डॉ. एस एस संधू उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव, अब तक थे गडकरी के दांयें हाथ
Uttarakhand: 1988 बैच के आईएएस सुखबीर सिंह संधू बने उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव
Uttarakhand News: नए मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी के शपथ लेने के बाद 1988 बैच के आईएएस अधिकारी डॉक्टर सुखबीर सिंह संधू उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव बनाए गए हैं. अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. केंद्र ने सोमवार को उनको उत्तराखंड के लिए मुक्त कर दिया.
देहरादून 05 जुलाई. नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के शपथ लेने के बाद 1988 बैच के आईएएस अधिकारी डॉक्टर सुखबीर सिंह संधू (Sukhbir Singh Sandhu) उत्तराखंड नये मुख्य सचिव(Chief Secretary) बनाए गए हैं. अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. केंद्र ने सोमवार को उनको उत्तराखंड के लिए मुक्त करने का पत्र जारी कर दिया.
वास्तव में डॉक्टर संधू अभी तक केंद्र में अपनी सेवाएं दे रहे थे. उनका विस्तारित कार्यकाल इसी महीने की 21 तारीख को खत्म हो रहा है. तकनीकी तौर पर इसके बाद उनको अपने होम कैडर उत्तराखंड वापस आना था . डॉक्टर संधू फिलहाल नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अध्यक्ष थे. पिछले साल दिसंबर में उनको 6 महीने का विस्तार दिया गया था. संयोग से डॉक्टर एसएस संधू ऐसे समय में मूल कैडर वापस आ रहे हैं जब कल ही राज्य में 11 वें मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी शपथ ले चुके हैं.
डॉक्टर संधू इस समय केंद्र में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के चेयरमैन हैं। 2019 में उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का दायित्व सौंपा गया था।
डॉक्टर संधू प्रदेश के 17वें मुख्य सचिव के तौर पर कार्यभार संभालेंगेे।
सोमवार को अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने डॉक्टर संधू के मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किए। उन्हें अविलंब तैनाती लेने के लिए कहा गया है। उधर, मुख्य सचिव पद से कार्यमुक्त हुए 1987 बैच के आईएएस अधिकारी ओम प्रकाश को राजस्व परिषद का अध्यक्ष बनाया गया है। वह नई दिल्ली में मुख्य स्थानिक आयुक्त पद पर रहेंगे। अध्यक्ष राजस्व परिषद पर उनकी मूल तैनाती होगी। इस संबध में भी अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आदेश जारी कर दिया है।
डॉ.संधू के रिलीविंग लेटर में लिखा है कि उन्हें उनके मूल कैडर उत्तराखंड भेजा जा रहा है। सुखवीर सिंह संधू 1988 बैच के आईएएस हैं। वह मूल रूप से उत्तराखंड कैडर के अफसर हैं। संधू उत्तराखंड सरकार में कई अहम पदों पर रह चुके हैं।
डॉक्टर संधू इस समय केंद्र में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के चेयरमैन हैं। 2019 में उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का दायित्व सौंपा गया था।
राज्य सरकार ने केंद्र से किया था अनुरोध
डॉक्टर सुखबीर सिंह संधू 1988 बैच उत्तराखंड के आईएएस अधिकारी हैं। वह दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। केंद्र सरकार ने उन्हें उत्तराखंड के लिए कार्यमुक्त कर दिया है। राज्य सरकार ने संधू की मूल कैडर में वापसी के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था।
तेजतर्रार अफसरों में गिने जाते हैं संधू
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एसएएस संधू का लंबा प्रशासनिक अनुभव है। वह तेजतर्रार अफसरों में गिने जाते हैं। अभी तक वह केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थे। उनका केंद्र सरकार में सचिव पद के लिए इंपैनलमेंट हो रखा है। वे अक्तूबर 2019 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के चेयरमैन बने, जनवरी 21 तक उनका कार्यकाल था। केंद्र सरकार ने 31 जुलाई 2021 तक का सेवा विस्तार दे दिया था।
डॉक्टर संधू केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में अपर सचिव उच्च शिक्षा थे। वह 2011 तक पंजाब सरकार में प्रतिनियुक्ति पर रहे। वह ऊधमसिंह नगर जिले के पहले कलेक्टर भी रहे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जनरल बीसी खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के सचिव का दायित्व भी निभाया। बादल सरकार में वह मुख्यमंत्री के सचिव रहे। उत्तराखंड सरकार में उन्हें लोनिवि, कार्मिक, औद्योगिक विकास समेत कई महत्वपूर्ण विभागों का अनुभव रहा।
अब तक रहे उत्तराखंड के मुख्य सचिव
1.अजय विक्रम सिंह
2. मधुकर गुप्ता
3. डॉ.आरएस टोलिया
4. एम. रामचंद्रन
5. एसके दास
6. इंदु कुमार पांडे
7. नृप सिंह नपलच्याल
8. सुभाष कुमार
9. आलोक कुमार जैन
10. सुभाष कुमार
11. एन रविशंकर
12. राकेश शर्मा
13. शत्रुघ्न सिंह
14. एस. रामास्वामी
15. उत्पल कुमार सिंह
16. ओम प्रकाश
गडकरी ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव संधू की तारीफ की
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव बनाए गए 1988 बैच के आईएएस अधिकारी सुखबीर सिंह संधू की तारीफ की है। संधू एनएचएआई के अध्यक्ष रहे हैं। उन्हें इस पद से केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के लिए कार्यमुक्त कर दिया है।
गडकरी ने ट्विटर पर लिखा है कि एनएचएआई के अध्यक्ष सुखबीर सिंह संधू अब उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव के रूप में सेवारत होंगे। उनके कार्यकाल के दौरान कोविड 19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्गों का रिकार्ड निर्माण हुआ, विवादों के समाधान निकले और पुरस्कार हासिल किए। संधू का यह सर्वश्रेष्ठ कार्यकाल था। पूरे भारत में ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
उन्होंने संधू को शुभकामनाएं दी और राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए उनके निरंतर समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने गडकरी के ट्वीटर पर रिप्लाई किया, पुष्कर धामी सरकार का यह निर्णय सराहनीय और स्वागत योग्य है। उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में यह निरंकुश अधिकारियों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है। उम्मीद की जानी चाहिए की संधू के अनुभव और क्षमताओं का लाभ उत्तराखंड को प्राप्त होगा।
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इस कारण हटे ओमप्रकाश
माना जा रहा है कि इसी मार्च में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद तीरथ सिंह रावत 10वें मुख्यमंत्री के तौर पर आये थे, तभी ये आकलन शुरू हो गया था कि मुख्य सचिव ओमप्रकाश को हटाया जाएगा. खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने साफ संकेत दिए थे कि वे शासन-प्रशासन तंत्र में बदलाव चाहते हैं. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में शासन की कमान संभाली थी. उनके चयन को लेकर भाजपा सरकार में हमेशा एक राय नहीं थी और उनके खिलाफ एक लॉबी हमेशा मुखर रही। उनको त्रिवेंद्र का करीबी माना जाता रहा है.
तीरथ सिंह के समय ही शुरू हो गई थी नए चीफ सेक्रेटरी की खोज
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह कि सरकार ने जब नए मुख्य सचिव के लिए खोज शुरू की तो उनकी खोज दो नामों पर आकर टिकी थी. पहली 1988 बैच की आईएएस राधा रतूड़ी जो अभी अपर मुख्य सचिव हैं. दूसरे 1988 बैच के ही केंद्र में डेपुटेशन पर एसएस संधू. सूत्र बताते हैं कि तीरथ सरकार एसएस संधू को नए मुख्य सचिव चाहती थी, इसलिए तत्कालीन सरकार के समय में केंद्र के साथ लिखा- पढ़ी शुरू हुई. इस बीच मुख्यमंत्री बदल गए, नए मुख्यमंत्री आ गए और केंद्र ने भी संधू का प्रकरण तेजी से निस्तारित कर दिया.
कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे संधू
एसएस संधू की बात करें तो उन्होंने पंजाब, उत्तर प्रदेश उत्तराखंड जैसे राज्यों में काम किया है. इसके अलावा वह केंद्र में महत्वपूर्ण पदों पर रहे. केंद्र में उन्होंने उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा विभागों में अतिरिक्त सचिव के तौर पर काम किया. संधु की छवि विषय के जानकार और अनुशासित अधिकारी के तौर पर जानी जाती है. एनडी तिवारी सरकार के समय में संधू ने अपने काम की छाप छोड़ी थी. देहरादून के लोग उन्हें एनडी तिवारी सरकार के समय मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में सक्रीय देख चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में नए मुख्य सचिव को लेकर खासी चर्चाएं हैं.
नवनियुक्त मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु ने बीजापुर अतिथि गृह में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की।
माना जा रहा है कि नए मुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुख्य सचिव के साथ ही नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शासन और प्रशासन तंंत्र में बड़े पैमाने पर पत्ते फेंटना चाहते हैं. लंबे समय से अपने पदों में जमे कुछ अपर सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी प्रशासनिक फेरबदल केे लपेेेटे में आ सकते हैं. इनके अलावा आसन्न विधानसभा सामान्य चुुनाव के दृष्टिगत कुछ जिलों के जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भी आने वाले दिनों में बदला जायेगा.