नूंह हिंसा: ड्यूटी मजिस्ट्रेट अदीब हुसैन ने FIR में बताया हमलावरों का भयावह इरादा
500 दंगाइयों ने घेर रखा था राम मंदिर,भीतर फँसे थे 40 श्रद्धालु:ड्यूटी मजिस्ट्रेट अदीब हुसैन की शिकायत पर दर्ज FIR में इस्लामी भीड़ के खतरनाक इरादों का खुलासा
नूहं हिंसा (फाइल फोटो, साभार: DH)
हरियाणा के मेवात के नूहं में 31 जुलाई 2023 को मुस्लिम भीड़ ने जलाभिषेक यात्रा में शामिल हजारों हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला किया था। हमें इस मामले में दर्ज कई एफआईआर मिली हैं। ड्यूटी मजिस्ट्रेट अदीब हुसैन की शिकायत पर भी एक FIR दर्ज हुई है। इस एफआईआर में 400-500 इस्लामिक दंगाइयों द्वारा राम मंदिर में श्रद्धालुओं को बंधक बनाने की घटना के बारे में बताया गया है।
एफआईआर में अदीब हुसैन ऊबताया पूरा घटनाक्रम
अदीब हुसैन टौरू पीएचईएस में सब डिवीजनल इंजीनियर हैं। बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा के लिए नूहं थाने में बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट उनकी तैनाती की गई थी। अदीब हुसैन की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148,149, 186,332,307,342 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 में 400-500 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
नूहं दंगे की एफआईआर का एक हिस्सा
अपनी शिकायत में अदीब हुसैन ने कहा कि वह मैनेजिंग ऑफिसर ओमबीर सिंह के साथ थे। तभी 400-500 दंगाइयों ने श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों पर पथराव और अवैध हथियारों से गोलियाँ चलानी शुरू कर दी। उनका इरादा जान से मारने का था। दंगाइयों ने सरकारी और निजी वाहनों को जला दिया। हमले के समय हुसैन और ओमबीर सिंह नूहं बस स्टैंड पर थे। उन्हें जानकारी मिली थी कि सैकड़ों दंगाइयों ने 35-40 श्रद्धालुओं पर हमला कर उन्हें वार्ड नंबर 9 में स्थित राम मंदिर में बंधक बना लिया है।
अदीब हुसैन ने अपनी शिकायत में कहा है कि दंगाई श्रद्धालुओं को राम मंदिर परिसर से बाहर नहीं जाने दे रहे थे। जब वे मौके पहुँचे तो 400-500 दंगाइयों ने लाठी, डंडे, पत्थर और अवैध हथियारों के साथ उन्हें मारने के लिए उन पर गोली चलानी शुरू कर दी। इस दौरान अदीब हुसैन ने ओमबीर सिंह व अन्य पुलिस अधिकारियों को दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए उचित बल का उपयोग करने का निर्देश दिया। इसमें उन्हें सफलता भी मिली। दंगाई भाग गए। इसके बाद उन्होंने बंधक बने श्रद्धालुओं को मुक्त कराया।
फँसे थे 3000 लोग, बाहर से होती रही फायरिंग: नल्हड़ शिव मंदिर से हिंदुओं को बचाने वाली IPS ममता सिंह ने बताए उस दिन के हालात, कैसे मंदिर में फँसे हिंदु बचाये
हरियाणा के मेवात के नूहं जिले में 31 जुलाई 2023 को हिंदुओं की जलाभिषेक यात्रा पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था। इस दौरान नल्हड़ महादेव मंदिर में हिंदुओं के बंधक बनने की सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ममता सिंह खुद मौके पर पहुँची थीं। उनकी अगुवाई में पुलिस ने हिंदू श्रद्धालुओं को बचाया था। इसके लिए उन्हें काफी सराहना भी मिली थी।
अब इंडिया टीवी से बातचीत में उन्होंने उस समय के हालात और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बताया है। आईपीएस अधिकारी ने उस दिन की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि 35-36 साल के पुलिस करियर में ऐसे मौके कम ही आते हैं, जब आपका सामना इस तरह के हालात से होता है। हालात पर काबू पाना, लोगों को भरोसा दिलाना और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालकर ले जाने जैसी चुनौतियों से एक साथ जूझना पड़ता है।
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— India TV (@indiatvnews) August 3, 2023
ममता सिंह ने कहा, “जब मैं मंदिर पहुँची तो स्थिति बहुत क्रिटिकल थी। ढाई-तीन हजार लोग फँसे थे। चारों तरफ से फायरिंग हो रही थी। हमारी फोर्स वहाँ मौजूद थी पर इतनी संख्या में नहीं थी कि इतने लार्ज स्केल पर जिस तरह से फायरिंग हो रही थी, उसमें घेराबंदी कर लोगों को सुरक्षित बाहर लेकर जा सके क्योंकि एग्जिट का एक ही तरफ से रास्ता था।”
आईपीएस अधिकारी ने बताया कि मंदिर में फँसे लोगों में महिलाएँ, छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे। पहाड़ी से फायरिंग हो रही थी। वे जानबूझकर उस हिस्से में फायरिंग कर रहे थे जिधर भीड़ होती थी ताकि नुकसान ज्यादा हो। अंधेरा होने के बाद भी फायरिंग नहीं रुकी तो हमें लगा कि स्थिति अब और खराब हो सकती है। फिर हमने टुकड़ियों में लोगों को निकालने का फैसला किया। कवर फायर देते हुए लोगों को जब हम बाहर निकाल रहे थे तब भी फायरिंग हुई थी। किस्मत से वह फायर एक गाड़ी को लगी। फिर देर रात तक टुकड़ियों में लोगों को बाहर निकालने का सिलसिला चलता रहा।
मंदिर के बाहर की स्थिति का जिक्र करते हुए बताया कि गाड़ियों में आग लगाए जाने के कारण और सीएनजी सिलिंडर्स में ब्लास्ट के कारण मंदिर के बाहर वाली सड़क से लोगों को ले जाना आसान नहीं था। इसलिए खेतों के रास्ते लोगों को बाहर निकालकर ले जाया गया। नल्हड़ मंदिर समेत आसपास के इलाकों में दंगाइयों के इकट्ठा होने में सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर ममता सिंह ने कहा है कि कुछ पोस्ट हटाए जा चुके हैं। टेक्निकल टीम अब भी काम कर रही है।
गौरतलब है कि नूहं हिंसा को लेकर सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाने वाले करीब 100 सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अधिकारियों और मंत्रालयों ने कार्रवाई शुरू की है।
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