एक अनजान गोली ने पलट दी पांच हत्याओं और एक ‘आत्महत्या’ की कहानी

Ex CM की पोती, 6 कत्ल और 1 ‘अनजान’ गोली… सीतापुर हाई-प्रोफाइल मर्डर केस में आश्चर्यजनक अनावरण
उत्तर प्रदेश के सीतापुर से 10 और 11 मई की रात को एक ही परिवार में हुए छह कत्ल की सिहरन पैदा करने वाली कहानी सामने आई है. यहां ‘मास मर्डर कम सुसाइड’ मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद पलट गया है. इसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की पोती की भी हत्या हुई है।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर हुए सनसनीखेज हत्याकांड में आश्चर्यजनक अनावरण.
लखनऊ,15 मई 2024,वो पहले सिर्फ एक कत्ल करना चाहता था. लेकिन एक कत्ल करने के दौरान घर में सो रहे दूसरे व्यक्ति की नींद खुल गई, तो उसे दूसरे को भी मारना पड़ा. लेकिन जब उसने एक-एक कर दो कत्ल कर डाले, तो उसने सोचा कि तीसरे को भी क्यों छोड़ा जाए? इसके बाद उसने तीसरे को भी गोली मार दी. तीसरा कत्ल करने के साथ ही घर में सो रही 12 साल की एक छोटी सी बच्ची जग गई. उसने अपनी आंखों से अपनी मां, दादी और पापा को मरते हुए देखा. उसने कातिल का चेहरा भी देख लिया. फिर क्या था? उसने सबूत मिटाने को इस बच्ची पर भी गोली चला उसकी भी जान ले ली।
इसके बाद कातिल ने सोचा अब जब एक बच्ची को मार ही दिया है, तो फिर बाकी बचे दोनों बच्चों को क्यों छोड़ा जाए?उसने बाकी के दो बच्चों के सिर पर भी हथौड़े मारे और  एक-एक कर तीनों बच्चों को ऊपर ले जाकर छत से नीचे फेंक दिया. सीतापुर से 10 और 11 मई की रात को एक ही परिवार में हुए छह कत्ल की कुछ ऐसी ही सिहरन पैदा करने वाली कहानी सामने आई है. लेकिन इसी के साथ इस कत्ल के खुलासे से जुड़े एक ऐसे अजीबोगरीब इत्तेफाक का पता चला है, जिस पर यकीन करना किसी के लिए भी मुश्किल हो सकता है.

क्या आप यकीन करेंगे कि इस हत्या का अनावरण एक ऐसी गोली से हुआ, जिसे कातिल ने चलाया तो किसी और पर था, लेकिन वो गोली अपने टारगेट को हिट करने के बाद दूसरे शख्स के शरीर में जा घुसी. इसी गोली ने छह कत्ल के इस पूरे मामले का अनावरण कर दिया. इस तरह कत्ल का अनावरण एक ऐसी गोली के चलते हुए, जो चलाई किसी पर गई थी, लेकिन मिली किसी और के शरीर में. सीतापुर के गांव पाल्हापुर में हुए इस वारदात को पहले ‘मास मर्डर कम सुसाइड’ यानी सामूहिक हत्या के बाद आत्महत्या बताया गया था. घर में जिंदा बचे परिवार के इकलौते सदस्य यानी भाई अजीत सिंह ने अपने भाई अनुराग सिंह पर अपने बीवी-बच्चों और मां की हत्या करने के बाद खुद को भी गोली मार लेने का आरोप लगाया था, जिस पर पुलिस जांच कर रही थी.

इस वारदात में मारे गए अनुराग सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, तो पता चला कि उसके सिर में एक नहीं बल्कि दो गोलियां लगी हैं. जिस अनुराग पर अपने घरवालों की हत्या करने के बाद आत्महत्या करने का आरोप लगा था, वो तो खुद ही किसी कातिल का शिकार बना था. क्योंकि सिर में दो गोली लगने का मतलब अनावरण करना हो नहीं सकता. कोई भी इंसान एक-एक कर अपने सिर पर दो गोली नहीं मार सकता. लेकिन अब सवाल उठता है कि यदि घर में घुसकर छह लोगों की हत्या करने वाला अनुराग की मौत को आत्महत्या ही दिखाना चाहता था, तो फिर उसने उसके सिर में दो गोली क्यों मारी?

