चीन की पालतू ‘न्यूजक्लिक’ पर फिर छापे, इंडी एलायंस इकोसिस्टम उबला
चीन की फंडिंग से चलने वाले ‘Newsclick’ के संस्थापक और HR हेड गिरफ्तार: दिन भर चली छापेमारी, फिर प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती हुए अरेस्ट
प्रबीर पुरकायस्थ, अमित चक्रवर्ती
Newsclick के प्रबीर पुरकायस्थ और अमित अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया
दिल्ली पुलिस ने Newsclick के पत्रकारों प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को चीन से फंडिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। दिन भर चली छापेमारी के बाद ये कार्रवाई हुई। इस दौरान उनसे पूछताछ भी की गई। UAPA में ये मामला चल रहा है। इस मामले में कुल 46 पत्रकारों से पूछताछ हुई, जिनमें से 9 महिलाएँ हैं। साथ ही कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ (NYT) की रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ था कि इन्हें चीनी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए फंडिंग मिल रही है।
बता दें कि प्रबीर पुरकायस्थ ही ‘न्यूज़क्लिक’ मीडिया संस्थान के संस्थापक हैं। वहीं अमित चक्रवर्ती कंपनी के HR हेड थे। इन दोनों को मंगलवार (3 अक्टूबर, 2023) शाम गिरफ्तार किया गया। कई डिजिटल उपकरण और बड़ी मात्रा में दस्तावेज भी जब्त हुए हैं, जिनकी आगे जाँच होगी। फ़िलहाल जाँच चल रही है। दिल्ली NCR ही नहीं,बल्कि मुंबई में भी छापेमारी हुई।
बताया जा रहा है कि ‘न्यूज़क्लिक’ और उससे जुड़े पत्रकारों के परिसरों पर छापेमारी करने से कुछ घंटे पहले स्पेशल सेल अधिकारियों की सोमवार आधी रात 2 बजे के आसपास बैठक हुई थी। लोधी कॉलोनी में स्पेशल सेल के ऑफिस में हुई इस बैठक में 200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने भाग लिया। किसी भी तरह की जानकारी लीक होने से रोकने को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अन्य पुलिस अधिकारियों के मोबाइल फोन भी जमा कर लिए गए थे।
यह छापेमारी 17 अगस्त को दर्ज यूएपीए और आईपीसी की अन्य धाराओं में दर्ज मामले पर की गई है,साथ ही आईपीसी की 153ए (दो समूहों में दुश्मनी को बढ़ावा देना) और आईपीसी की 120 बी (आपराधिक साजिश) जैसी धाराएँ शामिल है। ये छापेमारी दिल्ली से लेकर मुंबई तक की गई है। मुंबई में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल और मुंबई पुलिस की टीमों ने तीस्ता सीतलवाड़ के ठिकानों पर छापेमारी की।
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न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों ने बताया दिल्ली पुलिस ने क्या पूछा
न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़क्लिक से जुड़े कई पत्रकारों के घर पर मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस के छापेमारी की है.
पुलिस ने छापेमारी में मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर समेत इलेक्ट्रॉनिक सामान ज़ब्त किया है.
एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक नया मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. न्यूज़ क्लिक से संबंधित 30 से ज़्यादा स्थानों पर छापेमारी जारी है.
साल 2009 में शुरू हुई न्यूजक्लिक पर कुछ समय पहले ही चीन से फ़ंडिंग लेने के आरोप लगे थे और ईडी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी.
जिन लोगों पर कथित पर छापेमारी की कार्रवाई की गई है, उसमें वेबसाइट के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, पत्रकार अभिसार शर्मा, औनिंद्यो चक्रवर्ती, भाषा सिंह, व्यंग्यकार संजय राजौरा, इतिहासकार सोहेल हाशमी शामिल हैं.
