इंडी एलायंस बैठक में नितीश भड़के हिंदी -अंग्रेजी पर
नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में क्यों भड़क गए?-
2024 चुनावों को लेकर भाजपा के ख़िलाफ़ बने ‘इंडिया’ गठबंधन की 19 दिसंबर यानी मंगलवार को बैठक हुई.
इस बैठक की ख़बरें दिल्ली से छपने वाले अख़बारों में प्रमुखता से छपी हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस बैठक में जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बात पर अपना आपा खो बैठे.
ख़बर में लिखा गया है कि जब नीतीश कुमार के भाषण का डीएमके नेता टीआर बालू ने अनुवाद मांगा तो इस बात से जेडीयू प्रमुख गुस्सा हो गए.
बीती कुछ बैठकों में आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा अनुवादक का काम करते रहे हैं.मनोज झा नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के हिंदी भाषणों को अंग्रेज़ी में अनुवाद करके बाकी नेताओं को बताते रहे हैं.
ऐसे में जब मंगलवार को नीतीश कुमार का भाषण ख़त्म हुआ, डीएमके नेता बालू ने मनोज झा से अनुवाद करने के लिए कहा.
नीतीश कुमार ने क्या कहा?
द हिंदू सूत्रों के हवाले से लिखता है कि बालू के कहने पर मनोज झा अनुवाद शुरू ही करने वाले थे, तभी नीतीश कुमार डीएमके नेताओं पर भड़क उठे.
नीतीश कुमार ने कहा कि हिंदी देश की राष्ट्रभाषा है और सभी को ये भाषा समझ में आनी चाहिए. नीतीश कुमार अगले कुछ मिनट तक इसी पर बोलते रहे.
सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार अंग्रेज़ों और अंग्रेज़ी थोपने के ख़िलाफ़ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में बात करने लगे. कई नेताओं ने नीतीश कुमार को शांत करवाने की कोशिश की.
हालांकि इसके बाद किसी तरह का अनुवाद नहीं किया गया. यहां तक कि जब लालू यादव ने भाषण दिया तो उनके कहे हुए का भी अनुवाद नहीं किया गया.
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बातचीत की शुरुआत जब की, तब डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पहले स्पीकर थे. इसके बाद नीतीश कुमार ने भाषण दिया था.
लेकिन जब नीतीश कुमार अनुवाद वाली बात पर भड़के तो इसके बाद जो नेता आमतौर पर हिंदी बोलते हैं, वो भी इंग्लिश बोलने लगे. इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम भी शामिल है.
‘इंडी एलायंस’ में कांग्रेस से नाराज़गी?
बीते विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सिर्फ तेलंगाना में जीत सकी थी.
इन राज्यों के चुनावों में कांग्रेस अकेले मैदान में उतरी थी और इस बात को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी नाराज़गी जता चुके हैं.
पंजाब में हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने भी सभी 13 सीटें आम आदमी पार्टी को जितवाने की बात की थी.अपने भाषण में केजरीवाल कांग्रेस-भाजपा-अकाली दल पर एक साथ आक्रामक दिखे थे.
इंडिया के सहयोगियों के ये मतभेद इंडिया गठबंधन की बैठक में भी दिखे. स्टालिन ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के अकेले लड़ने पर नाराज़गी जताई.
स्टालिन ने कहा- कांग्रेस को इंडिया बैनर के तले चुनावी मैदान में उतरना चाहिए था. स्टालिन ने इस बैठक से पहले केजरीवाल से भी मुलाक़ात की थी.
इंडिया ब्लॉक से नाराजगी के बीच JDU ने बुलाई बड़ी बैठक, अब कौन सा फैसला लेंगे नीतीश कुमार?
सूत्रों के मुताबिक, नई दिल्ली में विपक्षी गठबंधन की बैठक के दौरान जैसे ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे बढ़ाया, लालू यादव और नीतीश कुमार ने इस पर असहमति जताई.
जेडीयू ने 29 दिसंबर को दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई है.
इंडिया गठबंधन की कल हुई चौथी बैठक के एक दिन बाद जेडीयू की ओर से दिल्ली में 29 दिसंबर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई है. इसक बाद यह अटकलें लगने लगी हैं कि क्या नीतीश कुमार फिर कोई चौंकाने वाला फैसला करने वाले हैं? माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन की कल हुई बैठक के बाद जेडीयू किसी बड़े फैसले की तरफ बढ़ सकती है. बता दें कि जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा लिए गए किसी बड़े फैसले पर राष्ट्रीय परिषद की मुहर आवश्यक होती है.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लगभग 99 सदस्य और राष्ट्रीय परिषद में लगभग 200 सदस्य हैं. जेडीयू ने 29 दिसंबर की बैठक में अपने सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों, दोनों सदनों के सांसदों, जिलाध्यक्षों और समिति के सदस्यों को शामिल होने के लिए कहा है. सूत्रों ने कल इंडिया टुडे को बताया था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम के प्रस्ताव से नाखुश होकर इंडिया ब्लॉक बैठक से जल्दी चले गए थे.
ममता और केजरीवाल के प्रस्ताव से सहमत नहीं नीतीश-लालू
सूत्रों के मुताबिक, नई दिल्ली में विपक्षी गठबंधन की बैठक के दौरान जैसे ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे बढ़ाया, लालू यादव और नीतीश कुमार ने इस पर असहमति जताई. इसके बाद नेता गठबंधन की बैठक से जल्दी चले गए और बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए. बता दें कि इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक से पहले, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के कई विधायकों के साथ ही राजद नेताओं ने सार्वजनिक रूप से मांग की थी कि बिहार के मुख्यमंत्री को 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी गठबंधन के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए.
जेडीयू-राजद नेता कर रहे नीतीश को PM फेस बनाने की मांग
गौरतलब है कि इससे पहले लालू यादव ने भी बिहार के मुख्यमंत्री के प्रति समर्थन जताते हुए कहा था कि नीतीश कुमार के सामने कोई चुनौती नहीं है. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि राजद नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करने का प्रयास कर रही है ताकि बिहार में तेजस्वी यादव का रास्ता साफ़ हो सके और वह राज्य के मुख्यमंत्री बन सकें. इस बीच, इंडिया ब्लॉक कल की बैठक के बाद भी प्रधानमंत्री उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति नहीं बना सका है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर कोई भी फैसला चुनाव के बाद किया जाएगा.
खड़गे बोले- पहले MPs जिताना लक्ष्य फिर तय हो PM का नाम
गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा, ‘हमें पहले जीतना होगा और सोचना होगा कि जीतने के लिए क्या करना है. सांसदों से पहले प्रधानमंत्री चर्चा करने का क्या मतलब है? हम मिलकर बहुमत हासिल करने की कोशिश करेंगे’. कांग्रेस प्रमुख ने उल्लेख किया कि गठबंधन सहयोगी राज्य स्तर पर सीट-बंटवारे की बातचीत पर ध्यान केंद्रित करेंगे और देश भर में सार्वजनिक सभाएं करेंगे. ममता बनर्जी के अलावा आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर खड़गे का नाम प्रस्तावित किया.