वर्चुअल जिहाद शुरू हुआ करोना काल से, बद्दो शाहनवाज ने बनाये 400 मुसलमान
वर्चुअल मतांतरण की शुरुआत कोरोना महामारी के दौर में हुई। मतांतरण पीड़ितों ने एटीएस को बताया है कि कोरोना का डर दिखाया गया था। ब्रेनवॉश करने वाले कहते थे कि अल्लाह तुम्हे स्वस्थ रखेगा यदि तुम भी उसे सच्चे दिल से याद करोगे
Gaming Jihad: ‘तुम दुआ की वजह से जिंदा हो’, कोरोना काल में शुरू हुआ था ब्रेनवॉश करने वाला वर्चुअल मतांतरण गेम
ब्रेनवॉश करने वाले कहते थे कि अल्लाह तुम्हे स्वस्थ रखेगा।
गाजियाबाद ( आयुष गंगवार) 07 जून। मतांतरण का खेल पुराना है, लेकिन वर्चुअल मतांतरण की शुरुआत कोरोना महामारी के समय हुई। पीड़ितों ने एटीएस को बताया है कि कोरोना का डर दिखाया गया था। ब्रेनवॉश करने वाले कहते थे कि अल्लाह तुम्हे स्वस्थ रखेगा, यदि तुम भी उसे सच्चे दिल से याद करोगे।
संजयनगर के इलेक्ट्रीशियन ने बताया कि पिता की पहले ही मौत हो गई थी। कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद मां भी उसे छोड़कर चली गईं और उसे भी कोरोना हो गया था। तभी उसने यूट्यूब पर वीडियो देखने शुरू किए।
12वीं का छात्र भी बद्दो के संपर्क में कोरोना महामारी के दौरान फरवरी 2021 में ही आया था। नाबालिगों का ब्रेनवॉश कर मतांतरण मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय से एपिक गेम्स के गेमिंग प्लेटफार्म फोर्ट नाइट और मैसेंजर डिस्कॉर्ड की जांच को कहा है।
“दुआ से बची तुम्हारी जान”
इलेक्ट्रीशियन के मुताबिक, स्वजन के विरोध पर नमाज पढ़ना बंद किया तो उसे भी कहा गया था कि तुम्हें भी कोरोना हुआ था, लेकिन तुम बच गए, क्योंकि अल्लाह से तुम्हारे लिए दुआ मांगी थी। इसलिए अब अल्लाह के एहसानमंद रहो। ऑनलाइन गेमिंग से मतांतरण करने वाले तीनों छात्रों को भी इसी तरह डराया जाता था।
कहते कि पांच वक्त के नमाजी पर अल्लाह की खास नेमत होती है। यूथ क्लब पीके यूट्यूब चैनल पर भी इस तरह के कई वीडियो हैं। वर्चुअल मतांतरण में पाकिस्तान कनेक्शन सामने आने के बाद एटीएस ने गाजियाबाद में डेरा डाल लिया है। कयास यह भी हैं कि एनआइए भी मामले की जांच कर कर सकती है।
10 दिन में मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी सचिव अलकेश कुमार शर्मा को पत्र लिखकर फोर्टनाइट व डिस्कार्ड प्लेटफार्म की छानबीन कर 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने लिखा कि कानून के बावजूद इन एप से बच्चों के अधिकारों का हनन हो रहा है, इसलिए ऐसे गेमिंग प्लेटफार्म की निगरानी जरूरी है।
बद्दो ने अपने क्षेत्र में सैकड़ों का कराया मतांतरण
डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल को मुंब्रा से एक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि बद्दो ने यहां पर भी करीब 400 लोगों का मतांतरण कराया है। कई लोगों के नंबर, फोटो, चैट आदि उन्हें भेजी हैं। डीसीपी के पास और भी कई अनजान नंबरों से फोन आ रहे हैं।
मतांतरण की खबरें देश भर में प्रसारित होने के कारण लोग गूगल सर्च कर उन्हें काल कर रहे है। डीसीपी का कहना है कि मुंब्रा से भेजे गए डाटा को मुंबई पुलिस को शेयर कर दिया है।
ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए नाबालिगों का ब्रेनवॉश, 4 राज्यों में फैला है पाकिस्तान से जुड़ा धर्मांतरण रैकेट
गाजियाबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार मौलवी ने गेमिंग एप से धर्मान्तरण करवाने के मामले में कई खुलासे किए हैं। इस गैंग के तार पाकिस्तान से जुड़तेे दिख रहे हैं। गिरोह का सरगना शाहनवाज नाबालिगों को जाकिर नाइक और पाकिस्तानी मौलानाओं का वीडियो दिखाकर उन्होंने कट्टरपंथी बनाता था। अब तक 4 राज्यों में इस गैंग का नेटवर्क पाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्य आरोपित शाहनवाज मकसूद खान नाबालिग छात्रों का ब्रेनवॉश करने को बनाए गए सोशल मीडिया ग्रुप में पाकिस्तानी चैनल यूथ क्लब के वीडियो को शेयर करता था। इसमें पाकिस्तानी मौलाना तारिक जमील और भारत के भगोड़े कट्टरपंथी इस्लामी प्रचारक ज़ाकिर नाइक के वीडियो भी शामिल हैं।
देश में तेजी से फैल रहे धर्मान्तरण के इस रैकेट के तार उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र से जुड़े पाए गए। गुजरात और महाराष्ट्र के एक अनजान कॉलर ने महाराष्ट्र पुलिस को फोन करके बताया कि इस गैंग ने सिर्फ महाराष्ट्र में 400 से अधिक लोगों का धर्मान्तरण कराए हैं।
शाहनवाज और उसके गैंग के निशाने पर ज्यादातर नाबालिग होते थे। गाजियाबाद में मामला उजागर होने के बाद फरीदाबाद के एक छात्र ने पुलिस को बताया कि एक ऐप पर शेमलेस नाम का एक ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप में नाबालिग बच्चों को इस्लाम की बारीकी बताई जाती थी।
छात्र का आरोप है कि इस ग्रुप में अन्य धर्म के लोगों को मुस्लिमों से नीचे साबित करने की कोशिश की जाती थी। फरीदाबाद के इस छात्र का भी धर्मान्तरण करवाने का प्रयास हुआ, लेकिन उसकी माँ के विरोध के चलते साजिश में सफलता नहीं मिली।
इन तमाम इनपुट के बाद अब NIA और ATS भी इस गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है। मुंबई के मुंब्रा क्षेत्र निवासी शाहनवाज उर्फ़ बद्दो के फंडिंग की भी जाँच पुलिस कर रही है। फ़िलहाल पुलिस की अलग-अलग टीमें अलग-अलग ठिकानों पर भेजी गईं हैं।
गाजियाबाद की एक मस्जिद की भूमिका संदिग्ध
पीड़ित के पिता द्वारा करवाई FIR में गाजियाबाद शहर की एक मस्जिद की भूमिका संदिग्ध बताई गई है। यह मस्जिद संजय नगर इलाके में बनी हुई है। इसी मस्जिद में जैन परिवार का लड़का नमाज पढ़ने जाया करता था।
पीड़ित पिता का दावा है कि उनके बेटे से कहा गया था कि इस्लाम कबूलने से अगर उसे घर से निकाला गया तो मस्जिद में उसे रहने की जगह दी जाएगी। बच्चे के पिता जब मस्जिद में पूछने गए तो उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला था।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से धर्मांतरण का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। जैन परिवार के 17 साल के लड़के का ऑनलाइन गेमिंग ऐप से ब्रेनवॉश किया गया था। फिर वह 5 वक्त की नमाज पढ़ने मस्जिद जाने लगा था।
जब परिवार को इसका पता चला तो उसने भगोड़े कट्टरपंथी जाकिर नाईक से प्रभावित होकर मुस्लिम बन जाने की बात कबूली। पीड़ित पिता ने बेटे की धर्मांतरण की कोशिश और ब्रेनवॉश करने के आरोप में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में केस दर्ज करवाया है। इसके बाद जाँच में इस गिरोह का खुलासा हुआ है।
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बद्दो उर्फ शाहनवाज करीब 24 साल का युवक है, जिसका परिवार कॉस्मेटिक सामान का बड़े स्तर का डिस्ट्रीब्यूटर है। परिवार से गाजियाबाद पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बद्दो के इस काम में संलिप्त होने की जानकारी से इन्कार कर दिया। बद्दो की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है।