कमलेश धवन का हत्यारा निकला बेरोजगार नशेड़ी होटल मैनेजर

Bhandari bag Dehradun Kamlesh dhawan Murder: घर में घुसकर वृद्धा की हत्‍या का आरोपित गिरफ्तार, SSP दिलीप सिंह कुंवर ने किया अनावरण

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह कुंवर और पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोभाल ने मामले की जानकारी दी।
बता दें कि भंडारीबाग स्थित घर में अकेली रह रही 75 वर्षीय कमलेश धवन की शुक्रवार रात को अज्ञात ने हत्या कर दी थी। पुलिस ने वृद्धा कमलेश धवन की हत्या करने वाले आरोपित महेंद्र सिंह मेहता को गिरफ्तार कर लिया।

देहरादून 11मार्च। भंडारी बाग में वृद्ध महिला की गला काटकर हत्या के मामले में पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित ने चोरी और लूट को हत्या की। आरोपित की पहचान महेंद्र सिंह मेहता (निवासी ग्राम पिटूनी पोस्ट व जिला अल्मोड़ा वर्तमान निवासी टीएसडीसी कॉलोनी नियर देहराखास ) के रूप में हुई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि आरोपित महेंद्र सिंह मेहता 12 साल से देहरादून के चुकखुवाला मोहल्ले में रह रहा था। वह पहले आईएसबीटी स्थित हेरिटेज होटल में मैनेजर था लेकिन कोरोना के बाद उसकी नौकरी टूट गई और उसके बाद उसे दोबारा कहीं नौकरी नहीं मिली। नशे की लत होने के कारण आरोपित की पत्नी और बच्चे उसे छोड़कर मुंबई चले गए।

किराए का बोर्ड लगा देख मकान में घुसा

इसके बाद वह अपनी मुंह बोली बहन प्रीति के मकान देहराखास में रहने लगा। दो मार्च को वह भंडारी बाग की तरफ जा रहा था तो उसने देखा कि एक वृद्धा घर के बाहर अकेली बैठी थी। मकान पर किराए का बोर्ड लगा हुआ था इसलिए वह इसी बहाने से घर के अंदर घुस गया उसने महिला से बातचीत की और उसे लगा कि महिला के घर पर काफी नकदी व आभूषण हो सकते हैं.

इसके बाद वहां 3 मार्च को फिर घर में घुसा और महिला से बातचीत करके पानी पीने के बहाने घर के अंदर घुस गया।

200 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद हत्यारे तक पहुंची पुलिस

लगभग  200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद पुलिस आरोपित को चिन्हित कर पाई है. आरोपित ने लूट के उद्देश्य से 75 साल की कमलेश धवन की हत्या की थी.

पटेलनगर थाना क्षेत्र के भंडारी बाग में बीते चार मार्च को लूटपाट और वृद्धा के हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. पुलिस ने इस मामले में महेंद्र सिंह मेहता नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो अल्मोड़ा जिला निवासी है. इस लूट और हत्याकांड का 11 मार्च को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून दलीप सिंह कुंवर ने अनावरण किया.

लूट और हत्याकांड के इस केस की छानबीन के लिए पुलिस की सात टीमें लगाई गई थी. इसके साथ इलाके में लगे करीब 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने, के बाद ही पुलिस आरोपित महेंद्र सिंह मेहता को चिन्हित कर पाई.

पुलिस ने बताया कि आरोपित महेंद्र होटल में काम करता था, लेकिन पिछले साल दिसंबर में उसकी नौकरी छूट गई थी. महेंद्र नशे का अभ्यस्त है और नशे की जरुरतें पूरा करने को उसे पैसे की जरूरत पड़ती है. इसीलिए उसने भंडारी बाग में अकेले रहती वृद्धा  को निशाना बनाया.पुलिस के अनुसार महेंद्र ने हत्या से पहले वृद्धा के घर की रेकी कर घर में घुसकर लूटपाट और फिर महिला की हत्या कर दी.

पुलिस ने अनुसार चार मार्च को विनीता ध्यानी ने इस मामले में पुलिस को एक लिखित शिकायत दी थी.

विनीता ध्यानी ने बताया था कि उनकी माता कमलेश धवन भंडारी बाग में अकेली रहती है. पीड़िता की बड़ी बहन और भतीजी रोज सुबह शाम उनसे फोन पर बात करते थे, लेकिन 3 मार्च की रात और 4 मार्च की सुबह लगातार फोन करने पर फोन नहीं उठाया तो उन्हें कुछ आशंका हुई. उन्होंने घर के सामने स्थित दर्जी को फोन किया और मां के बारे में पता करने को कहा.

