नाइजीरियाई ठग ने नौ साल में मैट्रिमोनियल साइट्स से ठगी 500+ महिलाऐं

मैट्रिमोनियल साइट्स पर महिलाओं से दोस्ती के नाम पर ठगी, अब तक 500 से ज्यादा लोग हो चुके हैं शिकार

ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट्स पर महिलाओं से दोस्ती कर ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

Crime News: ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट्स पर महिलाओं से दोस्ती कर ठगी करने वाला नाइजीरियन आरोपित ऑशिटर चर्चिल को सेक्टर 36 साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. चर्चिल महिलाओं से दोस्ती कर फर्जी महंगे गिफ्ट और विदेशी करंसी भेजकर कस्टम ड्यूटी जमा कराने के नाम पर ठगी करता था. आरोपित की पत्नी का मुबंई के खंडाला में एक फार्महाउस भी है. आरोपित ऑनलाइन हैकिंग की किताबें पढ़ने का शौकीन है. आरोपित को साइबर क्राइम पुलिस ने ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया है. एसपी क्राइम त्रिवेणी सिंह ने साइबर क्राइम इंस्पेक्टर रीता यादव और उनकी टीम को 25 हजार का इनाम भी दिया है.

नोएडा 01 अप्रैल. आजकल फेसबुक, टिंडर के अलावा मैट्रिमोनियल साइट भी ठगों का अड्डा बन चुका है. यहां शादी के नाम पर लड़के और लड़कियों से पैसे के अलावा कई तरह की धोखेबाजी की जा रही है. हाल ही में एक मामला नोएडा से सामने आया है. आरोपित महिलाओं से दोस्ती कर उनसे पैसे हड़प लेता था. अब तक वह करीब 500 लोगों से ठगी कर चुका है. आरोपित कई मैट्रिमोनियल साइट्स (matrimonial sites) के जरिए महिलाओं को अपने लालच का शिकार बनाता था. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

कस्टम ड्यूटी जमा कराने के नाम पर करता था ठगी

ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट्स पर महिलाओं से दोस्ती कर ठगी करने वाला नाइजीरियन आरोपित ऑशिटर चर्चिल को सेक्टर 36 साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. चर्चिल महिलाओं से दोस्ती कर फर्जी महंगे गिफ्ट और विदेशी करंसी भेजकर कस्टम ड्यूटी जमा कराने के नाम पर ठगी करता था. आरोपित की पत्नी का मुबंई के खंडाला में एक फार्महाउस भी है. आरोपित ऑनलाइन हैकिंग की किताबें पढ़ने का शौकीन है. आरोपित को साइबर क्राइम पुलिस ने ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया है. एसपी क्राइम त्रिवेणी सिंह ने साइबर क्राइम इंस्पेक्टर रीता यादव और उनकी टीम को 25 हजार का इनाम भी दिया है.

नाईजीरियन युवक शिकागो में इंजीनियर बताकर शादी का झांसा दे युवतियों को ठगता था। आरोपित 2013 से अवैध रूप से भारत में रहकर ठगी के इस धंधे को अंजाम दे रहा था। वह  अब तक पांच सौ से अधिक युवतियों को अपना शिकार बना चुका है। आरोपित के पास से पुलिस ने लैपटाप, दो मोबाइल फोन और तीन एटीएम कार्ड बरामद किए हैं।

पुलिस का कहना है कि आरोपित नाईजीरियन खुद को शिकागो में आइटी इंजीनियर बताकर भारतीय युवतियों से वैवाहिक साइटों पर संपर्क साधता था और उन्हें शादी का झांसा देकर उनसे मोटी रकम ऐंठ लेता था। पूछताछ में पता चला है कि आरोपित वर्ष 2013 से अवैध रूप से भारत में रहकर ठगी के इस धंधे को अंजाम दे रहा था। पुलिस आरोपित के गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश में जुटी है।

