उत्तरांखड बोर्ड: सफलता प्रतिशत गिरा, विद्या मंदिरों का जलवा कायम, मेरिट में 45% पर कब्जा

UBSE 10th-12th Result: उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट: परीक्षा में ज्यादा कमाल न दिखा पाए छात्र

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड ने सोमवार को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परीक्षाफल जारी कर दिया। हाईस्कूल में 77.47 प्रतिशत अभ्यर्थी पास हुए वहीं इंटरमीडिएट में 82.63 प्रतिशत सफल रहे।
देहरादून 06 जून।कोरेाना काल के रिजल्ट को यदि शामिल न किया जाए तो इस साल कक्षा दस और 12 वीं का बोर्ड रिजल्ट में एक से दो प्रतिशत तक सुधार आया है। लेकिन चिंता की बात यह है कि परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई है। प्रथम से लेकर तृतीय श्रेणी तक पास होने वाले छात्रों की संख्या घट गई है।

कोरोना काल की वजह से पिछले साल बिना परीक्षा लिए ही छात्रों को पास किया गया था। इस वजह से बोर्ड का रिजल्ट 99 प्रतिशत तक चला गया था। लेकिन वर्ष 2020 के साथ तुलना करने पर यह स्थिति काफी चिंताजनक हो रही है। हाईस्कूल में ससम्मान प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्रों का जो प्रतिशत वर्ष 2021 में 8.54 था,वो इस साल घटकर 5.70 प्रतिशत रह गया है। इसी प्रकार प्रथम श्रेणी में पास होने वाले छात्रों की संख्या में भारी गिरावट आई है। करीब 10% से कम छात्र इस साल पास हुए हैं। द्वितीय श्रेणी में नौ प्रतिशत कम छात्र पास हुए हैं। तृतीय श्रेणी का औसत भी कमजोर ही है। इसी प्रकार इंटर मीडिएट में भी हाल हैै।

वर्ष 2020 के मुकाबले इंटर में भी ससम्मान प्रथम श्रेणी, प्रथम श्रेणी, दूसरी और तृतीय श्रेणी में पास होने वाले छात्रों का प्रतिशत गिरा है। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कोराना काल में छात्रों को लंबे समय तक स्कूलों से दूर रहना पड़ा था। उनकी पढ़ाई की आदत भी छूट गई थी। यह उसका असर भी हो सकता है। बहरहाल अब स्कूल सामान्य रूप से खुलने लगे हैं। इसलिए आगे बेहतर नतीजे देखने को मिलेंगे।

वर्ष/कक्षा 10 व 12

2020      76.91        80.26
2021      99.09        99.56
2022      77.47        82.63 (बोर्ड रिजल्ट प्रतिशत में)

बालिकाओं ने फिर मारी बाजी

इस बार भी बोर्ड रिजल्ट में बालिकाएं आगे रहीं। हाईस्कूल में जहां 71.12 प्रतिशत बालक पास हुए, वहीं 84.06 प्रतिशत बालिकाओं ने सफलता हासिल की। इंटरमीडिएट में भी 79.74 फीसदी छात्र पास हुए जबकि 85.38 छात्राएं सफल रहीं।

करीब 5 प्रतिशत छात्र ससम्मान उत्तीर्ण

हाईस्कूल में सम्मान सहित उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 7291 रही, यह कुछ छात्रों का 5.70 प्रतिशत रहा। प्रथम श्रेणी से पास होने वालों की संख्या 24055 (18.80%) रही। इसी तरह इंटरमीडिएट में कुल 4773 छात्र सम्मान सहित उत्तीर्ण हुए। यह कुल अभ्यर्थियों का 4.27 प्रतिशत रहा। प्रथम श्रेणी से 25358 (22.70%) छात्र पास हुए।

दो साल बाद हुए फेल

कोरोना की वजह से बीते दो साल से सभी छात्रों को सफल घोषित किया जा रहा था। बीते साल भी हाईस्कूल में 99.09 तो इंटर में 99.56 परीक्षार्थी सफल रहे थे।

2020 की तुलना में सुधरा परिणाम

कोरोना काल से पहले 2020 में हाईस्कूल में 76.91% और इंटरमीडिएट में 80.26% छात्र-छात्राएं सफल रहे थे। इस बाद हाईस्कूल में .83% और इंटरमीडिएट में 2.37% सुधार हुआ है।

 

जानें ‘विद्या भारती’ हर बार कैसे बनता है नंबर वन, उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट में फिर लहराया ध्वज; ये हैं पांच मंत्र

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा का परिणाम आज सोमवार छह जून को घोषित किया गया। विद्या भारती संगठन अपने स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने के लिए पांच बुनियादों सूत्रों पर सतत रूप से काम करता है।

उत्तराखंड बोर्ड के रिजल्ट में इस बार भी विद्या भारती के छात्रों को परचम लहरा रहा है। हाईस्कूल और इंटर मीडिएट बोर्ड परीक्षा में टॉप-10 छात्रों की लिस्ट में विद्याभारती के छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है। यह पहली बार नहीं है, बल्कि हर बोर्ड रिजल्ट में विद्याभारती के छात्र ही छाए रहते हैं और इसकी एक वजह भी है।

विद्या भारती संगठन अपने स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने के लिए पांच बुनियादों सूत्रों पर सतत रूप से काम करता है। यही पांच सूत्र विद्याभारती के छात्रों की कामयाबी की वजह भी हैं। विद्याभारती के प्रदेश संगठन मंत्री भुवन कहते हैं आचार्यों का शिक्षा और संस्कार सृजन के प्रति समर्पण तो सर्वोपरि है। इसके बाद कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं, जिन पर सतत रूप से अभ्यास किया जाता है।

विद्या भारती के पांच मंत्र:

-प्रधानाचार्य सम्मेलन मे हर साल का शैक्षिक व शिक्षणेत्तर गतिविधियों का कैलेंडर तय कर दिया जाता है। इस कैलेंडर के अनुसार ही सभी गतिविधियों पर अनवरत काम किया जाता है।
– विद्याभारती के विद्यालयों के आचार्यों का समर्पण सबसे महत्वपूर्ण है। विद्यालय और विद्यालय के बाद भी आचार्य गण अपने छात्रों के बौद्धिक और सांस्कृतिक विकास के लिए प्रयास रहते हैं।
– प्रत्येक छात्र के अभिभावक से हर 15वें दिन आचार्य गण अनिवार्य रूप से मुलाकात करते हैं। उनके साथ छात्र के शैक्षिक विकास, उसकी अच्छाइयों और कमियों पर गंभीरता से चर्चा की जाती है और समाधान भी तलाशे जाते हैं।
– हर वर्ष कक्षा पांच और कक्षा आठवीं के छात्रों की एक विशिष्ट प्रकार की मेधावी परीक्षा ली जाती है। इस परीक्षा के आधार पर छात्र के भावी शैक्षिक विकास, अभिरुचियों का आकलन हो जाता है। हर छात्र पर इस परीक्षा के परिणाम के अनुसार मेहनत की जाती है।
– हालिया पांच साल से शिक्षा के बदलते स्वरूप, वर्तमान समय की आवश्यकताओं को देखते हुए आचार्यों के लिए प्रशिक्षण की संख्या बढ़ाई गई है। आचार्यगण को शिक्षा में आ रहे बदलाव के प्रति अपडेट रखा जाता और नई विधाओं की सतत जानकारी दी जाती है।

विद्याभारती संगठन महज शिक्षण संस्थान भर नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र सेवा का मिशन है। इस मिशन से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति किसी समयावधि में बंधकर काम नहीं करता। बल्कि 24 घंटे समर्पित भाव से कार्य करता है। यही विद्याभारती के छात्रों की कामयाबी की वजह है।
भुवन, प्रांतीय संगठन मंत्री-विद्याभारती

