एक लाख नये लोग आयें राजनीति में, वन नेशन-वन इलेक्शन जरूरी:मोदी

PM Modi Speech: प्राकृतिक आपदा से रिफॉर्म तक, लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री   मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
प्रधानमंत्री   मोदी लाल किले की प्राचीर से प्राकृतिक आपदा से लेकर रिफॉर्म्स और गवर्नेंस मॉडल तक, कई विषयों पर बोले. उन्होंने स्वतंत्रता पूर्व   जनसंख्या की चर्चा की, स्वतंत्रता  का उल्लेख  किया और 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प व्यक्त किया. ये रही प्रधानमंत्री  मोदी के संबोधन की महत्वपूर्ण बातें…

नई दिल्ली,15 अगस्त 2024,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया. प्रधानमंत्री  मोदी लाल किले की प्राचीर से प्राकृतिक आपदा से लेकर रिफॉर्म्स और गवर्नेंस मॉडल तक, कई विषयों पर बोले. उन्होंने स्वतंत्रता    पूर्व जनसंख्या की चर्चा की, स्वतंत्रता   का उल्लेख   किया और 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प व्यक्त किया.

प्राकृतिक आपदा में एकजुटता

प्रधानमंत्री   मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही कहा कि प्राकृतिक आपदा को लेकर हम सबकी चिंता बढ़ती चली जा रही है. अनेक लोगों ने अपने परिजन खोए हैं, संपत्ति खोई है. देश का नुकसान हुआ है. उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि देश संकट की इस घड़ी में साथ खड़ा है.

समृद्ध भारत, विकसित भारत का संकल्प

प्रधानमंत्री   मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता पूर्व सैकड़ों साल की परतंत्रता  का हर कालखंड संघर्ष का रहा. 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पहले भी कई वनवासी क्षेत्र थे जहां स्वतंत्रता का युद्ध  लड़ा गया था. 40 करोड़ देशवासियों ने वो भावना और सामर्थ्य दिखाई, एक सपना और संकल्प लेकर चलते रहे- भारत की स्वतंत्रता   का. हमारी नसों में उन्हीं का खून है. 40 करोड़ लोगों ने परतंत्रता  की जंजीरें तोड़ दी थी, दुनिया की महासत्ता उखाड़ फेकी थी.

उन्होंने कहा कि 40 करोड़ लोग परतंत्रता   की बेड़ियां तोड़ सकते हैं, स्वतंत्रता का स्वप्न पूरा कर सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर, एक दिशा निर्धारित कर चल पड़ते हैं तो चुनौतियां कितनी भी क्यों न हो, संसाधनों के लिए संघर्ष की स्थिति हो तो भी हर चुनौती पार कर समृद्ध भारत बना सकते हैं, 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं.

देश के लिए जीने का समय

प्रधानमंत्री   मोदी ने कहा कि एक समय था जब लोग देश के लिए मरने को कटिबद्ध थे, आज ये समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का. मरने की प्रतिबद्धता स्वतंत्रता   दिला सकती है तो जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है. विकसित भारत 2047 केवल भाषण के शब्द नहीं हैं, कठोर परिश्रम किया जा रहा है. हमने देशवासियों से सुझाव मांगे हैं.

हर डाइनिंग टेबल तक पहुंचाना है श्रीअन्न

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि करोड़ों नागरिकों ने अनगिनत सुझाव दिए. हर किसी ने 2047 तक विकसित भारत को सुझाव दिए. किसी ने स्टील कैपिटल, कुछ लोगों ने मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने का, हमारी यूनिवर्सिटीज ग्लोबल बने, स्किल्ड युवा विश्व की पहली पसंद बनना चाहिए तो किसी ने जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने, ये सुझाव दिया. किसी ने मोटे अनाज को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाने की बात की .

