AtoZ:प्रेमी के साथ पिता और भाई की हत्यारिन बेसहारा घूमती मिली हरिद्वार में

Teenager Arrested In Haridwar Who Killed Her Father And Nine-Year-Old Brother In Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश में पिता-भाई की हत्या करने वाली किशोरी हरिद्वार में गिरफ्तार, प्रेमी ने भी छोड़ा साथ
हरिद्वार 29 मई 2024. नगर कोतवाली के पास स्थित महिला जिला अस्पताल के पास संदिग्ध अवस्था में घूमती हुई दिखाई दी। हरिद्वार लाकर उससे पूछताछ की गई। प्रेमी के साथ मिलकर मार्च माह में जबलपुर में उसने पिता और भाई की कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी थी।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेल कर्मचारी पिता और अपने नौ साल के भाई की हत्या करने वाली किशोरी को हरिद्वार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबलपुर से भी एक पुलिस टीम हरिद्वार के लिए रवाना हो चुकी है। किशोरी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पिता और भाई की नृशंस हत्या की थी और दोनों भाग गए थे।

करीब ढाई महीने पहले हुई इस घटना के बाद से पुलिस लगातार दोनों की तलाश में जुटी हुई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि मंगलवार की रात एक अवयस्क लड़की नगर कोतवाली के पास स्थित महिला जिला अस्पताल के पास संदिग्ध अवस्था में घूमती हुई दिखाई दी। उसे कोतवाली हरिद्वार लाकर पूछताछ की गई। तब उसने बताया कि वह अपने प्रेमी मुकुल के साथ हरिद्वार आई थी जो कुछ सामान लेने का बहाना बनाकर उसे छोड़कर चला गया।

दो महीने से साथ घूमे
किशोरी ने यह भी जानकारी दी कि कथित प्रेमी ने मार्च माह में जबलपुर में उसके पिता और भाई की कुल्हाड़ी मार हत्या कर दी थी। हत्या के बाद लगभग दो महीने से वह उसे अपने साथ घुमा रहा था।

नगर कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने जबलपुर पुलिस से सम्पर्क किया तो सामने आया कि प्रकरण में मुकुल कुमार को आरोपित बनाते हुए कोतवाली सिविल लाइन जबलपुर में हत्या सहित संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज है।

जबलपुर में रेलवे अधिकारी और बेटे की बेरहमी से हत्या का आरोप मृतक की बेटी और उसके आशिक पर लगा था. फिलहाल, बेटी को पकड़ लिया गया है और आरोपित मुकुल पर 30 हजार का इनाम रखा गया है

मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के बहुचर्चित पिता-पुत्र के डबल मर्डर केस में नाबालिग बेटी को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया गया है. यह गिरफ्तारी घटना के 75 दिन बाद हुई है. इस दौरान मुख्य आरोपित नाबालिग लड़की का प्रेमी मुकुल सिंह पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गया है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जबलपुर के सिविल लाइन की मिलेनियम कॉलोनी में 15 मार्च 2024 को रेलवे अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा और उनके मासूम बेटे तनिष्क की हत्या का मुख्य आरोपित मुकुल मृतक की अवयस्क बेटी और अपनी प्रेमिका छोड़कर हरिद्वार में पुलिस को चकमा देकर भाग निकला.

पुलिस को चकमा देकर आरोपित भागा
जबलपुर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने किशोरी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि डबल मर्डर का आरोपित मुकुल सिंह और मृतक की अवयस्क बेटी के हरिद्वार में होने की सूचना पर लोकल पुलिस ने छापा मारा. इस बीच लड़की को छोड़कर मुकुल भाग गया, उसकी तलाश हो रही है. जबलपुर पुलिस मृतक की बेटी को अभिरक्षा में लेने हरिद्वार रवाना हो चुकी है.

