दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को चपत,उपचुनाव में इंडी से 10-2 से हारी
Indi Alliance Dominant On Bjp In State By Poll Election Results Today In 7 States 13 Assembly Seats
बंगाल, हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक, 7 राज्यों के उपचुनाव में मुरझाया कमल, जानें क्या हैं अर्थ
लोकसभा के बाद पहली बार हुआ 7 राज्यों के13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। लोकसभा में बेहतर प्रदर्शन करने वाला इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में भाजपा पर भारी पड़ा है। इन उपचुनाव में इंडिया गठबंधन ने राज्यों की 10 सीटों पर जीत हासिल कर ली है।
1-हिमाचल में कांग्रेस को दो, भाजपा को एक
2-उत्तराखंड में कांग्रेस ने दोनों सीटों पर किया कब्जा
3-पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भाजपा को हराया
4-बंगाल में टीएमसी ने चारों सीटों पर हासिल की जीत
नई दिल्ली 13 जुलाई 2024: लोकसभा चुनाव के बाद देश के सात राज्यों की 13 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इन नतीजों में इंडिया गठबंधन भाजपा पर भारी पड़ा है। उपचुनाव में बिहार, पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तराखंड में कमल मुरझा गया है। इन उपचुनाव में इंडिया गठबंधन ने 13 में से 10 सीटों पर जीत हासिल की है। भाजपा के खाते में दो ही सीट आई है। बिहार में निर्दलीय उम्मीदवार ने जीता है। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है। वहीं, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने 4 सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर ली है। खास बात है कि भाजपा को अपने गढ़ उत्तराखंड में दोनों सीटों पर हार मिली है।
भाजपा पर भारी इंडिया ब्लॉक
लोकसभा के बाद हुए पहले चुनाव पर देश की निगाहें लगी थी। राजनीतिक विश्लेषकों से लेकर आम लोग भी इन चुनावों को भाजपा की परीक्षा मान रहे थे। विधानसभा उपचुनाव में पंजाब की एक, हिमाचल प्रदेश की तीन, उत्तराखंड की दो, पश्चिम बंगाल की चार, मध्य प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु की एक-एक सीट पर मतदान हुआ था। इन चुनाव में इंडिया’ गठबंधन में शामिल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। चुनाव नतीजों में भाजपा पर इंडिया गठबंधन भारी पड़ा। भाजपा के लिए हिमाचल में भाजपा हमीरपुर सीट जीतने में कामयाब रही। वहीं, तमिलनाडु में विक्रवांडी विधानसभा सीट पर डीएमके उम्मीदवार अन्नियूर शिवा ने जीत हासिल की।
बंगाल में ममता का दबदबा यथावत
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का जादू उपचुनाव में भी बरकरार रहा। तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों कृष्णा कल्याणी, मधुपर्णा ठाकुर, मुकुट मणि अधिकारी, सुप्ति पांडे ने क्रमशः रायगंज, बगदाह, राणाघाट दक्षिण, मानिकतला सीट पर जीत हासिल की। उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज में कल्याणी ने भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मानस कुमार घोष पर 50,077 मतों के अंतर से जीत हासिल की। तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य एवं मतुआ नेता ममताबाला ठाकुर की बेटी मधुपर्णा ठाकुर ने उत्तर 24 परगना जिले की बगदाह विधानसभा सीट पर भाजपा के अपने प्रतिद्वंद्वी बिनय कुमार बिश्वास को 33,455 मतों से हराया। उत्तर 24 परगना के राणाघाट दक्षिण में तृणमूल कांग्रेस के मुकुट मणि अधिकारी ने भाजपा उम्मीदवार मनोज कुमार बिश्वास को 39,048 मतों से हराया।
हिमाचल में मुख्यमंत्री की पत्नी की जीत
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी एवं कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर ने देहरा विधानसभा सीट पर भाजपा के होशियार सिंह को 9,399 मतों से हराया। नालागढ़ में कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा ने भाजपा के केएल ठाकुर को 25,618 मतों से हराया। भाजपा ने हमीरपुर सीट जीती है। भाजपा उम्मीदवार आशीष शर्मा को 27,041 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के पुष्पिंदर वर्मा को 25,470 वोट मिले।
