ओएनजीसी चौक दुर्घटना: कंटेनर की फिटनेस 2013,नेशनल परमिट,बीमा2015 में हो चुका था समाप्त

देहरादून में 6 छात्रों की जान लेने वाले कंटेनर का फिटनेस सर्टिफिकेट 2013 में ही हो गया था खत्म, पुलिस ने  लिखा मुकदमा

देहरादून इनोवा सड़क दुघर्टना में कंटेनर चालक के खिलाफ मुकदमा . दुर्घटना में 6 छात्रों की गई थी जान.

देहरादून 15 नवंबर 2024: बीती सोमवार 11 नवंबर को देहरादून में ओएनजीसी चौक पर जिस कंटेनर से टकराकर तेज रफ्तार इनोका कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, उस कंटेनर का फिटनेस प्रमाण पत्र 16 अगस्त 2013 में ही खत्म हो गया था. इतना ही नहीं कंटेनर का नेशनल परमिट भी 10 अगस्त 2015 को खत्म हो गया था. बता दें कि इस हादसे में इनोवा सवार 6 छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक छात्र हॉस्पिटल में जिंदगी के लिए मौत से लड़ रहा है.

वहीं इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए छात्र सिद्धेश के पिता ने कैंट कोतवाली में अज्ञात कंटेनर चालक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है. जिसके बाद पुलिस की टीम कंटेनर चालक की तलाश में उत्तर प्रदेश के खतौली और सहारनपुर भेजी गई है.

देहरादून में 6 छात्रों की जान लेने वाले कंटेनर का फिटनेस सर्टिफिकेट 2013 में ही हो गया था खत्म
पहले पूरा मामला जानिए: देहरादून इनोवा हादसे में 6 छात्रों की मौत के बाद रोज-रोज नए अनावरण हो रहे हैं. नए अनावरण से पहले आपको दुर्घटना के बारे में बताते है. दरअसल, सोमवार देर रात को तेज रफ्तार इनोवा देहरादून के ओएनजीसी चौक पर बाई तरफ से एक कंटेनर में पीछे से जा घुसी और फिर विपरीत दिशा में पेड़ से टकरा गई.

कंटेनर से टकराने के बाद इनोवा की छत टूट गई और ड्राइवर के बगल वाली फ्रंट सीट पर बैठे कुणाल कुकरेजा और उसके ठीक पीछे बैठी गुनीत के सिर धड़ से अलग होकर सड़क पर जा गिरे. वहीं अन्य चार छात्रों की भी मौके पर ही मौत हो गई. एक छात्र इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसका हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है. प्राथमिक जांच में ये भी सामने आया है कि इनोवा 30 अक्टूबर को ही धनतेरस पर खरीदी गई थी.

देहरादून सड़क हादसे में 6 छात्रों की मौत हुई थी

2013 में खत्म हो चुका है कंटेनर का फिटनेस सर्टिफिकेट: इस घटना में सबसे बड़ा चौकाने वाले खुलासा ये है कि जिस कंटेनर से टकराने के कारण इनोवा कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, वो कंटेनर HR-55J-4348 गुरुग्राम आरटीओ कार्यालय में 12 अगस्त 2009 को पंजीकृत हुआ था, जो बाद में पहले मालिक ने उत्तर प्रदेश के खतौली निवासी की बेच दिया था.

बीमा भी साल 2015 में खत्म हो गया था: हैरानी की बात ये है कि कंटेनर का फिटनेस सर्टिफिकेट 16 अगस्त 2013 में खत्म हो गया था. वहीं, नेशनल परमिट 10 अगस्त 2015 को खत्म हो गया था. कंटेनर का परिवहन विभाग का टैक्स 31 मार्च 2015 और बीमा 31 मार्च 2015 खत्म हो चुका है. इसके अलावा कंटेनर की बडी पर कही भी रिफ्लेक्टर नहीं लगे हुए थे और न ही साइड इंडीकेटर और बैक लाइट काम कर रही थी.