उन्होंने कहा कि सरकार में रिफॉर्म को कई लोगों ने जरूरी बताया, कई लोगों ने न्याय व्यवस्था में सुधार को जरूरी बताया. किसी ने शासन प्रशासन में कैपेसिटी बिल्डिंग का अभियान चलाने का सुझाव दिया तो किसी ने कहा कि अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन जल्द बनना चाहिए. किसी ने पारंपरिक औषधियों का सुझाव दिया. लोग कहते हैं कि अब देर नहीं होनी चाहिए, भारत जल्द से जल्द तीसरी महाशक्ति बनना चाहिए. जब देशवासियों के इतने संकल्प हों, हमारा आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है. ये भरोसा अनुभव से मिलता है, ये विश्वास लंबे कालखंड के परिश्रम की पैदावार है.

आज सेना करती है सर्जिकल स्ट्राइक

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि जब लालकिले से कहा जाता है कि बिजली समय सीमा में पहुंचाएंगे, तो हिंदुस्तान सो जाता है. जब ढाई करोड़ घरों में बिजली पहुंच जाती है तो सामान्य मानवी का भरोसा बढ़ जाता है. परिवार के अंदर स्वच्छता का वातावरण बन जाए, भारत में आई नई चेतना का प्रतीक हैं. तीन करोड़ परिवार ऐसे हैं जिन्हें नल से जल मिलता है. जल जीवन मिशन में कम समय में 18 करोड़ परिवारों तक पानी पहुंच रहा है. दलित, पीड़ित, आदिवासी, गरीब भाई-बहन इन चीजों के अभाव में जी रहे थे. हमने प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने का जो प्रयास किया, परिणाम मिला है.

उन्होंने कहा कि हमने लोकल फॉर वोकल का मंत्र दिया, आज वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट का वातावरण  बना है. भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में नवीकरणीय ऊर्जा पर काम किया है. यही देश है जहां आतंकी आकर हमें मारकर चले जाते थे, आज देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है. जब सेना एयर स्ट्राइक करती है तो नौजवानों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है.

राजनीतिक नेतृत्व में संकल्प

प्रधानमंत्री   मोदी ने कहा कि जब राजनीतिक नेतृत्व में संकल्प हो, आत्मविश्वास हो और सरकारी मशीनरी उसे पूरा करने जुट जाती है. विश्व में सबसे तेज गति से करोड़ों लोगों के कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ. देश में स्टेटस-को का वातावरण  बन गया था. जो है उसी में गुजारा कर लो, हमें इस मानसिकता को तोड़ना था. हमने वो किया. देश का सामान्य जन बदलाव चाहता था, उसकी ललक थी. उसके सपनों को किसी ने प्राथमिकता  नहीं बनाया और वो रिफॉर्म का इंतजार करता रहा. हमने बड़े रिफॉर्म जमीन पर उतारे. हमारे रिफॉर्म राजनीतिक मजबूरी नहीं हैं. नेशन फर्स्ट के संकल्प से प्रेरित हैं.

उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में जो रिफॉर्म हुआ. आप सोचिए बैंकिंग सेक्टर का पहले क्या हाल था, ना विकास होता था, ना विस्तार होता था, ना विश्वास बढ़ता था. हमने बैंकिंग सेक्टर में अनेक रिफॉर्म किए. आज विश्व के सबसे मजबूत बैंकों में हमारे बैंकों ने अपना स्थान बनाया है. जब बैंकिंग मजबूत होती है तो अर्थव्यवस्था की ताकत भी बढ़ती है. स्वयंसहायता समूहों को भी 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये देने का निर्णय लिया गया है. यह भारत का स्वर्णिम कालखंड है. यह मौका जाने नहीं देना है.

मेडिकल एजुकेशन मेें बढ़ेंगी 75 हजार सीटें

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि मेडिकल एजुकेशन के लिए हमारे बच्चों को कैसे-कैसे देशों में जाना पड़ता है. हमने इसीलिए तय किया है कि पांच साल में 75 हजार सीटें बढाई जाएंगी. किसानों के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिले, हमारी सरकार इस पर काम कर रही है. कृषि के क्षेत्र में भी सुधार जरूरी हैं. धरती माता की चिंता करते हुए सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है.

अपराधियों के मन में भय पैदा करने की जरूरत

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि महिलाओं के साथ राक्षसी कृत्य करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जानी चाहिए. अपराधियों के मन में भय पैदा करने की जरूरत है. महिलाओं के साथ जब इस तरह की राक्षसी घटनाएं होती हैं तब इसकी बहुत चर्चा होती है लेकिन जब उस मामले में अपराधी को सजा सुनाई जाती है, कोई चर्चा नहीं होती. अब समय आ गया है जब सजा की भी उतनी ही चर्चा हो जिससे अपराधियों के मन में भय पैदा हो कि ऐसा अपराध करने पर कैसी सजा होती है.