इनमें से कुछ लोगों को पूछताछ को पुलिस स्टेशन ले जाया गया है. कई पत्रकारों को पूछताछ के बाद शाम को छोड़ दिया गया.
पूछताछ के बाद पत्रकारों ने क्या कहा?
वरिष्ठ पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता ने दिल्ली पुलिस की पूछताछ के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “आज सुबह साढ़े छह बजे नौ लोग हमारे घर आए, मैं गुरुग्राम में रहता हूं, वो लोग मुझे लेकर यहां आए, मुझसे बहुत सारे सवाल किए. मुझसे पूछा कि आप सिग्नल इस्तेमाल करते हैं, मैंने कहा हां, फिर मुझसे पूछा कि दिल्ली दंगा आपने कवर किया, मैंने कहा ना, फिर पूछा आपने किसान आंदोलन कवर किया, मैंने कहा हां, अलग-अलग लोगों ने अलग-अलग सवाल किए, मैं जवाब देता गया. सुबह साढ़े आठ बजे आया था,अब शाम छह बजे के क़रीब निकला हूं.”
प्रंजॉय गुहा से जब पत्रकारों ने पूछा -अंदर कितने लोग हैं, ये बताना मुश्किल हैं. हालांकि उन्होंने ये ज़रूर कहा कि मेरे साथ काम करने वाले कई लोग थे.
ठाकुरता ने बताया कि वो अपनी मर्ज़ी से स्पेशल सेल के दफ़्तर आए थे. उनसे पूछा गया कि वो न्यूज़क्लिक के कर्मचारी हैं या नहीं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वो वेबसाइट के सलाहकार हैं.
ठाकुरता ने कहा कि मुझे भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय से मान्यता है.
वहीं पत्रकार अभिसार शर्मा से भी फिलहाल पूछताछ खत्म हो चुकी है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”दिल्ली पुलिस की स्पेशल की दिनभर की गई पूछताछ के बाद मैं घर वापस आ चुका हूं. हर सवाल का जवाब दिया जाएगा, डरने की कोई ज़रूरत नहीं है.मै सत्ता में बैठे लोगों से सवाल करता रहूंगा, ख़ासकर उनसे, जिन्हें सवालों से डर लगता है. पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है.”
पत्रकार उर्मिलेश
इससे पहले, पत्रकारों पर कार्रवाई के बाद प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा, ”पत्रकारों और न्यूज़क्लिक से जुड़े लोगों के घरों पर छापेमारी बेहद चिंताजनक है.हम मामले पर नज़र बनाए हुए हैं.हम पत्रकारों के साथ खड़े हैं और सरकार से मांग करते हैं कि और जानकारी दी जाए.”
एडिटर्स गिल्ड ने बयान जारी कर पूरे घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की “गिल्ड को चिंता है कि ये छापे मीडिया पर लगाम लगाने की एक और कोशिश है. हालांकि हम मानते हैं कि अपराध की तफ़्तीश में कानून को उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए अपना काम करना चाहिए.”
“किन्हीं अपराधों की जांच में कठोर कानूनों से डराने-धमकाने का सामान्य माहौल नहीं बनना चाहिए. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,असहमति और आलोचनात्मक आवाज़ उठाने पर रोक नहीं लगनी चाहिए.”
पत्रकार अभिसार शर्मा ने एक ट्वीट में कहा, “दिल्ली पुलिस मेरे घर पहुंची है. पुलिस मेरा लैपटॉप और फ़ोन ले जा रही है.”
पत्रकार भाषा सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, “इस फ़ोन से ये मेरा अंतिम ट्वीट है. दिल्ली पुलिस ने मेरा फ़ोन जब्त कर लिया है.”
व्यंग्यकार राजौरा के वकील इलिन सारस्वत ने बताया कि पुलिस, मंगलवार सुबह 6.30 बजे उनके घर पहुंची थी.