इसका जवाब ये है कि कातिल ने गोली तो एक ही मारी थी, लेकिन दूसरी गोली गलती से लग गई. उसको इसका पता भी नहीं चला. इसी गलती से लगी गोली ने कत्ल का राज फाश कर दिया. पुलिस ने कत्ल के आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है. ये कोई और नहीं बल्कि अनुराग का भाई अजीत है, जो वारदात के वक्त घर ही मौजूद था. पुलिस की मानें तो अजीत अपने पूरे परिवार की हत्या करने के बाद इसे अपने भाई की करतूत दिखाना चाहता था, इसलिए उसने उसके सिर में सिर्फ एक ही गोली मारी थी, लेकिन तकदीर का खेल देखिए कि उसने गोली किसी और को मारी, लेकिन कहीं और लग गई।
एक गोली ने किया छह लोगों की हत्या के षड्यंत्र का अनावरण

दरअसल, उसने अपने भाई अनुराग की जिस 12 साल की बेटी को मारने के लिए उसके सिर में गोली मारी थी, वो गोली उसके गले में लगने के बाद आर-पार निकल गई. यही गोली फिर से अजीत के भाई अनुराग के सिर में जा लगी. उसी के सिर में समा गई. जो बाद में पोस्टमार्टम में रिकवर हुई. इसी दूसरी गोली ने ये राज खोला कि ये मामला पांच कत्ल के बाद सुसाइड का नहीं बल्कि छह कत्ल का है. फिलहाल पुलिस की छानबीन में ये साफ हो गया है कि अनुराग समेत उसके पूरे परिवार और अपनी मां का कत्ल किसी और ने नहीं बल्कि उसके भाई अजीत ने ही किया था.

उसने इसका आरोप अनुराग पर लगाने का षड्यंत्र रचा था और उसकी मौत को आत्महत्या बता दिया था, लेकिन जब सुरागों की सुई अजीत पर जा कर टिकी और पुलिस ने उससे कठोरता से पूछताछ की, तो उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. एक ही रात हुए छह कत्ल की इस वारदात के पीछे ज़मीन जायदाद का झगड़ा ही इकलौती वजह थी. असल में मौका ए वारदात के मुआयने से ही पुलिस को ये साफ हो गया था कि ये मामला लूटपाट या डकैती का तो बिल्कुल भी नहीं है, क्योंकि घर की सारी चीज़ें सही-सलामत थी. फिर जिस तरह से कातिल ने छोटे-छोटे बच्चों की भी हत्या की थी, वैसा कोई लूटेरा या डकैत क्यों करता?

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ छह हत्याओं के षड्यंत्र का अनावरण 

ऐसे में जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सभी छह मौतें हत्या होने की बात पता चली, पुलिस के शक की सुई घर में मौजूद दूसरे भाई की तरफ घूम गई. तफ्तीश में पुलिस को पता चला है कि दोनों भाइयों के पास गांव पाल्हापुर में ही 80 बीघा ज़मीन थी. जिसका दोनों भाइयों के बीच 40-40 बीघा के तौर पर बंटवारा होना था. लेकिन दिक्कत ये थी कि दोनों भाई की नजर एक ही 40 बीघा ज़मीन के टुकड़े पर थी और दूसरे 40 बीघा में किसी का ज्यादा इंटरेस्ट नहीं था. फिर दोनों भाइयों ने सरकार से करीब 30 लाख रुपए का लोन भी ले रखा था और इसको चुकाने का भार एक दूसरे पर डाल रहे थे, जिसे लेकर लड़ाई हुआ करती थी.

खाने में नींद की गोलियां मिलाकर मारने का बनाया था प्लान

यहां ये भी दिक्कत थी कि अनुराग की पत्नी प्रियंका का दखल भी इन मामलों में कुछ ज्यादा ही था. वो अपने पति का साथ देती थी और उसे अजीत के फैसलों के खिलाफ अड़े रहने को कहती थी. जिससे अजीत अपनी भाभी प्रियंका से कुछ ज्यादा ही नाराज था. वो उसका कत्ल करना चाहता था. 10 और 11 मई की रात को उसने भाभी के कत्ल की तैयारी पहले से ही कर ली थी. साजिश के मुताबिक उसने अपने बीवी बच्चों को लखनऊ के चिनहट भेज दिया था, जहां उसका ससुराल है. उसकी योजना थी कि वो रात को पूरे परिवार के खाने में धोखे से नींद की गोलियां मिला देगा, जिससे सारे लोग गहरी नींद में सो जाएंगें।
इसके बाद वो अपनी भाभी की जान ले लेगा. लेकिन इत्तेफाक से उस रात अनुराग और प्रियंका अपने बच्चों के साथ बाहर से खाना खा कर आ गए. पूरे परिवार के खाने में नींद की गोलियां मिलाने का अजीत का प्लान फेल हो गया. लेकिन चूंकि वो पहले से तैयारी किए बैठा था, तो उसने तय किया कि वो अपनी भाभी की हत्या तो हर हाल में करेगा. वारदात वाली रात अनुराग नीचे ग्राउंड फ्लोर पर सोया था, जबकि ऊपर की मंजिल पर अनुराग और अजीत की बुजुर्ग मां एक कमरे में सोई थी और दूसरे कमरे में अनुराग और प्रियंका के तीन बच्चे सोए थे. प्रियंका पहली मंजिल के बरामदे पर सोई थी. सभी गहरी नींद में थे.

