नया झटका:जेबकतरे-पनौती पर चुनाव आयोग को फैसले को दिये आठ हफ्ते
‘...जेबकतरे वाली टिप्पणी सही नहीं’, प्रधानमंत्री मोदी पर राहुल गांधी के बयान को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिए निर्देश-चुनाव आयोग आठ हफ्ते में ले निर्णय
Rahul Gandhi On PM Modi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई जेबकतरे वाली टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से आठ हफ्ते में फैसले लेने को कहा है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जेबकतरे वाली टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट से गुरुवार (21 दिसंबर) को झटका लगा. कोर्ट ने कहा कि ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. .
दिल्ली हाई कोर्ट ने साथ ही चुनाव आयोग को निर्देश दिय़ा कि मामले को लेकर आठ हफ्ते में फैसला लें. दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में चुनावी रैली करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जेबकतरे और पनौती मोदी वाली टिप्पणी की थी.
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने 21 नवंबर को कहा था, ”प्रधानमंत्री का मतलब पनौती मोदी है. मोदी टीवी पर आते हैं और हिंदू-मुस्लिम कहते हैं और कभी-कभी क्रिकेट मैच में चले जाते हैं. वो अलग बात है कि हरवा दिया.”
उन्होंने आगे कहा था, ”मोदी का काम आपका ध्यान इधर-उधर करने का है.ऐसे ही दो जेबकतरे होते हैं,एक आता है, आपके सामने आपसे बात करता है,आपका ध्यान भटकाता है.तब तक पीछे से कोई दूसरा जेब काट लेता है.”
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ये टिप्पणी क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में भारत की हार को लेकर की थी. इस मैच को स्टेडियम में प्रधानमंत्री मोदी भी देखने पहुंचे थे.
याचिकाकर्ता ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता भरत नागर ने होई कोर्ट को बताया कि राहुल गांधी ने 22 नवंबर को एक भाषण दिया था जिसमें प्रधानमंत्री सहित उच्चतम सरकारी पदों पर बैठे व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे और उन्हें जेबकतरे के रूप में संदर्भित किया गया था.
बता दें कि पूरे मामले को लेकर भाजपा चुनाव आयोग पहुंची थी और फिर आयोग ने राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
Election Commission Noticed To Rahul Gandhi For Panauti And Jebkatre Statement
‘पनौती’, ‘जेबकतरे’ वाले बयान पर राहुल गांधी पर ऐक्शन, चुनाव आयोग ने भेजा था नोटिस
कांग्रेस नेता राहुल गांधी विवादित बयानों को लेकर मुश्किल में हैं। ये बयान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिए थे। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के विवादित बयानों पर उन्हें नोटिस जारी किया था। नोटिस पर राहुल गांधी को 36 घंटे में 25 नवंबर तक जवाब देना था। राहुल गांधी ने राजस्थान में चुनावी जनसभाओं में प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित बयान दिए थे।
निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ‘पनौती’,‘जेबकतरे’ और कर्ज माफी संबंधी बयानों के लिए राहुल गांधी को नोटिस भेजा गया। आयोग ने उनसे 36 घंटे में जवाब देने को कहा। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया था। पार्टी ने कहा था कि एक वरिष्ठ नेता की ओर से इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है।
निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी को याद दिलाया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता नेताओं को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ असत्यापित आरोप लगाने से रोकती है। भाजपा ने मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के खिलाफ धोखाधड़ी, आधारहीन और अपमानजनक आचरण के लिए उचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी। इस बारे में उसने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंप कहा था कि कांग्रेस नेताओं के बयान चुनावी माहौल को खराब कर देंगे। इससे सम्मानित व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए अपशब्दों, आपत्तिजनक भाषा का उपयोग और झूठी खबरों को रोकना मुश्किल हो जाएगा।
गांधी से माफी की मांग करते हुए भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा था- ‘राहुल गांधी आपको क्या हो गया है? आप हार की हताशा से इतने परेशान हैं कि देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री हमारे खिलाड़ियों से प्यार करते हैं और उनका मनोबल बढ़ाने और उनकी मदद करने के लिए जाते हैं। भारतीय टीम एशियाड, ओलंपिक और पैरालंपिक में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। हमारे खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा खेला। यह ठीक है – हार और जीत होती रहती है। राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।’
कांग्रेस नेता ने राजस्थान में हाल की रैलियों में प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए ‘पनौती’, जेबकतरे और अन्य टिप्पणियां की थी। अहमदाबाद में विश्व कप क्रिकेट के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद प्रधानमंत्री पर राहुल ने विवादित बयान दिया था। राहुल ने राजस्थान में चुनावी भाषण में मोदी के खिलाफ ‘पनौती’ शब्द का इस्तेमाल किया था। राहुल ने नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री पर इशारा किया था।