प्रसिद्ध पाक लेखक-पत्रकार तारेक फतेह दिवंगत,बेटी ने बताया पंजाबी शेर, हिंदुस्तान का बेटा

Tarek Fatah Passed Away Health And Death In Age Of 73 Pakistani Writer And Journalist Is Tarek Fatah Dead

Tarek Fatah Passed Away: मशहूर पाकिस्तानी लेखक तारेक फतह का 73 साल की उम्र में निधन, बेटी ने बताया भारत का बेटा

पाकिस्तानी लेखक तारेक फतह का निधन हो गया है। तारेक फतह का कराची में 1949 में जन्म हुआ था। 1987 में वह कनाडा चले गए। उन्हें अपनी रिपोर्टिंग के लिए कई अवार्ड मिले थे। इसके अलावा प्रमुख अखबारों में उनके लेख छपा करते थे। भारत में भी वह अपने बयानों के लिए मशहूर थे।

हाइलाइट्स
1-पाकिस्तानी लेखक तारेक फतह का निधन हो गया है
2-73 साल की उम्र में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली
3-तारेक फतह को उनकी बेटी ने भारत का बेटा बताया

ओटावा 24 अप्रैल: मशहूर पाकिस्तानी पत्रकार और लेखक तारेक फतह का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें कैंसर हो गया था और लंबे समय से बीमार थे। उनकी बेटी नताशा फतह ने उनके निधन की पुष्टि की है। इससे पहले शुक्रवार को उनके निधन की अफवाह सामने आई थी, जिसके बाद लोगों ने श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया था। देखते ही देखते ट्विटर पर तारेक फतह ट्रेंड करने लगा था। तारेक फतह से सीधे तौर पर जुड़े लोगों ने इसका खंडन किया था। हालांकि इस बार उनके निधन की पुष्टि सीधे तौर पर उनकी बेटी ने की है।

तारेक फतह की बेटी ने अपने पिता के निधन पर ट्वीट किया, ‘पंजाब का शेर। भारत का बेटा। कनाडा का प्रेमी। सच बोलने वाला। न्याय के लिए लड़ने वाला। शोषितों और वंचितों की आवाज तारेक फतह ने अपनी मुहिम आगे बढ़ा दी है। उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी जो उन्हें जानते और प्यार करते थे। क्या आप इसमें जुड़ेंगे?’ पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

Tarek Fatah Biography: पाकिस्तान में जन्म लेकिन दिल में रहा भारत, ऐसा था तारेक फतह का जीवन

Tarek Fatah Death Reason: पाकिस्तानी लेखक तारेक फतह कैंसर से अपनी जंग हार गए हैं। सोमवार को 73 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। शुक्रवार को उनके निधन की अफवाह भी सामने आई थी, लेकिन उनके करीबी लोगों ने इस खबर को फर्जी बताया था। आइए जानते हैं तारेक फतह के जीवन के बारे में।

तारेक फतह का निधन

मशहूर पाकिस्तानी पत्रकार तारेक फतह का सोमवार को कनाडा में निधन हो गया। उन्हें कैंसर हो गया था और लंबे समय से वह बीमार चल रहे थे। पिछले कुछ दिनों से वह अस्पताल में भर्ती थे। पाकिस्तान में उनका जन्म हुआ था, लेकिन वह 80 के दशक के बाद से कनाडा चले गए थे। फतह पाकिस्तान की सेना और कट्टरपंथियों के आलोचक रहे हैं।

​समलैंगिक अधिकारों के थे समर्थक

तारेक फतह को पाकिस्तान के कट्टरपंथी जितना नफरत करते थे, उससे ज्यादा उन्हें भारत में प्यार मिलता था। तारेक फतह समलैंगिक अधिकारों के समर्थक थे। इसके अलावा उनका मानना था कि धर्म और देश को एक दूसरे से अलग रहना चाहिए। वह शरिया कानून की जगह प्रोग्रेसिव इस्लाम की बात करते थे।

​खुद को भारतीय बताते थे फतह

तारेक फतह खुद को एक भारतीय बताते थे जो पाकिस्तान में पैदा हुआ है। वह पाकिस्तान की धार्मिक और राजनीतिक आलोचना करते थे। वह कई बार भारत के बंटवारे को भी गलत बताते रहे हैं।