दर्जी कमलेश धवन के घर में गया तो वहां का दृश्य देख उसके होश उड़ गए, क्योंकि कमलेश धवन का खून से लथपथ शव फ्रिज के बगल में पड़ा था. धारदार हथियार से कमलेश धवन का गला काटा गया था. कमलेश धवन के हत्या की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की.

150 लोगों की हुई पूछताछ

पुलिस ने एक तरफ जहां 200 कैमरों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो वहीं करीब 150 लोगों से पूछताछ भी की. इस दौरान एक सीसीटीवी फुटेज पर पुलिस की नजर पड़ी, जिसमें दो मार्च को दिखा एक व्यक्ति पुलिस को संदिग्ध लगा. पुलिस ने जब पूरा सीसीटीवी फुटेज देखा तो वो व्यक्ति दो मार्च की शाम को कमलेश धवन के घर में गया था और करीब 12 मिनट बाद बाहर आया था.

इसके बाद पुलिस ने देहराखास से संदिग्ध महेन्द्र सिंह मेहता को गिरफ्तार किया. पुलिस ने महेन्द्र सिंह मेहता से पूछताछ की तो उसने सारी सच्चाई उगल दी. पुलिस ने बताया कि मेहता पिछले 12 सालों से चुक्खु मोहल्ले देहरादून में रह रहा है और होटल हेरिटेज में मैनेजर था. लेकिन कोरोना काल में होटल के काम में काफी कमी आ जाने से पिछले साल दिसंबर में उसकी नौकरी चली गई.

आरोपित के नशे की लत से परेशान होकर पत्नी और बच्चे भी उसके छोड़कर मुंबई चले गए थे. अभी मेहता देहराखास में अपनी बहन प्रीति के मकान में रहता है. आर्थिक स्थिति अच्छी न होने एवं कर्जा अधिक होने से वह काफी परेशान रहने लगा था. कुछ दिनों पहले आरोपित को मुस्लिम कॉलोनी के पास एक मकान का पता चला, जिसमें एक वृद्धा अकेली रहती थी. दो मार्च को वह मुस्लिम कॉलोनी के सामने शिवराम उनियाल स्कूल के पास आया तो देखा कि मकान के बाहर वृद्धा अकेली बैठी थी। यह देख आरोपित बहाने से अंदर गया और महिला से बातचीत करने लगा.बातचीत में वृद्धा को झांसे में लेकर उनके संबंध में जानकारी की तो पता चला कि आजकल वृद्धा अकेली रह रही है और लगा कि वृद्धा के पास काफी आभूषण एवं नकदी है. हालांकि तब तो आरोपित वहां से चला गया, लेकिन अगले दिन तीन मार्च को दोपहर के समय लोगों की आवाजाही कम रहती है. इसलिए मौका देखकर आरोपित तुरंत वृद्धा के घर में घुस गया. वृद्धा से बातचीत में पीने के लिये पानी मांगा. जैसे ही वृद्धा अंदर से पानी लेकर बाहर आने लगी उसे किचन के पास पकड़ लिया, जिस पर वह चिल्लाने लगी.

आरोपित ने उसे काफी धमकाने की कोशिश की पर वह चुप नहीं हुई तो अपने चाकू से उसकी गर्दन पर वार कर दिया, जिससे वह मौके पर ही नीचे गिर गयी । उसकी गर्दन से काफी खून निकलने लगा. आपसी खींचातानी से किचन में फ्रिज और टेबल पर रखा सामान नीचे बिखर गया और फ्रिज पर रखे वाईफाई का कनेक्शन भी टूट गया.

आरोपित को जब निश्चय हो गया कि वृद्धा मर चुकी है, तब कमरों की तलाशी शुरू की तो कोई भी आभूषण नहीं मिले. कमरे में रखी एक अटैची से एक काले रंग का पर्स मिला जिसमें कैंटीन कार्ड और गाड़ी के प्रपत्र और दूसरे पर्स से 4-5 हजार रुपये रखे थे.

घटना का अनावरण  करने वाली पुलिस टीम को पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल ने 40 हजार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  देहरादून कुंवर ने 25 हजार रुपए पुरस्कार देने की घोषणा की है.

 

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