नवप्रभात कांग्रेस की नई टीम में मिसफिट,कहा- सीएम चेहरे से ही बनवा लो चुनाव घोषणापत्र

मिशन 2022: फेरबदल के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में विरोध, पूर्व विधायक नवप्रभात ने मेनिफेस्टो अध्यक्ष पद किया अस्वीकार
देहरादून  23 जुुलाई।कांग्रेसी नेता हरीश धामी के बाद अब नवप्रभात ने भी इस फेरबदल का विरोध जताया है। बता दें कि गुरुवार की रात उत्तराखंड कांग्रेसी खेमे में बड़ा बदलाव किया गया।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव कमेटी की कमान

विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ा चुनावी फेरबदल कर सबको खुश करने की पूरी कोशिश की, लेकिन फिर भी विरोध से सुर उठ रहे हैं।

पहले धारचूला विधायक हरीश धामी द्वारा चुनाव कमेटी की कुछ नई नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी देने की चर्चा थी और अब कांग्रेसी नेता हरीश धामी के बाद अब विकासनगर के पूर्व विधायक नवप्रभात ने भी इस फेरबदल का विरोध जताया हैै।

विकासनगर के पूर्व विधायक नवप्रभात को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।  नवप्रभात ने बताया कि जब चुनाव किसी चेहरे को सामने रखकर लड़ा जाना है तो मेनिफेस्टो बनाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर होनी चाहिए। उन्होंने मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष पद अस्वीकार किए जाने के संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया है। असल में पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र नवप्रभात ने ही बनाया था और इस बार वे भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार थे। उन्हे अध्यक्ष न सही तो कम से कम किसी महत्वपूर्ण दायित्व की तो उम्मीद थी ही।

वहीं अब धारचूला विधायक हरीश धामी का कहना है कि मेरी किसी से कोई नाराजगी नहीं है और न ही मैंने पार्टी छोड़ने का कोई बयान दिया है। हम ने जो मांगा था वह हमें मिल गया है।कहा कि हम 2022 मैं हरीश रावत के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहते थे। अध्यक्ष पद पर किसी ब्राह्मण नेता की नियुक्ति के साथ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को बनाए जाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ पदों पर जरूर ऐसे लोगों की नियुक्ति कर दी गई है जो नहीं की जानी चाहिए थी। इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच जरूर नाराजगी है।

पिथौरागढ़ जिले की धारचूला सीट से विधायक हरीश धामी को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबियों में शुमार किया जाता है। पार्टी हाईकमान ने 26 दिन की कसरत के बाद प्रदेश संगठन में फेरबदल किया। कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष आर्येंद्र शर्मा को सौंपी गई है। विधानसभा चुनाव में वित्तीय प्रबंधन के लिहाज से इस नियुक्ति को अहम माना जा रहा है।

आर्येंद्र को हरीश रावत के विरोधी खेमे का माना जाता है। यही वजह है कि धामी को यह नियुक्ति सख्त नागवार गुजरी। उनकी नाराजगी की चर्चा इंटरनेट मीडिया पर जोर पकड़ गई।बताया गया कि उन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले और फिर छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किए गए आर्येंद्र शर्मा की नई जिम्मेदारी को लेकर आपत्ति है

धामी का कहना है कि ऐसे व्यक्ति को कोषाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद नहीं सौंपा जाना चाहिए। यही नहीं उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष अधिक बनाए जाने को लेकर भी आपत्ति है। मीडिया से बातचीत में धामी ने अपनी आपत्ति को सही बताया। सूत्रों की मानें तो धामी से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दूरभाष पर संपर्क कर मनाने की कोशिश की। फिलहाल धामी ने अपने रुख पर कायम रहने के संकेत दिए हैं

राहुल गांधी से मिले गणेश गोदियाल

वहीं उत्तराखंड कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल शुक्रवार को राहुल गांधी से मिले। उनके साथ पार्टी प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी मौजूद रहे। राहुल गांधी ने गणेश गोदियाल को शुभकामनाएं दीं।

खेमे, जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने का भी प्रयास
कई बैठकों के बाद आखिरकार कांग्रेस आलाकमान ने 2022 के विधानसभा चुनाव अभियान के लिए गुरुवार को अपनी सेना का एलान कर दिया। कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब कांग्रेस के एक प्रदेश अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के फार्मूले को उत्तराखंड में लागू किया है।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव कमेटी की कमान सौंपकर पार्टी ने भविष्य की संभावनाओं की ओर भी इशारा किया है।

पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जहां हरीश रावत खुश किया गया तो वहीं कुमाऊं से भुवन कापड़ी और तिलक राज बेहड़ को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष पद से विदा हुए प्रीतम सिंह को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है।

गढ़वाल से पूर्व विधायक प्रोफेसर जीतराम को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया तो वहीं रंजीत रावत को भी यही महत्व  मिला। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय कांग्रेस समन्वय समिति की कमान सौंपी गई। इसी तरह नव प्रभात, प्रदीप टम्टा, नेता प्रतिपक्ष स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश को भी महत्व दिया गया।

उधर,प्रीतम सिंह जाते,-जाते भी महेश जोशी , नवीन नयाल,मीना रावत आदि दर्जनों लोगों को प्रदेश में सचिव आदि के पद बांट गए हैं। देखना होगा कि गोदियाल अपनी नई टीम बनाते हैं कि प्रीतम की टीम से ही काम चलाते हैं।

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