​जान का था खतरा

तारेक फतह को उनके विचार के कारण कई बार जान की धमकी भी मिलती रही है। 2017 में उन्होंने टोरंटो सन में लिखे अपने एक लेख में कहा था कि एक कार्यक्रम में उन पर हमला हुआ था। उनके साथ मारपीट की गई थी। उन्होंने यह भी कहा था कि बिना सिक्योरिटी के मुझे कही भी जाने पर खतरा है। उन्होंने कहा कि मेरा सिर कलम करने की धमकी दी गई है.

​1949 में हुआ था तारेक फतह का जन्म

तारेक फतह का जन्म 20 नवंबर 1949 में कराची में हुआ था। उनके पिता मुंबई (तब बॉम्बे) से पलायन करके पाकिस्तान गए थे। कराची यूनिवर्सिटी से फतह ने बायोकेमेस्ट्री की पढ़ाई की, लेकिन अंततः वह पत्रकारिता के क्षेत्र में उतर गए।

​पाकिस्तान छोड़ दिया

1960-70 के दशक के बीच वह एक वामपंथी छात्र नेता थे। कई रिपोर्ट्स का कहना है कि उन पर देशद्रोह का आरोप भी लगा था और पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह जिया उल हक ने उन्हें पत्रकारिता से रोक दिया था। 1987 में कनाडा जाने से पहले वह सऊदी अरब में भी रहे। (Photo Credit-NatashaFatah)

​भारत खत्म तो दुनिया खत्म

तारेक फतह अपने खुले विचारों के लिए जाने जाते रहे हैं। आप की अदालत कार्यक्रम में उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए अयोध्या के राम मंदिर का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि भारत ही दुनिया को रास्ता दिखाता रहा है। अगर भारत है तो दुनिया है। भारत खत्म तो दुनिया खत्म।

तारेक फतह का परिवार

 

तारेक फतह के परिवार की अगर बात करें तो उनकी पत्नी का नाम नरगिस तपाल है। दोनों की दो बेटिया हैं, जिनका नाम नताशा फतह और नाजिया फतह है। नताशा फतह कनाडा की एक पत्रकार और टीवी एंकर हैं। नताशा ने अपने पिता के निधन पर एक ट्वीट में उन्हें ‘भारत का बेटा’ बताया।

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पाकिस्तान में हुआ था जन्म

तारेक फतह का जन्म 20 नवंबर 1949 में पाकिस्तान के कराची में हुआ था। 1987 में वह कनाडा चले गए। उन्हें अपनी रिपोर्टिंग के लिए कई तरह के पुरस्कार भी मिल चुके हैं। कनाडा समेत दुनिया की कई प्रमुख पत्रिकाओं और अखबारों में उनके लेख छपते रहे हैं। भले ही उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ हो, लेकिन वह पाकिस्तान की कमियों को उजागर करने में पीछे नहीं रहते थे। सेना और कट्टरपंथियों के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोल रखा था, जिसके कारण उनकी सोशल मीडिया पर लाखो फॉलोअर्स थे। 1970 में उन्होंने कराची सन के लिए एक रिपोर्टर के रूप में काम शुरू किया। 1977 में तारेक फतह पर देशद्रोह का आरोप लगा था। जिया-उल हक शासन ने उन्हें पत्रकारिता करने से रोक दिया था। उन्हे अरबी भाषा भी आती थी, और वह कुछ दिन सऊदी अरब में भी रहे।

पत्रकारों ने दी श्रद्धांजलि

कनाडा में रहने वाले पत्रकार ताहिर गोरा ने तारेक फतह के साथ आखिरी शो का लिंक शेयर करते हुए लिखा, ‘भारी मन से मैं इस दुखद खबर को साझा कर रहा हूं कि हमारे मित्र, लेखक और एक्टिविस्ट तारेक फतह का आज सुबह देहांत हो गया। ओम शांति। रेस्ट इन पीस। उनका मेरे साथ आखिरी शो’ इसके साथ ही द जयपुर डॉयलॉग ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके साथ अपने आखिरी शो को शेयर किया।

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