और 50 हजार हिंदुओं के बलिदान की फिल्म ‘ द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ ‘ भी

सोमनाथ पर गजनवी के हमले का सच दिखाने के लिए आ रही है फिल्म: 50000+ हिन्दुओं ने दिया था बलिदान, 12 भाषाओं में रिलीज

‘द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ’ का पोस्टर (फोटो साभार: @taran_adarsh का ट्विटर)

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक गुजरात के सोमनाथ मंदिर को इस्लामिक आक्रांता महमूद गजनवी के आक्रमण से बचाने के लिए हजारों लोगों ने बलिदान दिया था। इसी ऐतिहासिक गाथा को लेकर ‘द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ’ (THE BATTLE STORY OF SOMNATH) नाम से एक फिल्म आ रही है। फ़िल्म को 12 भाषाओं में रिलीज किया जाएगा।

‘द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ’ का प्रोडक्शन 2 इडियट फिल्म्स के बैनर तले होगा। फिल्म के प्रोड्यूसर मनीष मिश्रा और को-प्रोड्यूसर रंजीत शर्मा हैं। वहीं फिल्म की कहानी और डायरेक्शन का जिम्मा अनूप थापा के हाथों में है। अनूप थापा इससे पहले ‘ये मर्द बेचारा’ और ‘शुक्र दोष’ जैसी फिल्मों का डायरेक्शन कर चुके हैं।

फिल्म क्रिटिक तरण आदर्श ने ‘द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ’ को लेकर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में बताया गया है कि सतयुग में भगवान चंद्रदेव ने सोने से सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया था। इसके बाद त्रेता में रावण ने पीतल से इस मंदिर का निर्माण कराया। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इस मंदिर को लड़की से बनवाया। लेकिन इसके बाद 1025 ईस्वी पूर्व महमूद गजनवी ने मंदिर में आक्रमण किया। मंदिर को बचाने के लिए आम लोगों ने लड़ाई लड़ी। इस लड़ाई में 50 हजार से अधिक लोगों ने बलिदान दिया। इसके बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस मंदिर के पुनर्निर्माण का बेड़ा उठाकर इसे भव्य रूप दिया।

 

डायरेक्टर अनूप थापा ने इस फिल्म को लेकर कहा है कि इसकी कहानी महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ मंदिर पर किए गए हमलों को लेकर है। लेकिन यह फिल्म अन्य ऐतिहासिक फिल्मों की कहानी से हटकर नजर आएगी। यह फिल्म दर्शकों के सामने भारतीय इतिहास की ऐसी गाथा को पेश करने जा रही है, जिसे या तो भुला दिया गया फिर या कुछ इतिहासकारों द्वारा गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। हर भारतीय को इस ऐतिहासिक घटना के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

हालाँकि इस फिल्म की स्टार कास्ट और रिलीज डेट को लेकर कोई भी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। लेकिन फिल्म के ऐलान होने के साथ ही जल्द ही इसके टीजर आने के कयास भी लगाए जा रहे हैं। यह फिल्म हिंदी और तेलगु में निर्मित होने के साथ ही कुल 12 भाषाओं में रिलीज होगी।

ज्ञात हो कि इस्लामिक आक्रांता महमूद गजनवी ने भारत में 17 बार आक्रमण किया था। इसमें से सबसे बड़ा हमला सोमनाथ मंदिर पर हुए हमले को ही माना जाता है। गजनवी ने मंदिर पर आक्रमण कर हजारों बेकसूर लोगों की हत्या कर दी थी। यही नहीं उसने मंदिर में जमकर लूटपाट मचाने के बाद मंदिर को तोड़ दिया था।

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   ‘सोमनाथ मंदिर में होता था गलत काम, इसीलिए गजनवी ने तोड़ दिया’: मौलाना साजिद रशीदी का ज़हर, राम मंदिर ध्वस्त करने की भी दी थी धमकी

सोमनाथ मंदिर पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में साजिद रशीदी पर FIR (फाइल फोटो)

अखिल भारतीय इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने रविवार (22 जनवरी 2023) को एक बार फिर हिंदू धर्म के खिलाफ जहर उगला है। रशीदी ने कहा है कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर में गलत काम होता था और इसी वजह से मोहम्मद गजनवी ने मंदिर को तोड़ने का काम किया था। साथ ही उसने कहा कि मुगलों का धर्म से कोई लेना-देना नहीं था।

इसके साथ ही उसने इतिहास की उल्टी गंगा बहाते हुए मुगल आक्रांताओं पर ज्ञान दिया। उसने कहा, ”यह सच है कि मुगल एक काल था। मुगल जितने भी बादशाह हुए हैं, उनका एक दौर था, जमाना था। मुगलों का धर्म से कोई लेना-देना नहीं था। इन 800 सालों में जितने भी मुगल बादशाह हुए हैं या दूसरे और बादशाह रहे हों। आप अगर उनकी हिस्ट्री को पढ़ेंगे तो उनका धर्म से कोई लेना-देना नहीं था।”

रशीदी ने आगे कहा, ”उन्होंने धर्म के नाम पर किसी भी तरह का काम किया भी नहीं। इस तरह के बहुत सारे उदाहरण हैं। जैसे गजनवी के बारे में लोग कहते हैं कि उसने सोमनाथ मंदिर तोड़ा है। जबकि हिस्ट्री ये है कि वहाँ के लोगों ने गजनवी को बताया कि वहाँ आस्था के नाम पर क्या हो रहा है। देवी-देवता के नाम पर क्या हो रहा है। कैसे वहाँ लड़कियों को लापता कर दिया जाता है।”

मौलाना यहीं नहीं रुका, उसने आगे कहा, ”इसके बाद गजनवी ने वहाँ बकायदा मुआयना करवाया। जब पता चला कि वहाँ ऐसा है, तब जाके उसने सोमनाथ के मंदिर पर चढ़ाई की। सोमनाथ मंदिर को उसने तोड़ने का काम नहीं किया, बल्कि वहाँ जो गलत हो रहा था, उसे रोका।”

 

ऐसा नहीं है कि मौलाना ने हिंदू धर्म के खिलाफ पहली बार जहर उगला है। इससे पहले वह राम मंदिर को तोड़ने की धमकी दे चुका है। उसने कहा था कि 50-100 साल बाद मुस्लिम शासक के आने पर अयोध्या के राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई जा सकती है। मुस्लिमों की आने वाली नस्लें इसको लेकर खामोश नहीं रहेंगी।

मौलाना रशीदी ने कहा था , ”आज मुसलमान खामोश है। मेरी आने वाली नस्ल… मेरा बेटा, उसका बेटा, उसका पोता…. 50-100 साल के बाद एक हिस्ट्री उनके सामने आएगी कि हमारी मस्जिद को तोड़कर मंदिर बना दिया गया। उस वक्त हो सकता है कि कोई मुस्लिम शासक हो, कोई मुस्लिम जज हो या मुस्लिम शासन आ जाए… कुछ नहीं कहा जा सकता है कि क्या फेरबदल हो जाए… तो क्या उस हिस्ट्री की बुनियाद पर इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई जाएगी? बिल्कुल बनाई जाएगी।”

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