नैनीताल में कांग्रेस पर पलटवार कर सकती हैं भाजपा,धामी और सरिता आर्य पर नजर

भाजपा में सेंध लगने के बाद क्या होगा पलटवार! धारचूला विधायक हरीश धामी कांग्रेस छोड़ेंगे या थामेंगे बीजेपी का साथ? जानिए क्या बोले हरीश रावत के नजदीकी

भाजपा में सेंध लगने के बाद क्या होगा पलटवार! धारचूला विधायक हरीश धामी कांग्रेस छोड़ेंगे या थामेंगे बीजेपी का साथ? जानिए क्या बोले

उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव-2022 से पहले भाजपा-कांग्रेस पार्टियां एकदूसरे में सेंध लगाने में जुटी हुईं हैं। इसी के बीच, धारचूला विधायक हरीश धामी के कांग्रेस छोड़ भाजपा को ज्वाइन करने की खूब चर्चाएं चल रही हैं। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य सहित बेटे संजीव आर्य के कांग्रेस को पुन: ज्वाइन करने के बाद धामी का नाम भी राजनीतिक गलियारों में काफी उछल रहा है।

राजनैतिक अटकलों के बीच धारचूला विधायक हरीश धामी ने साफ किया है कि वह किसी भी सूरत में कांग्रेस छोड़ भाजपा या अन्य राजनैतिक पार्टी का दामन नहीं थामेंगे। धामी ने कहा कि वह राहुल गांधी और हरीश रावत सहित कांग्रेस पार्टी के लिए वफादार है। कहा कि अगर उन्हाेंने कांग्रेस का हाथ छोड़ भी दिया तो वह निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे।

धामी ने चिंता व्यक्त करते हुए कि पार्टी (कांग्रेस) के अंदर ही कुछ लोग उनको बदनाम करने में जुटे हुए हैं। धामी कहते हैं कि वह कांग्रेस का हाथ किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेंगे। आपको बता दें कि धामी ने 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए सीट छोड़ी थी, जिसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था।

उधर, कई दिनों से चल रही चर्चाओं पर मुहर लगाते हुए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके पुत्र नैनीताल विधायक संजीव आर्य वापस कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। लेकिन पार्टी में संजीव की एंट्री के साथ ही नैनीताल कांग्रेस में बगावत के संकेत दिखने लगे हैं। पूर्व विधायक सरिता आर्य ने साफ कर दिया है कि वह पांच साल से कांग्रेस को मजबूत करने में लगी हैं। 2022 में चुनाव लड़ने की उनकी मंशा रही है।

ऐसे में यदि शीर्ष नेतृत्व ने गलत निर्णय लिया, तो मुझे भी सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा। हालांकि कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं करने जा रही हैं। यह शीर्ष नेतृत्व के निर्णय पर निर्भर करेगा। तेजी से बदले हालात के बीच विधानसभा चुनाव में नैनीताल सीट से संजीव आर्य को कांग्रेस का टिकट देने की चर्चाएं जोरों पर हैं।

ऐसे में कई साल से कांग्रेस के लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर रहे हैं। यशपाल व उनके बेटे संजीव के कांग्रेस को पुन: ज्वाइन करने के बाद पार्टी की भी मुश्किलें भी जरूर बढ़ी हैं। विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी नुकसान से बचने के लिए कांग्रेस को हर हाल में अंसतुष्टों को मनाने के लिए ठोस रणनीति बनाकर कदम उठाना होगा।

भाजपा नैनीताल में कर सकती है पलटवार

संजीव के कांग्रेस में आने के साथ ही भाजपा भी यहां चौंकाते हुए पलटवार कर सकती है। सोमवार को सुबह से ही कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच दलबदल का जवाब देने को लेकर राजनीतिक चर्चाएं जोरों पर रहीं। यदि कांग्रेस अपने नेताओं को मैनेज करने में नाकाम रही तो आने वाले दिनों में कांग्रेस के कुछ चेहरे भाजपा के खेमे में नजर आ सकते हैं। इस आरक्षित सीट पर भाजपा के पास फिलहाल कोई जाना पहचाना चेहरा भी नहीं है। पर आने वाले दिनों में समीकरण तेजी से बदल सकते हैं।

… तो हमें भी कुछ सोचना पड़ेगा

हम संजीव आर्य का पार्टी में स्वागत करते हैं। पर यदि वह टिकट की शर्त पर आए हैं, तो उन्हें नैनीताल के अलावा कहीं और से टिकट दिया जाए। कांग्रेस पार्टी ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया है और मैं पार्टी के साथ हूं। पर हम पांच साल से अपना पैसा और समय खर्च करके मुश्किल समय में पार्टी को मजबूत बनाने में लगे रहे। 2016 में जब हमारी सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन लगा और तो कई नेता पार्टी को मझधार में छोड़ कर चले गए। इतने मुश्किल समय में भी हम पार्टी का दामन थामे रहे। मेरी मंशा 2022 में चुनाव लड़ने की है। यदि पार्टी नेतृत्व में यदि गलत निर्णय लिया तो हमें भी कुछ सोचना पड़ेगा।
सरिता आर्य, पूर्व विधायक, नैनीताल.   .

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