पाक हिंदू किशोरी का हत्यारा वाहिद बख्श गिरफ्तार
पाक में अपहरण के प्रयास के दौरान हिंदू युवती की हत्या मामले में आरोपित गिरफ्तार: रिपोर्ट
कराची, 23 मार्च ।पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत में अपहरण की कोशिश का विरोध करने पर 18 वर्षीय हिंदू लड़की की हत्या के मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी सामने आयी। मीडिया में आई खबर के मुताबिक, सोमवार को पूजा कुमारी ओद ने सुक्कुर के रोही में अपहरणकर्ताओं का विरोध किया, जिसके बाद उसे गोली मार दी गयी। ‘द न्यूज’ की खबर के मुताबिक, सुक्कुर पुलिस ने इस मामले में आरोपित वाहिद बख्श लशारी को गिरफ्तार किया है और उसके खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है।
खबर के मुताबिक, हत्या वाले दिन कथित तौर पर वाहिद अपने दो साथियों के साथ हथियार लेकर साहिब ओद के घर में घुसा और पूजा कुमारी को अगवा करने के प्रयास का विरोध करने पर उसने युवती को गोली मार दी। वारदात के बाद आरोपित मौके से फरार हो गए।
मंगलवार को आरोपित को स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बर्बर हत्या की निंदा करते हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं और ईसाइयों की सुरक्षा की मांग उठायी।
अपहरण और धर्मांतरण के विरोध पर सिर में गोली मारी; जबरन शादी करना चाहता था आरोपित
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सोमवार को एक हिंदू लड़की की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जानकारी के मुताबिक, यहां के सुक्कुर जिले में लड़की ने अपहरण का विरोध किया, जिसके बाद अपहरणकर्ताओं उसके सिर में गोली मार दी। लड़की का नाम पूजा कुमारी ओड है, जिसकी उम्र 18 साल है। उसके जबरन धर्मांतरण और अपहरण के प्रयास में असफल रहने पर हत्या कर दी गई।
सुक्कुर जिले के SP ने बताया कि पूजा की हत्या के मुख्य आरोपी वाहिद बख्श लशारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। लशारी के पास से हथियार भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। SP ने बताया कि आरोपित वाहिद बख्श पूजा से शादी करने के लिए उसका अपहरण करना चाहता था।
पिछले कई महीनों से बेटी को परेशान कर रहा था आरोपित
पूजा की हत्या का आरोपित वाहिद बख्श लशारी।
पूजा के पिता ने इंडिपेंडेंट उर्दू को बताया कि सिंध में हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन इन मामलों में कहा जाता है कि हिंदू लड़कियों ने अपनी इच्छा से इस्लाम धर्म अपना लिया है। मेरी बेटी ने शादी और धर्म परिवर्तन से इनकार किया, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।
पूजा के पिता ने कहा- आरोपी पिछले कई महीनों से मेरी बेटी को परेशान कर रहा था। वह कई बार जबरदस्ती घर में भी घुसा। मैंने सुक्कुर पुलिस से सुरक्षा की भी मांग की लेकिन पुलिस ने सुरक्षा नहीं दी। घटना के बाद परिजनों ने शव को नेशनल हाइवे पर रख विरोध प्रदर्शन भी किया। जिस वजह से हाइवे करीब 2 घंटे तक जाम रहा।
सिंध में हर साल करीब 1,000 हिंदू लड़कियों का होता है अपहरण
हत्या के बाद परिजनों ने शव को नेशनल हाइवे पर रख विरोध प्रदर्शन किया।
पाकिस्तान में अक्सर जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते हैं। हालिया वक्त में ये ज्यादा बढ़ गए हैं। अमेरिका में सिंधी फाउंडेशन के मुताबिक, सिंध प्रांत में हर साल करीब 1,000 हिंदू लड़कियों (उम्र 12 से 28 साल के बीच) का अपहरण किया जाता है। उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। इसके बाद मुस्लिमों से शादी करवा दी जाती है।
हिंदू, सिख, इसाई और अहमदियाओं पर होते हैं अत्याचार
पाकिस्तान ने कई मौकों पर अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा का भरोसा दिलाया है, लेकिन अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होता रहा है। उनके साथ हिंसा, हत्या, अपहरण, रेप, जबरन धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएं होती हैं। हिंदू, ईसाई, सिख, अहमदिया, और शियाओं को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं।
‘अग़वा नहीं कर सके तो चला दी गोली’
पाकिस्तान में सिंध प्रांत के सक्कर ज़िले में एक 18 वर्षीय हिंदू लड़की पूजा की हत्या कर दी गई है. हत्या के बाद सक्कर में विरोध प्रदर्शन हुआ है. पुलिस ने एक अभियुक्त को गिरफ़्तार किया है.
पूजा कुमारी के क़रीबी रिश्तेदार अजय कुमार ने बीबीसी उर्दू को बताया कि ”इस घटना के बाद, पूजा प्रतिरोध का प्रतीक बन गई है.”
सक्कर पुलिस द्वारा दर्ज मामले में पूजा कुमारी के पिता साहिब आदि ने आरोप लगाया है कि तीनों अभियुक्त उनकी बेटी का अपहरण करने उनके घर में घुसे, लेकिन विरोध करने पर उन्होंने पूजा की हत्या कर दी.
