भौतिक संपदा प्राप्ति न हो यज्ञ, पूजा का उद्देश्य, ऋषिकेश नवचंडी महायज्ञ समापन
लोक कल्याण हेतु शक्ति प्रतीक नवचंडी महा यज्ञ का योगी प्रियव्रत अनिमेष जी द्वारा ऋषिकेश में समापन
ऋषिकेश 05 जून 2021: योगी श्री प्रियव्रत अनिमेष जी द्वारा मानव एवं राष्ट्र कल्याण हेतु अनुष्ठानों की श्रृंखला में
विगत दिनों हरिद्वार में महाकुंभ के अवसर पर शिव आवाहन अनुष्ठान के पश्चात ऋषिकेश स्थित “नेचुरल विले”
रिसोर्ट में 4 जून को नवचंडी यज्ञ का समापन हुआ । योगी श्री प्रियव्रत अनिमेष जी की अगुवाई में किये गए नवचंडी यज्ञ के बारे में ऐसी मान्यता है कि यह यज्ञ धन, शक्ति, समृद्धि एवं सफलता प्रदान करता है तथा शत्रु और बुरे ग्रहों के परिणाम को भी दूर करता है !
योगी श्री प्रियव्रत अनिमेष के अनुसार, “नवचंडी यज्ञ शक्ति प्रतीक है ।इसमें कार्मिक तौर पर भगवान गणेश,भगवान शिव, नवग्रह और नवदुर्गा का आह्वान और आशीर्वाद प्राप्त होता है” । उन्होंने आगे सचेत किया कि यद्यपि यज्ञ से भौतिक लाभ भी प्राप्त होते हैं, किन्तु आध्यात्मिक दृष्टि से हवन, यज्ञ और पूजाओं का उद्देश्य भौतिक संपदा की प्राप्ति नहीं होना चाहिए।
योगी जी ने बताया कि नवचंडी यज्ञ सनातन धर्म में बहुत शक्तिशाली है, यह एक असाधारण और अतुलनीय महायज्ञ है। इसके करने से नकारात्मक शक्तियों से बचाव और स्वयं के विचारों को विराट बनाने की शक्ति मिलती है ।