बता दें, 15 मार्च को पिता-पुत्र की निर्मम हत्या कॉलोनी में ही रहने वाले एक अन्य रेलवे अधिकारी के पुत्र मुकुल सिंह ने कर दी थी. इसमें उसका साथ मृतक की अवयस्क बेटी ने भी दिया था. हत्या के बाद वह स्कूटर लेकर कॉलोनी से बाहर निकलता दिखा था. उसके पीछे मृतक की अवयस्क बेटी भी निकली थी और फिर दोनों स्कूटर पर भाग गये थे.

पोस्टर देख लोकल ने दी थी पुलिस को सूचना
अब किशोरी के पकड़े जाने पर जल्द ही दोहरे हत्याकांड का अनावरण हो सकेगा. दोनों आरोपित 75 दिन से भागे हुए थे. उनकी तलाश में पुलिस टीमें पुणे, मुंबई, कर्नाटक, उत्तर ऊ, बिहार, बंगाल और नेपाल भी भेजी गयी थी, लेकिन उनका कोई सूत्र नहीं मिला था. मुख्य आरोपित मुकुल सिंह की जहां भी लोकेशन मिलती थी, वहां पुलिस पहुंचने के पहले ही वह स्थान बदल देता था.

पुलिस ने आरोपित की गिरफ्तारी को इनाम रखा था और उसको वांटेड होने के पोस्टर छपवाकर कई प्रदेशों में भेजे गये थे. पोस्टर देखकर हरिद्वार के एक नागरिक ने लोकल पुलिस को सूचना दी. उस आधार पर पुलिस ने घेराबंदी की तो आरोपित मुकुल भाग निकला, लेकिन किशोरी को पुलिस ने पकड़ लिया, जिसे लेने जबलपुर पुलिस की टीम हरिद्वार पहुंची.

क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि, 14-15 मार्च 2024 की दरम्यानी रात मिलेनियम कॉलोनी के ब्लॉक नंबर 363-3 में रहने वाले रेलवे अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा और उनके 8 साल के अबोध बेटे तनिष्क की निर्मम हत्या हो गयी थी. पुलिस की जांच में कॉलोनी वासी एक अन्य रेलवे अधिकारी राजपाल सिंह के बेटे मुकुल सिंह और मृतक राजकुमार की अवयस्क बेटी और आरोपी की प्रेमिका ने यह जघन्य हत्याकांड किया था.

मथुरा में कैमरे में दिखे दोनों
इससे पहले आरोपित मुकुल और उसकी प्रेमिका के मथुरा में होने की जानकारी पर पुलिस वहां पहुंची और कई प्रमुख स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की. इस दौरान आरोपित मुकुल का स्वरुप परिवर्तित दिखा .

वहीं,उसकी अवयस्क प्रेमिका गोल टोपी पहने दिखी. दोनों 10 अप्रैल की दोपहर मथुरा पहुंचे थे और वहां दो-तीन दिन रुके थे. उसके बाद वे कहां चले गए, इसका पता नहीं चल सका. इससे पहले भी पुलिस को दोनों आरोपितों के मुंबई, गोवा, पुणे और हुबली में होने की जानकारी लगी थी.

फरारी काटने में कौन कर रहा मदद?
फरारी के दौरान आरोपित के एटीएम का उपयोग करने की जानकारी लगने पर पुलिस ने मुकुल के दो और मृतक राजकुमार का एक खाता फ्रीज करा दिया था. खाता फ्रीज होने पर भी आरोपित के पास फरारी काटने को पैसे कहां से आ रहे हैं, यह आश्चर्यजनक है. पुलिस को संदेह है कि फरारी काटने में कोई आरोपित की मदद कर रहा है. पुलिस उसका पता लगाने में जुटी है.
धुरंधर अपराधी निकला जोड़ा

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार प्रमेंद्र सिंह डोभाल का कहना है कि पुलिस ने जब चेकिंग अभियान चलाया तो, पुलिस को पता चला कि जिला अस्पताल के पास में एक जोड़ा है. जिसमें लड़के का नाम मुकुल कुमार सिंह है और उसके साथ एक लड़की है. दोनों को जब पूछताछ के लिए बुलाया गया तो इसी दौरान बीच-बीच बचाव करते हुए मुकुल कुमार सिंह वहां से पुलिस को चकमा देकर भाग गया.

