भाजपा ने निकाला पेपर लीक में धरा गया जिला पंचायत सदस्य हाकम
UKSSSC Paper Leak हाकम सिंह रावत को देर रात एसटीएफ की टीम देहरादून लेकर पहुंचीं। आयोग की ओर से करवाई गई अब तक अधिकतर भर्तियों में हाकम सिंह ने नकल व रुपये लेकर युवाओं को भर्ती करवाया है। मास्टरमाइंड हाकम सिंह रावत गिरफ्तार, कुछ और सफेदपोश भी STF के रडार पर,हाकम सिंह को देर रात देहरादून लेकर आई एसटीएफ।
देहरादून 14 अगस्त: UKSSSC Paper Leak : यूकेएस एसएससी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक व नकल करवाने के सरगना हाकम सिंह रावत को देर रात एसटीएफ की टीम देहरादून लेकर पहुंचीं।
यहां एसटीएफ के मुख्य कार्यालय में उससे पूछताछ की गई है जिसके बाद एसटीएफ ने हाकम सिंह रावत को गिरफ्तार कर लिया। आयोग से करवाई गई अब तक अधिकतर भर्तियों में हाकम सिंह ने नकल व रुपये लेकर युवाओं को भर्ती करवाया है।
भाजपा ने छह वर्ष के लिए किया निष्कासित
हाकम सिंह रावत को भाजपा ने 6 वर्ष को निष्कासित कर दिया है। प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने पत्र जारी कर कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देशानुसार उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह पेपर लीक के मामले में संदिग्ध है। ऐसे में उन्हें छह वर्ष को पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है।
कुछ और बड़े नेताओं की भी हो सकती है गिरफ्तारी
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले में कुछ और बड़े नेताओं की भी गिरफ्तारी हो सकती है।
बताया कि चार व पांच दिसंबर 2021 को हुए स्नातक स्तर के पेपर से पहले हाकम सिंह रावत का परिचित व लेनदेन का हिसाब किताब रखने वाले शिक्षक तनु शर्मा ने 20 से 22 छात्रों को रायपुर स्थित अपने कमरे में पेपर देकर पेपर हल करवाया था।
वहीं 25 से 30 छात्रों को वह धामपुर ले गया था, जहां उसने परीक्षा की तैयारी करवाई थी। इसके बाद सभी छात्रों को उनके परीक्षा सेंटर पर छोड़ा था। आरोपितों ने प्रति अभ्यर्थी के साथ 12 से 15 लाख रुपए का सौदा किया था।
इसमें कुछ एडवांस के तौर पर तो कुछ परीक्षा में पास होने के बाद देने का वादा किया गया था। पेपर को लेकर जब शिकायत होने लगी तो कुछ अभ्यर्थी ऐसे थे कि जिन्होंने रुपए देने से मना कर दिया।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व हुई भर्ती में भी हाकम सिंह रावत का नाम सामने आ रहा है। ऐसे में रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की जाएगी। गिरोह में उत्तर प्रदेश से भी कुछ लोगों के जुड़ने के संकेत मिले हैं। धीरे-धीरे कड़ियां जोड़कर उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हाकम ने अपने करीबियों को भी नहीं छोड़ा
एसटीएफ स्नातक स्तर की परीक्षा में पेपर लीक से लेकर अन्य भर्तियों में नकल के संबंध में हाकम सिंह रावत से पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि हाकम ने अपने करीबियों को भी नहीं छोड़ा।
उसने अपनी एक करीबी परिचित महिला से भी चार लाख रुपये लिए और स्नातक स्तर की परीक्षा में नकल करवाई, जिसमे महिला अच्छी रैंक से पास हुई। अब एसटीएफ की रडार पर यह महिला भी आ गई है। किसी भी समय महिला की गिरफ्तारी हो सकती है।
हाकम सिंह शुरुआत से थे एसटीएफ की रडार पर
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के मामले में भाजपा नेता एवं उत्तरकाशी जखोल के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत शुरुआत से ही एसटीएफ की रडार पर थे।