उत्तराखंड से भाजपा को निराशा, दोनों सीटें हारी
इस चुनाव में भाजपा को उत्तराखंड से सबसे अधिक निराशा हाथ लगी। उत्तराखंड को भाजपा का गढ़ माना जाता है। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में भी यहां दमदार प्रदर्शन किया था। इन चुनाव नतीजों ने यहां भाजपा के खेमे में हलचल पैदा कर दी है। भाजपा को बद्रीनाथ सीट पर मिली हार के बाद पार्टी की रणनीति को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पार्टी की बाहरी उम्मीदवारों पर भरोसा करने को हार का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। भाजपा ने यहां बद्रीनाथ के अलावा मंगलोर सीट पर भी बाहरी उम्मीदवार पर भरोसा जताया था। बद्रीनाथ से भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र सिंह भंडारी ने लोकसभा चुनाव के समय भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला शनिवार को हो गया है। शनिवार सुबह आठ बजे से हरिद्वार जिले की मंगलौर और चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा में मतगणना शुरू हुई। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। वहीं मंगलौर के कुछ बूथों पर भाजपा ने रिकाउंटिंग की मांग की है।
उत्तराखंड में दो विधानसीटों पर हुए उपचुनाव के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज शनिवार को हो गया है। बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।
बदरीनाथ से कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटोला तो मंगलौर से कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन विजयी हुए हैं। हालांकि भाजपा यहां कुछ बूथों पर रिकाउंटिंग की मांग कर रही है।
जीत दर्ज करने के बाद काजी निजामुद्दीन ने कहा कि मंगलौर में लठतंत्र कायम करने की कोशिश की गई, लेकिन लोकतंत्र के आगे लठतंत्र हार गया। उन्होंने मंगलौर की जनता का आभार व्यक्त भी किया है। अभी काजी निजामुद्दीन को सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया, लेकिन उनके समर्थकों में भारी उत्साह है।
भड़ाना के मतगणना स्थल से जाने के बाद हरिद्वार की मंगलौर विधानसभा से कांग्रेस ने पार्टी प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन की 449 वोटों से जीत का जश्न मानना आरंभ कर दिया है।
दस राउंड की मतगणना में कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन को 31710 वोट मिले। दूसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना को 31261 वोट मिले। बसपा के उबेदुर्रहमान को कुल 19552 वोट मिले।
भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना मतगणना स्थल से रवाना हुए। बताया गया कि जिला निर्वाचन अधिकारी जिला अधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल के पुन: मतगणना करने से इनकार करने के बाद वह रवाना हुए।
बदरीनाथ विधानसभा उप चुनाव की 14वें चरण की मतगणना के बाद कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस के लखपत बुटोला 5224 मतों से जीते हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने अभी मंगलौर सीट पर कांग्रेस की जीत की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। भाजपा रिकाउंटिंग की मांग कर रही है। पहले सहायक जिला सूचना अधिकारी ने यह जानकारी दी थी कि दसवें राउंड की समाप्ति के बाद कांग्रेस प्रत्याशी 449 मतों से जीत गए हैं। भाजपा बूथ 135, 134, 122, 123 पर गिनती दोबारा किए जाने की मांग कर रही है।
इंडिया गठबंधन की जीत के मायने
लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन के लिए यह जीत बूस्टर का काम करेगी। विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक फायदा कांग्रेस को हुआ है। कांग्रेस ने पांच सीटें जीती हैं। इन चुनाव परिणाम का असर राज्य के साथ ही केंद्र में साफ देखने को मिलेगा। लोकसभा चुनाव के परिणाम से उत्साहित कांग्रेस इन नतीजों के बाद भाजपा के खिलाफ अधिक आक्रामक दिखेगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले ही संसद सत्र में अपने तेवर दिखा चुके। ऐसे में इन नतीजों ने विपक्षी धड़े इंडिया ब्लॉक को फिर से फ्रंटफुट पर खेलने का मौका दे दिया है।