बेटी ने किया था पिता और भाई का कत्ल
दरअसल, इसी साल 14-15 मार्च की रात मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर की मिलेनियम कॉलोनी में एक रेलवे अधिकारी और उनके बेटे की बेरहमी के साथ हत्या कर दी गई थी. इस वारदात को रेलवे अफसर की नाबालिग बेटी ने अपने साथी मुकुल कुमार सिंह के साथ मिलकर अंजाम दिया था. वे दोनों वारदात के दिन से ही फरार चल रहे थे. तभी से वे दोनों एक साथ थे. नाबालिग लड़की ने पूछताछ में हत्या में शामिल होने की बात कबूल कर ली है. अब वो पुलिस की हिरासत में है.

अस्पताल के पास एक कपल के होने की मिली थी सूचना
नाबालिग कातिल के पकड़े जाने से पहले पुलिस लगातार इन दोनों का पीछा कर रही थी. दोनों आरोपी आगे थे और पुलिस पीछे. ये दोनों मिलकर किसी शातिर अपराधी की तरह पुलिस को पिछले 75 दिनों से चकमा दे रहे थे. इससे पहले कई ऐसे मौके आए, जब पुलिस को इन दोनों की लोकेशन तो मिली, लेकिन जब पुलिस वहां पहुंची तो ये दोनों कातिल वहां से निकल चुके थे. इसी तरह से कई बार इन दोनों ने पुलिस को चकमा दिया.

पुलिस को चकमा देकर भाग निकला मुकुल सिंह
लेकिन इस बार हरिद्वार पुलिस को इन दोनों के बारे में जानकारी मिली, तो पुलिस हरकत में आ गई. जिले के एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल का कहना है कि पुलिस ने जब चेकिंग अभियान चलाया तो, पुलिस को पता चला कि जिला अस्पताल के पास में एक जोड़ा है. जिसमें लड़के का नाम मुकुल कुमार सिंह है और उसके साथ एक लड़की है. दोनों को जब पूछताछ के लिए बुलाया गया तो इसी दौरान बीच-बीच बचाव करते हुए मुकुल कुमार सिंह वहां से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया.

लड़की ने कबूला अपना अपराध
लड़की से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह जबलपुर से आईपीसी की धारा 302, 201 में अपने पिता और अपने भाई की हत्या के आरोप में वांछित चल रही है. जब पुलिस ने जबलपुर पुलिस से संपर्क किया तो जबलपुर पुलिस ने इसकी पुष्टि कर दी. जबलपुर पुलिस अब पूछताछ के लिए हरिद्वार पहुंच रही है और पूछताछ के बाद ही लड़की को उनके सुपुर्द किया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी.

75 दिनों बाद पकड़ी गई कातिल बेटी
असल में मध्य प्रदेश के जबलपुर में 15 मार्च को हुए डबल मर्डर केस में पुलिस पिछले 75 दिन से आरोपियों की तलाश कर रही है. जबलपुर की मिलेनियम कॉलोनी में रेलवे अफसर राजकुमार विश्वकर्मा और उनके आठ साल के बेटे तनिष्क की तेजधार हथियार से वार कर के हत्या कर दी गई थी. कत्ल के बाद कातिलों ने बच्चे की लाश को फ्रिज में ठूंस कर बंद कर दिया था. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब खुद राजकुमार की बेटी ने अपने रिश्तेदारों को अपने मोबाइल फोन से एक वॉयस मैसेज भेजा था, लेकिन वो उस दिन से ही गायब है. वो अपने बॉयफ्रेंड मुकुल के साथ शहर-शहर घूम रही थी. पुलिस को चकमा दे रही थी।
लोकेशन नंबर-1 19 मार्च सुबह 8.30 बजे कलबुर्गी, कर्नाटक
कर्नाटक के कलबुर्गी के बस स्टैंड पर रोज की तरह मुसाफिरों की आवाजाही लगी है. इन्हीं मुसाफिरों के बीच लड़का-लड़की की एक जोड़ी अपनी बारी का इंतजार कर रही है, लेकिन ये वो जोड़ी है जो पुलिस के निगाहों में मोस्ट वॉन्टेड है. उन्हें मध्य प्रदेश के जबलपुर की पुलिस पिछले 47 दिनों से बेसाख्ता ढूंढ रही है. नीले रंग के एक सूटकेस और काले रंग का बैग लिए ये बस स्टैंड के वेटिंग लाउंज में कुछ देर के लिए नजर आती है. फिर आगे की सफर पर निकल जाती है.