सड़क दुघर्टना के बाद नई इनोवा कार की हालत
रात में ही चलता था कंटेनर: वहीं, आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी का साफतौर पर कहना है कि यह कंटेनर सड़क पर चलने लायक नहीं है और यह कंटेनर सिर्फ एक कैंपस से दूसरे कैंपस तक ही चल सकता है. साथ ही बताया है कि इस कंटेनर के सही दस्तावेज खत्म हो चुके हैं और अनुमान लगाया जा रहा है कि यह कंटेनर रात में ही चलता था. इसलिए परिवहन विभाग की पकड़ में नहीं आया है.

घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी को लेकर मिली बड़ी जानकारी: वहीं ये भी कहा जा रहा है कि ओएनजीसी चौक पर लगे सीसीटीवी कैमरे खराब थे. इसीलिए उसमें दुर्घटना रिकॉर्ड नहीं हो पाई, लेकिन जांच में सामने आया कि सोमवार रात को करीब 11 बजे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग बंद हो गई थी और अगले दिन यानी मंगलवार 12 नवंबर को सुबह 10 बजे अपने आप ही रिकॉर्डिंग शुरू हो गई. इसका मतलब ये हुआ कि ओएनजीसी चौक पर लगे कैमरे 11 नवंबर को दिन में चल रहे थे, लेकिन दुर्घटना के कुछ घंटे पहले ही उनकी रिकॉर्डिंग बंद हो गई थी. इसके भी कई कयास लगाए जा सकते हैं.

पुलिस ने लिखा मुकदमा: वहीं इस मामले में आज 15 नवंबर को विपिन कुमार अग्रवाल निवासी राजपुर रोड की शिकायत कोतवाली कैंट में मुकदमा भी दर्ज हुआ है. विपिन कुमार ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि 12 नवंबर रात को उनके बेटे सिद्धेश और छह अन्य दोस्त इनोवा कार में सवार थे. उस इनोवा कार की टक्कर कौलागढ़ चौक पर कंटेनर से हो गई थी. इस हादसे में उनके बेटे के 6 दोस्तों की मौत हो चुकी है. वहीं उनका बेटा भी गंभीर रूप से घायल है.

लिखित शिक़ायत के आधार पर कोतवाली कैंट में अज्ञात चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर एक टीम को सहारनपुर और खतौली भेजा है. बताया जा रहा है कि सभी सिद्धेश के होश में आने के इंतजार कर रहे है. क्योंकि सिद्धेश ही इस पूरी घटना का सच बता सकता है.

देहरादून में ओएनजीसी चौक पर हुई कार दुर्घटना में छह युवाओं की मौत के मामले में पुलिस ने दावा किया है कि दुर्घटना से पहले युवाओं की कार शहर के पुलिस चेकपोस्टों पर सामान्य गति से गुजरी थी। पुलिस ने यह भी दावा किया है कि युवाओं की कार की गति बल्लूपुर चौक के बाद तेज हुई थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह दावा किया है।

बल्लूपुर से ओएनजीसी चौक के बीच तेज गति से निकला वाहन

ओएनजीसी चौक पर हुई दुर्घटना के तीन दिन बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर किया दावा
राजपुर रोड, सहारनपुर चौक, कांवली रोड से बल्लूपुर तक कार की गति को साधारण बता रही पुलिस
ओएनजीसी चौक पर बेलगाम इनोवा कार की दुर्घटना में छह युवाओं की मौत के तीन दिन बाद पुलिस ने दावा किया है कि दुर्घटना से पहले युवाओं की कार शहर में पुलिस चेकपोस्टों पर सामान्य गति से गुजरी थी। पुलिस ने यह दावा भी किया है कि युवाओं की कार की गति बल्लूपुर चौक के बाद तेज हुई थी।

पुलिस ने शहर के विभिन्न मार्गों पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर यह दावा किया है। दावा है कि दुर्घटना से पूर्व राजपुर रोड, सहारनपुर चौक, कांवली रोड, बल्लीवाला से बल्लूपुर तक इनोवा कार जबकि किशननगर चौक से ओएनजीसी चौक की ओर कंटेनर साधारण गति से जाता हुआ दिखा है।