साइबर सेल के नोडल अधिकारी सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि सिहानी गेट थाना क्षेत्र के नेहरू नगर निवासी एक इंजीनियर युवती ने अपने साथ हुई 35 लाख रुपये की ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने नाईजीरिया निवासी ममादूकोलू उदेकवे साइपीरियन को गिरफ्तार कर लिया। वह मेघालय निवासी इबा पीडियन घुन एम नोनगेसाई जे नाम की महिला के साथ मिलकर ठगी करता था। आरोपित की महिला साथी ने नाईजीरिया निवासी युवक से शादी कर रखी है, जो पकड़े गए आरोपित का दोस्त है।

आठ खातों में मिली 90 लाख की ट्रांजक्शन

सीओ अभय कुमार मिश्र ने बताया कि आरोपित ने मेघालय निवासी महिला की फर्जी आइडी पर तमाम बैंक खाते खोल रखे थे। आरोपित के भारत में आठ और नाइजीरिया में दो बैंक खाते ट्रेस हुए हैं। भारतीय खातों में 90 लाख रुपये की ट्रांजेक्शन पुलिस को मिली है। जिन्हें पुलिस ने फ्रीज करा दिया है। साथ ही दो विदेशी खातों के बारे में संबंधित बैंकों को ईमेल कर जानकारी मांगी गई है।

वर्ष 2013 से भारत में रह रहा था अवैध रूप से

साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि पकड़ा गया आरोपित ममादूकोलू उदेकवे साइपीरियन वर्ष 2013 में एक महीने के वीजा पर भारत घूमने आया था, लेकिन इसके बाद वह वापस नहीं गया। आरोपित दिल्ली के मोहन गार्डन इलाके में पिछले नौ सालों से अवैध रूप से रह रहा था। अक्तूबर 2017 में उसके पासपोर्ट की अवधि भी समाप्त हो चुकी है। पुलिस का कहना है कि आरोपित के बारे में देश की खुफिया और जांच एजेंसियां आरोपित से पूछताछ करने में जुटी हैं। आरोपित के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम एक्ट में भी केस दर्ज कराया जा रहा है।

 

मेडिकल वीजा पर आया था आरोपित

आरोपित नोएडा में मेडिकल वीजा पर आया था। ये शादी डॉटकॉम,जीवन साथी डॉटकॉम सहित अन्य ऑनलाइन साइट्स के माध्यम से ठगी करता था. अब तक की जांच में उससे 30 हजार ईमेल आईडी का डाटा मिला और 20 हजार मोबाइल डाटा भी बरामद किया जा चुका है. इसके पास से RBI लेटर, इमिग्रेशन डिपार्टमेंट, UNO का अथॉरिटी लेटर, ब्रिटिश मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस का लेटर हेड आरोपित के पास से मिले हैं.

500 लोगों से कर चुका ठगी

साइबर क्राइम के एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि आरोपित अब तक 500 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुका है. आरोपित नाइजीरियन के पास से 10 बैंक खातों से 50 करोड़ के ट्रांजैक्शन की डिटेल भी मिली है. बता दें पहले भी तरह के मामले संज्ञान में आए हैं. पूर्व में लखनऊ मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर के साथ 1 करोड़ 7 लाख, आगरा की एक प्रोफेसर महिलाओं के साथ 46 लाख की ऐसी ठगी हो चुकी. इसके 10 बैंक अकाउंट मिले है, जिनसे करीब 50 करोड़ के ट्रांजेक्शन कर चुका है. इसके अलावा 46 सिम कार्ड, 17 मोबाइल, लैपटॉप, डोंगल वाईफाई भी मिले हैं. फिलहाल साइबर क्राइम पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है ताकि जल्द से जल्द गैंग के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया जा सके.

