नेहरू म्यूजियम का नाम बदलने से भड़की परिवारवादी कांग्रेस को नड्ढा ने दिया जवाब

Jp Nadda Replied To Kharge Over Nehru Museum Name Changed To Pm Museum And Library Delhi

एक परिवार के लिए बाकी प्रधानमंत्री की विरासत मिटाई… नेहरू म्यूजियम नाम विवाद पर खरगे को नड्डा ने दिया जवाब

नेहरू म्यूजियम का नाम बदलने पर भड़के खरगे, नड्डा ने भी दे दिया जवाब
दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम अब प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा। इसे लेकर अब राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने है। दोनों ओर से बयानबाजी जारी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अब खरगे के ट्वीट का जवाब दिया है।

हाइलाइट्स
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जेपी नड्डा का जवाब
कहा- कांग्रेस ने एक परिवार के लिए बाकी पूर्व प्रधानमंत्रियों की विरासत मिटाने का काम किया
कहा-प्रधानमंत्री संग्रहालय में सभी प्रधानमंत्रियो को सम्मान दिया गया है

नई दिल्ली16 जून: राजधानी दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी करने के केंद्र सरकार के फैसले पर देश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर तमाम शीर्ष नेताओं ने इसका विरोध जताया है। अब कांग्रेस को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि, कांग्रेस ने सिर्फ एक परिवार की विरासत को बचाने के लिए अन्य सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की विरासत को मिटाने का काम किया है।

कांग्रेस के पास विजन का अभाव- नड्डा

खड़गे के ट्वीट पर एक के बाद एक सिलसिलेवार तरीके से कई ट्वीट के जरिए रिप्लाई करते हुए नड्डा ने कहा कि कांग्रेस का रवैया राजनीतिक अपच का उत्कृष्ट उदाहरण है। वह एक साधारण तथ्य को स्वीकार करने में असमर्थ है कि एक वंश से परे हटकर भी ऐसे नेता हैं, जिन्होंने हमारे देश की सेवा की है। देश का निर्माण किया है। प्रधानमंत्री संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है और कांग्रेस के पास इस प्रयास को समझने के लिए विजन का अभाव है। प्रधानमंत्री संग्रहालय के मुद्दे पर खड़गे के रवैये को विडंबनापूर्ण बताते हुए नड्डा ने आगे कहा कि उनकी पार्टी का एकमात्र योगदान पिछले सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत को मिटाना रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल एक परिवार की विरासत बची रहे।
नड्डा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय में सभी प्रधानमंत्रियों को सम्मान दिया गया है। पंडित नेहरू से संबंधित सेक्शन को कम नहीं किया गया है। इसके विपरीत इसकी प्रतिष्ठा बढ़ा दी गई है। जिस पार्टी ने देश पर 50 साल से ज्यादा राज किया उसकी तुच्छता वाकई दुखद है। यही कारण है कि लोग भी उन्हें नकार रहे हैं।

 

खरगे ने अपने ट्वीट में क्या कहा था?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नेहरू म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री  म्यूजियम एंड लाइब्रेरी करने पर लंबा-चौड़ा ट्वीट किया। खरगे ने अपने ट्वीट में लिखा था कि जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं। नेहरू म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के व्यक्तित्व को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती !

केंद्र सरकार ने नेहरू म्यूजियम का नाम बदला:प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी किया; खड़गे बोले- यह केंद्र की तानाशाही

1929-30 में बना तीन मूर्ति हाउस भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। अगस्त 1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली के तीन मूर्ति भवन स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल दिया। इसका नया नाम प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी (PMMS) कर दिया। सोसाइटी के उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की एक बैठक में नाम बदलने का फैसला किया गया।

पिछले साल अप्रैल में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया

इससे पहले 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार किया था। कांग्रेस के विरोध के बावजूद, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया। 21 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। तब भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया था।

21 अप्रैल, 2022 को PM मोदी ने इसी परिसर में प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। इसमें देश के सभी प्रधानमंत्रियों की जानकारी दी गई है।

संस्कृति मंत्रालय ने नाम बदलने की जानकारी दी

संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार को प्रेस रिलीज में बताया तीन मूर्ति भवन, जहां NMML स्थित है। यहां नेहरू सहित भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को प्रदर्शित करने वाला प्रधानमंत्री संग्रहालय भी है। पहले इस संग्रहालय का नाम नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी था, अब इसे बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी कर दिया गया है।

