देशविरोधी टूल किट:न्यूज़ क्लिक न्यूज़ पोर्टल को चीन से 28.46 करोड़
ईडी का शिकंजा: मीडिया पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ में विदेशी फंडिंग की जांच, चीनी कनेक्शन का दावा
नई दिल्ली 18 जुलाई।न्यूजक्लिक नामक न्यूज पोर्टल में विदेशी फंडिंग और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के उल्लंघन के आरोपों को लेकर ईडी ने जांच शुरू कर दी है। भाजपा ने भी इसे लेकर आरोप लगाए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने मीडिया पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ में विदेशी निवेश और 9.59 करोड़ रुपये के मुद्रा शोधन मामले की जांच शुरू कर दी है। ईडी का आरोप है कि पोर्टल में निवेश के लिए कृत्रिम रूप से मूल्य बढ़ाकर निवेश किया गया, जो कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई नीति का उल्लंघन है। इस न्यूज पोर्टल का चीन से संबंध होने का भी पता चला है।
मीडिया पोर्टल में विदेशी निवेश के लिए नियम है कि उसका सीईओ भारतीय होना चाहिए और उसमें जो भी विदेशी कर्मचारी कार्यरत हों, उनकी 60 दिन में सुरक्षा मंजूरी होना चाहिए।
जांच एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि चीन में रह रहे विदेशी नागरिक निवेली राय सिंघम ने पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में डब्ल्यूडब्ल्यूएम के जरिए निवेश किया है। सूत्रों का कहना है कि इस पोर्टल में जिस ढंग से विदेशी निवेश किया गया है, उससे न्यूज पोर्टल में विदेशी दखल का अंदेशा है। सिंघम श्रीलंका मूल के कारोबारी हैं।
बता दें, सरकार ने सितंबर 2019 में डिजिटल मीडिया में 26 फीसदी तक विदेशी निवेश की इजाजत दी थी। इसके लिए सरकारी मंजूरी जरूरी है। जिनमें इससे ज्यादा विदेशी निवेश था, उन्हें घटाकर 26 फीसदी के दायरे में लाना था।
ईडी के सूत्रों ने एएनआई को बताया कि जांच में पता चला कि कारोबारी सिंघम पीपीके न्यूजक्लिक के मुख्य निवेशक हैं और उन्होंने 28.46 करोड़ रुपये पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राईवेट लिमिटेड में निवेश किए हैं। यह राशि विदेशों से 2018 से 2021 के बीच प्राप्त की गई।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपेगेंडा से जुड़े थे सिंघम
सूत्रों का यह भी कहना है कि सिंघम कम्युनिस्ट पार्टी आफ चायना (CPC) के प्रोपेगेंडा से जुड़े रहे हैं। इसलिए ईडी इस मामलें में ‘संदिग्ध धन, संदिग्ध चरित्र व चीन के कनेक्शन’ का शक है, इसकी जांच की जा रही है।
ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया था केस, फरवरी में ईडी ने मारे थे छापे
दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने इस मामले में सबसे पहले केस दर्ज किया था। इसी आधार पर ईडी ने इस साल फरवरी में न्यूजक्लिक के परिसरों पर छापे मारे थे। आरोप है कि पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राईवेट लिमिटेड. ने मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी यूएसए के जरिए वर्ष 2018-19 में 9.59 करोड़ रुपये का एफडीआई प्राप्त किया था। यह निवेश कंपनी के शेयर के दाम कृत्रिम रूप से बढ़ाकर किया गया। न केवल शेयरों का मूल्य बढ़ाकर निवेश किया गया, बल्कि निवेश की गई राशि की हेराफेरी व बेजा इस्तेमाल भी किया गया। सिंघम की कंपनी है वर्ल्डवाइड मीडिया हॉलिडे एलएलसी (WWM)। यह अमेरिका के डेलवेयर में पंजीकृत है। इसने न्यूजक्लिक में निवेश किया और चीन की सीपीसी ने इसके जरिए अपना पैसा लगाया।
एल्गार परिषद के आरोपित गौतम नवलखा को 20.53 लाख रुपये दिए
ईडी के सूत्रों ने कहा कि न्यूजक्लिक ने एल्गार परिषद केस के आरोपित गौतम नवलखा को फंडिंग की थी। ईडी के अनुसार नवलखा ने कथित तौर पर 20.53 लाख रुपये न्यूजक्लिक से प्राप्त किए थे। इसी तरह बप्पादित्य सिन्हा, जो कि कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (माओवादी) के आईटी सेल के सदस्य हैं, को भी 52.09 लाख रुपये दिए गए थे।
ईडी सूत्रों ने बताया कि फरवरी में न्यूजक्लिक के एडिटर इन चीफ व डायरेक्टर प्रबीर पुरकायस्थ के निवास व घर पर मारे गए छापे के दौरान नवलखा व सिन्हा को दी गई राशि से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए थे। ईडी ने वर्तमान में नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद नवलखा से न्यूजक्लिक के संपादक से उनके संबंधों को लेकर पूछताछ की थी। ईडी सूत्रों का कहना है कि पुरकायस्थ व उनके सहयोगी भारत में चीन की छवि चमकाने के प्रयासों में जुटे थे।
10 रुपये का शेयर 11,510 के प्रीमियम पर बेचा गया