कभी इधर कभी उधर और इस बार… दल बदलू नेताओं को पब्लिक ने सिखाया सबक, उपचुनाव नतीजों ने दिया बड़ा संदेश
7 राज्यों में हुए उप चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। खास बात है कि चुनाव नतीजों में दलबदलू नेताओं को निराशा हाथ लगी है। इन चुनाव में कांग्रेस ने 5 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, बीजेपी को सिर्फ दो सीट पर ही जीत मिली है। टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की सभी चार सीटों पर जीत हासिल की।
7 राज्यों में 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं। इन चुनाव की खास बात है कि जनता ने दलबदलू नेताओं को सबक सिखा दिया है। इनमें सबसे अधिक नुकसान बीजेपी को हुआ है। बीजेपी ने पंजाब, उत्तराखंड से लेकर हिमाचल प्रदेश में पाला बदलने वाले नेताओं पर भरोसा जताया था। जानते हैं इस चुनाव में दलबदलू नेताओं का क्या हाल रहा।
उत्तराखंड: बद्रीनाथ में बागी की हार
उत्तराखंड में हुए उपचुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी ने यहां दो सीटों पर हुए उपचुनाव में हार मिली है। खास बात है कि पार्टी ने बद्रीनाथ सीट पर कांग्रेस के बागी उम्मीदवार को टिकट दिया था। कांग्रेस के टिकट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले राजेंद्र सिंह भंडारी ने लोकसभा चुनाव से पहले पाला बदल लिया था। ऐसे में उपचुनाव में भाजपा ने भंडारी पर ही भरोसा जताया। ऐसे में भाजपा की कांग्रेस को तोड़कर कमल खिलाने की रणनीति कारगर साबित नहीं हुई।
पंजाब में नहीं चला भाजपा का दांव
पंजाब में भाजपा का दलबदलू नेता को टिकट देने का दाव काम नहीं आया। जालंधर वेस्ट के लिए उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार शीतल अंगुराल 37 हजार वोटों से हार गए। शीतल पहले आम आदमी पार्टी के विधायक थे। लोकसभा चुनाव से पहले वो आप छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। इस वजह से ही इस सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा। भाजपा ने उपचुनाव में शीतल अंगुराल को ही टिकट दिया था। हालांकि, जनता ने दल बदलने वाले अंगुराल को सबक सिखा दिया। AAP उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने यहां से जीत हासिल की।
बिहार में बीमा भारती को मिली हार
लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में पाला बदलने वाली बीमा भारती को भी रुपौली सीट पर हुए उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा। बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर पूर्णिया संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। वहां भी उन्हें हार मिली थी। खास बात है कि लोकसभा चुनाव में बीमा भारती के प्रतिद्वंद्वी रहे पप्पू यादव ने भी उपचुनाव में बीमा भारती का समर्थन किया था। इसके बाद भी जनता ने दलबदल करने वाली नेता को धूल चटा दिया। यहां लोजपा में रहे बाहुबल शंकर सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की।
हिमाचल में नहीं गली बागियों की दाल
हिमाचल में भी बागी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। राज्य की तीन सीटों के लिए हुए उपचुनाव में दो पर कांग्रेस और एक पर भाजपा ने जीत हासिल की। राज्य में तीनों सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। नालागढ़ सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार केएल ठाकुर ने इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। जनता को उनका भाजपा के पाले में आना रास नहीं आया। ठाकुर को कांग्रेस उम्मीदवार हरदीप बाबा ने 9 हजार से अधिक वोटों से हराया। राज्य की देहरा सीट पर भी निर्दलीय विधायक का पाला बदल कर भाजपा में आना रास नहीं आया। यहां से होशियार सिंह को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी के हाथों हार का सामना करना पड़ा।