नये कृषि कानून से किसानों को 24 घंटे में राहत, कंपनी फसल खरीद को बाध्य

Farm Laws Benefit : नए कृषि कानून से 24 घंटे के अंदर किसानों को मिली राहत, फसल खरीदने को बाध्य हुई कंपनी
Aditya Pujan |
Farm Laws used against Company : किसानों से अनुबंध के बावजूद फॉर्च्यून राइस लिमिटेड कंपनी ने कीमत बढ़ने पर धान की खरीदी बीच में ही रोक दी। होशंगाबाद जिले में पिपरिया के एसडीएम ने कंपनी से जवाब-तलब किया और फिर Conciliation Board के निर्देश पर कंपनी को नए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अधिनियम के तहत फसल खरीदने को मजबूर होना पड़ा।

हाइलाइट्स:
24 घंटे में मिला किसानों को न्याय,नए कृषि कानूनों का मिला फायदा
होशंगाबाद में पिपरिया के परगनाधिकारी कार्यालय ने की तत्काल कार्रवाई
कॉन्ट्रैक्ट के बाद धान खरीदी से इंकार कर रही थी फॉर्च्यून राइस लिमिटेड
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, किसानों के लिए फायदेमंद हैं नए कानून

होशंगाबाद 13 दिसंबर। देश के अलग-अलग हिस्सों के किसान राजधानी दिल्ली के पास जमा होकर नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में ये लागू भी हो चुके हैं और किसानों को इसका फायदा भी मिलने लगा है। एमपी के होशंगाबाद जिले में पीड़ित किसानों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अधिनियम के तहत न केवल 24 घंटे के अंदर राहत मिली, बल्कि फसल खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट करने वाली कंपनी को धान खरीदी के लिए बाध्य होना पड़ा।

देश का संभवतः पहला मामला

पूरे देश में यह संभवतः पहला मामला है जब किसानों को नए कानूनों का फायदा (Advantage of New Farm Laws for Farmers) मिला है। सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने ट्वीट कर किसानों को इसके लिए बधाई दी है। वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी इस खबर पर खुशी व्यक्त की।

केंद्रीय कृषि मंत्री के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

भाव बढ़े तो कंपनी ने बंद कर दी खरीद

दिल्ली की कंपनी फॉर्च्यून राइस लिमिटेड ने जून 2020 में होशंगाबाद जिले के पिपरिया तहसील स्थित भौखेड़ी एवं अन्य गांवों के किसानों से मंडी के उच्चतम मूल्य पर धान खरीद का लिखित अनुबंध (Written Contract) किया गया था। कंपनी शुरुआत में तो कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार धान खरीदती रही, लेकिन भाव 3,000 रुपए प्रति क्विंटल पहुंची तो 9 दिसंबर से कंपनी के कर्मचारियों ने खरीदी बंद कर दी। कर्मचारियों ने अपने फोन भी बंद कर लिए।

नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं, इसका उदाहरण है यह मामला। होशंगाबाद में फॉर्च्यून राइस लि. अनुबंध होने के बावजूद किसानों से धान नहीं खरीद रही थी। परगनाधिकारी कोर्ट ने तत्परता दिखाते हुए कंपनी को 3000 रूपए क्विंटल की दर से धान खरीदी का आदेश दिया है। प्रशासन की पूरी टीम को बधाई।
शिवराज सिंह चौहान,मुख्यमंत्री,मध्य प्रदेश

जागरूक किसान ने उठाया कदम

10 दिसंबर को भौखेड़ी के किसान पुष्पराज पटेल एवं ब्रजेश पटेल ने पिपरिया के परगनाधिकारी को इसकी शिकायत की। शिकायत पर जिला प्रशासन ने राजधानी भोपाल में कृषि विभाग से सलाह मांगी। कृषि विभाग ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग ऐक्ट की धारा 14 में सबसे पहले समाधान बोर्ड (Conciliation Board) के गठन की कार्यवाही करने की सलाह दी। इसके बाद भी व्यापारी नहीं माने तो उसके खिलाफ आदेश पारित करने का निर्देश दिया।

परगनाधिकारी ने कंपनी को किया तलब

मामले में तत्काल कार्रवाई कर परगनाधिकारी ने समन जारी कर फॉर्च्यून राइस लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि को 24 घंटे में पेश होने को कहा। फॉर्च्यून राइस लिमिटेड के डायरेक्टर अजय भलोटिया जवाब के साथ पेश हुए। इसके बाद ‘कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 (कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अधिनियम)’ की धारा 14(2)(a) में सामधान बोर्ड का गठन किया गया। बोर्ड में पिपरिया के तहसीलदार और किसानों के प्रतिनिधि को शामिल किया गया।

परगनाधिकारी कोर्ट के सामने झुकी कंपनी

समाधान बोर्ड के सामने कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार उच्चतम मूल्य पर धान खरीदने की हामी भरनी पड़ी। इतना ही नहीं, कंपनी बाजार मूल्य बढ़ जाने पर भी खरीदी की दर बढ़ाने को राजी हो गई। बोर्ड में सहमति के आधार पर फॉर्च्यून राइस लि. ने अनुबंधित किसानों से 2950+50 रु. बोनस के साथ 3,000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने की सहमति दी। परगनाधिकारी कोर्ट ने इसका आदेश पारित किया।

नए कृषि कानूनों से मिली राहत तो गदगद हो उठे किसान

नए कानून के प्रावधानों की मदद से शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर किसानों को अनुबंध के अनुसार उच्चतम बाजार मूल्य सुनिश्चित कराने के लिए प्रशासन ने कार्रवाई की। संतुष्ट किसानों का कहना है कि कंपनी द्वारा कॉन्ट्रैक्ट के बावजूद धान खरीदे नहीं किए जाने से उन्हें बहुत अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता। किसान हितैषी नया कृषि कानून उनके लिए आशा की किरण लेकर आया है। अब वे अनुबंध के अनुसार अपनी उपज कंपनी को बेच पाएंगे।

मैं विपक्षी दलों के नेताओं से यह कहना चाहता हूँ कि अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए भोले-भाले किसानों का इस्तेमाल न करें। NDA सरकार ने जो कृषि कानून बनाए हैं, उनसे किसानों को लाभ ही होगा और यदि कोई गड़बड़ करता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री चौहान ने की प्रशासन की तारीफ

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल कार्रवाई के लिए प्रशासन की तारीफ की है। शिवराज ने ट्वीट कर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानून पूरी तरह किसानों के हित में हैं। इसी का नतीजा है कि किसानों को 24 घंटे के अंदर राहत मिल गई। सीएम ने विपक्षी दलों से दलों से कहा कि वे अपने फायदे के लिए किसानों का इस्तेमाल न करें।

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