मत: झूठ, ईसाईयत करती है जिसका व्यापार
अभिजीत सिंह जी की कालजयी पोस्ट:-
25 दिसंबर 2012 यानि क्रिसमस सायंकाल की घटना है. अपने शहर में एक मित्र के साथ संध्या भ्रमण पर निकला तो देखा कि शहर के एक चर्च में और उसके बाहर मेले जैसा माहौल है और भयंकर भीड़ उमड़ी पड़ी है. चर्च में झाँका दो वहां छीना-झपटी चल रही थी. माजरा क्या है पता लगाने जब अंदर गया तो वहां देखा कि वहां फादर बाइबिल बाँट रहे थे और लोग समझ रहे थे कि नए साल की डायरी मुफ्त में बंट रही है, कोलाहल की वजह मालूम हो गई पर फादर के लिए यह माहौल अपने मजहब को बेचने का बेहतरीन मौका था सो अपने तमाम बाईबिल की प्रतियों के साथ मंच पर चढ़ गए और हाथ में बाईबिल लेकर कहने लगे, भाइयों, बहनों और प्यारे बच्चों. यह कोई डायरी नहीं है बल्कि प्रभु यीशु मसीह का पवित्र सन्देश है जिसे प्रभु ने सारी मानवजाति को सुनाने के लिए भेजा है. प्रभु यीशु आप सबको जिस गंदगी में जी रहे हैं उससे निकालने के लिए आया था, आप छोड़ दो पाखंडी अवतारों और झूठे ईश्वर मूर्तियों को पूजा और सारी मानवजाति के लिए उद्धारक बनाकर भेजे गए मसीहा की गोद में आ जाओ.
मैंने फादर से पूछा , फादर मेरा एक सवाल है.
फादर- क्या? पूछिए
मैंने कहा आपने कहा कि ईसा को सारी मानवजाति के लिए उद्धारक बन कर भेजा गया था, ये बात बाईबिल में कहाँ लिखी है?
फादर- है बेटे, लिखी है.
मैंने कहा, फादर ! आपने शायद मेरा सवाल ठीक से नहीं सुना, मैंने पूछा कि बाईबिल में ये कहाँ लिखा है कि ईसा हमसब लोगों के लिए भेजे गए थे?
फादर मंच से नीचे उतर गए और मुझे न्यू टेस्टामेंट की एक प्रति थमाते हुए कहा, आप ये पवित्र किताब घर ले जाओ, इसके अंदर सबकुछ लिखा है.
मैंने कहा, मुझे मालूम है कि आप नहीं बताने वाले इसलिए यहाँ उपस्थित लोगों के भले के लिए मैं ही बता देता हूँ.
मैंने कहा, ईसा जब अपने बारह शिष्यों को धर्मप्रचार के लिए भेज रहे होते हैं तो उनसे कहते हैं जो बाईबिल में गोस्पेल ऑफ़ मैथ्यू (10:6) में लिखा है, तुम गैर यहूदियों में मत जाना और न ही सामरियों के किसी नगर में जाना इसकी अपेक्षा केवल इजरायल के घराने की खोई हुई भेड़ों के पास जाना.
मैंने फादर से कहा, आपकी बाईबिल के अनुसार तो ईसा ने अपने शिष्यों को केवल यहूदियों के पास जाने को कहा था और आप उनके शिष्य होकर हम गैर-यहूदियों के पास आ गए यानि आपने खुद ही अपने प्रभु की आज्ञा का उल्लंघन कर दिया ?
(फादर के चेहरे पर शिकन आ गई और तब तक भीड़ भी हमारे गिर्द इकठ्ठा हो चुकी थी और खामोशी से ये वार्तालाप सुन रही थी)
फादर ने कहा, नहीं बेटे ! वो तो प्रभु ने अपने शिष्यों की कही थी पर वो स्वयं सारी इंसानियत के उद्दारक बनाकर भेजे गए थे.
मैंने कहा, फादर ! फिर तो मुझे लगता है शायद आपने अपनी बाईबिल ठीक से पढ़ी नहीं क्यूंकि गोस्पेल ऑफ़ मैथ्यू (15:24) में खुद ईसा कहतें हैं, मैं केवल इजरायल के घराने की खोई हुई भेड़ों के लिए भेजा गया हूँ.
अब आप मुझे बताये कि झूठ ईसा बोल रहे हैं या आप ?
फिर मैंने भीड़ की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि इनके प्रभु को केवल यहूदियों के लिए भेजा गया था और ये लोग अपने प्रभु की ही आज्ञा का उल्लंघन कर हमारे पास आ गए अपना किताब बांटने और धर्म बेचने.
फादर के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी और लोगों की अब दिलचस्पी बढ़ने लगी थी, ये देख मैंने भीड़ से पूछा, आपको पता है कि हमारे आपके जैसे एक गैर -यहूदी की हैसियत ईसा के नज़रों में क्या थी? भीड़ से आवाज़ आई. बताइए.
मैंने फादर से पूछा, श्रीमान् ! ये बात आप इन्हें बताएँगे कि मैं इन्हें बता दूं?
फादर खामोश थे सो मैंने बोलना शुरू कर दिया.
मैंने कहा, इनके बाईबिल के अनुसार गोस्पेल ऑफ़ मैथ्यू (15:21-26) में आता है कि ईसा जब सूर और सैदा क्षेत्र में धर्म प्रचार कर रहे थे तो उनके पास एक गैर-यहूदी महिला आई जिसकी बेटी को प्रेतात्मा लग गया था. वो ईसा से अनुरोध करने लगी कि मेरी बेटी से प्रेतात्मा निकाल दो. जब ईसा को ये पता चला कि ये महिला गैर-यहूदी है तो उन्होंने कहा, कुत्तों के पिल्लों के आगे रोटी डालना ठीक नहीं.
मैंने भीड़ से कहा, इनके बाईबिल के अनुसार इनके ईसा के नजर में हमारी हैसियत कुत्ते के पिल्लों की तरह है. ये सब सुनने आप सब यहाँ आयें हैं?
भीड़ में कसमसाहट बढ़ने लगी और कुछ लोग आके निकल से फादर से सवाल पूछने लगे.
फादर के पास एक नन भी आकर खड़ी थी, मैंने उनसे पूछा, आपने कभी ये कुत्ते वाली लाइन अपने बाईबिल में देखी कि नहीं? नन सर झुकाए हुए खामोश खड़ी थी.
मैंने फादर से पूछा, Who was founder of Christianity?
फादर से पहले ही एक दूसरी नन तुरंत बोल उठी- जीसस
मैंने कहा, बाईबिल में किधर भी नहीं लिखा है कि Jesus was founder of Christianity. बल्कि बाईबिल से तो ये मालूम होता है कि ईसा एक यहूदी पैदा हुए और एक यहूदी ही मरे और तो और उनको यहूदी धर्म में सुधार के मकसद से भेजा गया था न कि ईसाइयत के रूप में कोई नया मजहब शुरू करने.
अब फादर बोल उठे- आप जो भी कहोगे हम मान लेंगे ? आप बताइए कि अगर ईसा ईसाइयत के जनक नहीं थे तो और कौन थे?
मैंने कहा, ईसाई धर्म संत पॉल का आरंभ किया हुआ था न कि ईसा का और इस बात का प्रमाण खुद आपके बाईबिल में मौजूद है, आप न्यू टेस्टामेंट से गोस्पेल ऑफ़ मैथ्यू, 5:17 पढ़िए, वहां जीसस कहतें हैं, तुम ये न समझो कि मैं व्यवस्था या नबियों को नष्ट करने आया हूँ. मैंने उन्हें नष्ट करने नहीं अपितु पूरा करने आया हूँ.
