलेश डी. पटेल: कमलेश डी. पटेल को उनके अनुयायियों के बीच दाजी के नाम से भी जाना जाता हैं। वे युवाओं को आत्म-प्रबंधन, व्यावहारिक साधन एवं सार्वभौमिक मूल्यों से परिचय कराने में विश्वास रखते हैं