अधिकारियों के मुताबिक़ पुलिस इस मामले की उच्च स्तर पर जांच कर रही है, इसके हर पहलू की समीक्षा की जा रही है और उम्मीद है कि बाक़ी अभियुक्तों को भी जल्द से जल्द गिरफ़्तार कर लिया जाएगा.
रिश्तेदार अजय कुमार ने कहा कि पूजा की हत्या से न केवल स्थानीय हिन्दुओं में गुस्सा है, बल्कि इलाक़े के मुसलमानों ने भी इसका विरोध किया है और पूजा के घर पर शोक व्यक्त करने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं.
‘विरोध करने पर हत्या’ कर दी
अजय कुमार का कहना है कि हत्यारों ने एक ‘बहादुर लड़की की हत्या की है.’ पूजा एक ऐसी लड़की थी जिसकी पूरे इलाक़े और समाज में मिसाल दी जाती थी
“पूजा को क्षेत्र में सभी पसंद करते थे. वो सबका ख़्याल रखती थी, हर कोई उसकी तारीफ़ करता था. उसकी मिसालें दी जाती थी कि देखो कैसे वह अपने पिता का सहारा बनी हुई है. वो बचपन से ही कुछ अलग थी. वो आम बच्चों की तरह नहीं थी, बल्कि बहुत बहादुर और साहसी थी.” मुक़दमे में नामज़द अभियुक्त पूजा कुमारी का पड़ोसी है जो ताक़तवर और अमीर है, जबकि पूजा और उसके पिता साहिब का परिवार कमज़ोर और ग़रीब है.
उहोंने कहा कि अभियुक्त काफ़ी समय से पूजा कुमारी के पीछे पड़ा हुआ था और आते-जाते उसे परेशान करता था. उन्होंने कहा कि कथित हत्यारे ने पहले भी भरे बाज़ार में पूजा के साथ बदतमीज़ी की थी, जिसके बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बावजूद उस व्यक्ति को ज़मानत मिल गई थी.
अजय कुमार का कहना है कि घटना वाले दिन पूजा के पिता जब घर से बाहर गए हुए थे तो अभियुक्त अपने दो अन्य साथियों के साथ घर पर पहुंचा और उन्होंने पूजा को अगवा करने की कोशिश की.
“लेकिन पूजा बहुत बहादुर थी. उसने विरोध किया. वे तीन लोग थे और पूजा अकेली थी. उस समय पूजा सिलाई कर रही थी. उसके पास कैंची थी. पूजा ने उसी कैंची को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया और जब वो किसी भी तरह से क़ाबू में नहीं आई, तो अभियुक्त ने पिस्तौल से पूजा पर फ़ायरिंग कर उसकी हत्या कर दी.”
पूजा कुमारी की हत्या के बाद सक्कर में विरोध प्रदर्शन
‘बेटी नहीं बेटा थी’
पूजा कुमारी के पिता ने बताया कि उनकी छह बेटियां हैं और कोई बेटा नहीं है.
“जीवन में कभी ऐसे हालात नहीं बने कि मैं पूजा को पढ़ा सकता. घर के ख़र्च पूरे करता या पूजा के स्कूल का ख़र्च उठाता. इसलिए वो हमेशा घर पर ही रहती थी.”
उन्होंने कहा कि पूजा उनकी सबसे बड़ी बेटी थी जो कम उम्र होने के बावजूद उनकी मदद करना चाहती थी.
साहिब आदि ने अपनी बेटी को याद करते हुए कहा कि पूजा ने कभी कपड़ों वगैरह के लिए ज़िद नहीं की और न ही कभी किसी चीज़ की मांग की.
“जब वो थोड़ी बड़ी हुई, तो मुझसे कहने लगी कि मैं आपका बेटा हूं. मैं आपके साथ काम करने जाऊंगी. ज़ाहिर है मैं उसे मज़दूरी को तो नहीं ले कर जा सकता था. लेकिन उसे सिलाई और कढ़ाई का शौक़ था. इसलिए मैंने उसे घर के पास ही सिलाई-कढ़ाई का कोर्स करा दिया था.”
साहिब आदि का कहना है कि पूजा ने अपना सिलाई-कढ़ाई का कोर्स पूरा करने के बाद पड़ोस के लोगों का सिलाई-कढ़ाई का काम करना शुरू कर दिया.
उन्होंने कहा, “उसके हाथों में इतनी सफ़ाई थी कि जो कोई भी उससे एक बार काम कराता था, वह फिर अपना काम पूजा से ही कराता था. इस तरह उसका काम चल गया. वह ख़ुद तो नहीं पढ़ सकी थी, लेकिन उसने अपनी छोटी बहनों को स्कूल में दाख़िला दिला दिया था.”
उन्होंने कहा कि काम शुरू करने के बाद पूजा उनका सहारा बन गई थी.
“वो कहती थी कि क्या हुआ अगर मेरी बहनों का कोई भाई नहीं है, मैं उनका भाई हूं. क्या हुआ अगर तुम्हारा कोई बेटा नहीं है, मैं तो हूँ.”
पूजा के पिता का कहना है कि अगर वो घर पर नहीं होते थे, तो भी कभी परेशान नहीं होते थे, क्योंकि उन्हें यक़ीन था कि पूजा घर में सब कुछ संभाल लेगी.
“मैं बूढ़ा हो गया हूं, लेकिन पूजा की मेहनत ने मुझे ताक़त दे दी थी. मगर अब ऐसा लगता है कि मैं फिर से बूढ़ा हो गया हूं.”.