लोकेशन नंबर-2 10 अप्रैल दोपहर 12 बजे मथुरा, उत्तर प्रदेश
कलबुर्गी से 1494 किलोमीटर दूर भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा. वक्त है दोपहर के 12 बजे. कलबुर्गी की तस्वीरों के ठीक 23 दिन बाद वही मोस्ट वॉन्टेड जोड़ी यहां भी नजर आती है. यहां दोनों की तस्वीरें तीन अलग-अलग सीसीटीवी कैमरों में क़ैद हुई हैं. एक सीसीटीवी फुटेज में दोनों एक दुकान के बाहर नजर आते हैं. लड़का कुछ देर के लिए दुकान के अंदर दाखिल होता है, जबकि लड़की उसका इंतजार करती रहती है. दूसरे फुटेज में लड़का एक एटीएम बूथ के अंदर रुपए निकालने के लिए अपनी बारी का इंतजार करता हुआ दिखता है. तीसरी और आखिरी फुटेज में दोनों कृष्ण जन्मभूमि के गेट के पास नजर आते हैं.

लोकेशन नंबर-3 11 अप्रैल दोपहर 2 बजे आईएसबीटी, चंडीगढ़
मथुरा के ठीक अगले ही दिन कातिल जोड़ी की तस्वीरें चंडीगढ़ के आईएसबीटी में कैद हुई थी. दोपहर का वक्त मोस्ट वॉन्टेड जोड़ी आईएसबीटी से अपने किसी नए सफर की शुरुआत करने जा रही है. लेकिन अब दोनों के पास लगेज पहले से ज्यादा हो चुका था. यहां दोनों के साथ पांच अलग-अलग बैग थे. एक ब्लू सूटकेस, काले रंग का एक पिट्ठू बैग, लाल रंग का एक बैग, एक स्लिपिंग बैग और एक पाउच. यहां भी पुलिस को दोनों के चार अलग-अलग सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे थे. लेकिन ये जोड़ी अब भी पुलिस और कानून के शिकंजे से बाहर थी. यानी कदम कदम पर पुलिस बेशक इस मोस्ट वॉन्टेड कपल का पीछा कर रही हो, लेकिन हक़ीकत यही है कि हर जगह पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही दोनों फरार हो चुके हो जाते थे. ये और बात थी कि अब पुलिस को उम्मीद थी कि दोनों के पास पैसों की कमी होने लगी हैं और ऐसे में दोनों जरूर ऐसी कोई ना कोई गलती करेंगे, जिससे पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब हो जाएगी.

पुलिस के लिए उलझ गई थी ये मौत की पहेली
तीन अलग-अलग शहरों की अलग-अलग लोकेशन पर सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुई हत्यारी जोड़ी पिछले 75 दिनों से पुलिस को पानी पिला रही थी. मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हतयारी जोड़ी ने लड़की के पिता और भाई को ऐसी दर्दनाक मौत दी कि लाश देखने वालों तक की आत्मा कांप गई । हत्या  15 मार्च को हुई थी. लेकिन अब हत्या के इतने समय  के बावजूद इस केस के दोनों आरोपित पुलिस के लिए  ऐसी पहेली बन गए थे, जो सुलझाए नहीं सुलझ रही थी. पुलिस दोनों की लोकेशन ट्रैक करते हुए पहुंचती उससे पहले वो गायब हो जाते थे।
बॉर्डर पर मिली थी लोकेशन
ऐसा 75 दिनों से बार-बार हो रहा था. लेकिन अब पुलिस को इस केस की पड़ताल में चौंकाने वाली बातें पता चली हैं. ये बातें मर्डर मिस्ट्री की साजिश से जुड़ी होने के साथ-साथ, दोनों की फरारी के बाद उनकी मूवमेंट से जुड़ी हैं. कुछ दिनों पहले पुलिस को दोनों की लोकेशन भारत बांग्लादेश और भारत नेपाल बॉर्डर पर भी पता चली थी, जिससे पुलिस को शक हो रहा था कि शायद अब दोनों विदेश भागने के फिराक में हैं. लेकिन पुलिस ने बॉर्डर पर तमाम सिक्योरिटी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया था. पुलिस को लग रहा था कि दोनों भारत के ही किसी शहर में छुपने की कोशिश कर रहे हैं.

