उत्तराखण्ड विधानसभा का बजट सत्र चौथे दिन ही अनिश्चितकाल को स्थगित
Uttarakhand Assembly Session 2023 In Bhararisain: Budget Passed On Fourth Day Session Adjourned Indefinitely
Uttarakhand Budget Session 2023: चौथे दिन बजट पारित, सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
भराड़ीसैंण(चमोली) 16 मार्च। उत्तराखण्ड विधानसभा का बजट सत्र आज चौथे दिन ही बजट पारित होने के बाद अनिश्चितकाल को स्थगित हो गया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है।
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की भराड़ीसैंण विधानसभा में सत्र के चौथे दिन बजट पारित कर दिया गया। इसके साथ ही बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
बता दें कि वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है। पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए सरकार ने कोई कर नहीं लगाया। बजट में सरकार ने 76592.54 राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया है।
राजस्व खाते में 52747.71 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जबकि पूंजीगत कार्यों पर सरकार 24659.37 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पिछले वर्ष की तुलना में यह 21.16 फीसदी अधिक है। बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। वित्तीय वर्ष में 4309.55 करोड़ रुपये का राजस्व सरप्लस संभावित है। गत वर्ष से अधिक 9046.91 करोड़ में राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.72 प्रतिशत है।
यह बजट सभी क्षेत्रों के विकास को गति देने वाला है। एक सर्वस्पर्शी बजट पेश किया गया। इसमें युवाओं को रोजगार, महिलाओं, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, कृषि, बागवानी, ग्रामीण विकास के साथ अवस्थापना विकास को प्राथमिकता दी गई। बजट में किए गए प्रावधान से विकल्प रहित संकल्प और उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य का संकल्प पूरा होगा।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
Uttarakhand Budget Session 2023: Government Refusal To Implement Old Pension
Uttarakhand: पुरानी पेंशन लागू करने से सरकार का इनकार, वित्त मंत्री का विधायक के सवाल पर दो टूक जवाब
अल्मोड़ा के कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में 86,842 कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में हैं, लेकिन उन्हें यह लाभ नहीं मिल रहा है।
उत्तराखंड की भराड़ीसैंण विधानसभा में प्रदेश सरकार ने राज्य में पुरानी पेंशन लागू करने से इनकार कर दिया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने 2005 में केंद्र सरकार के नियमों की समानता के हिसाब से इस योजना को राज्य में लागू किया है। विपक्ष ने नियम 58 में राज्य में पुरानी पेंशन लागू करने की मांग उठाई थी।
अल्मोड़ा के कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में 86,842 कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में हैं, लेकिन उन्हें यह लाभ नहीं मिल रहा है। वे अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने नई पेंशन योजना में कार्यरत रहे एक प्रवक्ता का उदाहरण सदन में दिया।
उन्होंने बताया कि वह 80 हजार रुपये वेतन ले रहे थे। लेकिन सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी पेंशन मात्र 3676 रुपये प्रतिमाह लगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार में नई पेंशन योजना लागू नहीं है। राजस्थान, पंजाब और हिमाचल की सिंगल इंजन की सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना लागू की है। उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार इसे क्यों नहीं लागू कर रही है।