प्रधानमंत्री ने विपक्ष को क्यों दी सकारात्मक राजनीति की सलाह?
Panauti Politics Pm Modi Shows Mirror Advised Opposition To Improve
‘पनौती पॉलिटिक्स’ पर दिखा दिया आईना… विपक्ष को प्रधानमंत्री मोदी बार-बार क्यों दे रहे सुधरने की सलाह?
पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आने के बाद साफ हो गया है कि’पनौती पॉलिटिक्स’ ने कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विपक्ष को चुनावी नतीजों से सबक लेने को कहा है। उन्होंने विपक्ष से नकारात्मकता को छोड़ सकारात्मक राजनीति की ओर बढ़ने की अपील की है।
नई दिल्ली 04 दिसंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से निगेटिविटी को छोड़ पॉजिटिव पॉलिटिक्स की तरफ बढ़ने की अपील की है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में प्रचंड जीत के बाद उन्होंने विपक्ष को आईना दिखाना शुरू कर दिया है। खासतौर से उनका इशारा कांग्रेस की तरफ है। तीन राज्यों में भाजपा की जबर्दस्त जीत के बाद रविवार को प्रधानमंत्री ने पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। वहां पर भी उन्होंने विरोधियों के नकारे जाने के पीछे इसे (नकारात्मकता) बड़ा कारण बताया था। आज दोबारा उन्होंने विपक्ष को चुनावी नतीजों से सीख लेने की बात कही है। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने विपक्ष को अपना रवैया बदलने की सलाह दी। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कैंपेन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन पर ‘पनौती’ कहकर व्यंग्य किया था। टीम इंडिया के क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में हारने के बाद राहुल ने भरी रैली में उनकी ओर इशारा करते हुए इस अपशब्द का इस्तेमाल किया था। जब-जब प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह की असभ्य भाषा का इस्तेमाल कर हमला हुआ तब-तब कांग्रेस को इसकी कीमत चुकानी पड़ी है। प्रधानमंत्री को भी शायद यह अपशब्द बहुत चुभा है।
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मैजिक बना हुआ है। ऐसे में उन्हें कहे अपशब्दों से लोगों का मूड स्विंग होता है। खासतौर से तब जब कोई नेता ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलने का दावा करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी ‘पनौती पॉलिटिक्स’ पर विपक्ष को आईना दिखा दिया है। प्रधानमंत्री ने बड़े ही सुलझे तरीके से अपनी बात कही है। उन्होंने विपक्ष को सीख देते हुए नकारात्मकता को छोड़ने की बात बोली है। वह बार-बार इस बात को दोहरा रहे हैं।
प्रधानमंत्री का इशारा समझना नहीं मुश्किल
प्रधानमंत्री ने विपक्ष को सीख देते हुए न कल न ही आज किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन, उनका इशारा समझना मुश्किल नहीं था। कांग्रेस खासतौर से उसके नेता राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री पर तीखे कटाक्ष करते रहे हैं। ‘चौकीदार चोर है’ से लेकर बात अब ‘पनौती’ जैसे अपशब्दों तक पहुंच गई है।
बेशक, ये अपशब्द और जुमले सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर सकते हैं। लेकिन, समाज का बड़ा वर्ग इन्हें पसंद नहीं करता है। यही बात पांच राज्यों के नतीजों में सामने आई है। भाजपा ने न केवल मध्य प्रदेश दोबारा फतेह किया, बल्कि राजस्थान में गहलोत सरकार को पटखनी दी। छत्तीसगढ़ तक को कांग्रेस नहीं बचा पाई। यह वही छत्तीस गढ़ था जिसके बारे में तमाम एग्जिट पोल एक सुर से कांग्रेस की वापसी का दावा कर रहे थे। सबसे महत्वपूर्ण यह था कि इन सभी राज्यों में भाजपा ने प्रधानमंत्री के चेहरे पर चुनाव लड़ा था।