 

NRI बताकर ठगता था नाइजीरियन

गाजियाबाद की युवती को लगाया 35 लाख का चूना, 8 साल से अवैध तरीके से दिल्ली में रह रहा था।पकड़ा गया आरोपित नाइजीरिया के लागोश शहर का मूल निवासी है।

पुलिस ने आरोपी को बुधवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

22 मार्च को सिहानी गेट थाने में हुआ मुकदमा

सिहानी गेट थाने के इंस्पेक्टर सौरभ विक्रम सिंह ने बताया कि 22 मार्च को एक युवती ने 35 लाख रुपए ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। युवती के अनुसार, उसकी एक युवक से सोशल साइट पर दोस्ती हुई। उसने खुद को एनआरआई बताया। बात शादी तक आ पहुंची। उसकी बातों में आकर युवती ने 35 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद लगातार बात करने वाला युवक लापता हो गया।

पासपोर्ट और मोबाइल बरामद

नाइजीरियन युवक  फिलहाल दिल्ली के उत्तमनगर इलाके में मोहन गार्डन के समीप किराए के रूम पर रह रहा था। आरोपित के कब्जे से दो मोबाइल, तीन एटीएम कार्ड और एक नाइजीरियन पासपोर्ट बरामद हुआ है। पूछताछ में आरोपित ने ठगी की सैकड़ों घटनाएं कुबूली हैं।

ऐसे करता था ठगी

पूछताछ में विदेशी युवक ने बताया कि वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर फर्जी आधार कार्ड बनवाता था। इस आधार कार्ड पर मोबाइल सिम और बैंक खाते खुलवाता था। यह गर्लफ्रेंड शिलांग की रहने वाली है। इसके बार वह अनमैरिड गर्ल को सोशल साइट पर सर्च करता था। खुद को एनआरआई बताकर उससे दोस्ती करता था और फिर शादी का झांसा देकर बात आगे बढ़ाता था।

इस दौरान वह कहता था कि वो भारत आ रहा है। फिर कहता है कि उसे एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों ने पकड़ लिया है, क्योंकि वह उसके लिए महंगा गिफ्ट लेकर आ रहा था। छुड़ाने के बदले वह अनमैरिड गर्ल से अपने अकाउंट में पैसे डलवा लेता है। पुलिस ने बताया कि इस गैंग में कई और लोग हैं, उन्हें भी पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

  • पिछले साल भी शादी का झांसा देकर नाइजीरियन समेत ठग गैंग के 5 सदस्य हुए थे गिरफ्तार

नामचीन वैवाहिक वेबसाइट पर भारतीय युवतियों को शादी का झांसा देकर ठगी करने वाले नाइजीरियन गैंग का पुलिस ने पिछले साल भी खुलासा किया था। इस मामले में जिले की साइबर सेल और नगर कोतवाली पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए गैंग के नाइजीरियन सरगना समेत पांच को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने आरोपितों से विभिन्न बैंकों की 23 चेक बुक, 42 एटीएम कार्ड, 15 पासबुक, वोटर आईडी एवं आधार कार्ड के अलावा फर्जी मोहरें व पासपोर्ट आदि बरामद किए हैं। आरोपित स्वयं को एनआरआई एवं हाई प्रोफाइल व्यक्ति बता वेबसाइट पर अपना बॉयोडाटा डालकर युवतियों को झांसा देकर ठगी करते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपितों ने महिला वैज्ञानिक समेत सैकड़ों युवतियों से अब तक करोड़ों रुपये ठगे हैं। अपर पुलिस अधीक्षक नगर निपुण अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने सूचना के आधार पर मुरादाबाद निवासी अक्षय तलवार उर्फ सनी, याजिद अबेदोह निवासी नाइजीरिया और मुरादनगर निवासी प्रिंस, अजीत सिंह और मनीष कुमार उर्फ मोनिश को गिरफ्तार किया है। नाइजीरिया निवासी याजिद अबेदोह गैंग का सरगना है। वह पूर्व में भी इस तरह के मामले में जेल जा चुका है। ठगी के धंधे में अक्षय तलवार उसकी खासतौर पर मदद करता था। जबकि अन्य आरोपितों पर लोगों के बैंक अकाउंट एकत्र करने का जिम्मा था। यह लोग ठगी की रकम जिन लोगों के खाते में डलवाते थे, उन्हें हजारों रुपये की रकम एक बार में दे दिया करते थे। उन्होंने बताया कि मूलरूप से बिहार की रहने वाली युवती असम में वैज्ञानिक हैं। उसने असम से ही एसएसपी गाजियाबाद को ईमेल के जरिए शिकायत भेजी थी। उसमें कहा कि साइबर ठगों ने शादी का झांसा देकर उनसे सात लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगी गई रकम मुरादनगर स्थित बैंक खाते में डलवाई गई थी, जिसकी जानकारी लगने के बाद पीड़िता ने गाजियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी को ईमेल कर गैंग को पकड़ने की गुहार लगाई थी। एसएसपी द्वारा मामले की जांच साइबर सेल को दी गई थी। इसके बाद साइबर सेल की टीम ने नगर कोतवाली पुलिस के साथ मिलकर उक्त गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।