पंडित नेहरू का आधिकारिक निवास रहा यह भवन

एडविन लुटियंस के शाही राजधानी के हिस्से के रूप में 1929-30 में बना तीन मूर्ति हाउस भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। अगस्त 1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया। 27 मई 1964 को नेहरू का निधन हो गया। पंडित नेहरू 16 साल तक यहां रहे थे।

1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया। पंडित नेहरू की 75वीं जयंती पर 14 नवंबर को इसे स्मारक बना दिया गया था।

1964 में नेहरू स्मारक संग्रहालय बनाया गया था

नेहरू के निधन के बाद तत्कालीन सरकार ने फैसला किया कि तीन मूर्ति हाउस जवाहरलाल नेहरू को समर्पित किया जाना चाहिए। तब की सरकार ने इसमें एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय बनाने का प्रस्ताव रखा।

14 नवंबर, 1964 को नेहरू की 75वीं जयंती पर तत्कालीन राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन ने तीन मूर्ति भवन राष्ट्र को समर्पित किया और नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन किया। इसके दो साल बाद, संस्था के प्रबंधन को NMML सोसायटी स्थापित की गई और तब से यही बनी हुई थी।

सोसाइटी के अध्यक्ष PM मोदी हैं

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। इसके 29 सदस्यों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर शामिल हैं।

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नेहरू मेमोरियल म्‍यूजियम में जब हुई थी चोरी, पूर्व पीएम को सऊदी अरब से मिला क्‍या था वो गिफ्ट?

सेंगोल अभी तक नेहरू के ड्राइंगरूम या बाथरूम में पड़ा रहता था, BJP सांसद सत्यदेव पचौरी के बिगड़े बोल
नेहरू मेमोरियल म्‍यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल गया है। इसे अब ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी’ के नाम से जाना जाएगा। इस संग्रहालय में परिंदा भी पर नहीं मार सकता। लेकिन, कुछ साल पहले म्‍यूजिय में चोरी हुई थी। इस चोरी में नेहरू को सऊदी अरब से मिली कटार चुराई गई थी।

हाइलाइट्स
म्‍यूजियम में परिंदा भी नहीं मार सकता है पर
कुछ साल पहले हुई थी म्‍यूजियम में चोरी
चोरों ने चुराई थी पंडित नेहरू को मिली कटार

आज दिनभर नेहरू मेमोरियल म्‍यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) की चर्चा रही। दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में बने NMML का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी’ कर दिया गया है। इसे लेकर कांग्रेस आगबबूला है। उसने तीखी प्रतिक्रिया दी है। तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास था। इसमें नेहरू से जुड़ी कई चीजें मौजूद हैं। कुछ साल पहले यहां चोरी भी हुई थी। हाई सिक्‍योरिटी वाले इस संग्रहालय से नेहरू को सऊदी अरब से मिली कटार को चोर उड़ा ले गए थे। यह और बात है कि बाद में इसे बरामद कर लिया गया था।
यह बात 2016 की है। चोरों ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सऊदी अरब से गिफ्ट में मिले कटार को चुरा लिया था। इस चोरी में दो हाउसकीपर्स को गिरफ्तार किया गया था। सीसीटीवी कैमरे में कोई फुटेज न मिलने के कारण पुलिस के हाथ पांव फूल गए थे। गिफ्ट गैलरी में ग्‍लासफ्रेम तोड़कर इसे निकाला गया था।

पुलिस ने दो लोगों को किया था ग‍िरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने राम चंदर और उसके सहयोगी संदीप कुमार नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था। राम चंदर हाउसकीपर था। कर्ज उतारने को दोनों ने चोरी की थी। चोरी वाले दिन चंदर ने कुमार को बाहर से नजर रखने को बोला था। चंदर एग्जिट गेट से म्‍यूजियम में घुसा था। कटार चुराकर उसने कुमार को सुपुर्द कर दी थी।

तब मचा था काफी हो-हल्‍ला

म्‍यूजियम में इस चोरी के बाद काफी हो-हल्‍ला मचा था। कारण है कि संग्रहालय की सुरक्षा के लिए भारी सिक्‍योरिटी रहती है। निजी सुरक्षाकर्मियों के साथ भारतीय-तिब्बत सुरक्षा बल बाहरी क्षेत्र में तैनात रहता है। गिफ्ट गैलरी में और भी गिफ्ट थे और कटार के साथ सभी गिफ्ट का स्थान समय-समय पर बदला जाता था।
शुक्रवार को नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी (एनएमएमएल) का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी’ कर दिया गया। इसे लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई।

 

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