हालांकि, पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर रही कि सहारनपुर चौक व कांवली रोड की फुटेज दुर्घटना से कुछ देर पहले की है, या फिर उस समय की, जब इनोवा सवार युवा अपने कांवली रोड और जीएमएस रोड निवासी दो दोस्तों को पार्टी में ले जाने के लिए दुर्घटना से तीन घंटे पहले आए थे।
दुर्घटना के सभी कारणों की विस्तृत जांच की जा रही
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि सोमवार देर रात ओएनजीसी चौक पर हुई वाहन दुर्घटना में दुर्घटना के सभी कारणों की विस्तृत जांच की जा रही है। जांच के दौरान पुलिस को दुर्घटना से पहले इनोवा कार के शहर में घूमने की महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज प्राप्त हुई हैं। इसमें इनोवा राजपुर रोड से सहारनपुर चौक पहुंची और कांवली रोड होते हुए बल्लीवाला-जीएमएस रोड से बल्लूपुर गई।

 

इन सभी मार्गों पर वाहन पुलिस चेकपोस्ट से गुजरते हुए इनोवा की गति साधारण रही। हालांकि, पुलिस दुर्घटना के बाद मंगलवार को दावा कर रही थी कि इनोवा राजपुर रोड, घंटाघर, चकराता रोड, बिंदाल होते हुए बल्लूपुर की ओर गई थी। दावा यह भी किया था कि संभवत: पुलिस चेकिंग से बचने के लिए युवाओं ने वैकल्पिक मार्ग उपयोग किया हो, लेकिन अब तीन दिन बाद पुलिस ने नई कहानी गढ़ दी है। पुलिस ने दावा किया कि दुर्घटना से पूर्व बल्लूपुर से ओएनजीसी चौक के बीच इनोवा की गति बेलगाम थी।
हालांकि, पुलिस अपनी कहानी को लेकर अभी भी स्पष्ट नहीं है और यह भी कह रही कि दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र घायल सिद्धेश अग्रवाल के बयान के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। बता दें कि, गंभीर रूप से घायल सिद्धेश का सिनर्जी अस्पताल में उपचार चल रहा है। वहीं, जिस कंटेनर से इनोवा टकराई थी, उसके लिए पुलिस का दावा है कि कंटेनर किशननगर चौक से करीब छह मिनट में डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ओएनजीसी चौक तक पहुंचा था।

पुलिस फुटेज का समय नहीं कर रही स्पष्ट
कार्यशैली पर उठे तमाम सवालों के तीन दिन बाद पुलिस ने अपने बचाव में सीसीटीवी फुटेज को आधार बना यह दावा तो कर दिया कि इनोवा कार की गति साधारण थी, लेकिन यह गति किस समय साधारण थी, पुलिस इस सवाल का जवाब नहीं दे रही।
दरअसल, यह कार सोमवार रात बल्लूपुर चौक से दो बार गुजरी। एक बार रात साढ़े 10 से 11 बजे के करीब, जब कांवली रोड व जीएमएस रोड निवासी दो दोस्तों को लेने आने की बारी थी और दूसरी बार रात डेढ़ बजे के करीब, जब दुर्घटना हुई। जब कार दोस्तों को लेने कांवली रोड गई थी तो उससे पहले यह तिलक रोड भी गई थी, क्योंकि एक दोस्त वहां की रहने वाली थी।
पुलिस पिकेट पर क्यों नहीं हुई वाहन की जांच
पुलिस ने तीन दिन बाद यह दावा जरूर किया कि इनोवा शहर में सामान्य गति से चल रही थी, लेकिन पुलिस इसका जवाब नहीं दे पाई कि जगह-जगह पुलिस पिकेट पर कार को रोका क्यों नहीं गया। कार बिना पंजीयन नंबर-प्लेट के थी और उसमें सात युवा सवार थे।

सामान्य तौर पर रात 11 बजे के बाद कोई भी वाहन पुलिस पिकेट से गुजरता है तो पुलिस उसे रोककर चेकिंग करती व चालक से पूछताछ होती है। इसके बाद ही वाहन को आगे जाने दिया जाता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि घायल सिद्धेश के शुक्रवार तक होश में आने की संभावना है, ऐसे में उसके बयान के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी।

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