मत: बलात्कार का शिकार महिलाओं की जानकारी पुलिस को देते क्यों नहीं राहुल?
मत: खुद महिलाओं की मदद की नहीं, अब पुलिस पूछ रही तो बता दीजिए… कब तक हिटविकेट होते रहेंगे राहुल जी!
दीपक वर्मा
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक भाषण में यौन शोषण की शिकार महिलाओं का जिक्र किया था। दिल्ली पुलिस उनके बारे में जानकारी लेने राहुल के आवास पर पहुंची।
हाइलाइट्स
राहुल गांधी के पास अगर यौन शोषण पीड़िताओं के बारे में जानकारी है तो पुलिस को दें
कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने किया था पीड़िताओं से मिलने का जिक्र
19 साल से सांसद हैं राहुल गांधी, फरियादियों की परेशानी का रिकॉर्ड तो रखते ही होंगे
पहले लंदन में बयान देकर विवादों को न्योता दिया, अब सवालों से बचने से क्या होगा
प्रिय राहुल गांधी, आप लगातार 19 साल से सांसद हैं। तीन बार अमेठी की जनता का प्रतिनिधित्व किया है और अब वायनाड़ के लोगों की नुमाइंदगी करते हैं। इस बीच आप कई संसदीय समितियों का हिस्सा रहे। कांग्रेस पार्टी के महासचिव हुए, फिर उपाध्यक्ष और अध्यक्ष भी बने। यूथ कांग्रेस की कमान संभाली और NSUI के चेयरपर्सन भी रहे हैं। इतने लंबे वक्त से पब्लिक लाइफ में हैं, शायद लाखों लोग आपके पास तकलीफ लेकर पहुंचे होंगे। इन फरियादों को आप यूं ही सुनकर जाने तो नहीं देते होंगे। किसी का घर बनना है, कोई घूसखोरी से परेशान है, किसी की पेंशन रुक गई है… ऐसी शिकायतों का ब्योरा तो लेते होंगे। कोई बस यूं ही अपनी बात करने पहुंचे तो भी उसका रिकॉर्ड बनता होगा। फिर दिल्ली पुलिस ने आपसे कुछ लोगों के बारे में जानकारी मांगी तो इतना हल्ला क्यों मचा है। क्यों कांग्रेस के लोग आपातकाल याद करने लगे हैं? वे भूल गए कि उन्हीं की पार्टी देश को लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय दिखाने के लिए जिम्मेदार है।
जो पूछा वो बताइए और बात खत्म कीजिए
राहुल जी, यौन शोषण बेहद गंभीर मुद्दा है। कश्मीर में जब आप उनके बारे में बता रहे थे, देश ने सुना। आपके जरिए सबको पता लगा कि सिस्टम कितना खराब है, कैसे उनके लिए फेल साबित हुआ। आप उसी सिस्टम का हिस्सा हैं। उसे सुधारने की जिम्मेदारी संभालते हैं। उन पीड़िताओं को भरोसा तो दिया होगा कि आप उनके लिए कुछ करेंगे। क्या किया? अव्वल तो हमारी पुलिस वैसे ही बदनाम है। कुछ करती नहीं! अब जब वह कुछ करना चाहती है (करवाया जा रहा है), तो प्रॉब्लम क्या है? आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। आपको बस उनके बारे में पुलिस ने जो जानकारी मांगी है, वह देनी है। पुलिस को इन्फॉर्मेशन दीजिए और पूरा मामला खत्म कीजिए।
भारत जोड़ो यात्रा को खत्म हुए आज 45 दिन हो गए, यह आज पूछ रहे हैं। ये दर्शाता है कि सरकार घबराई हुई है।
पवन खेड़ा
‘दिल्ली पुलिस में इतनी हिम्मत कहां से आ गई?’
इधर पुलिस राहुल के आवास पहुंची, उधर कांग्रेसियों का जमघट लग गया। पार्टी के सारे बड़े नेता मुखर होकर भाजपा पर हमला बोलने में लग गए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो पूछ लिया कि आखिर दिल्ली पुलिस की हिम्मत कैसे हुई ऐसा करने की। गहलोत बोले कि जब राहुल ने कह दिया है कि वे नोटिस का जवाब देंगे तो फिर ‘इनकी हिम्मत कैसे हो गई कि यह यहां तक पहुंच गए!’ इसी टोन में सवाल कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी पूछे। उन्होंने कहा कि ‘हम नियमानुसार जवाब देंगे लेकिन इस तरह से आना कहां तक सही है?’