(चर्च के ननों और अधिकारियों में खामोशी थी)
मैंने तुरंत अगला सवाल दागा- फादर ! आप मानते हैं कि बाईबिल ईश्वरीय ग्रन्थ है?
फादर ने कहा, हमें इसपर कोई शंका नहीं है कि यह ईश्वरीय किताब है.
मैंने कहा, वैरी गुड. मैं बस एक उदाहरण दूंगा जो साबित कर देगा कि आपकी ये किताब ईश्वरीय किताब नहीं है.
(भीड़ से आवाज़ आई, बताइए भाई..बताइए. )
मैंने चर्च वालों से कहा, आप न्यू टेस्टामेंट के सबसे आख़िरी अध्याय पर जाइए और वहां जाकर 22 वें अध्याय की 18वीं तथा 19वीं वर्स को पढ़िए.
चर्च से तो नहीं पर भीड़ से एक उत्साही युवक ने पढ़ा. वहां लिखा था:- मैं प्रत्येक को जो इस पुस्तक की नबूबत के वचनों को सुनता है गवाही देता हूँ, यदि कोई इनमें कुछ बढ़ाएगा तो परमेश्वर इस पुस्तक में लिखी विपत्तियों को उस पर बढ़ाएगा और यदि को इस नबूबत की पुस्तक के वचनों को घटाएगा तो परमेश्वर इस पुस्तक में लिखित जीवन के वृक्ष और पवित्र नगरी से उसका भाग छीन लेगा.
फादर से मैंने पूछा, फादर ! इस भाई ने आपकी बाईबिल से जो पढ़ा वो सही है ?
फादर- हाँ सही है पर आप कहना क्या चाहते हैं?
मैंने कहा, आप सबको पता है कि ईसाई दुनिया आज मुख्यतया दो भागों में विभक्त है, रोमन कैथोलिक और प्रोटोस्टेंट?
कुछ ने कहा , हाँ
मैंने फादर की ओर मुड़कर कहा कि रोमन कैथोलिकों के अनुसार बाईबिल में कुल 73 किताबें हैं, 46 ओल्ड टेस्टामेंट में और 27 न्यू टेस्टामेंट में तथा प्रोटेस्टेंट के अनुसार बाईबिल में केवल 66 किताबें ही हैं, 39 ओल्ड टेस्टामेंट में और 27 न्यू टेस्टामेंट में.
यानि न्यू टेस्टामेंट की किताबों की कुल संख्या को लेकर दोनों में मतभेद नहीं है पर ओल्ड टेस्टामेंट की किताबों को लेकर दोनों सेक्ट्स में जबर्दस्त मतभिन्नता है. इसलिए कैथोलिक प्रकाशन के बाईबिल में ओल्ड टेस्टामेंट में 46 किताबें होती है और प्रोटेस्टेंट के द्वारा प्रकाशित बाईबिल के ओल्ड टेस्टामेंट में सिर्फ 39 किताबें.
मैंने फादर से कहा, फादर ! अब दोनों ही दावे तो सही नहीं हो सकते, इनमें से कोई एक ही तो सही होगा न? यानि अगर रोमन कैथोलिक सही हैं कि बाईबिल में कुल 46 किताबें ही है तो फिर प्रोटोस्टेंट गलत हैं क्यूंकि उन्होंने इसमें से 7 किताबें निकाल के बाहर फेंक दी और अगर प्रोटोस्टेंट सही हैं कि बाईबिल में केवल 39 किताबें ही है तो इसका अर्थ है कि रोमन कैथोलिक गलत हैं क्यूंकि उन्होंने इसमें 7 किताबें जोड़ दी?