सरकार के मुखर आलोचक राजौरा पहले न्यूज़क्लिक के लिए वीडियो बनाते थे। पुलिस ने उनका लैपटॉप, दो फोन और उनके पुराने काम की कुछ डीवीडी और कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं.
वकील ने कहा, “पुलिस ने कहा कि मौजूदा जांच में राजौरा का नाम नहीं है, लेकिन उन्होंने पहले वेबसाइट के साथ काम किया है, इसलिए उनसे पूछताछ होगी. हमें एफआईआर की कॉपी या नोटिस नहीं दिया गया है.”
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर
ओडिशा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “मुझे स्पष्टीकरण देने की ज़रूरत नहीं है. अगर किसी ने गलत किया है तो उसके ऊपर जांच एजेंसियां काम करती हैं.”
उन्होंने कहा, “ये कहीं नहीं लिखा है कि अगर आपके पास गलत तरीके से पैसा आया होगा, आपत्तिजनक कोई होगा तो उसके ऊपर जांच एजेंसी कार्रवाई नहीं कर सकती है. जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं, वो नियमों में कार्रवाई करती है.”
अगस्त में भी ये न्यूज़ पोर्टल चर्चा में था. इस वेबसाइट का हवाला देते हुए तब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधा था.
उन्होंने आरोप लगाया था, ”राहुल जी की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान सामने आने लगा है.”
उन्होंने आरोप लगाया था कि एक एजेंडे में भारत के ख़िलाफ दुष्प्रचार किया जाता था.
अनुराग ठाकुर ने अगस्त में कहा था, ”हमने 2021 में ही न्यूज़ क्लिक के बारे में खुलासा किया कि कैसे विदेशी हाथ भारत के ख़िलाफ़ हैं, कैसे विदेशी प्रोपेगेंडा भारत के ख़िलाफ़ है. और एंटी इंडिया, ब्रेक इंडिया कैंपेन में कांग्रेस और विपक्षी दल उनके समर्थन में सामने आए.”
उन्होंने तब आरोप लगाया था कि चीनी कंपनियां न्यूज़ क्लिक को नेविल रॉय सिंघम के माध्यम से फंड कर रही थीं लेकिन उनके जो सेल्समेन हैं, वो हिंदुस्तानी हैं और जब भारत सरकार ने न्यूज़ वेबसाइट के ख़िलाफ़ कार्रवाई की तो ये उनके समर्थन में आ गए.
विपक्ष ने उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने कहा का कहना है कि ये छापे हारती हुई भाजपा की निशानी हैं.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “ये कोई नई बात नहीं है. ईमानदार खबरनवीसों पर भाजपाई हुक्मरानों ने हमेशा डाले हैं छापे, लेकिन सरकारी प्रचार-प्रसार के नाम पर कितने करोड़ हर महीने ‘मित्र चैनलों’ को दिए जा रहे हैं ये भी तो कोई छापे!”
राज्य सभा सांसद और राजद नेता मनोज झा ने कहा, ” मैं समझता हूं कि इससे ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई ठीक गांधी जयंती के बाद कोई नहीं हो सकती थी. क्यों कह रहे हैं आप दिल्ली पुलिस? ये गृह मंत्री के अंदर है, उनकी मर्जी के बगैर पत्ता हिलता है? जो लोग आपसे सवाल पूछे, जो लोग आपकी भजन मंडली में शामिल होने से इनकार कर दे, आप उनके साथ ये करते हैं, ये आपका स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर हो गया है.”
उन्होंने कहा, ” एक फ़ासिस्ट स्टेट के जितने अवयव होते हैं, वो सब आप में हैं. क्या नज़ीर पेश कर रहे हैं. अगर मैं आपातकाल के उस छोटे से दौर को छोड़ दूं तो आज तक आज़ाद हिंदुस्तान में किसी भी सरकार ने अपनी आलोचना करने वालों के प्रति इस प्रकार की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई नहीं की है.
