तीन तलाक और हलाला पीडिता नूरजहां ने छोड़ा इस्लाम,पूनम बन लिये धर्मपाल संग फेरे
हलाला मंजूर नहीं… तीन तलाक पीड़िता नूरजहां ने छोड़ा इस्लाम, पूनम बनकर लिए फेरे
नूरजहां को तीन तलाक दिया जा चुका और हलाला भी कराया गया, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थी. हिजाब-बुरका पहनना उसे पसंद नहीं था. वह 5 साल से भगवान राम में आस्था रख मंदिर जाकर पूजा करती थीं, जिसको परिवार उन्हें डांटता और परेशान करता था।
बरेली 26 दिसंबर 2025 : उत्तर प्रदेश के बरेली की 24 वर्षीय नूरजहां ने इस्लाम की कुछ प्रथाओं से असहमति जताते हुए धर्म परिवर्तन कर पूनम बन हिंदू युवक धर्मपाल से मंदिर में विवाह कर लिया. दोनों पिछले 7-8 महीने से रिलेशनशिप में थे और दिल्ली में लिव-इन में रहते थे.
विवाह में परिवारों का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं
शुक्रवार शाम पंडित केके शंखधार ने विधि-विधान से गंगाजल-गौमूत्र पिलाकर और गायत्री मंत्र बुलवाकर उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया. इसके बाद दोनों की शादी सुभाषनगर थाना क्षेत्र के मंदिर में संपन्न कराई गई. विवाह में दोनों परिवारों का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था.
लखीमपुर खीरी की रहने वाली 24 साल नूरजहां अब नया जीवन शुरू कर चुकी हैं. तीन तलाक और हलाला जैसी प्रथाओं से दुखी होकर उन्होंने इस्लाम त्याग दिया है. उन्होंने बरेली के युवक धर्मपाल को अपने जीवनसाथी चुना है. विधि-विधान से उन्होंने धर्म अपनाया है. नूरजहां अब पूनम बन गई हैं. पूनम का कहना है कि अब वह सम्मानपूर्वक जीवन जीना चाहती है.
नूरजहां करीब पांच साल पहले नौकरी को दिल्ली गई थीं. वहां मुंडेरा इलाके में एक खिलौना फैक्ट्री में काम करती थीं. उसी फैक्ट्री में बरेली के धर्मपाल भी नौकरी करते थे. दोनों एक ही कंपनी में बच्चों की छोटी कारें और दूसरे प्लास्टिक खिलौने बनाते थे. धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और दोस्ती गहरी होती चली गई. फैक्ट्री के पास ही किराए के कमरों में रहते हुए वे एक-दूसरे को और बेहतर समझने लगे. इसी दौरान नूरजहां के जीवन में कई मुश्किलें थीं, जिनके बारे में धर्मपाल को भी पता चला.
लिव-इन रिलेशनशिप में रही नूरजहां
नूरजहां कहती हैं कि एक-दूसरे को समझने के बाद उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई.करीब पांच साल से जान-पहचान होने के बाद दोनों ने लगभग 7-8 महीने तक दिल्ली में लिव-इन रिलेशनशिप में रहकर एक-दूसरे को परखा. नूरजहां का कहना है कि उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था. उन्होंने अपनी मर्जी से यह रिश्ता आगे बढ़ाने का फैसला किया. नूरजहां ने बताया कि तीन बार तलाक, हलाला और कुछ दूसरी प्रथाओं की वजह से वह मानसिक रूप से बहुत परेशान थी।
बरेली में नूरजहां बनी पूनम
उन्होंने साफ कहा कि वे धर्मपाल के साथ अपनी इच्छा से रह रही हैं और शादी भी अपनी मर्जी से की है. शुक्रवार को बरेली में पंडित के.के. शंखधार ने धार्मिक विधि-विधान के साथ घर वापसी की रस्म पूरी कराई. शुद्धिकरण को गंगाजल और गौमूत्र प्रयोग किया गया. गायत्री मंत्र उच्चारण करा नूरजहां को नया नाम पूनम दिया गया. धर्म परिवर्तन के बाद पूनम और धर्मपाल ने हिंदू रीति-रिवाजों से शादी कर ली है.
दोनों अब एक साथ अपने भविष्य की नई शुरुआत करने को तैयार हैं. पूनम का कहना है कि वह अपने जीवन में अब शांति और सम्मान चाहती हैं और धर्मपाल के साथ खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं.
कोर्ट में दिए हलफनामे में नूरजहां ने लिखा कि इस्लाम की कुछ प्रथाएं उन्हें पसंद नहीं हैं. निकाह आसानी से टूट जाता है, तीन तलाक और हलाला गलत लगता है. शादी और धर्म परिवर्तन पूरी तरह अपनी इच्छा से किया है, किसी का कोई दबाव नहीं है.‘भगवान राम में थी आस्था’ उन्होंने साफ लिखा कि इस्लाम की कुछ परंपराएं उन्हें उचित नहीं लगतीं, इसलिए वे अपना धर्म बदलना चाहती हैं. तीन बार तलाक कहना आसान है, लेकिन इसकी वजह से लड़की की जिंदगी पर बड़ा असर पड़ता है. इसके बाद हलाला जैसी परंपरा का दबाव भी बनाया जाता है. मुझे यह सब मंजूर नहीं था. नूरजहां ने बताया कि वे पिछले कई सालों से भगवान राम में आस्था रखती थीं. मंदिर जाती थीं और पूजा भी करती थीं, लेकिन उनके परिवार को यह बिल्कुल पसंद नहीं था.घर के लोग कई बार उन्हें डांटते थे और ऐसा करने से रोकते थे. धीरे-धीरे नूरजहां ने तय कर लिया कि वे वही जीवन अपनाएंगी, जिसमें उन्हें सम्मान और अपनी इच्छानुसार जीने की आजादी मिले. बरेली पहुंचकर नूरजहां से अधिकारियों ने पूरी जांच करके बयान लिया. उन्होंने अपना पूरा परिचय देते हुए कहा कि वे लखीमपुर खीरी की हैं, छह भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं और आठवीं तक पढ़ी हैं.
उन्होंने कहा कि मैं ‘धर्मपाल के साथ अपनी मर्जी से शादी कर रही हूं. मैं बहुत खुश हूं.’ दोनों अब वापस दिल्ली जाकर साथ रहने और काम करने की योजना में हैं.