अब आइये आपके बाईबिल के उस वर्स की ओर जिसे इस भाई ने अभी पढ़ा जिसमें लिखा है कि “अगर कोई इस ईश्वरीय किताब में कुछ जोड़ दे या इसमें से कुछ हटा दे तो प्रभु उस पर तमाम विपत्ति तो ढाएगा ही साथ ही स्वर्गिक राज्य से भी उसे वंचित कर देगा”
तो फादर स्थिति ये बन रही है कि ईसाईयत के इन दोनों बड़े समुदायों में कोई एक तो है जिसने इस किताब के निर्देश के खिलाफ गुस्ताखी की है इस लिए जरूर ही इनमें से किसी को ईश्वर ने इस किताब में वर्णित प्लेग, गंधक और आग की बारिश जैसे अज़ाबों से नवाज़ा होगा? अब आप बताएं कि कब कैथोलिकों के ऊपर या प्रोटेस्टेंटो के ऊपर गंधक और आग की बारिश हुई थी या उन सबको इकट्ठे प्लेग हुआ था ?
फादर के पास कोई जबाब नहीं था तो मैंने कहा, आपके बाईबिल के इस एक वर्स ने आपके ईश्वरीय किताब के दावे की हवा निकाल दी.
फादर ने फिर कहा….
फादर से मैंने कहा, चलिए इस बात को छोड़िये इतिहास में क्या जाना. खैर आप मुझे ये बताइए कि क्या आप ईसा के मानने वाले सच्चे विश्वासी हैं ?
फादर ने कहा, ये क्या बेहूदा सवाल है…मैं बिना विश्वासी हुए ही फादर हो गया ?
मैंने कहा, देखिये आप नाराज़ न हो…आपके बाईबिल के गोस्पेल ऑफ़ मार्क्स के अंतिम अध्याय के 17 से लेकर 18 वर्स में सच्चे विश्वासियों को पहचानने के लिए कुछ चिन्ह दिए गए हैं , मैंने बाईबिल खोल के पढ़ते हुए कहा, इसमें लिखा है: – “और विश्वास करने वालों में ये चिन्ह दिखाई देंगे; मेरे नाम से वो दुष्टात्माओं को निकालेंगे तथा नई-नई भाषाएं बोलेंगे, वो साँपों को उठा लेंगे और यदि वो प्राणघातक विष भी पी जाएँ तो इससे उनकी हानि न होगी, वे बीमारों पर हाथ रखेंगे और वो चंगे हो जायेंगे”
फादर, आप सच्चे विश्वासी हैं इसकी पुष्टि करने के लिए मेरे पास अभी सांप नहीं है जो मैं आपको उठाने के लिए दे सकूं और न ही विष है जो आपको खाने के लिए दूंगा. मेरे पास आपके बाईबिल का दिखाया हुआ दो रास्ता बचता है जिसके आधार पर मैं आपके सच्चे विश्वासी होने के पुष्टि कर सकता हूँ. एक तो ये है कि मैं बांग्ला भाषा बोल सकता हूँ तो आप पांच मिनट मुझसे बांग्ला में बात करके दिखा दें और अपने सच्चे विश्वासी होने का प्रमाण दे दें क्योंकि आपके बाईबिल के अनुसार एक सच्चा विश्वासी तो नई-नई भाषाएँ आसानी से बोल सकेगा या फिर दूसरा प्रमाण ये हो सकता है कि मेरे इस मित्र की माताजी लंबे समय से बीमार चल रही हैं , आप हमारे साथ चलिए और इनकी माता जी पर हाथ रखकर उन्हें चंगा कर दीजिये और अपने सच्चे विश्वासी होने का सबूत दे दीजिये.
निरुत्तर फादर के पास एक ही रास्ता बचा था जो हर लाचार आदमी चुनता है. फादर ने मुझसे कहा, बेटे ! आप तर्क मत करो बस विश्वास करो तभी कुछ हासिल करोगे वरना भटक जाओगे. क्रमशः…….
शेष भाग अगले पोस्ट में ।
✍🏻अभिजीत सिंह