मास्क और सैनिटाइजर सप्लाई के दौरान हुई गैंग के सरगना से मुलाकात

सीओ प्रथम एवं साइबर सेल के सुपरवाइजरी अफसर अभय कुमार मिश्र ने बताया कि मुरादाबाद निवासी अक्षय तलवार के पिता मोहननगर में कबीर ट्रेडिंग के नाम से मास्क और सैनिटाइजर बनाने का काम करते हैं। शारदा यूनिवर्सिटी में मास्क और सैनिटाइजर सप्लाई के दौरान अक्षय की मुलाकात गैंग के सरगना से हुई थी। इसके बाद दोनों ने साथ मिलकर ठगी का धंधा शुरू कर दिया। विभिन्न लोगों के बैंक खाते खुलवाने और खाते हायर करने के लिए दोनों ने अन्य आरोपियों को भी अपने साथ जोड़ लिया। सीओ का कहना है कि प्रिंस, अजीत और मनीष आरोपी अक्षय की फर्म में ही काम करते हैं।

गैंग के सरगना है बीएससी पास

नाइजीरियन याजिद अबेदोह वर्ष 2013 से भारत में रह रहा है। उसने बेंगलूरू के कॉलेज से फॉरेंसिक साइंस में बीएससी की और इसके बाद ठगी का धंधा शुरू कर दिया। याजिद ने यह सब अपने एक नाइजीरियन साथी से ही सीखा था। पुलिस ने बताया कि याजिद वर्ष 2018 में भी इसी तरह के मामले में गुरुग्राम हरियाणा से जेल जा चुका है। करीब 15 माह जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आया है। जेल से आने के बाद वह नोएडा स्थित होटल में रह रहा था। वह खुद को हाईप्रोफाइल इंजीनियर, डॉक्टर और बड़ा कारोबारी बताकर फर्जी फोटो के साथ अपनी प्रोफाइल नामचीन मेट्रीमोनियल साइट पर अपलोड कर युवतियों को शादी का झांसा देता था। साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि याजिद को हिंदी भाषा का भी पूरा ज्ञान है।

भरोसे में लेकर करते थे ठगी

साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि जालसाज मेट्रीमोनियल साइटों पर विवाह के इच्छुक हाईप्रोफाइल लोगों की तलाश करते थे। फिर उनसे ईमेल के जरिए संपर्क कर बताते थे कि वह अफ्रीकन हैं और उनके पास काफी संपत्ति है। वह केवल भारतीय मूल की युवतियों के साथ ही जीवन बिताना चाहते हैं। अन्य मूल की लड़कियों से शादी करना नहीं चाहते हैं। इस तरह बात शुरू कर देते थे और फिर मिलने के लिए दिल्ली या कहीं और आने की बात करते थे। एयरपोर्ट पर आकर कस्टम संबंधी अड़चनों के चलते फंसने की बात कर उनसे रुपये अकाउंट में ट्रांसफर करा लेते थे। उनसे बोलते थे कि यहां इंडियन करेंसी चाहिए, वह हमारे पास नहीं है। इसके बिना यहां से निकलना मुश्किल होगा। खाते में रुपये डलवाकर वहां से गायब हो जाते थे। इस गैंग में कुल चार नाइजीरियन शामिल हैं। इनमें से तीन पिछले वर्ष 20 दिसंबर को नाइजीरिया वापस लौट गए थे।

 

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