बैंकाक से हाकम सिंह रावत 9 अगस्त को भारत पहुंच चुका था। एसटीएफ ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के बार्डर आराकोट से हाकम सिंह को हिरासत में लिया। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ ने पिछले दो दिनों से मोरी क्षेत्र में डेरा डाला हुआ था।
गत शुक्रवार से हाकम सिंह रावत के मोरी सांकरी क्षेत्र में देखे जाने की चर्चा थी। हाकम सिंह रावत की भाजपा के एक पूर्व मुख्यमंत्री सहित सत्ता के गलियारे में कई नेताओं और नौकरशाहों से गहरी निकटता है।
कुछ माह पहले हाकम सिंह रावत के होम स्टे में एक वरिष्ठ नौकरशाह भी पहुंचे थे। हाकम सिंह रावत का गांव मोरी ब्लाक का लिवाड़ी गांव है। यह गांव जनपद के सबसे सुदूरवर्ती गांवों में से एक है।
भाजपा से भी निष्कासित
भाजपा संगठन भी हाकम सिंह के विरुद्ध पार्टी से निष्कासित करने की कार्रवाई कर रही है। उत्तरकाशी भाजपा के जिलाध्यक्ष रमेश चौहान ने कहा कि संबंधित जिला पंचायत सदस्य एसटीएफ की हिरालसत में होने की जानकारी प्राप्त हुई।पेपर लीक मामले में संलिप्तता होना बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले में सरकार निष्पक्ष रूप से अपना काम कर रही है। भाजपा जिला संगठन इस मामले में संबंधित जिला पंचायत सदस्य के विरुद्ध पार्टी की सदस्यता से निष्कासित करने की संस्तुति प्रदेश संगठन को भेजी है।
अकूत संपत्ति का मालिक है हाकम सिंह रावत
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में नकल और पेपर लीक के मामले में आरोपित जिला पंचायत सदस्य नेता हाकम सिंह रावत अकूत संपत्ति का मालिक है। रावत के भाजपा से छह वर्ष के लिए निष्कासन के बाद मोरी क्षेत्र सहित उससे जुड़े व्यक्तियों व कुछ पंचायत प्रतिनिधियों में हड़कंप मचा हुआ है। मोरी के लिवाड़ी गांव निवासी हाकम सिंह रावत की राज्य के विभिन्न जनपदों में काफी संपत्ति है। दरअसल वर्ष 2002 में हाकम सिंह रावत उत्तरकाशी में तैनात एक-एक वरिष्ठ नौकरशाह के संपर्क में आए थे, जिसके बाद उनके जरिये खनन सहित कई व्यवसाय से भी जुड़े। होटल, होम स्टे और सेब के बागीचे सहित कई बड़ी संपत्ति हाकम सिंह रावत के पास हैं। मोरी और पुरोला क्षेत्र में हाकम सिंह रावत का नाम सरकारी नौकरी लगाने की गारंटी के रूप में लिया जाता है। हाकम सिंह रावत ने जौनसारी गीतों की एलबम में नृत्य किया है, जो इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर कटाक्ष के साथ वायरल हो रहे हैं।
भाजपा के पदाधिकारियों में हड़कंप
हाकम सिंह रावत की गिरफ्तारी के बाद मोरी पुरोला क्षेत्र से भाजपा से जुड़े कुछ पदाधिकारियों के नाम भी चर्चा में हैं। हाकम सिंह रावत की गिरफ्तारी से मोरी-पुरोला क्षेत्र के उन व्यक्तियों में हड़कंप मचा हुआ है, जिनका यूकेएसएस एससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा में चयन हुआ है। इसमें कुछ हाकम सिंह रावत के रिश्तेदार और निकटवर्ती हैं।
तो आवेदन के समय से ही रची होगी कूटरचना
यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा के आवेदन वर्ष 2021 में भरे गए। ये आवेदन मोरी क्षेत्र के प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य ने भरे। साथ ही जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत के कई रिश्तेदारों ने भी भरे, जिससे अंदेशा है कि पेपर लीक और नकल करने की तैयारी आवेदन के समय ही वर्ष 2021 में ही हो गई थी जिससे बड़ी संख्या में मोरी क्षेत्र के व्यक्तियों का चयन यूकेएसएस एससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा में हुआ है। वन रक्षक भर्ती में भी मोरी क्षेत्र के कई युवक-युवतियों का चयन हुआ है, जिसको लेकर अभी तक जांच नहीं हुई है।
वनरक्षक परीक्षा में नकल करवाने पर आया था नाम
यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक से पहले वन रक्षक परीक्षा में नकल कराने का आरोप जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत पर लगा है। वन रक्षक भर्ती घपले में हरिद्वार में दर्ज एक मुकदमे में हाकम सिंह रावत का नाम आया। लेकिन, शासन सत्ता में बैठे नेता और अधिकारियों के बीच ऊंची पहुंच रखने वाले जनप्रतिनिधि ने मामले को दबाए रखा और रफा-दफा किया, जिसके कारण यह मामला मीडिया में भी सामने नहीं आया।
CONGRESS DEMANDS TO GET HIGH COURT SITTING JUDGE INVESTIGATE UKSSSC PAPER LEAK
UKSSSC पेपर लीक मामला, कांग्रेस ने की HC के सीटिंग जज से जांच कराने की मांग
कांग्रेस ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक में हुई धांधली की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज से कराने की मांग उठाई है. कांग्रेस का कहना है कि हाकम सिंह की तस्वीरें मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से लेकर बड़े नेताओं और अधिकारियों के साथ नजर आ रही है. ऐसे में जांच प्रभावित हो सकती है. लिहाजा, मामले में बड़े मगरमच्छ जो सफेदपोश हैं, उनकी गिरफ्तारी भी होनी चाहिए.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि कांग्रेस ने पहले परीक्षा में घोटालों की आशंका जताई थी और इस मामले को प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद इसमें कार्रवाई शुरू हुई. अभी तक 18 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अब मास्टरमाइंड हाकम सिंह भी पकड़ा गया है. जो भाजपा से जिला पंचायत सदस्य रहा है. उसके संबंध प्रदेश के अनेक वरिष्ठ सर्विस क्लास लोगों के साथ हैं. वरिष्ठ अधिकारी उसके रिसॉर्ट में रूका करते थे. वो प्रदेश के अनेक कैबिनेट मंत्रियों के साथ भी दिखाई दे रहा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि हाकम सिंह मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के साथ भी दिखाई दे रहा है. ऐसे में वो बड़ी पकड़ वाला व्यक्ति है, लेकिन आज चिंता का विषय ये है कि हाकम सिंह को पकड़ने के बाद एसटीएफ के ईमानदार अधिकारियों की ड्यूटी चेंज ना हो जाए. कांग्रेस चाहती है कि इसकी जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज से कराई जाए, ताकि इस मामले में सरकार का कोई दबाव ना रहे. कांग्रेस चाहती है कि जिन ईमानदार अधिकारियों ने यह कार्रवाई की है, उन्हें सपोर्ट मिलना चाहिए।
बड़े मगरमच्छों की हो गिरफ्तारीः करन माहरा
माहरा ने कहा कि अधिकारियों में इतनी हिम्मत होनी चाहिए कि सरकार के दबाव में जांच न रोकें क्योंकि जब UKSSSC के अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया, तब उन्होंने ये कहा था कि मुझ पर सफेदपोश नेताओं का दबाव था कि मैं जांच ना होने दूं. आगे उन्होंने ये भी कहा कि वो बड़े मगरमच्छ जो सफेदपोश हैं, उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कोई भी ऐसी फोटो नहीं है, जिसमें हाकम सिंह मंत्रियों के साथ दिखाई न दे रहा हो, जो एक चिंता का विषय है.
UKSSSC पेपर लीक मामले में 18 आरोपी गिरफ्तार
24 जुलाई को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) में फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था. इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ की टीम 18 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिनमें परीक्षा करवाने वाली कंपनी के टेक्निकल स्टाफ, आयोग के होमगार्ड, कोचिंग संचालक और कुछ मुन्नाभाई शामिल थे. सचिवालय में तैनात दो अपर निजी सचिव भी गिरफ्तार हो चुके हैं.