हल्द्वानी हिंसा: HC से अतिक्रमणकारियों को राहत नहीं,मलिक समेत नौ भगोड़ों की संपत्ति होगी कुर्क

हल्द्वानी हिंसा के मुख्य षड्यंत्रकर्ता मलिक समेत नौ भागे आरोपितों की संपत्ति होगी कुर्क,मजिस्ट्रेट जांच भी शुरू; कर्फ्यू जारी
बनभूलपुरा के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में सरकारी जमीन (नजूल) पर बने अवैध मदरसा व नमाज स्थल तोड़ने के दौरान बवाल हुआ था। इसमें प्रशासन पुलिस निगम व मीडिया से जुड़े लगभग 250 लोग घायल हुए थे। छह लोगों की मौत हो चुकी। बवाल के मुख्य षड्यंत्रकर्ता अब्दुल मलिक समेत नौ भागे आरोपितों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है।

मुख्य बिंदु 

हल्द्वानी हिंसा के नौ फरार आरोपितों की संपत्ति होगी कुर्क

बनभूलपुरा बवाल की मजिस्ट्रेट जांच शुरू

संवेदनशील क्षेत्र में सातवें दिन भी कर्फ्यू जारी
हल्द्वानी 14 फरवरी 2024। बनभूलपुरा बवाल का मुख्य षड्यंत्रकर्ता अब्दुल मलिक समेत नौ भागे हुए आरोपितों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है। इनकी संपत्ति भी कुर्क होगी। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने भी मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी है।
संवेदनशील क्षेत्र में सातवें दिन भी कर्फ्यू लगा है। इंटरनेट सेवा अभी भी ठप है। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में राहत पहुंचाने को प्रशासन ने क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र में अतिरिक्त डाक्टरों की तैनाती कर दी है। राशन व अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
अवैध मदरसा को तोड़ने पर हुआ था बवाल
बनभूलपुरा के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में सरकारी जमीन (नजूल) पर बने अवैध मदरसा व नमाज स्थल तोड़ने के समय बवाल हुआ था। इसमें प्रशासन,पुलिस,निगम व मीडिया के 250+ लोग घायल हुए थे। छह लोगों की मौत हो चुकी ।

भागे आरोपितों की संपत्ति होगी कुर्क
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा ने बताया है कि मुख्य षड्यंत्रकर्ता अब्दुल मलिक समेत नौ भागे आरोपितों की संपत्ति कुर्क होगी। कोर्ट से पुलिस को 83 आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश मिल चुके हैं। अब पुलिस सीधे चल-अचल संपत्ति कुर्क करेगी।
भागे आरोपितों में अब्दुल मलिक, निवर्तमान पार्षद शकील अंसारी, अब्दुल मोईद, वसीम उर्फ हप्पा, मौकिन सैफी, तस्लीम, एजाज अहमद, जियाउल रहमान व रईस उर्फ दत्तू शामिल हैं। वहीं इस मामले में अब तक 37 आरोपित पकड़े जा चुके हैं।

सातवें दिन भी कर्फ्यू जारी
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बुधवार से मजिस्ट्रेट जांच को बयान व साक्ष्य एकत्रित करना शुरू कर दिया है। संवेदनशील क्षेत्र में सातवें दिन भी कर्फ्यू जारी है और इंटरनेट सेवा बंद है। मानवाधिकारों की रक्षा को गठित कमेटी ने भी कई क्षेत्रों में निरीक्षण किया।

संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा
प्रशासन ने क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करवाई। गर्भवती व बच्चों को समय पर इलाज मिल सके। इसके लिए बनभूलपुरा स्वास्थ्य केंद्र में महिला रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ को तैनात कर दिया है। पैथोलाजी सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। संवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी की गई है। पुलिस, एसएसबी, आइटीबीपी के जवान तैनात हैं।

Nainital: बनभूलपुरा मलिक के बगीचे में अतिक्रमण मामले में HC से नहीं मिली राहत, उत्तराखंड सरकार से छह सप्ताह में जवाब तलब
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में मलिक के बगीचे से अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर निगम के नोटिस को चुनौती देती याचिका पर बुधवार (14 फरवरी) को सुनवाई की। अतिक्रमण को हटाने पर आठ फरवरी को बनभूलपुरा में बवाल हो गया था। आगजनी कर गाड़ियां फूंकी गई और पथराव में सैंकड़ों पुलिसकर्मी घायल हुए थे। छह लोगों की मौत हुई…

मुख्य बिंदु 
बनभूलपुरा अतिक्रमण मामले में HC से नहीं मिली राहत

याचिका के मुताबिक, तत्कालीन सरकार ने लीज पर दी थी जमीन

हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा 

हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में मलिक के बगीचे से अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर निगम के नोटिस की चुनौती देती याचिका पर बुधवार (14 फरवरी) को सुनवाई में याचिकाकर्ता को किसी तरह की राहत नहीं दी और राज्य सरकार को मामले में छह सप्ताह में उत्तर देने के निर्देश दिए हैं।

इस अतिक्रमण को हटाने पर आठ फरवरी को बनभूलपुरा में बवाल हो गया था। आगजनी कर गाड़ियां फूंकी गई और पथराव में सैंकड़ों पुलिसकर्मी घायल हुए थे। छह लोगों की मौत हुई है। तब से संवेदनशील इलाके में कर्फ्यू लगा है।
याचिका के मुताबिक तत्कालीन सरकार ने लीज पर दी थी जमीन
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हल्द्वानी की साफिया मलिक की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया था कि तत्कालीन सरकार ने 1937 में जमीन लीज पर दी थी।

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि नगर निगम हल्द्वानी की ओर से नियम विरुद्ध तरीके से ध्वस्तीकरण नोटिस दिया गया जबकि सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया कि लीजधारक ने लीज की शर्तों का उल्लंघन किया।

लीज केवल कृषि कार्य को 10 वर्ष को थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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