एनसीपी,टीएमसी,सीपीआई से छिना राष्ट्रीय पार्टी स्तर,आआपा नई राष्ट्रीय पार्टी,आरएलडी अब राज्यस्तरीय पार्टी भी नहीं
NCP, TMC और CPI से नेशनल पार्टी का दर्जा छिना:देश में 6% से कम वोट शेयर होना वजह; AAP अब राष्ट्रीय पार्टी
नई दिल्ली 10 अप्रैल। चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई से नेशनल पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है। आम आदमी पार्टी (AAP) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। अब छह राष्ट्रीय पार्टियां हैं- भाजपा, कांग्रेस, बीएसपी, माकपा, एनपीपी और आप। इसके अलावा राष्ट्रीय लोक दल से राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा वापस लिया गया है। जयंत चौधरी की इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभाव है।
गुजरात में AAP को करीब 13% वोट शेयर मिले थे
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (AAP) को नेशनल पार्टी का दर्जा दिया है। नेशनल पार्टी के लिए AAP को गुजरात या हिमाचल में 6% से ज्यादा वोट शेयर पाने की जरूरत थी। गुजरात में AAP को करीब 13% वोट शेयर मिला है। ऐसे में वह नेशनल पार्टी बन गई है। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है। AAP इससे पहले 3 राज्यों दिल्ली, पंजाब और गोवा में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।
राज्य पार्टी का दर्जा छिना
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल (RLD), पश्चिम बंगाल में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), आंध्र प्रदेश में भारत राष्ट्र समिति (BRS), मणिपुर में PDA, पुडुचेरी में PMK और मिजोरम में MPC का राज्य पार्टी का दर्जा छिन गया है।
ये नई राज्य पार्टी
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को नगालैंड में, टिपरा मोथा पार्टी को त्रिपुरा में, मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपुल पार्टी को राज्य पार्टी की मान्यता मिली है।
राष्ट्रीय पार्टी के नियम जानिए
किसी पार्टी को निम्न तीन नियमों में से कम से कम एक पूरा करने के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी का तमगा दिया जाता है।
पहला: पार्टी को कम से कम चार राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल हुआ हो।
दूसरा: लोकसभा की कुल सीटों में से 2 फीसदी सीटें कम से कम तीन राज्यों से मिली हों।
तीसरा: पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिला हो।
राष्ट्रीय पार्टी को मिलने वाले फायदे
राष्ट्रीय पार्टियां अपना सिंबल या चुनाव चिन्ह देशभर में सुरक्षित कर सकती हैं। राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रख सकती हैं साथ ही इनके यात्रा खर्च को उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं रखा जाता है। राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टियों को सब्सिडी दर पर पार्टी अध्यक्ष और पार्टी कार्यालय के लिए एक सरकारी बंगला किराए पर मिलता है।
आम चुनावों के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों को आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए ब्रॉडकास्ट और टेलीकास्ट बैंड्स मिलते हैं। यानी राष्ट्रीय पार्टियों को सरकारी चैनलों पर दिखाए जाने का समय तय होता है।
राष्ट्रीय पार्टियों को नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक प्रस्तावक की जरूरत होती है। अन्य पार्टियों को 2 प्रस्तावक चाहिए। अनरिकग्नाइज्ड पार्टियों और निर्दलीयों को 5 प्रस्तावकों की जरूरत होती है। राष्ट्रीय पार्टियों को मतदाता सूची के दो सेट मुफ्त में दिए जाते हैं। साथ ही इनके उम्मीदवारों को आम चुनावों के दौरान एक प्रति मुफ्त मिलती है।
अब जानिए पॉलिटिकल पार्टी किसे कहते हैं और भारत में कितनी तरह की पार्टियां हैं
पॉलिटिकल पार्टी लोगों का गुट होता है जो एक जैसी आइडियोलॉजी और पॉलिटिकल एप्रोच में भरोसा रखते हैं। पार्टियां चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारती हैं, जनता से उन्हें जिताने की अपील करती हैं और फिर अपनी विचारधारा के मुताबिक काम करवाने का प्रयास करती हैं।
भारत में पॉलिटिकल पार्टी को चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। भारत में कोई भी चुनाव लड़ सकता है और अपनी पॉलिटिकल पार्टी बना सकता है। भारत में कुल 2,858 पार्टियां हैं। इनकी 3 कैटेगरी हैं…
गैर मान्यता प्राप्त पार्टी
ऐसी पार्टियां जो चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड होती हैं, लेकिन इन्हें मान्यता नहीं मिली होती। क्योंकि या तो ये बहुत नई होती हैं या इन्होंने इतने वोट हासिल नहीं किए होते कि क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दिया जा सके। भारत में ऐसी लगभग 2,796 पार्टियां हैं।
क्षेत्रीय पार्टी
जिन्हें चुनाव आयोग से राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा मिला है। भारत में ऐसी 59 पार्टियां हैं।
राष्ट्रीय पार्टी: जिन्हें चुनाव आयोग ने नेशनल पार्टी का दर्जा दिया है।
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AAP के पास नेशनल पार्टी बनने के लिए सबसे आसान शर्त थी कि उसे चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में कम से कम 6% वोट मिलें। AAP को 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल 53% वोट मिले थे। 2022 के पंजाब विधानसभा में 42% और गोवा विधानसभा चुनाव में 6.77% वोट मिले। गुजरात चुनाव में AAP को कम से कम 6% वोटों और 2 विधानसभा सीट की जरूरत थी। AAP ने गुजरात विधानसभा चुनाव में कुल 13% वोट और 5 सीटें हासिल कर ली।
राष्ट्रीय लोक दल से छिना राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा
जयंत चौधरी की पार्टी के 9 विधायक, लेकिन वोट परसेंट कम; पश्चिमी यूपी में भी है प्रभाव
राष्ट्रीय लोक दल से राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया गया है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों की समीक्षा करते हुए कई पार्टियों राष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिया और कई पार्टियों को राष्ट्रीय स्तर और राज्यस्तरीय दर्जा वापस ले लिया है। राष्ट्रीय लोक दल राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी की पार्टी है। इसका पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ा प्रभाव माना जाता है।