ईडी के सूत्रों का कहना है कि पीपीके न्यूजक्लिक का गठन अप्रैल 2018 में किया गया था। यह घाटे वाली कंपनी थी, लेकिन कंपनी का 10 रुपये मूल्य का शेयर 11,510 रुपये के भारी भरकम प्रीमियम पर बेचा गया।
खास एजेंडे से काम कर रहा था पोर्टल : संबित पात्रा
इस मामले में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि न्यूजक्लिक पोर्टल को विदेशों से फंडिंग की जा रही है। यह खास एजेंडे में देश में काम कर रहा है। ये पोर्टल विदेशी टूटकिट का हिस्सा है। देश में अराजकता फैलाने की साजिश है और इसी के लिए न्यूजक्लिक की तरफ से काम किया जा रहा है। विदेशों से आए फंडों का देश के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है।
अभिसार शर्मा वाले मीडिया पोर्टल न्यूज़क्लिक को चीनी सरकार की फंडिंग
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े मिले न्यूज़क्लिक के तार
ईडी द्वारा खुलासे में सामने आया है कि मीडिया पोर्टल न्यूज़क्लिक को जिस व्यक्ति द्वारा पिछले 3 सालों में फंडिंग दी गई है, उसके तार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े पाए गए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) मीडिया पोर्टल न्यूज़क्लिक पर चल रहे मनी लॉन्डरिंग के मामले की जाँच कर रहा था। इसमें कई चौंकाने वाले महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। बहुचर्चित एंकर व पत्रकार अभिसार शर्मा लंबे समय से इस मीडिया पोर्टल का हिस्सा एवं प्रमुख चेहरा रहे हैं।
38 करोड़ की मिली फंडिंग
न्यूज़क्लिक को 2018 से 2021 के बीच विदेश से लगभग ₹38 करोड़ की फंडिंग प्राप्त हुई थी। यह पैसा इस पोर्टल को नेविल रॉय सिंघम नामक व्यक्ति से प्राप्त हुआ। ईडी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि इस व्यक्ति के तार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की प्रोपेगेंडा शाखा से जुड़े पाए गए हैं।
इस रकम में से कुछ हिस्सा गौतम नवलखा नामक कथित एक्टिविस्ट को भी गया था। यह वही नवलखा है जो इस समय ‘भीमा कोरेगाँव” मामले को लेकर जेल में है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जाँच कर रहे विभाग ने हाल ही में जेल में नवलखा से बात भी की और उसके और न्यूज़क्लिक के मालिक प्रबीर पुरकायस्था के बीच संबंधों को लेकर सवाल पूछे।
बता दें कि मीडिया पोर्टल द्वारा प्राप्त की गई अधिकतर धनराशि को ‘एक्सपोर्ट ऑफ सर्विसेज’ के रूप में दिखाया गया था।
पुरकायस्थ ने आरोपों से पल्ला झाड़ा
मीडिया से बात करते समय पुरकायस्थ ने इन सभी आरोपों का खंडन किया और सिंघम के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े तारों को भी झूठा बताया। उन्होंने कहा कि सिंघम एक अमेरिकी नागरिक है, जो एक सॉफ्टवेयर कंपनी चलाता था। सिंघम द्वारा $700-800 मिलियन में अपनी कंपनी बेची गई, जिसके बाद ही सारा फंड इकट्ठा किया गया। यह सब कुछ आरबीआई के निर्देशों का पालन करते हुए ही किया गया है।
ईडी की मानें तो कथित मीडिया पोर्टल को ‘जस्टिस एंड एजुकेशन फंड’ ‘ट्राईकॉन्टिनेंटल लिमिटेड इंक’ एवं GSPAN LLC जैसी एक ही पते पर रजिस्टर्ड फर्मों से फंड प्राप्त हुए हैं।
न्यूज़क्लिक के संस्थापक ने यह भी कहा कि:
“अगर उनके पास हमारे खिलाफ कुछ भी है, तो उन्हें इन सभी तथ्यों को कोर्ट में चार्जशीट लगाकर दाखिल करना चाहिए। हम मुकदमे का सामना करने और सभी आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं।”
सी.पी.एम. से भी सम्बन्ध
ईडी द्वारा कंपनी के सीपीएम के सदस्य बप्पादित्य सिन्हा को भी पैसा देने और उनके न्यूज़क्लिक से संबंध हो को लेकर सवाल किए गए। इस पर पुरकायस्थ ने कहा कि उन्हें उनके द्वारा दी गई सॉफ्टवेयर सेवाओं के लिए भुगतान किया गया था, जिसमें कुछ गलत नहीं होना चाहिए।
बता दें कि बप्पादित्य सिन्हा सी.पी.एम. के कई सदस्यों और नेताओं के ट्विटर हैंडल मैनेज करते हैं।
न्यूज़क्लिक वेबसाइट पिछले कुछ समय से अभिसार शर्मा जैसे कथित पत्रकारों को लेकर वामपंथी एजेंडा चलाने को मशहूर हो रही है। ऐसे में कंपनी का इतने कम समय में इतना तेज़ी से बड़ा हो जाना शक की सुइयाँ खड़ी कर रहा था, जिस पर अब धीरे-धीरे खुलासा हो रहा है।
न्यूज़लिक के मालिक पुरकायस्था ने गिरफ्तारी से डरकर पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय में अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी डाल दी है और कोर्ट ने उन्हें 29 जुलाई तक की सुरक्षा प्रदान की है। इस दौरान ईडी द्वारा उन पर किसी भी प्रकार की जबरदस्ती कार्रवाई करने पर रोक लगाई गई है।