सहकर्मियों ने ले ली बैंककर्मी शिवानी की जान
रुला देगा शिवानी का सुसाइड नोट: ‘अब बर्दाश्त नहीं हो रहा…’ बैंक कर्मी ने खत्म कर ली जिंदगी; धरा गया सेल्स मैनेजर
Bank Employee Suicide Case एक्सिस बैंक Axis Bank कर्मी शिवानी की मौत के मामले में पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। शिवानी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि मुझे बंदरिया कहते हैं। अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है इसलिए मैं अपनी जिंदगी को यहीं पर Stop कर रही हूं। यह पांच पेज का सुसाइड नोट आपको भी रुला देगा।
मुख्य बिंदु
बैंक कर्मी की मौत के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार।
शिवानी ने लिखा था पांच पेज का सुसाइड नोट।
बंदरिया कहने पर खा लिया जहर।
गाजियाबाद 18 जुलाई 2024। Bank Employee Suicide Case नोएडा के एक्सिस बैंक( Axis Bank )के सर्किल ऑफिस में नौकरी करने वाली शिवानी की मौत के मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है।
एक्सिस बैंक के सर्किल ऑफिस में कार्यरत नंदग्राम निवासी युवती ने सहकर्मियों के व्यवहार से परेशान होकर जान दे दी थी। युवती ने पांच पेज का सुसाइड नोट भी लिखकर छोड़ा है, जिसमें अपनी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए स्वजन से अनुरोध किया हुआ है।
आरोपित मौहम्मद अकरम ने शिवानी का त्याग पत्र स्वीकार करने के बजाय उसको टर्मिनेट करवाया था, जिससे उसे दूसरी जगह नौकरी प्राप्त करने में भी परेशानी आती। इससे परेशान होकर युवती अवसाद में चली गई थी।
एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह ने बताया कि पकड़ा गया आरोपित मोहम्मद अकरम मुरादाबाद के मैनाठेर निवासी है। वह बैंक में सेल्स मैनेजर और शिवानी का निकटतम उच्चाधिकारी व टीम लीडर था।
मानसिक उत्पीड़न का मामला
युवती के भाई ने नंदग्राम थाने में चार-पांच सहकर्मियों पर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला मुकदमा लिख कार्रवाई शुरू कर दी है।
एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट के पद पर काम करती थी शिवानी
घूकना क्षेत्र के हरी नगर निवासी गौरव त्यागी ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि उनकी बहन शिवानी त्यागी एक्सिस बैंक के नोएडा सेक्टर-128 स्थित सर्किल हाउस में एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट थी। कार्य स्थल पर उसके सहकर्मी पिछले पांच-छह महीने से परेशान कर रहे थे। उसके काम में कमी निकालना, उसका उत्पीड़न करना, ताने देना और उसकी शिकायत पर कोई सुनवाई न होने से तंग आकर युवती ने बीते शुक्रवार शाम जहर खा लिया। युवती को स्वजन एमएमजी जिला अस्पताल ले गए। वहां से युवती को जीटीबी अस्पताल रेफर किया गया जहां इलाज में युवती ने दम तोड़ दिया।
परिजनों के अनुसार, युवती ने पांच पेज का सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें सभी आरोपितों के नाम लिखे हैं। गौरव त्यागी की शिकायत पर नंदग्राम थाने में ज्योति चौहान, मोहम्मद अकरम और नजमुश साकिब समेत अन्य पर मुकदमा लिखा गया है।
शिवानी की कुर्सी पर खाना खाकर किया गंदा
शिवानी ने अपने सुसाइड नोट में एक दिन विवरण लिखा है, कि 29 जून को सहकर्मियों ने लंच किया, जिसमें ज्योति चौहान ने शिवानी त्यागी की कुर्सी पर बैठकर खाना खाया। मेज साफ न करने पर शिवानी ने टोका तो उससे अभद्रता कर धमकी दी गई। उन्होंने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की, लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की।
जबरन नॉनवेज खाने का दबाव
शिवानी की मां का दावा ह कि उनकी बेटी को कार्यस्थल पर परेशान किया जाता था। खासतौर पर मुस्लिम सहकर्मी उसे निशाना बनाते थे। लंच में वे नॉनवेज लेकर आते थे और उस पर जबरन नॉनवेज खाने का दबाव बनाते थे जबकि उनकी बेटी शाकाहारी थी, वह मना करती तो उसके खाने में नॉनवेज डाल देते थे।
अक्टूबर में नौकरी शुरू की थी