राज्यसभा सांसद ने कहा, “कौन-कौन से लोग हैं, कितना लंबा उनका करियर है, किस तरह उन्होंने एक चिंतक के रूप में न सिर्फ़ पत्रकार के रूप में…उर्मिलेश जी हों, सोहैल हों, अभिसार हों, प्रबीर हों, भाषा हों… ये नहीं कहते हैं कि राजा तेरे सुबह की जय, राजा तेरे शाम की जय…आज की कार्रवाई इतिहास में दर्ज होगी, प्रतिकार सड़कों पर होगा.
मनोज झा ने कहा, “कल जातिगत सर्वेक्षण की रिपोर्ट आई है बिहार में, आपकी चूलें हिली हुई हैं. जमीन खिसक रही है. आज आपने ये कार्रवाई की. थोड़ी देर हेडलाइन मैनेजमेंट भी हुआ. ये भारी पड़ेगा.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “न्यूज़क्लिक से जुड़ी पत्रकारों पर सुबह-सुबह छापेमारी बिहार जातिगत सर्वेक्षण से ध्यान भटकाने का ताजा मामला है. क्योंकि देश में जातिगत जनगणना की मांग जोर पकड़ रही है. जब उनके पास सिलेबस से बाहर का सवाल आ जाता है तो वो सिर्फ़ एक ही सिलेबस का सहारा लेते हैं-ध्यान भटकाओ.”
इंडिया गठबंधन ने भी बयान जारी कर न्यूज़क्लिक पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को मीडिया पर नया हमला कहा है.
गठबंधन के बयान में कहा गया कि, “इंडिया गठबंधन भाजपा सरकार के मीडिया पर ताज़ा हमले की सख़्ती से निंदा करता है. हम मीडिया और संविधान में मिली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आज़ादी के साथ हैं.”
बयान में कहा गया है, “पिछले नौ सालों में भाजपा सरकार ने जानबूझकर जांच एजेंसिया लगाकर मीडिया का दमन और उत्पीड़न किया है. उदाहरण को बीबीसी, न्यूज़लॉन्ड्री, दैनिक भास्कर, भारत समाचार, कश्मीरवाला और द वायर जैसे संस्धानों पर कार्रवाई की. ताज़ा कार्रवाई न्यूज़क्लिक पर हुई है.”
वहीं महिला पत्रकारों के संगठन नेटवर्क ऑफ़ वीमिन इन मीडिया, इंडिया ने एक बयान जारी कर न्यूज़क्लिक पर कार्रवाई की आलोचना की है.
बयान में कहा गया है, “एनडब्ल्यूएमआई दिल्ली पुलिस की वरिष्ठ पत्रकारों, वैज्ञानिकों, टिप्पणीकारों और स्तंभकारों के घरों और न्यूज़क्लिक पर छापेमारी की सख़्ती से आलोचना करता है.”
क्या है पूरा मामला
अगस्त 2023 में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में न्यूज़क्लिक वेबसाइट पर आरोप लगाए गए थे कि चीन प्रोपेगेंडा फैलाने को एक अमेरिकी करोड़पति ने उन्हें फंडिंग की है.
इसके बाद वेबसाइट के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था. हालांकि न्यूज़क्लिक ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है. खबरों के मुताबिक यह छापेमारी उसी मामले में की जा रही है.
इससे पहले न्यूज वेबसाइट और इसकी फंडिंग के सोर्स की जांच साल 2021 में शुरू की गई थी. उस समय दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने वेबसाइट के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद ईडी ने भी इस मामले में केस दर्ज किया था.
इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने न्यूज़क्लिक के प्रमोटरों को गिरफ्तारी से राहत दी थी और तब से यह मामला कोर्ट में है.
कथित टैक्स चोरी को लेकर साल 2021 में इनकम टैक्स के अधिकारियों ने न्यूज़ पोर्टल के दफ्तरों में तलाशी भी ली थी.