 

टॉपर में 45 फीसदी विद्या भारती के छात्र

विद्या भारती के प्रदेश निरीक्षक डॉक्टर विजयपाल सिंह ने बताया कि आज घोषित हुए उत्तराखण्ड बोर्ड की 10वीं व 12वीं की वरीयता सूची में 40 से 45 प्रतिशत स्थान विद्या भारती के सरस्वती विद्या मन्दिरों के छात्र-छात्राओं के प्राप्त किये है। जबकि बोर्ड की 10वी की परीक्षा में बैठे कुल छात्रों में विद्या भारती के छात्रों का प्रतिशत मात्र 6 प्रतिशत है

इण्टमीडिएट में सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज मायापुर हरिद्वार की दीया राजपूत ने 97 प्रतिशत अंक प्राप्त कर राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है। कहा कि उत्तराखण्ड में अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान विद्या भारती से संबद्ध 633 विद्यालय हैं, जिनमें लगभग 140 माध्यमिक विद्यालय है। उत्तराखण्ड बोर्ड की परीक्षा में परम्परागत रूप से विद्या भारती के विद्यालय श्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहे है। उसी कम को दोहराते हुए 2022 की कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षा में विद्या भारती के विद्यालयों के 8211 छात्र परीक्षा मे सम्मिलित हुए।

बोर्ड द्वारा घोषित 134 टॉप 25 विद्यार्थियों में 60 विद्यार्थी विद्या भारती के विद्यालयों के है। कक्षा-12 विद्या भारती के विद्यार्थियों ने 45 प्रतिशत मैरिट पर कब्जा किया है इसी प्रकार कक्षा-12 (इण्टमीडिएट) में विद्या भारती से संबद्ध विद्यालयों के कुल 6727 विद्यार्थी सम्मिलित हुए और बोर्ड द्वारा घोषित की गई टॉप 25 की वरीयता सूची में 33 स्थानों पर विद्या भारती के विद्यार्थियों ने जगह बनाई है।

इस प्रकार इण्टरमीडिएट की वरीयता सूची में 40 प्रतिशत स्थान विद्या भारती के होनहारों को मिले है। विद्या भारती के प्रदेश मंत्री डॉक्टर रजनीकान्त शुक्ल ने बताया कि कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में कुल एक लाख 29 हजार सात सौ 78 विद्यार्थी बैठे जिनमें केवल 8211 विद्यार्थी विद्या भारती के विद्यालयों के थे।

जबकि कक्षा 12 में बैठे कुल एक लाख 13 हजार एक सौ 64 छात्रों में विद्या भारती की कुल संख्या 6727 थी। इस प्रकार विद्या भारती के 6 प्रतिशत बच्चों ने कक्षा-10 में 45 प्रतिशत तथा कक्षा-12 में 6 प्रतिशत बच्चों ने 40 प्रतिशत वरीयता सूची अपने नाम की। कक्षा-12 में सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज मायापुर हरिद्वार की छात्रा दीया राजपूत ने 97 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश में पहला, विवेकानन्द विद्या मन्दिर मण्डलसेरा(बागेश्वर) के सुमित सिंह मेहता तथा सरस्वती विद्या मन्दिर जसपुर के दर्शित चौहान ने प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। उधर कक्षा-10 के टॉप-10 में विवेकानन्द विद्या मन्दिर मण्डलसेरा, बागेश्वर की रबीना कोरंगा ने प्रदेश में तीसरा तथा नगरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कालेज चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी की समीक्षा व सरस्वती विद्या मंदिर बेलनी रुद्रप्रयाग के नितिन बिष्ट ने छठा स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश में सातवें, आठवें, नये तथा 10वें स्थान पर भी विद्या भारती के विद्यार्थियों का नाम है।

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