बिना गृह मंत्रालय और ऊपर के निर्देश के यह संभव नहीं कि ये (पुलिस) यहां तक पहुंचें… जब राहुल गांधी ने कह दिया कि उन्हें नोटिस मिला है, वे उसका जवाब देंगे इसके बावजूद पुलिस यहां पहुंची है। इनकी हिम्मत कैसे हो गई कि यहां तक पहुंच गए। पूरा देश इनकी हरकतों को देख रहा है, देश इन्हें माफ नहीं करेगा। आज की हरकत बेहद गंभीर है।
अशोक गहलोत, राजस्थान के मुख्यमंत्री
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने प्रकरण को ‘देश में अघोषित आपातकाल’ करार दे दिया। केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया कि यह सरकार की छोटी सोच है जो राहुल गांधी को परेशान करना चाहती है। कांग्रेसियों का दावा है कि केंद्र में बैठी बीजेपी ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि वह अडानी के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रहे हैं।
बयान कश्मीर में दिया तो दिल्ली पुलिस क्यों इंवॉल्व हुई?
मीडिया के सामने स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) सागर प्रीत हुड्डा आए। उन्होंने बताया कि ’30 जनवरी को श्रीनगर में राहुल गांधी ने जो बयान दिया था उसमें ये बात कही थी की यात्रा के दौरान उन्हें बहुत सारी महिलाएं मिली थी जो रो रही थीं। उन्होंने बताया कि उनके साथ बलात्कार हुआ है। ये गंभीर मामला है, इस विषय में जानकारी जुटाने की पुलिस ने कोशिश की थी लेकिन हमें सफलता नहीं मिली।’ राहुल का बयान कश्मीर में हुआ, फिर दिल्ली पुलिस क्यों कार्रवाई कर रही है? हुड्डा के मुताबिक, ‘यात्रा दिल्ली से भी गुजरी थी तो हम जानकारी लेना चाहते हैं, अगर दिल्ली का कोई मामला होगा तो हम तुरंत कार्रवाई शुरू करें।’
श्रीनगर में दिए गए बयान में जो बातें हुई उसे लेकर हमने उनसे कहा है कि पूरी जानकारी बताएं। चूंकि उनकी यात्रा लंबी थी इस दौरान वे कई लोगों से मिले तो उन्हें कई जानकारियां एकत्र करने में समय लग सकता है पर वे जल्द से जल्द जानकारी देंगे। उन्हें एक नोटिस दिया गया है।
सागर प्रीत हुड्डा, स्पेशल सीपी (कानून और व्यवस्था) दिल्ली
जो भी सच है, पुलिस को बता दें राहुल
राहुल गांधी ने श्रीनगर में जो कुछ दावे किए, उसके बारे में उनके पास जो जानकारी है, पुलिस को बता दें। एक सांसद से पहले एक नागरिक के रूप में राहुल की जिम्मेदारी बनती है। वैसे यह उनको तभी कर देना चाहिए था जब पीड़िताएं उनके पास आई थीं। भले ही वे सिस्टम से हताश थीं और पुलिस से घबराई थीं, लेकिन राहुल उनकी शिकायत कानून तक पहुंचाते तो सुनवाई जरूर होती। देर से ही सही, शायद अब उनमें से किसी पीड़िता के लिए न्याय का रास्ता खुल पाए।
लंदन के बयान से लेना-देना नहीं पर बात तो होगी
विपक्ष साफ आरोप लगा रहा है कि यह बदले की कार्रवाई है। वैसे राहुल राजनीतिक पिच पर हिटविकेट होने के आदी हो चुके हैं। लंदन में बयान देकर उन्होंने खुद ही विवादों को न्योता दिया। सोशल मीडिया से लेकर संसद तक में हंगामा मच गया। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने राहुल पर निशाना साधा। अब दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से मोदी सरकार पर हमले और तेज ही होंगे।
राहुल के खिलाफ कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश के रूप में देखी जा सकता है। इसके बावजूद सरकार ने रिस्क लिया है तो सोच-समझकर ही लिया होगा। बस देखना होगा कि इस सियासी धींगामुश्ती में कहीं असल पीड़िताओं को न्याय मिलने से न रह जाए।
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