मत: यूक्रेन हमले के11रवें दिन रूस को लौटना होगा वार्ता की मेज पर
Russia Ukraine War : पुतिन का यूक्रेन मिशन फेल? EU सांसद का दावा- हर दिन 20 अरब डॉलर का खर्च, रूसी हथियार खत्म हो रहे
रूस यूक्रेन युद्ध के बीच यूरोपीय यूनियन के सांसद ने सनसनीखेज दावा किया है। एस्टोनिया से ईयू सांसद रिहो टेरास ने दावा किया है कि रूसी सेना के हथियार खत्म हो रहे हैं। अगले 10 दिन अगर युद्ध चला तो रूस को बातचीत की मेज पर मजबूरन लौटना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि रूस के पास हथियारों को बनाने के के लिए कच्चे माल की भी बहुत कमी है।
हाइलाइट्स
यूरोपीय यूनियन के सांसद बोले- रूस के पास सामरिक योजना नहीं
रूसी सेना के हथियारों के खत्म होने का जताया अंदेशा, बोले- कच्चा माल भी नहीं
सांसद का दावा- 10 दिनों तक युद्ध हुआ तो मजबूरी में बात करेगा रूस
मॉस्को26फरवरी: रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War Latest News) के तीसरे दिन राजधानी कीव में भारी गोलीबारी देखने को मिली है। यूक्रेनी सैनिक पूरी ताकत से रूसी सैनिकों का मुकाबला कर रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि यह युद्ध (Russia Ukraine Crisis Latest Updates) अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है।
इस बीच यूक्रेन समर्थक यूरोपीय संघ के सांसद रिहो टेरास ने रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) गुस्से में हैं। उन्होंने सोचा था कि यह युद्ध बहुत आसान होगी और एक से चार दिनों में सब कुछ खत्म हो जाएगा। लेकिन वर्तमान हालात को देखकर ऐसा लगता नहीं है। आज ही अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो ने ऐलान किया है कि वह यूक्रेन को और अधिक हथियार देने जा रहा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यूक्रेन इतनी आसानी से हार मानने वाला नहीं है। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने आम लोगों से सेना में शामिल होने की अपील भी की है। यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको और महिला सांसद कीरा रूडिक हाथ में राइफल लिए नजर आए हैं।
सांसद का दावा- रूस के पास सामरिक योजना नहीं
ईयू के सांसद रिहो टेरास यूरोपीय देश एस्टोनिया के राजनेता और पूर सैन्य अधिकारी हैं। वो 1 फरवरी 2020 से यूरोपीय संसद के सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं। वह 2011 से 2018 तक एस्टोनियाई सेना के प्रमुख भी रह चुके हैं। उन्हें 2017 में जनरल के पद पर प्रमोट किया गया था। उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर दावा किया कि रूसियों के पास सामरिक योजना नहीं थी। युद्ध की लागत लगभग 20 बिलियन डॉलर प्रतिदिन की है। किसी भी देश के पास रॉकेट ज्यादा से ज्यादा 3-4 दिन के लिए होते हैं, इनका इस्तेमाल कम ही करते हैं। ऐसे में रूस के पास हथियारों की कमी है। तुला और रोटेनबर्ग प्लांट रूसी सेना के हथियारों की कमी को पूरा नहीं कर सकते हैं। वे सिर्फ राइफल और गोलियों की आपूर्ति ही कर सकते हैं। रूसी सेना के लिए हथियार अगले 3 से 4 महीने में बन सकते हैं, वो भी तब जब उनके पास इसके लिए पर्याप्त कच्चा माल हो। रूसी हथियारों को बनाने के लिए स्लोवेनिया, फिनलैंड और जर्मनी से कच्चा माल आता था, जो अब प्रतिबंधों के कारण बंद हो चुका है।
10 दिन तक युद्ध हुआ तो मजबूरी में बात करेगा रूस
रिहो टेरास ने यह भी दावा किया कि अगर यूक्रेन 10 दिनों तक रूसी सेना को उलझाए रखता है तो मॉस्को को मजबूरन बातचीत की मेज पर लौटना पड़ेगा। ऐसा इसलिए है, क्योंकि रूस के पास कोई पैसा, हथियार या संसाधन नहीं है। इसके बावजूद वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को लेकर उदासीन हैं। रूसी सेना की अल्फा स्पेशल ऑपरेशन यूनिट 18 फरवरी से कीव के पास तैनात है। उसका मकसद कीव को नियंत्रण में लेकर एक कठपुतली सरकार की स्थापना करना है। सांसद ने यह भी दावा किया कि रूसी सैनिक दहशत फैलाने के लिए निर्दोष नागरिकों – महिलाओं और बच्चों – के खिलाफ उकसावे की तैयारी कर रहे हैं। यह उनका तुरुप का पत्ता हैै।
रूस चाहता है कि जेलेंस्की भाग जाए और सेना हथियार डाल दे
उन्होंने कहा कि रूस की पूरी योजना भय आधारित है। रूस चाहता है कि नागरिक और सशस्त्र बल आत्मसमर्पण कर दें और जेलेंस्की भाग जाए। वे उम्मीद करते हैं कि खार्किव पहले आत्मसमर्पण करेगा ताकि अन्य शहर रक्तपात से बचने को इसी रास्ते पर चलें। उन्होंने यह भी बताया कि रूसी उस भयंकर प्रतिरोध से सदमे में हैं जिसका उन्होंने सामना किया है। रिहो टेरास ने अपील की कि यूक्रेनी नागरिकों को भयभीत होने से बचना चाहिए। मिसाइल हमले डराने-धमकाने को हैं, रूसियों ने गलती से आवासीय भवनों पर हमला कर भय फैलाने की कोशिश की है। यूक्रेन को मजबूती से खड़ा रहना चाहिए और हमें सहायता प्रदान करनी चाहिए।