भारत का स्टैंडर्ड बने दुनिया का स्टैंडर्ड

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत का स्टैंडर्ड, दुनिया का स्टैंडर्ड बने. डिजाइन इन इंडिया, डिजाइन फॉर वर्ल्ड, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं. जो जी-20 का कोई देश नहीं कर सका, वह हिंदुस्तान की जनता ने करके दिखाया है.पेरिस में जो रिन्यूएबल एनर्जी का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसको समय से पहले प्राप्त  करने वाला एकमात्र देश भारत है.

2036 के ओलंपिक कराने की तैयारी

प्रधानमंत्री   मोदी ने कहा कि जी-20 की बैठकें पूरे देश में हुईं, अलग-अलग शहरों में हुईं. इससे सिद्ध होता है कि भारत में बड़े से बड़े आयोजन की क्षमता है. 2036 के ओलंपिक खेल भारत में हों, हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने पेरिस ओलंपिक के पदक विजेताओं को बधाई दी और पैरालंपिक के लिए पेरिस जाने की तैयारी कर रहे एथलीट्स को भी शुभकामनाएं दीं.

चुनौतियों को चुनौती देना भारत की प्रवृत्ति 

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि कुछ लोग होते हैं, जो भारत का भला सोच नहीं सकते. जब तक खुद का भला न हो, किसी का भला सोच नहीं सकते. ऐसे लोगों की कमी नहीं है. निराशा से भरे लोगों से जो हानि होती है, उसकी भरपाई में समय लग जाता है. ऐसे तत्वों की गोद में विकृति पल रही है. मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि हम भारत को आगे ले जाने के अपने संकल्प में पीछे नहीं हटने वाले. जैसे-जैसे हम ताकतवर होंगे, हमारी चुनौतियां और बढ़ेंगी. ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि हम बुद्ध के देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है. विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं कि भारत के आगे बढ़ने से चिंतित न हों. हमारे इतिहास को समझें. चुनौतियां कितनी भी क्यों न हों, चुनौतियों को चुनौती देना भारत की प्रवृत्ति है.

भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जारी रहेगी

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जारी रहेगी. मुझे उसका मूल्य भी चुकाना पड़ता है लेकिन मुझे वह स्वीकार है क्योंकि राष्ट्रीय प्रतिष्ठा से बड़ी मेरी प्रतिष्ठा नहीं है. राष्ट्र के सपनों से बड़ा मेरा सपना नहीं है. देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आपने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक ताकत के साथ काम करूंगा, तीन गुना अधिक ऊर्जा से काम करूंगा.

सेकुलर सिविल कोड समय की मांग

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि देश के सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड हो. संविधान की भी यही भावना है. जो कानून समाज को बांटते हैं, ऐसे कानूनों का कोई मतलब नहीं रह जाता. अब समय की मांग है कि देश में सेकुलर सिविल कोड हो. परिवारवाद, जातिवाद देश का बहुत नुकसान कर रहे हैं.

एक लाख फ्रेश लोग राजनीति में आएं

माई भारत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री  ने कहा कि इसका एक मिशन है कि एक लाख होनहार नौजवानों को राजनीति में लाना है जिनके परिवार या रिश्तेदार कभी राजनीति में न रहे हो. ऐसे फ्रेश लोग राजनीति में आएं जिससे परिवारवाद,जातिवाद से मुक्ति मिले और लोकतंत्र समृद्धि मिले. हमें इस दिशा में आगे आना है.

वन नेशन, वन इलेक्शन

प्रधानमंत्री   मोदी ने कहा कि देश में बार-बार चुनाव प्रगति में रुकावट बन जाते हैं, बाधक बन जाते हैं. हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है. व्यापक चर्चा हुई है. राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति को, संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग जनसामान्य के लिए हो, इसके लिए वन नेशन वन इलेक्शन को आगे आए.

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