पॉजिटिव पॉलिटिक्स की अपेक्षा कर रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को सकारात्मकता का पाठ पढ़ाकर उसी अपशब्दों वाली राजनीति से बाहर निकलने को कहा है। उन्होंने कहा है कि यही विपक्ष के फायदे में है। प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण बताई है। विपक्ष से इसकी गंभीरता समझने की अपील की है। साथ ही बोला है कि देश विकास की राह पर रुकना नहीं चाहता। जब प्रधानमंत्री यह बात कहते हैं कि अगर वे 10 कदम चलते हैं तो आप 12 कदम आगे चलकर बढ़िए तो साफ हो जाता है कि वह देश में कैसे राजनीति की अपेक्षा करते हैं।
पोस्टर वार में बदला ‘पनौती’ विवाद, कांग्रेस ने फिर साधा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना; भाजपा ने किया पलटवार
यह पोस्टर वार तब शुरू हुआ,जब चुनाव आयोग (ईसी) ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ‘पनौती’, ‘जेबकतरा’ और ‘अमीरों के लिए कर्जमाफी करने वाला’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया।
Cong, BJP war of words over Rahul’s ‘panauti’ jibe at PM escalates into poster war
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘पनौती’ वाले बयान को लेकर राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह विवाद पोस्टर वार में बदल गया, जब कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को ‘पनौती-ए-आजम’ बताया और भाजपा ने पलटवार करते हुए गांधी परिवार को देश का ‘असली पनौती’ करार दिया।
राहुल को भेजा गया कारण बताओ नोटिस
‘पनौती’ शब्द ऐसे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो बुरी सूचना या किस्मत लेकर आता है। यह पोस्टर वार तब शुरू हुआ है, जब चुनाव आयोग (ईसी) ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ‘पनौती’, ‘जेबकतरा’ और ‘अमीरों के लिए कर्जमाफी करने वाला’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने को कारण बताओ नोटिस जारी किया ।
कांग्रेस ने नए पोस्टर में क्या कहा
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ चुनाव आयोग का यह कहते हुए रुख किया था कि एक बहुत वरिष्ठ नेता का इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना अनुचित है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्टर जारी किया जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को पर्दे के पीछे दिखाया गया और उस पर ‘पनौती-ए-आजम’ लिखा हुआ था।
भाजपा ने किया पलटवार
वहीं, कांग्रेस पर पलटवार करते भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्टर पोस्ट किया, जिसमें ‘प्रियंका, राहुल, सोनिया, राजीव, नेहरू, रॉबर्ट और इंदिरा’ नाम लिखा हुआ है और पोस्टर में गांधी परिवार के सदस्यों के नामों के अक्षरों का इस्तेमाल करते हुए ‘पनौती’ शब्द को फोकस किया गया है। पोस्टर का शीर्षक (हेडलाइन) दिया गया है- ‘ये हैं भारत के लिए असली पनौती’।
शहजाद पूनावाला ने क्या कहा
पोस्टर को टैग करते हुए एक्स पर एक पोस्ट में भाजपा नेता ने कहा, ‘भारत के असली पनौती- पी-परिवारवाद (वंशवादी राजनीति), ए-आतंकवाद, एन-नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद), ए- पूरा भ्रष्टाचार (एब्सल्यूट करप्शन), यू-अंडरपरफॉर्मिंग इकोनॉमी (अपेक्षा के अनुरूप अर्थव्यवस्था का कम प्रदर्शन), टी-तुष्टीकरण, आई- इग्नोरिंग नेशनल इंटरेस्ट फॉर वोटबैंक (वोट बैंक को राष्ट्रीय भावना की अनदेखी)।’
कैसे शुरू हुआ विवाद
राहुल गांधी ने अहमदाबाद में क्रिकेट विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की हार का जिक्र करते हुए कहा था- प्रधानमंत्री मतलब ‘पनौती मोदी’ है। प्रधानमंत्री मोदी विश्व कप फाइनल के दौरान वहां मौजूद थे। राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जताते हुए भाजपा ने उनसे माफी की मांग की और इसे ‘शर्मनाक और अपमानजनक’ बताया।