शिवानी ने 21 अक्टूबर 2023 को एक्सिस हाउस में काम शुरू किया था। शिवानी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनकी सहकर्मी ज्योति चौहान बहुत परेशान करती है। तलाकशुदा, बंदरिया कभी दिमाग से पैदल बोला जाता था। नौ जुलाई को शिवानी के साथ ज्योति चौहान की बहस हो गई। ज्योति ने उनका हाथ पकड़कर मोड़ दिया। दर्द ज्यादा होने पर शिवानी ने ज्योति के थप्पड़ मार दिया।
इसके बाद मामले की जांच बैठी, जिसमें प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शिवानी ने पहले थप्पड़ मारा। शिवानी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि छह महीने से परेशान होने की वजह से अब दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
कानून सच्चा तो सजा मिले
मैं अब इतनी डिस्टर्ब हो गई हूं कि मैं अपनी लाइफ यहीं पर स्टाप कर रही हूं, सिर्फ और सिर्फ इन लोगों की वजह से। मैं चाहती हूं कि अगर कानून सच्चा है तो इन सभी को ऐसी सजा दी जाए कि यह फिर दोबारा किसी और की जिंदगी न छीन सकें। सुसाइड नोट में ही आरोपितों का नाम लिखकर शिवानी ने लिखा है कि मुझे इन सभी ने मरने कोशिश मजबूर किया है। इन लोगों की वजह से मैं सुसाइड कर रही हूं।
टर्मिनेशन का ईमेल मिलते ही खा लिया जहर
मृतका ने पांच पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने दो प्रबंधकों सहित अपने छह सहकर्मियों को अपनी पीड़ा का कारण बताया है।
एक्सिस बैंक ने शिवानी गुप्ता के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त कर पुलिस की जांच में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
एक्सिस बैंक की नोएडा सेक्टर 128 शाखा में कार्यरत 27 वर्षीय शिवानी ने नौकरी से निकाले जाने का ईमेल मिलने के कुछ घंटों बाद ही अपने घर आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट के अनुसार मृतका की पहचान शिवानी गुप्ता के रूप में हुई है, उसने पांच पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने दो मैनेजरों समेत अपने छह सहकर्मियों का नाम लिया है।
गुप्ता ने पिछले शुक्रवार को अपने कमरे में जहर खाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।सुसाइड नोट के अनुसार शिवानी गुप्ता के सहकर्मी उन्हें “तलाकशुदा” और “बंदरिया” कहकर बुलाते थे।
सुसाइड नोट में शिवानी ने आरोप लगाया कि पिछले छह महीनों से वह अपने छह सहकर्मियों के कठोर व्यवहार का सामना कर रही थी, जिससे उसे मानसिक और शारीरिक पीड़ा हो रही थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके सहकर्मियों ने न केवल उनके खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया, बल्कि उन पर शारीरिक हमला भी किया।
मानसिक तनाव से निपटने को उन्होंने विमहांस के मनोचिकित्सक से भी परामर्श लिया था।
नोट में उसने अपनी मुख्य उत्पीड़क के रूप में एक महिला सहकर्मी की पहचान की थी, जो अक्सर छोटी-छोटी बातों पर बहस कर उसे “बंदरिया” और “दिमाग से पागल” जैसे नामों से अपमानित करती थी।
सुसाइड नोट के अंतिम पृष्ठ पर शिवानी ने अपने भाई को परिवार की देखभाल करने की जिम्मेदारी सौंपी है तथा अपने सहकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है।
उसने पिन सहित अपने बैंक विवरण भी बताए थे।
उनके भाई गौरव गुप्ता ने उनके बैंक सहकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
एक्सिस बैंक ने शिवानी गुप्ता के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है और पुलिस जांच में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।बैंक ने यह भी कहा कि उसने एक निजी एजेंसी की सेवाएं ली हैं जिसके कर्मचारी उसकी शाखा से काम कर रहे हैं।
पुलिस मामले की जांच कर रही है। नंदग्राम एसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया , “हमने नोट की प्रामाणिकता की पुष्टि के लिए उसे हस्तलेखन विशेषज्ञों को सौंप दिया है। उसके सहकर्मियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।”
युवती के भाई की शिकायत पर आरोपितों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच के आधार पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। – रवि कुमार सिंह, एसीपी नंदग्राम