वारदात से महीने भर पहले रच डाली था हत्या का षड्यंत्र
मामले की छानबीन में पता चला था कि इस हत्या का षड्यंत्र मुकुल सिंह ने काफी पहले रच लिया थी और करीब महीने भर से वो इसकी प्लानिंग कर रहा था. पुलिस की मानें तो इस षड्यंत्र में खुद राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी भी मुकुल सिंह का साथ दे रही थी. मुकुल ने करीब महीने भर पहले से हत्या को शस्त्र और दूसरे साजो सामान खरीदने शुरू कर दिए थे. लेकिन वो इतना चतुर है कि उसने ये सामान किसी लोकल स्टोर से नहीं बल्कि ऑनलाइ खरीदा, ताकि मैन टू मैन कॉन्टैक्ट ना को बराबर हो और उसे ट्रेस करना मुश्किल हो।
ऑनलाइन खरीदे थे कत्ल के लिए हथियार
सबसे पहले उसने दो चॉपर खरीदे और इनकी डिलिवरी के लिए अपने घर का पता देने की जगह रेलवे स्टेशन के नजदीक के एक और मकान का पता दे दिया था. इसके बाद डिलिवरी बॉय से कॉन्टैक्ट कर चॉपर कलेक्ट कर लिया था. चॉपर को उसने अपने घर में नहीं बल्कि अपने गैरेज नंबर 361/6 में छिपा दिया था. इसी तरह उसने गैस कटर और हैंड ग्लव्स जैसी चीजें भी ऑनलाइन खरीदी थीं, जिसका इस्तेमाल उसने क़त्ल करने में किया था. इसके बाद जब बाप-बेटे की लाश का पोस्टमार्टम हुआ, तो पता चला कि क़ातिल ने किस बेरहमी से दोनों की जान ली. राजकुमार विश्वकर्मा पर चॉपर से 10 वार किए गए, जबकि मासूम बच्चे पर 6 वार. इस वार से दोनों के सिर की हड्डियां टूट गईं और बच्चे के सिर की हड्डी तो एक ही वार से टूट गई.

कातिल बेटी गिरफ्तार
दोनों को दबोचने को पुलिस की प्लानिंग और कोशिशें जारी थी. आरोपित मुकुल सिंह को दो बैंक एकाउंट हैं, लेकिन उनमें ज्यादा पैसे नहीं थे. लेकिन राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी अपने पिता का डेबिट कार्ड और मां के जेवर लेकर निकली थी. दोनों इसी डेबिट कार्ड से अब तक अलग-अलग शहरों में घूम-घूम कर पैसे निकाल रहे थे. वो जिस शहर में पैसे निकलते थे, वहां फोन स्विच्ड ऑफ कर देते थे. जबकि नई जगह पहुंचने पर फोन फिर से ऑन होता था. पहले तो पुलिस ने उन्हें ट्रैक करने के लिए उनके बैंक खातों को खुला ही रहने दिया था, लेकिन अब उनके पैसे भी खत्म हो चले थे. पुलिस ने उसके एकाउंट सील करवा दिए थे. ऐसे में उनके लिए आगे भागना मुश्किल हो रहा था. और अब कातिल बेटी हरिद्वार में पकड़ी गई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *