मत: भाजपा क्यों है सफलतम चुनाव मशीन? ये रहे छह गुण
What Makes Bjp Such A Formidable Electoral? Know The 6 Big Reaons
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में दमदार जीत दर्ज की है। खास बात यह है कि पार्टी ने किसी भी प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं दिया था। ऐसे में इतनी बड़ी जीत वाकई हैरान करने वाली है। इस जीत ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का आभास भी दिला दिया है।
कल भाजपा का दिन था। मध्य प्रदेश में इसका प्रदर्शन जीत के दमदार पैमाने पर खरा उतरा, छत्तीसगढ़ में जीत आश्चर्यजनक है। भले ही राजस्थान की जीत कोई आश्चर्य नहीं है, लेकिन इसने चुनाव आंकलनकर्ताओं के अनुमान ध्वस्त कर दिये। तेलंगाना में भी, जहां कांग्रेस जीती, भाजपा ने अपने मतदान प्रतिशत में प्रभावशाली वृद्धि की। तो भाजपा भारत की सबसे मजबूत चुनावी मशीन क्यों है? जानिए छह कारण।
भाजपा ने तीन राज्यों में दमदार जीत दर्ज की।
सुपरस्टार मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में भाजपा के पास भारत का सबसे लोकप्रिय और विश्वसनीय राजनेता है। भाजपा के चुनाव अभियानों का नेतृत्व करते हुए वो न केवल मौजूदा भाजपा सरकारों के खिलाफ निराशा दूर करने में सहायक हैं, बल्कि पार्टी के समर्थन आधार को भी विस्तृत और गहरा कर रहे हैं।
विचारधारा का लाभ
एक मजबूत वैचारिक आधार भाजपा को अडिग समर्थकों का ऐसा समूह देता है जिस पर वह भरोसा कर सकती है। लेकिन लगातार चुनाव जीतने को उसे इस मूल आधार को मजबूत करना होता है। भारत के कुछ सबसे गरीब राज्यों में इसकी बार-बार मिली सफलताएं दिखाती हैं कि इसका समर्थन आधार सभी सामाजिक समूहों में फैला हुआ है, खासकर हिंदी भाषी राज्यों में। यही कारण है कि भले ही जाति एक ज्वलंत सामाजिक मुद्दा बनी हुई है, लेकिन 1990 के दशक की तुलना में अब इसके राजनीतिक प्रभाव बहुत अलग हैं।
मजबूत अर्थव्यवस्था
भारत अपने प्रभावशाली आर्थिक विकास के मामले में एक वैश्विक अपवाद है। न केवल अवसरों का विस्तार करने के लिए विकास आवश्यक है, बल्कि यह सरकारों को उनकी योजनाओं को साकार करने के लिए संसाधन भी प्रदान करता है। जीडीपी वृद्धि अक्सर विशेषज्ञों के पूर्वानुमानों से बेहतर प्रदर्शन करती है, जैसा कि उसने दूसरी तिमाही के मैक्रो डेटा में किया था। आय और कॉर्पोरेट कर संग्रह में तेजी आई है और घाटा मध्यम है, जिससे भारत सरकार को चुनौतियों से निपटने की छूट मिलती है।
कल्याणकारी योजनाएं
भारत का विकास पैटर्न,विशेष रूप से महामारी के बाद, वितरण के मामले में असमान है। भाजपा जमीनी स्थिति भांपने और इसे कम करने को राजकोषीय पैकेज के साथ प्रतिक्रिया करने में तेज रही है। भारत सरकार के राजस्व संग्रह में विस्तार के साथ इसने मई 2022 से उपभोक्ताओं को ऊर्जा की कीमतों में वैश्विक उछाल से बचा लिया है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर रोक और रसोई गैस की दरों में कमी बड़े उदाहरण हैं। इस पर कई राज्य स्तरीय योजनाएं सोने पर सुहागा का काम करती हैं।
फैसलों में लचीलापन
राजनीति कभी स्थिर नहीं होती। एक मजबूत नींव के बावजूद भाजपा की निरंतर सफलता जमीनी स्थितियों पर प्रतिक्रिया करने में उसके लचीलेपन के कारण है। दो उदाहरण सामने आते हैं। उसने इस साल ‘रेवड़ी’ पर अपना आख्यान छोड़ दिया और कल्याण की ओर चला गया। फिर, जब शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे जैसे क्षेत्रीय क्षत्रपों की जरूरत थी, तो केंद्रीय नेतृत्व ने जल्दी से अपना रुख बदल लिया।
जमीनी मजबूती
कोई चुनावी रणनीति उतनी ही अच्छी है जितनी पार्टी का ग्राउंड गेम। विचारों को वास्तविकता में बदलने की क्षमता पार्टी की संगठनात्मक शक्ति पर निर्भर करती है जिसके दम पर पार्टी मतदाताओं को यह विश्वास दिला पाती है कि वह उनके बीच है। भाजपा के पास कई राज्यों में ऐसा करने की क्षमता अद्वितीय है। कुछ राज्यों के भीतर जहां क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हैं,भाजपा ने उन्हें पछाड़ दिया है,जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे उल्लेखनीय उदाहरण है।
इन सब बातों को मिलाकर भाजपा आज भारत की सबसे मजबूत चुनावी ताकत है। इसलिए वह 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे आगे चल रही है। उसने बार-बार दिखाया है कि वह मुश्किलों को पार कर सकती है और मौके का फायदा उठा सकती है। भारतीय राजनीति में निस्संदेह भाजपा ही वह पार्टी है जो पैमाने तय करती है।