प्रियंका के सिर में गोली मारी, चेहरे पर हथौड़े से किए दो वार

वारदात वाली रात करीब 3 बजे अजीत ने पहले अपनी भाभी प्रियंका के सिर में एक गोली मारी और फिर उसके चेहरे पर हथौड़े से दो वार किए. लेकिन इसी कत्ल के दौरान मां सावित्री देवी की नींद खुल गई और बेटे ने अपनी पोल खुलने से बचने के लिए अपनी मां के सिर पर हथौड़े से कई वार किए और उनकी जान ले ली. उधर, दूसरे कमरे में सो रहे बच्चों में से 12 साल की बेटी आरना की नींद खुल गई थी. इस बीच नीचे जा कर अजीत ने अपने भाई के सिर में एक गोली मार दी. तब घबराई बच्ची अपने पापा को ढूंढती हुई नीचे चली आई और बस यहीं जल्लाद चाचा ने उसके गले में भी एक गोली मार दी.

वारदात के बाद सीन ऑफ क्राइम को अपने हिसाब से बिगाड़ा

यही गोली उसके गले के छेदती हुई आगे निकल गई और अनुराग के सिर में घुस गई. इसी दूसरी गोली ने पूरे मामले का राज़ खोल दिया. अजीत ने इसके बाद बाकी के दो बच्चों की भी हत्या सिर में हथौड़ा मार कर और उन्हें नीचे फेंककर कर दिया. इस सिलसिले को अंजाम देने में उसे करीब 1 घंटे का वक़्त लगा होगा. चूंकि रात गहरी थी और घर के बाहर किसी को भी वहां मचे कत्ल ओ गारत का पता नहीं था, तो फिर वो तसल्ली से पूरे सीन ऑफ क्राइम को अपने हिसाब से बिगाड़ने लगा, ताकि कोई उस पर शक ना कर सके. उसने तमंचा खाट के नीचे फेंक दिया. भाभी की लाश के हाथ में हथौड़ा रख दिया.

शैतान भाई, बेटा, देवर, चाचा की करतूत सुन सन्न हैं लोग

अपनी जानकारी के मुताबिक तो उसने भाई अनुराग को एक ही गोली मारी थी और वो भी दांयी कनपट्टी में, ताकि वो उसकी मौत को खुदकुशी बता सके, लेकिन उसे पता नहीं था कि भाई के सिर में दूसरी गोली भी घुस चुकी है. रात को ही उसने अपने खून से सने कपड़े भी धो डाले और उन्हें छुपा दिया, ताकि किसी को उसके बारे में पता ही ना चले इसके बाद वो सुबह होने का इंतजार करता रहा, ताकि जब लोगों की नजर इस पर पड़े, तो वो भी हाय तौबा मचाना शुरू कर दे और उसने ऐसा ही किया. एक शैतान भाई, शैतान बेटा, शैतान देवर और शैतान चाचा की करतूत से पूरा सीतापुर सन्न है. पुलिस ये पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि इस वारदात में अकेले अजीत का ही हाथ है या फिर कोई और भी शामिल है. फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की पोती थी प्रियंका सिंह

