अबोध के शव के टुकड़े-टुकड़े कर ठिकाने लगाने को था निखिल,दुष्कर्म के विरोध पर गई बच्चे की जान
The accused of Amit murder was caught in haldwani
अबोध की नृशंस हत्या का आरोपित पकड़ा, दुष्कर्म का विरोध करने पर गला दबाकर मारा
10 वर्षीय बच्चे की हत्या का पुलिस ने अनावरण कर दिया। दुष्कर्म की कोशिश का विरोध करने पर आरोपित निखिल ने ही बच्चे का गला दबा शव जमीन में दबा दिया था। सिर व हाथ काटकर गोठ में छिपाया जिसे पुलिस ने पांचवें दिन ढूंढा।
पुलिस पकड़ में आरोपित
गौलापार में दस वर्षीय बच्चे की हत्या का पुलिस ने शनिवार को खुलासा कर दिया। दुष्कर्म की कोशिश का विरोध करने पर आरोपी निखिल ने ही बच्चे का गला दबाकर शव जमीन में दबा दिया था। सिर और हाथ काटकर गोठ में छिपाया था जिसे पुलिस ने घटना के पांचवें दिन शनिवार को बरामद किया। पुलिस की पूछताछ में आरोपित ने ये बात स्वीकार की है। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया l
घटना के अनावरण को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी एस मीणा ने अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने बताया कि मूल रूप से बरेली के शाही क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले बटाईदार पश्चिमी खेड़ा में परिवार के साथ रहते हैं। उनका दस वर्षीय बेटा चार अगस्त की दोपहर घर से गायब हो गया। काठगोदाम थाना में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से संदिग्धों की पहचान कर ली थी। घटना के खुलासा के लिए सीओ हल्द्वानी नितिन लोहनी, सीओ रामनगर सुमित पांडेय, सीओ भवाली प्रमोद शाह की टीम बनाते हुए छह थाना प्रभारी और एसओजी को लगाया था। पांच अगस्त को पश्चिमी खेड़ा के रहने वाले मोहन चंद्र जोशी के बाड़े में प्लास्टिक के कट्टे में रखकर गड्ढे में दबाया हुआ बालक का शव मिला। बच्चे का सिर और दाहिना हाथ गायब था। पुलिस ने कुछ संदिग्ध को पूछताछ के लिए उठाया। इसमें आरोपी निखिल जोशी भी शामिल था। लगातार पूछताछ के बाद भी वह पुलिस को लगातार गुमराह करता रहा।
निखिल ने घटना को तंत्र-मंत्र की ओर मोड़ने की कोशिश की
एसएसपी ने बताया कि आरोपी की मानसिक स्थिति की जटिलता और बार-बार गुमराह करने की प्रवृत्ति को देखते हुए केस के खुलासे में मनोचिकित्सक डॉ. युवराज पंत की सहायता ली गई। आरोपी तंत्र-मंत्र संबंधी बयान देकर घुमाता रहा। शनिवार को दोबारा आरोपी निखिल जोशी से सख्ती से पूछताछ की गई तो वह टूट गया। आरोपी ने बाड़े के अंदर ही गड्ढे में कटा सिर और हाथ छुपाने की जानकारी दी। निशानदेही पर कबाड़ के नीचे मिट्टी में दबाया हुआ सिर और दाहिना हाथ बरामद किया गया। आरोपी ने बताया कि वह बच्चे के साथ घिनौनी हरकत करना चाहता था। इसी मंशा से वह बच्चे को अपने घर लेकर गया था। जब बच्चे ने विरोध किया तो उसने बेरहमी से उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और वारदात को छुपाने के लिए उसका सिर और हाथ काट डाला। पुलिस तलाश तेज कर चुकी थी, ऐसे में उसे मौका नहीं मिला और उसने शरीर को वहीं दफना दिया। घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को आईजी की तरफ से पांच हजार और एसएसपी की तरफ से 2500 रुपये का इनाम दिया गया।
शव के टुकड़े-टुकड़े कर ठिकाने लगाने का था षडयंत्र, समय न मिलने से तीन हिस्सों में काट पाया शव
दस वर्षीय अबोध की हत्या की घटना के खुलासे के बाद आरोपित निखिल जोशी कै सोचे समझे षड्यंत्र से भी पर्दा उठा है। निखिल बच्चे की हत्या चार अगस्त को कर चुका था और उसकी योजना थी कि शव टुकड़ों में काटकर नदी-नालों में बहा देगा।
दस वर्षीय मासूम की हत्या की घटना के खुलासे के बाद आरोपी निखिल जोशी की सोची समझी साजिश से भी पर्दा उठा है। निखिल बच्चे की हत्या चार अगस्त को कर चुका था और उसकी योजना थी कि शव को टुकड़ों में काटकर नदी-नालों में बहा देगा। सीसीटीवी की फुटेज ने उसकी इस साजिश को नाकाम कर दिया। पुलिस ने गुमशुदगी के महज पांच से छह घंटे में ही संदिग्ध मानकर उसे उठा लिया था।
पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान निखिल ने पहले तो तंत्र-मंत्र की बात कहते हुए पुलिस को गुमराह किया और फिर अनर्गल बातें करने लगा। कभी मानसिक बीमारी तो कभी कुछ और। कभी हत्या की बात कबूलता तो कभी नकारता। इसी बीच मनोचिकित्सक डॉ. युवराज पंत की जब पुलिस ने मदद ली तो इस हत्याकांड की साजिश परत दर परत खुलती चली गई। बताया जाता है कि आरोपित से पूछताछ करने में जुटी टीमों को कई सनसनीखेज जानकारी मिली।
आरोपित दुष्कर्म में विफल होने पर बच्चे के शव को टुकड़े-टुकड़े कर गौला नदी में बहा देता या इधर – उधर ले जाकर जमीन में दबा देता। हालांकि इसके लिए उसे समय हीं नहीं मिला। आरोपित के घर से बच्चे के घर की दूरी दो सौ मीटर है। यानी बच्चे की तलाश हुई तो भनक आरोपित को भी लगी और उसने घर के पीछे शव और काटे गए अंग दबा दिये।
सीसीटीवी न होता तो दब जाती बच्चे की गुमशुदगी
मुख्य मार्ग पर लगे सीसीटीवी में चार अगस्त को बच्चा आरोपित के घर की गली में जाता दिखा । यही सीसीटीवी फुटेज जघन्य हत्याकांड के खुलासे की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में सामने आया। बच्चे के साथ पीछे-पीछे आरोपित भी जा रहा था। उधर बच्चे के परिजन सक्रिय हो गए और बच्चे की तलाश में जुट गए। पुलिस को भी गुमशुदगी में तेजी दिखानी पड़ गई। पुलिस ने शाम पांच बजे के करीब आरोपित युवक और उसके परिवार वालों को संदिग्ध मानकर पूछताछ शुरू कर दी थी। ऐसे में आरोपित को साक्ष्य मिटाने का मौका नहीं मिल पाया।
चतुर दिमाग के चलते घुमाता रहा
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा ने पत्रकार वार्ता में इशारा किया कि आरोपित शातिर दिमाग वाला है। पूछताछ में सामने आया कि वह ऐसी घटनाओं से बचने की पूरी जानकारी रखता था। कब, कहां कैसे मामले और पूछताछ करने वालों से बात करनी है, उसे इसकी पूरी जानकारी थी। हालांकि पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आखिरकार उसके षडयंत्र का भंडाफोड़ कर दिया।