बताते चलें कि इस वारदात में मारी गई अनुराग सिंह की पत्नी प्रियंका सिंह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की पोती थी. उनका ननिहाल गोरखपुर में है. वीर बहादुर सिंह उनके नाना थे, जबकि पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह मामा. प्रियंका लखनऊ में एक इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी. अपने तीन बच्चों के साथ लखनऊ के अलीगंज में रहती थी. उनके बच्चे सीएमएस में पढ़ते थे. बीते शुक्रवार को अपने बच्चों को लेकर गांव पहुंची थी. शनिवार को उनकी लाश मिली थी. कहा जा रहा है कि यदि ये मामला हाई प्रोफाइल नहीं होता तो इतनी जल्दी सॉल्व नहीं हो पाता. इसकी जांच के लिए एसआईटी भी भेजी गई।
Ajit Singh Prepare Separate Plan For Anurag Wife And His Children
सीतापुर: प्रियंका को जगाने के लिए अजीत ने काटा एसी का तार, बाहर आते ही पूछा- 35 लाख दोगे या नहीं और फिर…
उत्तर प्रदेश में सीतापुर के पल्हापुर गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड को परिवार के बड़े बेटे अजीत सिंह ने एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया। उसने बहुत ही खतरनाक तरीके से साजिश रचकर अपने भाई अनुराग की पत्नी प्रियंका और तीनों बच्चों की जान ली।
उसे जलन थी कि उसके सगे भाई का परिवार इतना खुशहाल क्यों है? सनक थी कि 35 लाख का वो कर्ज एक बार में चुकाने की उसकी बात सुनी क्यों नहीं जाती? लालच था कि करोड़ों की इस प्रॉपर्टी का बंटवारा क्यों नहीं होता? और फिर, उसके दिमाग में जन्म लेती है एक खौफनाक साजिश। साजिश- पूरे परिवार को खत्म करने की। सबको रास्ते से हटाकर करोड़ों का मालिक बनने की। वो एक खतरनाक प्लान तैयार करता है। परिवार के 6 लोगों का बेरहमी से कत्ल करता है। झूठ से भरी एक कहानी तैयार करता है। लेकिन, कहते हैं कि कातिल कितना ही शातिर क्यों ना हो, कानून के शिकंजे में फंस ही जाता है। अजीत सिंह भी अपने ही बुने जाल में कुछ इसी तरह फंस गया।

बात हो रही है उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पल्हापुर गांव के उस हत्याकांड की, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। परिवार के बड़े बेटे अजीत ने संपत्ति के लालच में अपने छोटे भाई अनुराग का हंसता खेलता परिवार उजाड़ दिया। सनक ऐसी कि सामने आई मां को भी गोली मारने से उसके हाथ नहीं कांपे। हैवानियत इस कदर कि मासूम बच्चों को उसने छत से नीचे पटककर मार डाला। अब जब, उसकी साजिश का पर्दाफाश हो चुका है, तो अजीत की काली करतूतों की कहानियां एक-एक कर बाहर आ रही हैं। उसने अपने भाई की पत्नी प्रियंका और उनके बच्चों को मारने के लिए भी एक खतरनाक साजिश रची थी।

पहले एसी का तार काटा और फिर छत पर जाकर
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को दिए बयान में अजीत सिंह ने बताया कि उस रात उसके भाई अनुराग के बच्चे और पत्नी प्रियंका अपने कमरे में सोए हुए थे। अजीत ने उन्हें कमरे से निकालने के लिए बाहर से एसी का तार काट दिया। गर्मी लगने पर प्रियंका अपने बच्चों को लेकर सोने के लिए छत पर चली जाती है। इसके बाद अजीत वहां पहुंचता है और प्रियंका से पूछता है कि वो किसान क्रेडिट कार्ड के 35 लाख रुपए जमा करेंगे या नहीं? प्रियंका बोलती है कि फसल बिकने पर पूरे परिवार के सामने बैठकर इसपर बात होगी। उसकी बात सुनकर अजीत गुस्से में भर जाता है और प्रियंका को गोली मार देता है।

शोर सुनकर जागी बेटी, तो उसकी भी ले ली जान
इतने से भी उसकी हैवानियत कम नहीं होती और वो हथौड़े से प्रियंका के सिर पर वार करता है। लहूलुहान प्रियंका मौके पर ही दम तोड़ देती है। इस बीच अपनी मां की चीख सुनकर अनुराग की बड़ी बेटी जाग जाती है, तो अजीत उसके ऊपर भी गोली चला देता है। उसके सिर पर खून सवार था। गोली मारने के बाद वो अनुराग की बेटी को छत से नीचे फेंक देता है। इसके बाद उसकी नजर पड़ती है, अनुराग के बाकी दोनों बच्चों पर, जो गहरी नींद में सोए थे। वो एक-एक कर उन्हें उठाता है और छत से नीचें फेंककर उनकी जान ले लेता है।

अजीत को खलती थी अनुराग के परिवार की खुशी
अजीत के बारे में पूछताछ से पता चला है कि वो अपने भाई अनुराग के परिवार से एक जलन रखता था। अनुराग ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी पढ़ाई के लिए उन्हें सारी सुख-सुविधाएं दी हुईं थी। उसके बच्चे लखनऊ के एक बड़े प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे। पढ़ाई में किसी तरह की कोई कमी ना आए, इसलिए उसने अपने परिवार के लिए लखनऊ में ही फ्लैट ले लिया। अनुराग की पत्नी भी लखनऊ में एक इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी। बताया जा रहा है कि इन सबसे अजीत बहुत जलता था। कोई अगर उससे अनुराग या उसकी फैमिली के बारे में जिक्र भी करता, तो वो बात बदल देता।

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